मध्यप्रदेश : मध्यप्रदेश सरकार की नई पहल ग्रीष्मकालीन मूंग और उड़द की होगी न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदी किसानों के हित में समर्पित

मध्यप्रदेश : मध्यप्रदेश सरकार की नई पहल ग्रीष्मकालीन मूंग और उड़द की होगी न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदी किसानों के हित में समर्पित

मध्यप्रदेश सरकार ने एक बार फिर से यह सिद्ध कर दिया है कि वह किसानों के हित में पूरी तरह समर्पित है। राज्य सरकार ने घोषणा की है कि इस वर्ष ग्रीष्मकालीन सीजन में उत्पादित मूंग और उड़द की फसलों को न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर खरीदा जाएगा। इस निर्णय ने राज्य के लाखों किसानों के चेहरे पर मुस्कान ला दी है और कृषि क्षेत्र में एक नई ऊर्जा का संचार किया है।

❖ कृषि के लिए समर्पित नीतियाँ

मध्यप्रदेश की भाजपा सरकार ने किसानों की समस्याओं को प्राथमिकता दी है। जलवायु परिवर्तन, मौसम की अनिश्चितता, बाजार में दामों की गिरावट जैसी अनेक चुनौतियों के बीच यह MSP नीति किसानों के लिए सुरक्षा कवच की तरह है। किसानों को यह भरोसा मिला है कि उन्हें उनकी मेहनत का उचित मूल्य मिलेगा।

मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने इस निर्णय की घोषणा करते हुए कहा,

“किसान हमारे अन्नदाता हैं। उनके पसीने की कीमत हम देना जानते हैं। मूंग और उड़द की समर्थन मूल्य पर खरीदी करके हम उन्हें आर्थिक सुरक्षा देने जा रहे हैं।”

❖ खरीदी प्रक्रिया की पारदर्शिता

राज्य सरकार की ओर से जारी निर्देशों के अनुसार, किसानों से मूंग और उड़द की खरीदी पूरी तरह पारदर्शी प्रक्रिया के तहत की जाएगी। इसके लिए एक ऑनलाइन पंजीकरण प्रणाली शुरू की गई है जिसमें किसान अपने विवरण, बैंक खाता, भूमि की जानकारी और फसल के विवरण दर्ज कर सकते हैं। इस प्रणाली से न केवल बिचौलियों की भूमिका खत्म होगी, बल्कि किसानों को सीधा लाभ मिलेगा।

✔ MSP दरें

भारत सरकार द्वारा निर्धारित न्यूनतम समर्थन मूल्य के आधार पर मूंग के लिए ₹8682 प्रति क्विंटल और उड़द के लिए ₹7400 प्रति क्विंटल की दर से खरीदी की जाएगी। यह दरें किसानों के लिए लाभकारी हैं, विशेषकर तब, जब बाजार में इनके भाव अस्थिर रहते हैं।

❖ ग्रीष्मकालीन फसल उत्पादन को बढ़ावा

पिछले कुछ वर्षों से राज्य सरकार ग्रीष्मकालीन फसलों के उत्पादन को प्रोत्साहित कर रही है। मूंग और उड़द जैसी दलहनी फसलें मृदा की उर्वरता को बढ़ाती हैं और जल की कम आवश्यकता होने के कारण ये फसलें सतत कृषि के लिए भी उपयुक्त हैं। सरकार ने बीज वितरण, सिंचाई संसाधनों और तकनीकी सलाह के माध्यम से किसानों को ग्रीष्मकालीन खेती की ओर प्रोत्साहित किया है।

❖ किसानों की प्रतिक्रिया

इस योजना के बाद किसानों में उत्साह का माहौल है। दमोह जिले के एक किसान श्री हरिराम पटेल ने कहा:

“हमारे लिए यह योजना संजीवनी जैसी है। पहले मूंग का दाम गिर जाता था और हमें घाटा उठाना पड़ता था। अब सरकार सीधे समर्थन मूल्य पर खरीदेगी, तो हमारी मेहनत व्यर्थ नहीं जाएगी।”

सीहोर की किसान बहन सविता देवी ने कहा:

“महिला किसानों को इससे बहुत लाभ मिलेगा। अब हम साहूकारों पर निर्भर नहीं रहेंगे। समर्थन मूल्य पर बिक्री से हमें आत्मनिर्भर बनने का अवसर मिलेगा।”

❖ विशेषज्ञों की राय

कृषि विशेषज्ञों का मानना है कि इस नीति से राज्य में दलहन फसलों का रकबा बढ़ेगा। दलहनों की खेती न केवल मिट्टी के लिए लाभकारी होती है, बल्कि देश की प्रोटीन आवश्यकताओं को भी पूरा करती है। एमएसपी पर खरीदी सुनिश्चित करने से किसानों का भरोसा कृषि पर बढ़ेगा और पलायन जैसे सामाजिक संकटों में भी कमी आएगी।

❖ आत्मनिर्भर कृषि की दिशा में मजबूत कदम

मध्यप्रदेश सरकार की यह पहल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की “आत्मनिर्भर भारत” और “किसानों की आय दोगुनी करने” की परिकल्पना को धरातल पर उतारने का सशक्त प्रयास है। इस निर्णय से न केवल राज्य के किसान लाभान्वित होंगे, बल्कि यह नीति अन्य राज्यों के लिए भी एक आदर्श बन सकती है।

❖ निष्कर्ष

मध्यप्रदेश सरकार का यह निर्णय किसानों के हितों की रक्षा और कृषि को सशक्त बनाने की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा। समर्थन मूल्य पर खरीदी न केवल किसानों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाएगी, बल्कि राज्य की खाद्य सुरक्षा प्रणाली को भी सुदृढ़ करेगी।

किसानों की मेहनत को उचित मूल्य देना ही सही मायनों में राष्ट्र की सेवा है, और इस दिशा में मध्यप्रदेश सरकार का यह कदम अत्यंत सराहनीय है।

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