जनजातीय कार्य मंत्री श्री जुएल ओराम ने आगामी 21 जून 2025 को मनाए जाने वाले अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस की तैयारियों की समीक्षा करते हुए इसे समावेशी और सामुदायिक नेतृत्व वाले समारोह के रूप में मनाने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि इस वर्ष आदिवासी क्षेत्रों में योग दिवस का आयोजन स्वदेशी कल्याण प्रथाओं और आधुनिक योग के अद्भुत संगम को दर्शाएगा।
श्री ओराम ने आज नई दिल्ली में मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों, सचिवों और संबंधित विभागों के प्रतिनिधियों के साथ एक उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की। यह बैठक अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस की 10वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में आयोजित समारोहों की तैयारियों का आकलन करने के लिए आयोजित की गई थी।
मंत्री महोदय ने कहा, “योग केवल व्यायाम नहीं, बल्कि शरीर, मन और आत्मा के बीच संतुलन और सामंजस्य का मार्ग है। आदिवासी समुदाय, जो सदियों से प्रकृति और पारंपरिक उपचार पद्धतियों से जुड़े हैं, इस योगिक सामंजस्य के सच्चे प्रतीक हैं।” उन्होंने कहा कि इस वर्ष का आयोजन आधुनिक और स्वदेशी दोनों स्वास्थ्य प्रणालियों का उत्सव होना चाहिए।
इस बार योग दिवस के समारोह ‘धरती आबा जनभागीदारी अभियान’ के अंतर्गत आयोजित किए जा रहे हैं, जो कि जनजातीय कार्य मंत्रालय का एक प्रमुख आईईसी अभियान है। यह अभियान 15 से 30 जून 2025 तक चलाया जा रहा है, जिसका उद्देश्य जनजातीय क्षेत्रों में स्वास्थ्य जागरूकता, सांस्कृतिक पहचान और सामुदायिक सशक्तिकरण को बढ़ावा देना है।
प्रमुख पहल और भागीदारी:
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इस आयोजन में 477 एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालयों (EMRS) के लगभग 1.4 लाख छात्र हिस्सा लेंगे।
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साथ ही, 10 लाख से अधिक जनजातीय नागरिकों की भागीदारी की भी अपेक्षा है।
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समारोहों में योग प्रदर्शन, कल्याण सत्र और सामुदायिक जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।
श्री ओराम ने आयुष मंत्रालय, राज्य जनजातीय कल्याण विभागों, जनजातीय शोध संस्थानों, EMRS, आश्रम विद्यालयों, ट्राइफेड, NSTFDC और अन्य हितधारकों के साथ प्रभावी समन्वय पर भी जोर दिया, ताकि कार्यक्रम को सफल बनाया जा सके।
सूचना और प्रसार रणनीति:
मंत्री महोदय ने डिजिटल प्लेटफॉर्म, सामुदायिक रेडियो और स्थानीय जनजातीय भाषाओं के माध्यम से संचार और जन जागरूकता अभियान को अंतिम छोर तक पहुंचाने की रणनीति की सराहना की। उन्होंने कहा कि यह आयोजन न केवल योग के प्रचार-प्रसार का माध्यम बनेगा, बल्कि आदिवासी समुदायों को अपनी पारंपरिक विरासत पर गर्व करने का अवसर भी प्रदान करेगा।
अंत में, मंत्री महोदय ने आशा जताई कि अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 2025, जनजातीय समाज की सक्रिय भागीदारी के साथ एक ऐतिहासिक और प्रेरणादायक आयोजन बनकर उभरेगा।