The new era of digital privacy : डिजिटल निजता का नया युग डिजिटल व्यक्तिगत डेटा संरक्षण अधिनियम 2023 के तहत व्यापक सुरक्षा प्रयास
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The new era of digital privacy : डिजिटल निजता का नया युग डिजिटल व्यक्तिगत डेटा संरक्षण अधिनियम 2023 के तहत व्यापक सुरक्षा प्रयास

दिनांक : 27.07.2025 | Koto News | KotoTrust | Bharat |

भारत के डिजिटल परिदृश्य में 2023 एक ऐतिहासिक वर्ष बन गया, जब संसद ने “डिजिटल व्यक्तिगत डेटा संरक्षण अधिनियम, 2023” को पारित कर नागरिकों के व्यक्तिगत डेटा को संरक्षित करने की दिशा में ठोस कदम उठाया। यह अधिनियम न केवल डेटा के प्रसंस्करण को कानूनी ढांचे में लाता है, बल्कि नागरिकों को उनके डिजिटल अधिकारों को लेकर एक मजबूत आधार भी प्रदान करता है।

हाल ही में, इस अधिनियम के तहत 2025 के नियमों का मसौदा जारी किया गया, जिस पर 6,915 सुझाव और टिप्पणियाँ नागरिकों, संगठनों, तकनीकी विशेषज्ञों और हितधारकों से प्राप्त हुई हैं। इससे यह स्पष्ट होता है कि देश भर में डेटा सुरक्षा को लेकर गंभीर जागरूकता और भागीदारी का माहौल बन रहा है।

अधिनियम का सार और उद्देश्य

“डिजिटल व्यक्तिगत डेटा संरक्षण अधिनियम, 2023” का मूल उद्देश्य है व्यक्तिगत डेटा की गोपनीयता और उसकी सुरक्षा सुनिश्चित करना। यह अधिनियम दो प्राथमिक पहलुओं पर केंद्रित है:

व्यक्तियों के निजता के अधिकार

डेटा फ़िड्यूशरी (डेटा का संग्रह, उपयोग करने वाले संस्थान) की वैधता और जवाबदेही

यह अधिनियम सुनिश्चित करता है कि सभी डिजिटल डेटा का प्रसंस्करण पारदर्शी, कानूनी और न्यूनतम रूप में हो। डेटा फ़िड्यूशरीज़ को यह सुनिश्चित करना अनिवार्य होगा कि वे केवल उस डेटा को एकत्र करें जो आवश्यक है, और वह भी स्पष्ट सहमति के आधार पर।

नियम और सुझाव

भारत सरकार द्वारा अधिनियम को लागू करने हेतु डिजिटल व्यक्तिगत डेटा संरक्षण नियम, 2025 का मसौदा तैयार कर सार्वजनिक परामर्श हेतु प्रकाशित किया गया है। इसमें कई प्रावधान शामिल हैं जैसे:

डेटा उल्लंघन की रिपोर्टिंग की समयसीमा

डेटा हटाने का अधिकार (Right to Erasure)

बच्चे के डेटा के लिए विशेष प्रावधान

डेटा ट्रांसफर के मानक

इस पर 6,915 प्रतिक्रियाएं आईं जो दर्शाता है कि आम जनता, टेक्नोलॉजी क्षेत्र, कॉरपोरेट जगत और नागरिक समाज इस विषय में सजग हैं। सुझावों में पारदर्शिता, जवाबदेही और प्रभावी कार्यान्वयन के लिए आवश्यक तकनीकी उपायों की मांग प्रमुख रही।

साइबर सुरक्षा जागरूकता की दिशा में कदम

भारत सरकार की नीति केवल अधिनियमों तक सीमित नहीं है, बल्कि साइबर सुरक्षा जागरूकता और क्षमता निर्माण पर भी विशेष बल दिया जा रहा है:

साइबर सुरक्षा जागरूकता माह और सुरक्षित इंटरनेट दिवस जैसे आयोजनों से आम जनता को शिक्षित किया जाता है।

साइबर शक्ति कार्यक्रम, जिसकी शुरुआत अक्टूबर 2024 में हुई, का उद्देश्य महिलाओं को साइबर सुरक्षा में प्रशिक्षित कर रोजगार के नए अवसर प्रदान करना है।

ISEA (Information Security Education and Awareness) के तहत 3,637 कार्यशालाएं आयोजित की गईं, जिसमें 8.2 लाख प्रतिभागी शामिल हुए।

यह प्रयास दर्शाते हैं कि सरकार डिजिटल साक्षरता को राष्ट्रीय सुरक्षा का हिस्सा मानकर उसे जन-जन तक पहुँचाने के प्रयास कर रही है।

संस्थागत ढांचा और संरचनात्मक सुरक्षा

भारत में साइबर सुरक्षा के लिए एक मजबूत संस्थागत ढांचा स्थापित किया गया है:

CERT-In (Indian Computer Emergency Response Team): सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा 70B के तहत नामित एजेंसी, जो साइबर घटनाओं पर प्रतिक्रिया देती है।

है।

CSK (Cyber Swachhta Kendra): नागरिकों के लिए मुफ्त एंटी-मैलवेयर टूल्स प्रदान करता है।

भारत सरकार ने अगस्त 2023 में ऐतिहासिक कदम उठाते हुए डिजिटल व्यक्तिगत डेटा संरक्षण अधिनियम, 2023 को संसद में पारित कराया। यह अधिनियम भारत में डिजिटल निजता और डेटा सुरक्षा के क्षेत्र में एक निर्णायक बदलाव लेकर आया। इस कानून ने पहली बार भारत में नागरिकों के डिजिटल व्यक्तिगत डेटा को कानूनी सुरक्षा प्रदान की, साथ ही डेटा प्रोसेसिंग को भी एक विधिसम्मत संरचना में लाया।

अप्रैल 2025

इस अधिनियम को लागू करने के लिए आवश्यक डिजिटल व्यक्तिगत डेटा संरक्षण नियम, 2025 का मसौदा अप्रैल 2025 में सार्वजनिक परामर्श के लिए जारी किया गया। इस मसौदे में अधिनियम के क्रियान्वयन के लिए जरूरी प्रक्रियात्मक और तकनीकी दिशानिर्देश शामिल हैं, जैसे कि डेटा उल्लंघन की रिपोर्टिंग प्रक्रिया, डेटा हटाने का अधिकार, बच्चों के डेटा के लिए विशेष प्रावधान, और अन्य अनुपालन मानक।

नियमों के प्रारूप पर सरकार को 6,915 प्रतिक्रियाएं व सुझाव प्राप्त हुए, जो नागरिकों, विशेषज्ञों, तकनीकी पेशेवरों, कंपनियों और डेटा संरक्षण संस्थानों से आए। यह इस विषय में नागरिक भागीदारी और जागरूकता का प्रमाण है। अधिकांश सुझावों में पारदर्शिता, मजबूत प्रवर्तन तंत्र, उपयोगकर्ता की सहमति को प्राथमिकता और डेटा संग्रह की सीमाओं की आवश्यकता पर बल दिया गया।🔹 साइबर शक्ति कार्यक्रम प्रारंभ: अक्टूबर 2024

भारत सरकार ने अक्टूबर 2024 में “साइबर शक्ति कार्यक्रम” शुरू किया, जिसका उद्देश्य महिलाओं को साइबर सुरक्षा में प्रशिक्षित कर उन्हें डिजिटल सुरक्षा क्षेत्र में रोजगारोन्मुख बनाने का है। यह कार्यक्रम न केवल महिलाओं को तकनीकी सशक्तिकरण प्रदान करता है, बल्कि उन्हें साइबर अपराध, डेटा चोरी, फिशिंग, और डिजिटल धोखाधड़ी जैसे खतरों के खिलाफ एक सजग नागरिक भी बनाता है।

ISEA (सूचना सुरक्षा शिक्षा एवं जागरूकता) के तहत कार्यशालाएं: 3,637

ISEA कार्यक्रम के अंतर्गत अब तक 3,637 कार्यशालाएं आयोजित की गई हैं, जो भारत के कोने-कोने में डिजिटल सुरक्षा को जन-जन तक पहुँचाने के प्रयास का उदाहरण हैं। इन कार्यशालाओं का मुख्य उद्देश्य आम नागरिकों, छात्रों, सरकारी अधिकारियों, पुलिस कर्मियों, शिक्षकों और व्यवसायियों को साइबर सुरक्षा के प्रति सजग बनाना है।

कुल प्रतिभागी: 8.2 लाख से अधिक

डिजिटल राष्ट्र बन रहा है, जहाँ आम नागरिक भी अब डिजिटल खतरों को समझने और उनसे निपटने में सक्षम बन रहे हैं।

महिला साइबर विशेषज्ञ तैयार करने का लक्ष्य: 10,000+

“साइबर शक्ति कार्यक्रम” के अंतर्गत सरकार ने अगले दो वर्षों में कम से कम 10,000 महिला साइबर विशेषज्ञ तैयार करने का लक्ष्य रखा है। इन विशेषज्ञों को छोटे शहरों, ग्रामीण क्षेत्रों और शैक्षणिक संस्थानों से चयनित कर विशेष प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा, जिससे वे स्थानीय स्तर पर साइबर सुरक्षा के मामलों में परामर्श, प्रशिक्षण और समाधान प्रदान कर सकें।

CERT-In (Indian Computer Emergency Response Team) की स्थापना वर्ष 2004 में की गई थी। यह भारत सरकार की शीर्ष साइबर सुरक्षा एजेंसी है जो साइबर हमलों की रोकथाम, घटनाओं की निगरानी, विश्लेषण और प्रतिक्रिया प्रदान करती है। यह संस्था समय-समय पर साइबर चेतावनी, सुरक्षा सलाह, बग रिपोर्ट और जोखिम मूल्यांकन प्रकाशित करती है।

CSK (Cyber Swachhta Kendra) द्वारा दी जा रही सेवाएं:

साइबर स्वच्छता केंद्र, जिसे Cyber Swachhta Kendra (CSK) कहा जाता है, आम नागरिकों और संगठनों को मुफ़्त बॉटनेट क्लीनिंग टूल्स, एंटी-मैलवेयर सॉफ़्टवेयर, और साइबर सुरक्षा पर सलाह उपलब्ध कराता है। इसका उद्देश्य इंटरनेट उपयोगकर्ताओं को सुरक्षित रखना और उनके उपकरणों को दुर्भावनापूर्ण प्रोग्रामों से मुक्त करना है। CSK नागरिकों को सुरक्षा उपायों की जानकारी भी सरल भाषा में प्रदान करता है।

गोपनीयता अधिकारों की रक्षा और डेटा फ़िड्यूशरी की जवाबदेही तय करना

डिजिटल व्यक्तिगत डेटा संरक्षण अधिनियम, 2023 का मूल उद्देश्य नागरिकों के गोपनीयता के अधिकार की रक्षा करना और साथ ही उन संस्थानों की जवाबदेही तय करना है जो डेटा एकत्र करते हैं, जिनमें सरकारी विभाग, निजी कंपनियाँ, स्टार्टअप्स, ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म आदि शामिल हैं। डेटा फ़िड्यूशरीज़ को अधिनियम के तहत यह सुनिश्चित करना होगा कि डेटा का संग्रह, उपयोग और भंडारण कानून के तहत, पारदर्शी तरीके से और उपयुक्त सुरक्षा उपायों के साथ किया जाए।

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