
नेपाल निषाद परिषद का लुम्बिनी प्रांत में प्रथम अधिवेशन 7 अगस्त को निषाद समाज में नई ऊर्जा और एकता का संकल्प
संवाददाता: विशेष संवाददाता, कोटो न्यूज़ नेटवर्क (KNN) | लुम्बिनी प्रांत के सियारी गांव पालिका-7, गोठवा सामुदायिक भवन में नेपाल निषाद परिषद का प्रथम अधिवेशन 07 अगस्त 2025 को भव्य रूप से आयोजित किया जाएगा। यह आयोजन निषाद समाज के लिए ऐतिहासिक क्षण होगा, क्योंकि पहली बार नेपाल के इस प्रांत में निषाद समाज का इतना बड़ा सम्मेलन आयोजित हो रहा है। परिषद के केंद्रीय अध्यक्ष श्री जितेन्द्र साहनी निषाद के नेतृत्व में आयोजित इस कार्यक्रम में नेपाल और भारत से निषाद नेता, बुद्धिजीवी, सामाजिक कार्यकर्ता और युवा बड़ी संख्या में जुटेंगे।
कार्यक्रम का आयोजन श्री समयमाई निषाद समाज संघ द्वारा किया जा रहा है, जो लंबे समय से निषाद समाज के उत्थान, एकता और अधिकारों की रक्षा के लिए कार्यरत है। आयोजकों ने बताया कि इस अधिवेशन का मुख्य उद्देश्य समाज को शिक्षा, रोजगार, राजनीतिक प्रतिनिधित्व और सांस्कृतिक संरक्षण के मुद्दों पर जागरूक करना है। इसमें विभिन्न वक्ताओं के विचार, सांस्कृतिक प्रस्तुतियां, समाज के वरिष्ठजनों का सम्मान और भविष्य की रणनीति पर चर्चा होगी। केंद्रीय अध्यक्ष श्री जितेन्द्र साहनी निषाद ने कहा, यह अधिवेशन हमारे समाज के लिए एकता, जागरूकता और सशक्तिकरण का मंच बनेगा। उन्होंने सभी निषाद भाइयों-बहनों, नेताओं और कार्यकर्ताओं से अधिक से अधिक संख्या में उपस्थित होकर कार्यक्रम को सफल बनाने की अपील की। उनका मानना है कि यह सम्मेलन न केवल नेपाल बल्कि भारत के निषाद समाज के लिए भी प्रेरणा बनेगा।
लुम्बिनी, जो भगवान बुद्ध की जन्मस्थली और शांति का प्रतीक है, में इस अधिवेशन का आयोजन सांस्कृतिक और आध्यात्मिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है। कार्यक्रम में निषाद समाज के गौरवशाली इतिहास को दर्शाने वाली झांकियां, पारंपरिक नृत्य, गीत, और सम्मान समारोह होंगे। मंच पर निषाद समाज के महापुरुषों जैसे महर्षि वाल्मीकि, निषाद राज, संत रविदास, महर्षि वेदव्यास, भगवान भोलेनाथ और ऐतिहासिक योद्धाओं के योगदान का स्मरण किया जाएगा। यह दिन निषाद समाज के लिए एक ऐतिहासिक मील का पत्थर साबित होगा। पहली बार लुम्बिनी प्रांत में इतने बड़े स्तर पर निषाद समाज का अधिवेशन आयोजित किया जा रहा है। इसमें न केवल नेपाल के विभिन्न प्रांतों से बल्कि भारत के सीमावर्ती क्षेत्रों से भी बड़ी संख्या में समाज के लोग भाग लेंगे। लुम्बिनी, जो भगवान बुद्ध की जन्मभूमि है, सांस्कृतिक, ऐतिहासिक और आध्यात्मिक दृष्टि से एक महत्वपूर्ण स्थल है। यहां पर होने वाला यह अधिवेशन सामाजिक एकजुटता और समाज के भविष्य की दिशा तय करने का मंच बनेगा।
निषाद समाज का ऐतिहासिक अधिवेशन – 07 अगस्त 2025, लुम्बिनी, नेपाल
07 अगस्त 2025 का दिन निषाद समाज के इतिहास में स्वर्णाक्षरों में लिखा जाएगा। पहली बार लुम्बिनी प्रांत में इस स्तर का भव्य और ऐतिहासिक अधिवेशन आयोजित हो रहा है। यह अवसर केवल एक कार्यक्रम नहीं, बल्कि एक ऐसा आंदोलन है जो समाज की एकजुटता, अधिकारों की मांग और प्रगति की दिशा में मील का पत्थर बनेगा। इस महाअधिवेशन में नेपाल के विभिन्न प्रांतों से लेकर भारत के सीमावर्ती जिलों तक के निषाद समाज के हजारों लोग शामिल होंगे। यह मंच सभी को एक ही ध्वज तले एकजुट करेगा, जहां विचार, सुझाव और योजनाएं मिलकर समाज के भविष्य की राह तय करेंगी। लुम्बिनी, जिसे पूरी दुनिया भगवान बुद्ध की जन्मभूमि के रूप में जानती है, केवल धार्मिक दृष्टि से ही नहीं बल्कि सांस्कृतिक, ऐतिहासिक और आध्यात्मिक रूप से भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। ऐसे पवित्र और प्रेरणादायी स्थान पर यह अधिवेशन समाज को नई ऊर्जा, दिशा और पहचान देगा।
सियारी गांव पालिका-7, गोठवा सामुदायिक भवन, लुम्बिनी, नेपाल
यह स्थल लुम्बिनी क्षेत्र के केंद्र में स्थित है, जहां सड़क, यातायात और ठहरने की सुविधाएं आसानी से उपलब्ध हैं। आसपास का शांत और सांस्कृतिक वातावरण प्रतिभागियों को एक सुखद और प्रेरणादायी अनुभव देगा।
मुख्य अतिथि
श्री जितेन्द्र साहनी निषाद
पद: केंद्रीय अध्यक्ष, नेपाल निषाद परिषद
योगदान: श्री साहनी लंबे समय से निषाद समाज के अधिकारों, एकता और सशक्तिकरण के लिए सक्रिय रूप से कार्य कर रहे हैं। उन्होंने समाज की राजनीतिक और सामाजिक भागीदारी को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
भूमिका: अधिवेशन में वे प्रेरणादायी भाषण देंगे, समाज की चुनौतियों पर प्रकाश डालेंगे और आने वाले वर्षों के लिए ठोस कार्ययोजना प्रस्तुत करेंगे।
आयोजक
श्री समयमाई निषाद समाज संघ, सियारी-7, रुपन्देही
यह संगठन निषाद समाज के उत्थान, शिक्षा, सांस्कृतिक संरक्षण और राजनीतिक प्रतिनिधित्व को बढ़ावा देने के लिए वर्षों से कार्यरत है।
समाज के हर वर्ग को एकजुट करना
शिक्षा के अवसर बढ़ाना
सांस्कृतिक धरोहर का संरक्षण
राजनीतिक नेतृत्व और भागीदारी को बढ़ाना
संघ द्वारा स्थल सजावट, प्रतिभागियों के स्वागत, मीडिया कवरेज, भोजन और आवास की सभी तैयारियां पूर्ण उत्साह के साथ की जा रही हैं, ताकि प्रतिभागियों को एक यादगार अनुभव मिल सके।
सामाजिक एकता:
नेपाल और भारत के निषाद समाज को एक ही मंच पर लाकर भाईचारे, सहयोग और एक-दूसरे की सहायता की भावना को मजबूत करना।
शिक्षा में सुधार: बच्चों और युवाओं को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए प्रेरित करना, छात्रवृत्ति योजनाओं की शुरुआत करना और मार्गदर्शन कार्यक्रम लागू करना।
रोजगार और कौशल विकास: युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए रोजगार सृजन, व्यावसायिक प्रशिक्षण और उद्यमिता को बढ़ावा देने की ठोस योजना तैयार करना।
राजनीतिक प्रतिनिधित्व: निषाद समाज की आवाज़ को राष्ट्रीय और प्रांतीय नीति-निर्माण प्रक्रिया में शामिल करने के लिए रणनीति तैयार करना और नेतृत्व को सशक्त बनाना। सांस्कृतिक संरक्षण:
निषाद समाज की परंपराओं, महापुरुषों की गाथाओं, ऐतिहासिक धरोहर और कला-संस्कृति का प्रचार-प्रसार और संरक्षण करना।
विशेष आकर्षण
भव्य उद्घाटन समारोह में सांस्कृतिक प्रस्तुतियां, समाज के वरिष्ठ नेताओं और शिक्षाविदों के प्रेरक भाषण ,बच्चों, प्रतिभाशाली युवाओं और समाजसेवियों का सम्मान समारोह ,मीडिया कवरेज और पूरे कार्यक्रम का दस्तावेजीकरण,स्थानीय और पारंपरिक व्यंजन जिनका स्वाद प्रतिभागी लेंगे
अधिवेशन का संदेश
एकता में ही शक्ति है, और शक्ति से ही प्रगति संभव है। यह अधिवेशन न केवल अतीत की उपलब्धियों को याद करने का अवसर है, बल्कि आने वाले कल के लिए नए सपनों, नई योजनाओं और एकजुट संकल्प का सूत्रपात है।
रिपोर्ट : विशेष संवाददाता, कोटो न्यूज़ नेटवर्क (KNN)
1. यह अधिवेशन कब और कहां होगा?
तारीख: 07 अगस्त 2025
स्थान: सियारी गांव पालिका-7, गोठवा सामुदायिक भवन, लुम्बिनी प्रांत, नेपाल
2. इस अधिवेशन का आयोजन कौन कर रहा है?
इसका आयोजन श्री समयमाई निषाद समाज संघ, सियारी-7, रुपन्देही द्वारा किया जा रहा है।
3. अधिवेशन का नेतृत्व कौन करेगा?
कार्यक्रम का नेतृत्व नेपाल निषाद परिषद के केंद्रीय अध्यक्ष श्री जितेन्द्र साहनी निषाद करेंगे।
4. इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य क्या है?
निषाद समाज में एकता और भाईचारे को मजबूत करना
शिक्षा, रोजगार और कौशल विकास को बढ़ावा देना
राजनीतिक प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करना
सांस्कृतिक धरोहर का संरक्षण और प्रचार करना
5. कार्यक्रम में कौन-कौन शामिल होगा?
नेपाल और भारत से निषाद समाज के नेता, बुद्धिजीवी, सामाजिक कार्यकर्ता, युवा, और समाज के वरिष्ठजन बड़ी संख्या में भाग लेंगे।
6. कार्यक्रम में क्या-क्या खास होगा?
भव्य उद्घाटन समारोह
सांस्कृतिक प्रस्तुतियां और पारंपरिक नृत्य
निषाद समाज के महापुरुषों की झांकियां
वरिष्ठजनों और समाजसेवियों का सम्मान
बच्चों और युवाओं को पुरस्कृत करना
स्थानीय और पारंपरिक व्यंजन
7. लुम्बिनी को आयोजन स्थल क्यों चुना गया?
क्योंकि लुम्बिनी भगवान बुद्ध की जन्मस्थली और शांति का प्रतीक है। यह सांस्कृतिक, ऐतिहासिक और आध्यात्मिक दृष्टि से भी अत्यंत महत्वपूर्ण है।
8. इस अधिवेशन का दीर्घकालिक लाभ क्या होगा?
समाज में संगठन और एकता को बढ़ावा मिलेगा
युवाओं के लिए शिक्षा और रोजगार के अवसर बनेंगे
समाज की आवाज़ नीति-निर्माण में अधिक प्रभावी होगी
सांस्कृतिक पहचान को संरक्षित और विश्व स्तर पर प्रचारित किया जाएगा
9. इस कार्यक्रम में भाग लेने के लिए क्या करना होगा?
आयोजक समिति से पूर्व-पंजीकरण (Registration) करवाना होगा। संपर्क जानकारी श्री समयमाई निषाद समाज संघ के स्थानीय प्रतिनिधियों के पास उपलब्ध है।
10. कार्यक्रम का संदेश क्या है?
एकता में ही शक्ति है, और शक्ति से ही प्रगति संभव है।