उत्तर प्रदेश के आदिवासी बहुल और दूरवर्ती ज़िले सोनभद्र से आज एक महिला सशक्तिकरण की परिवर्तनकारी पहल ‘नव्या’ की औपचारिक शुरुआत हुई। यह योजना विशेष रूप से 16 से 18 वर्ष की किशोरियों को ध्यान में रखते हुए शुरू की गई है, जिसका उद्देश्य उन्हें व्यावसायिक प्रशिक्षण देकर आत्मनिर्भर और उद्यमी बनाना है।
इस अवसर पर आयोजित समारोह में कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्रालय के माननीय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री जयन्त चौधरी ने कहा:
“नव्या केवल एक योजना नहीं, बल्कि किशोरियों के उज्ज्वल भविष्य की नींव है। इसका उद्देश्य उन्हें सिर्फ रोज़गार दिलाना नहीं, बल्कि उन्हें स्व-रोजगार और छोटे-छोटे व्यापारों के लिए भी तैयार करना है। जब एक किशोरी आत्मनिर्भर बनती है, तो वह अपने परिवार और समाज दोनों को नई दिशा देती है।”
🔹 क्या है ‘नव्या’ योजना?
‘नव्या’ योजना के तहत चुनी गई किशोरियों को:
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ब्यूटी वेलनेस, सिलाई-कढ़ाई, डिजिटल लिटरेसी, फूड प्रोसेसिंग, बिजनेस कम्युनिकेशन, और बेसिक फाइनेंशियल लिटरेसी जैसे क्षेत्रों में प्रशिक्षण मिलेगा।
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स्थानीय संसाधनों और बाजार की जरूरतों के अनुसार ट्रेनिंग मॉड्यूल तैयार किए गए हैं।
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प्रशिक्षण के साथ-साथ किशोरियों को मानसिक स्वास्थ्य, पोषण और आत्म-सुरक्षा से संबंधित सत्रों में भी भाग लेने का अवसर मिलेगा।
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प्रशिक्षण उपरांत उन्हें स्टार्टअप किट और ऋण सहायता योजनाओं से भी जोड़ा जाएगा।
🔹 महिला एवं बाल विकास मंत्रालय की सहभागिता
इस अवसर पर महिला एवं बाल विकास मंत्रालय की राज्य मंत्री श्रीमती सावित्री ठाकुर ने कहा:
“नव्या योजना किशोरियों को हुनरमंद, आत्मविश्वासी और गरिमामय जीवन जीने का अवसर देगी। यह पहल ग्रामीण भारत की उन बेटियों के लिए एक क्रांतिकारी बदलाव का माध्यम बनेगी, जिन्हें अब तक सीमित संसाधनों के कारण अवसर नहीं मिल सके।”
उन्होंने आगे कहा कि यह कार्यक्रम न केवल व्यक्तिगत विकास को बढ़ावा देगा, बल्कि स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी नई ऊर्जा देगा।
🔹 सोनभद्र को क्यों चुना गया?
सोनभद्र जिले की जनसंख्या में बड़ी संख्या आदिवासी और ग्रामीण समुदायों की है, जहाँ किशोरियों के लिए शिक्षा, कौशल और अवसरों की कमी रही है। ‘नव्या’ के माध्यम से सरकार ने इन चुनौतियों को अवसर में बदलने का प्रयास किया है।
श्री जयन्त चौधरी ने कहा कि आने वाले महीनों में इस योजना को देश के अन्य पिछड़े जिलों में भी लागू किया जाएगा।
🔹 स्थानीय उत्साह और भविष्य की योजनाएँ
कार्यक्रम में बड़ी संख्या में किशोरियों, प्रशिक्षकों, स्थानीय पंचायत प्रतिनिधियों, और स्वयंसेवी संस्थाओं ने भाग लिया। प्रतिभागी किशोरियों ने नव्या के तहत शुरू हो रहे प्रशिक्षण को अपने जीवन में “नई शुरुआत” बताया।
सरकार की योजना है कि आगामी वर्ष में ‘नव्या’ के अंतर्गत कम से कम 1 लाख किशोरियों को प्रशिक्षित किया जाए और उन्हें स्थानीय उत्पादों के माध्यम से उद्यमी बनने में मदद दी जाए।
🔹 निष्कर्ष
‘नव्या’ योजना भारत के ग्रामीण और पिछड़े क्षेत्रों की किशोरियों के लिए सशक्तिकरण का एक सशक्त माध्यम बनकर उभरेगी। यह पहल न केवल आत्मनिर्भर भारत की कल्पना को साकार करने में सहायक होगी, बल्कि नारी गरिमा और सामर्थ्य की नई मिसाल भी पेश करेगी।