महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री श्री देवेंद्र फडणवीस ने एक ऐतिहासिक और प्रेरणादायक पहल के अंतर्गत ‘प्रधानमंत्री धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान’ के तहत ‘शिविर’ और अनेक विकास परियोजनाओं का उद्घाटन किया। इस भव्य आयोजन का मुख्य उद्देश्य जनजातीय समुदायों के जीवन स्तर को ऊपर उठाना और समावेशी विकास की दिशा में ठोस कदम बढ़ाना रहा।
इस अवसर का नारा “जड़ों को मजबूत करना, भविष्य को आकार देना!” था, जो सरकार की उस प्रतिबद्धता को दर्शाता है जो समाज के सबसे अंतिम व्यक्ति तक विकास पहुंचाने के लिए लगातार प्रयासरत है।
समावेशी विकास की दिशा में बड़ा कदम
अपने उद्घाटन भाषण में श्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा:
“सच्चा विकास तभी संभव है जब समाज का हर वर्ग, विशेषकर वो समुदाय जिन्हें अब तक उपेक्षित रखा गया, मुख्यधारा में शामिल हो। ‘धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान’ केवल एक योजना नहीं, बल्कि एक जनआंदोलन है, जो हमारे आदिवासी भाइयों और बहनों के जीवन को गरिमा और सम्मान देने के लिए समर्पित है।”
यह अभियान जनजातीय क्षेत्रों में बुनियादी सुविधाएं, शिक्षा, स्वास्थ्य, स्वरोजगार और सांस्कृतिक पहचान को सशक्त बनाने के लिए अनेक योजनाओं को एकीकृत रूप से क्रियान्वित करता है।
कार्यक्रम में उपस्थित प्रमुख जनप्रतिनिधि
इस भव्य आयोजन में कई वरिष्ठ नेता और गणमान्य अतिथि उपस्थित रहे:
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श्री गणेश नाइक, मंत्री, जिन्होंने आदिवासी क्षेत्रों में बेहतर सड़क, बिजली और पेयजल व्यवस्था का आश्वासन दिया।
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श्री मंगलप्रभात लोढ़ा, कौशल विकास मंत्री, जिन्होंने जनजातीय युवाओं के लिए नए प्रशिक्षण केंद्रों की घोषणा की।
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सांसद डॉ. हेमंत सवरा, जिन्होंने स्वास्थ्य सुविधाओं के विस्तार की आवश्यकता पर बल दिया।
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विधायक श्री रविंद्र चव्हाण और विधायक श्री निरंजन डावखरे ने परियोजनाओं की निगरानी और शीघ्र क्रियान्वयन का आश्वासन दिया।
अभियान के अंतर्गत प्रमुख क्षेत्र
प्रधानमंत्री धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान का उद्देश्य जनजातीय गांवों को विकास की मुख्यधारा में लाना है। इसके अंतर्गत निम्नलिखित प्रमुख क्षेत्रों में काम किया जा रहा है:
1. शिक्षा और कौशल विकास
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एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालयों की स्थापना
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डिजिटल लर्निंग डिवाइस और शिक्षण सामग्री का वितरण
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कृषि, हस्तशिल्प, बांस उत्पाद और उद्यमिता में कौशल प्रशिक्षण
2. स्वास्थ्य सेवाएं
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मोबाइल स्वास्थ्य वैन और शिविरों की व्यवस्था
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मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य जागरूकता अभियान
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पोषण और स्वच्छता सामग्री का वितरण
3. आजीविका एवं आर्थिक सशक्तिकरण
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महिलाओं के लिए स्वयं सहायता समूह (SHG) प्रशिक्षण
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वन उपज और पारंपरिक हस्तशिल्प को बढ़ावा देना
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लघु उद्योगों के लिए ऋण, प्रशिक्षण और मार्केटिंग सहायता
4. आधारभूत संरचना
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सोलर बिजली व्यवस्था
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शुद्ध पेयजल योजनाएं
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ग्रामीण सड़कों और पर्यावरण अनुकूल आवासों का निर्माण
5. सांस्कृतिक संरक्षण
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जनजातीय सांस्कृतिक केंद्रों की स्थापना
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पारंपरिक कला, नृत्य और संगीत को बढ़ावा
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जनजातीय भाषाओं और साहित्य का संरक्षण
परियोजनाएं और घोषणाएं
मुख्यमंत्री श्री फडणवीस ने इस अवसर पर एक डिजिटल मॉनिटरिंग पोर्टल भी लॉन्च किया, जिसके माध्यम से सभी योजनाओं की प्रगति की निगरानी वास्तविक समय में की जा सकेगी।
उद्घाटन चरण में 17 जनजातीय बहुल जिलों में 43 नई परियोजनाएं आरंभ की गईं, जिनमें शामिल हैं: विद्यालय, स्वास्थ्य केंद्र, जल संरक्षण इकाइयां और महिलाओं द्वारा संचालित सहकारी समितियां।
कार्यक्रम में लाभार्थियों से प्रत्यक्ष संवाद भी हुआ, जहां महिलाओं और युवाओं ने अपनी सफलता की कहानियां साझा कीं।
सरकार और समुदाय के बीच सेतु
यह अभियान केवल “लाभ पहुंचाने” तक सीमित नहीं है, बल्कि आदिवासी समाज को भागीदार बनाकर “सशक्तिकरण” के उद्देश्य को पूरा कर रहा है। गांव की ग्राम सभाओं को योजना निर्माण और मूल्यांकन में सम्मिलित किया गया है।
गणेश नाइक ने कहा:
“आदिवासी समाज पिछड़ा नहीं है, उसे केवल अवसर और विश्वास की जरूरत है। यह अभियान वही विश्वास दिलाने का काम कर रहा है।”
मंगलप्रभात लोढ़ा ने बताया कि जनजातीय युवाओं को रोजगारोन्मुखी प्रशिक्षण देने के लिए निजी कंपनियों और एनजीओ से साझेदारी की गई है।
आगे की दिशा
यह अभियान राष्ट्रीय जनजातीय नीति और संयुक्त राष्ट्र के सतत विकास लक्ष्यों (SDG) के अनुरूप है। इसकी सफलता से प्रेरित होकर, अन्य राज्यों में भी ऐसी योजनाएं लागू की जा सकती हैं।
राज्य सरकार प्रत्येक तिमाही में प्रगति रिपोर्ट प्रकाशित करेगी और वार्षिक आदिवासी सशक्तिकरण रिपोर्ट को विधानसभा में प्रस्तुत करेगी।
निष्कर्ष
‘प्रधानमंत्री धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान’ के अंतर्गत आयोजित शिविर और विकास योजनाओं की शुरुआत से महाराष्ट्र में एक नया युग आरंभ हुआ है। यह सिर्फ एक विकास कार्यक्रम नहीं, बल्कि एक जनक्रांति है, जो आदिवासी समाज को आत्मनिर्भरता, सम्मान और आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ने का अवसर दे रही है।
महाराष्ट्र सरकार का संदेश स्पष्ट है –
“न कोई पीछे छूटे, न कोई गांव अछूता रहे।”
आज जड़ें मजबूत हो रही हैं, कल यही जड़ें एक सशक्त भारत का भविष्य बनेंगी।