अमेरिका और ईरान के बीच बढ़ते तनाव के बीच अमेरिका ने शनिवार तड़के ईरान के तीन प्रमुख परमाणु स्थलों पर हवाई हमले किए। अमेरिकी रक्षा विभाग (पेंटागन) ने इस कार्रवाई की पुष्टि की है। वहीं, अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इसे “शानदार और निर्णायक सफलता” करार दिया है।
हमले का विवरण
पेंटागन के अनुसार, अमेरिकी सेना ने ईरान के नतांज, अराब और फोर्दो में स्थित तीन परमाणु स्थलों को सटीक मिसाइलों से निशाना बनाया। इन ठिकानों को लंबे समय से ईरान के कथित परमाणु हथियार कार्यक्रम से जोड़ा जाता रहा है।
इन हमलों में यूरेनियम संवर्धन संयंत्रों, सेंट्रीफ्यूज गोदामों और विश्लेषण केंद्रों को मुख्य रूप से लक्ष्य बनाया गया। स्वतंत्र सेटेलाइट विश्लेषणों से प्राप्त चित्रों में इन स्थानों पर भारी नुकसान दिख रहा है।
पेंटागन प्रवक्ता मेजर जनरल पैट्रिक राइडर ने बताया,
“यह कार्रवाई ईरान की परमाणु हथियार विकसित करने की क्षमता को सीमित करने के लिए की गई। अब तक किसी आम नागरिक की मौत की सूचना नहीं है, और सभी अमेरिकी विमान सुरक्षित लौट आए हैं।”
डोनाल्ड ट्रंप की प्रतिक्रिया
पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप, जो वर्तमान में 2024 के राष्ट्रपति चुनावों की दौड़ में हैं, ने हमले के कुछ ही घंटे बाद अपने सोशल मीडिया मंच “ट्रुथ सोशल” पर प्रतिक्रिया दी:
“शानदार सफलता! बाइडेन में ऐसा साहस नहीं है। दुनिया अब और सुरक्षित हुई है। ईरान की परमाणु野क सपने को रोका जाना ज़रूरी है।”
हालांकि ट्रंप फिलहाल सत्ता में नहीं हैं, लेकिन उनकी बयानबाज़ी अमेरिकी राजनीति और विदेश नीति पर गहरा असर डाल रही है।
ईरान का पलटवार
ईरान ने इन हमलों की कड़ी निंदा करते हुए उन्हें “युद्ध की कार्रवाई” बताया और जवाबी कदम की चेतावनी दी। ईरानी रिवोल्यूशनरी गार्ड्स ने एक आधिकारिक बयान में कहा:
“अमेरिकी आक्रामकता को अनदेखा नहीं किया जा सकता। ईरान अपने रक्षा अधिकारों से कभी समझौता नहीं करेगा।”
ईरानी विदेश मंत्रालय ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में आपातकालीन शिकायत दर्ज कराई है और अमेरिका की इस कार्रवाई को अंतरराष्ट्रीय कानूनों का उल्लंघन बताया है।
अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रियाएं
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रूस और चीन ने अमेरिका की कार्रवाई की आलोचना करते हुए दोनों देशों से संयम बरतने की अपील की है।
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इज़राइल ने अमेरिकी हमले का समर्थन करते हुए प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा,
“यह ईरान की परमाणु野क क्षमता पर निर्णायक प्रहार है।”
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यूरोपीय संघ ने सभी पक्षों से युद्ध टालने और कूटनीतिक रास्ता अपनाने का अनुरोध किया है।
संयुक्त राष्ट्र की आपात बैठक
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद इस मामले पर अगले 24 घंटों में आपातकालीन बैठक बुलाने की तैयारी कर रही है, जिसमें इस सैन्य कार्रवाई के अंतरराष्ट्रीय प्रभाव और आगे की रणनीति पर चर्चा की जाएगी।
पृष्ठभूमि
ईरान का परमाणु कार्यक्रम कई वर्षों से वैश्विक चिंताओं का विषय रहा है। 2015 में हुए परमाणु समझौते (JCPOA) के तहत ईरान ने अपने कार्यक्रम को सीमित करने पर सहमति दी थी, लेकिन 2018 में ट्रंप प्रशासन द्वारा अमेरिका के समझौते से बाहर निकलने के बाद ईरान ने भी प्रतिबंधों की अनदेखी शुरू कर दी थी।