
अमृत भारत ट्रेन
कुशीनगर संवादाताः कोटो न्यूज़ नेटवर्क (KNN) | पूर्वोत्तर रेलवे (NER) यात्रियों के लिए एक नई सौगात लेकर आ रहा है। जल्द ही छपरा, सिवान, कप्तानगंज और गोरखपुर को जोड़ते हुए दिल्ली और अमृतसर तक ‘अमृत भारत ट्रेन’ का संचालन शुरू किया जाएगा। रेलवे सूत्रों के अनुसार, इस रूट का चयन यात्रियों की मांग, यातायात घनत्व और क्षेत्रीय कनेक्टिविटी को ध्यान में रखते हुए किया गया है। ट्रेन में अत्याधुनिक सुविधाएं, उच्च गति क्षमता और बेहतर सुरक्षा मानकों का विशेष ध्यान रखा जाएगा। अमृत भारत ट्रेन भारतीय रेलवे की नई पीढ़ी की ट्रेनों में से एक होगी, जिसे देशभर में चरणबद्ध तरीके से शुरू किया जा रहा है। यह ट्रेन पूरी तरह से इंडिजिनस तकनीक से निर्मित होगी और कोचों में एलईडी लाइटिंग, बायो-वैक्यूम टॉयलेट, मोबाइल चार्जिंग पॉइंट, और ऑटोमैटिक डोर जैसी आधुनिक सुविधाएं होंगी। ट्रेन की डिजाइन इस प्रकार बनाई गई है कि यह 130 से 160 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से सुरक्षित संचालन कर सके।
गोरखपुर प्रारंभिक योजना के अनुसार, ट्रेन सप्ताह में तीन से चार दिन चलेगी और बाद में इसे दैनिक सेवा में बदला जा सकता है। ट्रेन के शेड्यूल, स्टॉपेज और किराए को अंतिम रूप देने से पहले रेलवे बोर्ड से अनुमोदन लिया जाएगा। इस रूट के चालू होने से बिहार, उत्तर प्रदेश, दिल्ली और पंजाब के यात्रियों को एक नया, तेज और आरामदायक विकल्प मिलेगा। खासतौर पर छपरा, सिवान और कप्तानगंज जैसे स्टेशनों के यात्रियों को अब लंबी दूरी की यात्रा के लिए बड़ी राहत मिलेगी। इसके अलावा, यह ट्रेन धार्मिक और पर्यटन स्थलों की यात्रा को भी आसान बनाएगी ।
रूट छपरा – सिवान – कप्तानगंज – गोरखपुर – लखनऊ – दिल्ली – अमृतसर
यह रूट उत्तर भारत के सबसे व्यस्त और महत्वपूर्ण रेलमार्गों में से एक को कवर करेगा। इसकी शुरुआत बिहार के छपरा स्टेशन से होगी, जो सारण जिले का प्रमुख रेलवे जंक्शन है। इसके बाद ट्रेन सिवान, कप्तानगंज और गोरखपुर से गुजरेगी — ये सभी शहर पूर्वी उत्तर प्रदेश और बिहार के यात्रियों के लिए अहम कनेक्शन पॉइंट हैं। गोरखपुर से आगे यह ट्रेन लखनऊ होते हुए दिल्ली तक पहुंचेगी और फिर पंजाब के ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व वाले शहर अमृतसर तक जाएगी। इस रूट के जरिए एक ही सफर में गंगा, घाघरा और सतलुज के मैदानी इलाकों से होते हुए यात्रियों को अलग-अलग सांस्कृतिक और भौगोलिक अनुभव मिलेंगे।
गति क्षमता
अमृत भारत ट्रेन को उच्च गति संचालन के लिए डिजाइन किया गया है। वर्तमान में भारतीय रेलवे के अधिकांश एक्सप्रेस ट्रेनें 110 से 120 किमी/घंटा की गति से चलती हैं, जबकि गोरखपुर से दिल्ली की दूरी जो सामान्यतः 12-13 घंटे में तय होती है, वह इस ट्रेन से लगभग 9-10 घंटे में पूरी हो सकती है।
कोच प्रकार अत्याधुनिक एलएचबी (LHB) कोच
इस ट्रेन में जर्मन तकनीक । एलएचबी कोच के कारण सफर के दौरान झटके कम महसूस होते हैं, जिससे यात्रियों को आरामदायक अनुभव मिलता है। इसके अलावा, इन कोचों में उन्नत ब्रेकिंग सिस्टम होता है जो उच्च गति पर भी सुरक्षित रुकावट सुनिश्चित करता है।
सुविधाएं (Facilities)
अमृत भारत ट्रेन में यात्रियों की सुविधा और आराम को प्राथमिकता दी गई है।
बायो-वैक्यूम टॉयलेट: स्वच्छता और पर्यावरण संरक्षण के लिए कोचों में बायो-वैक्यूम टॉयलेट लगाए जाएंगे, जो दुर्गंध रहित और पानी की कम खपत वाले होते हैं। मोबाइल चार्जिंग पॉइंट: प्रत्येक सीट और बर्थ के पास मोबाइल, लैपटॉप या अन्य इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस चार्ज करने के लिए पावर सॉकेट उपलब्ध होंगे। एलईडी लाइटिंग: कोचों में एलईडी लाइटिंग का इस्तेमाल किया जाएगा, जो कम बिजली खपत के साथ बेहतर रोशनी देती है। ऑटोमैटिक डोर: सुरक्षा और सुविधा के लिए दरवाजे स्वचालित होंगे, जो ट्रेन के चलने पर लॉक और स्टेशन पर रुकने पर अनलॉक होंगे।
संचालन आवृत्ति (Frequency of Operation)
शुरुआत में इस ट्रेन का संचालन सप्ताह में तीन से चार दिन किया जाएगा, ताकि यात्रियों की प्रतिक्रिया और रूट की मांग का मूल्यांकन किया जा सके। जब इस सेवा और समय-सारणी को बेहतर ढंग से प्रबंधित करना है।
तेज और आरामदायक यात्रा
अमृत भारत ट्रेन का सबसे बड़ा लाभ यह होगा कि यात्री अब तेज़ और आरामदायक यात्रा का अनुभव करेंगे। एलएचबी कोचों की डिज़ाइन इस तरह की गई है कि यह तेज़ गति पर भी स्थिर और झटके रहित सफर प्रदान करती है। सीटों की एर्गोनॉमिक डिज़ाइन, पर्याप्त लेग-स्पेस और बेहतर सस्पेंशन सिस्टम लंबे सफर में भी थकान को कम करेगा। रातभर की यात्रा में भी यात्रियों को ऐसा लगेगा जैसे वे किसी प्रीमियम बस या फ्लाइट में सफर कर रहे हों।
समय की बचत
गोरखपुर से दिल्ली की यात्रा 9-10 घंटे कम हो सकती है, जिससे यात्रियों के पास अपने काम, मीटिंग्स या पारिवारिक कार्यक्रमों के लिए अधिक समय बचेगा। यह बदलाव खासकर व्यवसायियों, छात्रों और नौकरीपेशा लोगों के लिए बेहद फायदेमंद होगा।
क्षेत्रीय कनेक्टिविटी में सुधार
यह ट्रेन बिहार, पूर्वी उत्तर प्रदेश, मध्य उत्तर प्रदेश, दिल्ली और पंजाब के बीच एक मजबूत कड़ी का काम करेगी। अभी तक इन इलाकों के कई छोटे और मंझोले शहर तेज़ गति वाली ट्रेनों से सीधे नहीं जुड़े हुए थे, जिससे यात्रियों को या तो लंबा रास्ता तय करना पड़ता था या कई ट्रेनें बदलनी पड़ती थीं। अमृत भारत ट्रेन इन शहरों को सीधे जोड़कर न केवल यात्रा को आसान बनाएगी, बल्कि व्यापार और सांस्कृतिक आदान-प्रदान को भी बढ़ावा देगी। इस कनेक्टिविटी से छोटे उद्योग, किसानों के उत्पाद और स्थानीय बाजारों को भी बड़े शहरों में आसानी से पहुंचने का मौका मिलेगा।
पर्यटन और तीर्थ यात्रा में वृद्धि
यह रूट देश के कुछ बेहद महत्वपूर्ण धार्मिक और ऐतिहासिक स्थलों से होकर गुजरता है। गोरखपुर का गोरखनाथ मंदिर, लखनऊ का बड़ा इमामबाड़ा और ऐतिहासिक स्मारक, दिल्ली का लाल किला और इंडिया गेट, तथा अमृतसर का स्वर्ण मंदिर — ये सभी भारतीय संस्कृति और पर्यटन के अहम केंद्र हैं। ट्रेन की तेज़ और सीधी सेवा से तीर्थ यात्रियों और पर्यटकों के लिए इन जगहों तक पहुंचना आसान और सस्ता हो जाएगा। इससे न केवल स्थानीय पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि होटल, रेस्टोरेंट और अन्य सेवाओं की मांग भी बढ़ेगी, जिससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को बल मिलेगा।
आर्थिक विकास को बढ़ावा
रेल कनेक्टिविटी हमेशा किसी भी क्षेत्र के आर्थिक विकास का महत्वपूर्ण आधार रही है।बेहतर कनेक्टिविटी से उद्योगों को कच्चा माल और तैयार माल समय पर पहुंचाना आसान होगा, जिससे उत्पादन और वितरण की गति बढ़ेगी। इसके अलावा, नए स्टेशनों पर यात्री संख्या बढ़ने से स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर पैदा होंगे — जैसे होटल, लॉज, खानपान सेवाएं, परिवहन और छोटे व्यवसाय। छात्र और नौकरीपेशा लोग भी बेहतर कनेक्टिविटी का फायदा उठाकर बड़े शहरों में पढ़ाई और नौकरी के अवसर पा सकेंगे।
रिपोर्ट : कोटो न्यूज़ नेटवर्क (KNN)