बहुपक्षीय सामरिक प्रदर्शन पापुआ
संवादाताः कोटो न्यूज़ नेटवर्क (KNN) | स्वदेशी आईएनएस कदमत्त का बहुपक्षीय सामरिक प्रदर्शन: पापुआ न्यू गिनी के 50वें स्वतंत्रता दिवस समारोह में भारतीय नौसेना की चमक स्वदेशी रूप से डिजाइन और निर्मित एंटी-सबमरीन वारफेयर कार्वेट, आईएनएस कदमत्त को पापुआ न्यू गिनी के 50वें स्वतंत्रता दिवस समारोह के दौरान बहुराष्ट्रीय युद्धपोतों के बेड़े का संचालन एवं नेतृत्व करने का ससम्मान अवसर मिला। यह कार्यक्रम 04 सितंबर 2025 को पोर्ट मोरेस्बी बंदरगाह पर आयोजित हुआ जिसमें भारतीय नौसेना ने अपनी सामरिक सशक्तता और बहुपक्षीय सहयोग की मिसाल पेश की।
प्रमुख जहाजों के संचालन में आईएनएस कदमत्त की अहम भूमिका आईएनएस कदमत्त ने औपचारिक नौसैन्य दल के प्रमुख जहाज के रूप में बेड़े का नेतृत्व किया। सहयोगी युद्धपोतों में एफएनएस ऑगस्टे बेनेबिग (फ्रांस), एचएमपीएनजीएस गिल्बर्ट टोरोपो, एचएमपीएनजीएस टेड डिरो, एचएमपीएनजीएस रोचस लोकिनाप (पापुआ न्यू गिनी), वीओईए नकाहाऊ कोउला (वैनुअतु) और एचएमएएस चाइल्डर्स (ऑस्ट्रेलिया) शामिल थे। यह बहुराष्ट्रीय एवं बहुमंचीय समारोह हिंद-प्रशांत क्षेत्र में भारतीय नौसेना की बढ़ती सहभागिता का प्रतीक बन गया।
सटीक सामरिक संचालन और युद्धाभ्यास आईएनएस कदमत्त ने पोर्ट मोरेस्बी बंदरगाह के भीतर आयोजित कार्यक्रम के तहत बेड़े का अधिकारी (O.C.S.) बनने की चुनौती का समुचित और सटीकता के साथ सामना किया। युद्धपोतों के सुरक्षित संचालन एवं सटीक युद्धाभ्यास के लिए सभी जहाजों के लिए विस्तृत ब्रीफिंग आयोजित की गई। इसके अतिरिक्त, प्रत्येक जहाज के लिए स्पष्ट आदेश जारी किए गए।
पहली सितम्बर को जिम्मेदारी सौंपे जाने के बाद, आईएनएस कदमत्त ने सभी आवश्यक प्री-ऑपरेशन चेकलिस्ट का पालन सुनिश्चित करते हुए बेड़े के समन्वय का विशेष ध्यान रखा। पोर्ट मोरेस्बी में सम्पूर्ण तैयारी के साथ सभी युद्धपोतों ने सटीक रूप से निर्धारित समय पर अपने-अपने सलामी स्थलों की ओर प्रस्थान किया। बेड़े के प्रत्येक जहाज के बीच 600 गज की दूरी बनी रही, जिससे प्रदर्शित सामरिक अनुशासन का उच्चतम मानदंड स्थापित हुआ।
बहुराष्ट्रीय सहयोग का आदर्श उदाहरण इस आयोजन के दौरान पांच देशों के प्रतिनिधित्व में शामिल सात युद्धपोतों ने संयुक्त रूप से परेड का सफल संचालन किया। सभी जहाज पूर्व-निर्धारित समय पर अपने-अपने सलामी स्थलों पर पहुंचकर प्रदर्शन को सफलतापूर्वक संपन्न किया। भारतीय नौसेना के नेतृत्व में यह बहुपक्षीय अभ्यास हिंद-प्रशांत क्षेत्र में बढ़ती साझेदारी की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुआ।
डॉ. जितेंद्र सिंह सहित भारतीय नौसेना के वरिष्ठ अधिकारी समारोह में उपस्थित थे। उन्होंने इस आयोजन को भारतीय नौसेना की पेशेवरता, उच्च तकनीकी सशक्तता और क्षेत्रीय सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्धता का प्रतीक बताया। साथ ही उन्होंने कहा कि इस प्रकार के बहुराष्ट्रीय आयोजन से क्षेत्रीय शांति एवं स्थिरता को बल मिलता है।
आईएनएस कदमत्त: स्वदेशी निर्माण का गौरव
आईएनएस कदमत्त भारत में स्वदेशी रूप से डिजाइन और निर्मित एंटी-सबमरीन वारफेयर कार्वेट है। इसे भारतीय नौसेना की सामरिक क्षमता को सुदृढ़ करने के उद्देश्य से तैयार किया गया है। इसका निर्माण भारतीय रक्षा उद्योग की स्वदेशी क्षमताओं का प्रदर्शन करता है। आईएनएस कदमत्त ने न केवल युद्धक संचालन में बेहतरीन प्रदर्शन किया, बल्कि बहुपक्षीय सहयोग के माध्यम से मित्र राष्ट्रों के साथ भारत की साझेदारी को भी मजबूत किया।
प्रमुख नौसेना विशेषज्ञों ने इस उपलब्धि को भारतीय रक्षा क्षेत्र के आत्मनिर्भर विकास की दिशा में एक बड़ा कदम बताया। साथ ही, उन्होंने यह भी बताया कि आईएनएस कदमत्त जैसे स्वदेशी युद्धपोत अंतर्राष्ट्रीय मंच पर भारतीय नौसेना की प्रतिस्पर्धात्मक साख को और भी अधिक सुदृढ़ कर रहे हैं।
हिंद-प्रशांत क्षेत्र में भारतीय नौसेना की बढ़ती प्रतिष्ठा
इस आयोजन ने भारतीय नौसेना की बहुपक्षीय सहभागिता और उच्च प्रशिक्षित बल के रूप में उसकी स्थिति को उजागर किया। यह प्रदर्शन उन क्षेत्रों में भारत की बढ़ती भूमिका का परिचायक बना, जहां वैश्विक समुद्री सुरक्षा, साझेदारी और सहयोग की अहमियत बढ़ती जा रही है।
विशेष रूप से हिंद-प्रशांत क्षेत्र में भारतीय नौसेना की भूमिका को मजबूती मिल रही है। यह क्षेत्र तेजी से रणनीतिक महत्व का क्षेत्र बनता जा रहा है, जहाँ पारस्परिक सहयोग, सामरिक सहभागिता, और समुद्री साझेदारी की आवश्यकता लगातार बढ़ती जा रही है। आईएनएस कदमत्त का यह नेतृत्व ऐसे समय पर अत्यंत महत्वपूर्ण साबित हुआ, जब क्षेत्रीय तनाव और समुद्री सुरक्षा की चुनौतियाँ नए आयाम ले रही हैं।
भविष्य के दृष्टिकोण: नवाचार और आत्मनिर्भरता की दिशा में कदम
आईएनएस कदमत्त के इस सफल संचालन ने यह स्पष्ट कर दिया है कि भारतीय नौसेना न केवल सामरिक क्षमता के क्षेत्र में आगे बढ़ रही है, बल्कि स्वदेशी विकास, वैज्ञानिक नवाचार और क्षेत्रीय सहयोग के माध्यम से भी अपने कदम दृढ़ कर रही है। भारतीय नौसेना की यह रणनीति भारत को हिंद-प्रशांत क्षेत्र का पसंदीदा सुरक्षा साझेदार बनाती है।
डॉ. जितेंद्र सिंह ने उपस्थित अधिकारियों और मीडिया से बातचीत में कहा, “यह आयोजन भारतीय नौसेना की पेशेवरता, उच्च तकनीकी दक्षता और रणनीतिक सोच का प्रमाण है। हम आत्मनिर्भर भारत की दिशा में लगातार प्रगति कर रहे हैं। ऐसे बहुराष्ट्रीय आयोजन न केवल सामरिक बल बढ़ाते हैं, बल्कि क्षेत्रीय शांति एवं स्थिरता को भी सुनिश्चित करते हैं। छात्र और नौसेना विशेषज्ञों की प्रतिक्रिया नौसेना में प्रशिक्षित युवा अधिकारी लेफ्टिनेंट कमांडर अमृता सेन ने कहा, “आईएनएस कदमत्त का यह प्रदर्शन एक मिसाल है। इससे न केवल भारतीय नौसेना की दक्षता प्रदर्शित हुई, बल्कि मित्र राष्ट्रों के साथ सहयोग और एकजुटता का भी सशक्त उदाहरण स्थापित हुआ।युवा सुरक्षा विशेषज्ञ सौरभ मेहता ने टिप्पणी की, “यह भारतीय रक्षा क्षेत्र की स्वदेशी विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। आईएनएस कदमत्त जैसे युद्धपोत भारतीय नौसेना को तकनीकी और सामरिक रूप से आत्मनिर्भर बनाने में अहम भूमिका निभा रहे हैं।”
सहयोगी युद्धपोतों की सूची और उनकी भूमिका एफएनएस ऑगस्टे बेनेबिग (FNS Auguste Benebig) फ्रांस यह फ्रांसीसी नौसेना का प्रमुख सहयोगी युद्धपोत था, जो आईएनएस कदमत्त के साथ मिलकर बहुराष्ट्रीय बेड़े में सामरिक संचालन और सुरक्षा अभ्यास में भाग लिया। एफएनएस ऑगस्टे बेनेबिग ने क्षेत्रीय सहयोग को सशक्त बनाने के उद्देश्य से भारतीय नौसेना के साथ संयुक्त युद्धाभ्यास में विशेष योगदान दिया। एचएमपीएनजीएस गिल्बर्ट टोरोपो (HMPNGS Gilbert Toropo) पापुआ न्यू गिनी स्थानीय पापुआ न्यू गिनी नौसेना का प्रतिनिधित्व करते हुए यह जहाज मुख्य रूप से पोर्ट मोरेस्बी में संचालन की निगरानी और स्थानीय समुद्री सुरक्षा के साथ-साथ समारोह के दौरान आयोजन की सुचारू व्यवस्था सुनिश्चित करने में अहम भूमिका निभा रहा था।
एचएमपीएनजीएस टेड डिरो (HMPNGS Ted Diro) पापुआ न्यू गिनी यह जहाज भी पापुआ न्यू गिनी के नौसैनिक बल का महत्वपूर्ण हिस्सा रहा। समारोह के बहुपक्षीय संचालन में इसने सहयोगी युद्धपोतों के बीच सामंजस्य स्थापित करने, ब्रीफिंग्स में भागीदारी देने तथा पूरे बेड़े के युद्धाभ्यास के सुचारू समन्वय में योगदान दिया।
एचएमपीएनजीएस रोचस लोकिनाप (HMPNGS Rochus Lokinap) पापुआ न्यू गिनी एचएमपीएनजीएस रोचस लोकिनाप ने समारोह के दौरान पापुआ न्यू गिनी के आंतरिक जलमार्गों में युद्धपोतों की सुरक्षित नेविगेशन सुनिश्चित की और बहुपक्षीय सहयोग के तहत परिचालन अभ्यास में सक्रिय भागीदारी की। वीओईए नकाहाऊ कोउला (VOEA Nacahau Koula) वैनुअतु वैनुअतु के यह युद्धपोत हिंद-प्रशांत क्षेत्र में मित्र राष्ट्रों के सहयोग को बढ़ाने हेतु भाग लिया। वीओईए नकाहाऊ कोउला ने भारतीय नौसेना के साथ समन्वित युद्धाभ्यास में अपनी सामरिक दक्षता प्रदर्शित की। एचएमएएस चाइल्डर्स (HMAS Childers) ऑस्ट्रेलिया ऑस्ट्रेलियाई नौसेना का यह सहयोगी युद्धपोत समारोह में एक महत्वपूर्ण घटक के रूप में शामिल था। आईएनएस कदमत्त के नेतृत्व में यह जहाज बहुपक्षीय युद्धाभ्यास के संचालन, बेड़े के संगठन तथा समन्वय के लिए जिम्मेदार था। विशेष रूप से हिंद-प्रशांत क्षेत्र में सुरक्षा सहयोग को बढ़ाने की दृष्टि से ऑस्ट्रेलिया ने इस अवसर का भरपूर समर्थन किया।
Source : PIB |रिपोर्ट : कोटो न्यूज़ नेटवर्क (KNN)