G7 सम्मेलन में पीएम मोदी और पीएम मार्क जे. कार्नी की महत्वपूर्ण बैठक भारत-कनाडा

G7 सम्मेलन में पीएम मोदी और पीएम मार्क जे. कार्नी की महत्वपूर्ण बैठक भारत-कनाडा

G7 शिखर सम्मेलन के दौरान भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कनाडा के प्रधानमंत्री मार्क जे. कार्नी के बीच एक उत्पादक और रणनीतिक बैठक सम्पन्न हुई। इस बैठक में दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय सहयोग को और अधिक गहराई देने पर सहमति जताई, विशेष रूप से व्यापार, ऊर्जा, अंतरिक्ष, प्रमुख खनिज, उर्वरक और अन्य अहम क्षेत्रों में।

प्रधानमंत्री मोदी ने अपने आधिकारिक X (पूर्व में ट्विटर) अकाउंट से साझा किया:

“Had a fruitful meeting with PM @MarkJCarney of Canada on the sidelines of the G7 Summit. They agreed to deepen cooperation in key areas such as trade, energy, space, critical minerals, fertilisers and more.”

यह बैठक ऐसे समय में हुई है जब वैश्विक स्तर पर ऊर्जा सुरक्षा, आपूर्ति श्रृंखला स्थिरता, और हरित प्रौद्योगिकी को लेकर नई साझेदारियों की आवश्यकता बढ़ रही है। भारत और कनाडा दोनों ही लोकतांत्रिक मूल्यों और नवाचार को बढ़ावा देने वाले देश हैं, और इस बातचीत ने इन दोनों देशों के बीच विश्वास को और प्रगाढ़ किया है।

बैठक में जिन प्रमुख विषयों पर सहमति बनी:

  • व्यापार (Trade): दोनों देशों ने पारस्परिक व्यापार को बढ़ावा देने और मुक्त व्यापार समझौते को गति देने की प्रतिबद्धता जताई।

  • ऊर्जा (Energy): सतत और नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों पर सहयोग को मजबूत करने की दिशा में चर्चा हुई।

  • अंतरिक्ष (Space): अंतरिक्ष अनुसंधान, उपग्रह प्रौद्योगिकी और मिशन-आधारित सहयोग पर सहमति बनी।

  • प्रमुख खनिज (Critical Minerals): भारत की हरित अर्थव्यवस्था और तकनीकी उद्योग के लिए आवश्यक खनिजों की आपूर्ति सुनिश्चित करने हेतु रणनीतिक भागीदारी को विस्तार देने पर चर्चा हुई।

  • उर्वरक (Fertilisers): कृषि उत्पादकता बढ़ाने के लिए उर्वरकों की आपूर्ति श्रृंखला पर सहयोग की योजना बनी।

बैठक के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने कनाडा सरकार और जनता को G7 शिखर सम्मेलन की सफल मेजबानी के लिए धन्यवाद भी दिया। यह बैठक दोनों देशों के बीच आपसी विश्वास और वैश्विक मुद्दों पर साझा दृष्टिकोण की पुष्टि करती है।

निष्कर्षतः, यह बैठक भारत-कनाडा संबंधों में एक नई ऊर्जा और दिशा का संकेत देती है। आने वाले समय में दोनों देशों के बीच आर्थिक, वैज्ञानिक और तकनीकी सहयोग के नए आयाम खुलने की संभावनाएं प्रबल हैं

Comments

No comments yet. Why don’t you start the discussion?

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *