केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), पृथ्वी विज्ञान, प्रधानमंत्री कार्यालय, परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष विभाग तथा कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने आज नागालैंड के वोखा जिले का दौरा किया और जिले में प्रशासनिक समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की। उनके साथ नागालैंड के उपमुख्यमंत्री श्री यानथुंगो पैटन भी उपस्थित रहे।
बैठक का आयोजन उपायुक्त कार्यालय के सम्मेलन कक्ष में किया गया, जहां डॉ. सिंह ने अधिकारियों, विभिन्न विभागों और नागरिक समाज संगठनों के प्रतिनिधियों के साथ विस्तृत चर्चा की। उपायुक्त श्री विनीत कुमार ने जिले की प्रगति, चल रही परियोजनाओं और विकासात्मक चुनौतियों के बारे में प्रस्तुति दी।
डॉ. जितेंद्र सिंह ने सरकारी योजनाओं और कार्यक्रमों के ज़मीनी स्तर पर क्रियान्वयन की स्थिति की समीक्षा करते हुए कहा कि पारदर्शी और संवेदनशील प्रशासन ही सुशासन की नींव है। उन्होंने सभी अधिकारियों से अपील की कि वे अंतिम छोर तक सेवा वितरण को प्रभावी बनाए रखें और लोक हित में प्रौद्योगिकी का अधिकतम उपयोग करें।
बैठक में लोथा होहो, लोथा एलो होहो, और लोथा छात्र संघ जैसे प्रमुख नागरिक संगठनों ने भाग लिया। उन्होंने अपने विचार और स्थानीय विकास संबंधी ज़रूरतें साझा कीं। इस पर केंद्रीय मंत्री ने कहा कि समुदाय आधारित संस्थाएं शासन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं और इन्हें सक्रिय भागीदारी के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए।
बैठक में लोक स्वास्थ्य, ग्रामीण विकास, उद्योग-व्यापार, समाज कल्याण, शिक्षा, कृषि, बागवानी, मत्स्य पालन, खाद्य एवं आपूर्ति, आदि विभागों ने अपने प्रयासों पर विस्तृत प्रस्तुति दी। डॉ. सिंह ने सभी विभागों को आपसी समन्वय के साथ काम करने और प्रौद्योगिकी आधारित समाधान अपनाने की सलाह दी।
“केले की खेती से आय सृजन” विज़न दस्तावेज़ का शुभारंभ
इस यात्रा का सबसे उल्लेखनीय क्षण रहा — “केले की खेती से आय सृजन” नामक विज़न दस्तावेज़ का औपचारिक शुभारंभ। इस पहल का उद्देश्य है कि जिले में व्यवस्थित और तकनीक-सहायित केले की खेती को बढ़ावा देकर स्थानीय किसानों की आय में वृद्धि की जाए। साथ ही, बाजार संपर्कों और नवाचार के सहयोग से यह मॉडल अन्य क्षेत्रों के लिए भी प्रेरणा बन सकेगा।
डॉ. जितेंद्र सिंह का संदेश
समापन भाषण में डॉ. सिंह ने कहा,
“सरकार की यह प्राथमिकता है कि विकास का लाभ देश के हर कोने तक पहुंचे, विशेषकर पूर्वोत्तर और सीमावर्ती क्षेत्रों तक। क्षेत्रीय विकास तभी संभव है जब नीतियाँ स्थानीय ज़रूरतों और क्षमताओं के अनुरूप तैयार की जाएं।”
उन्होंने यह भी बताया कि केंद्र सरकार का उद्देश्य “नीति निर्माण को ज़मीनी सच्चाइयों से जोड़ना” है, और इसके लिए केंद्रीय मंत्रियों द्वारा जिलों का नियमित दौरा एक महत्वपूर्ण माध्यम है।
यह यात्रा न केवल वोखा जिले के विकास की दिशा में एक सशक्त कदम है, बल्कि यह केंद्र सरकार की पूर्वोत्तर भारत में समावेशी और क्षेत्र-विशिष्ट विकास रणनीतियों की स्पष्ट प्रतिबद्धता को दर्शाती है।