सहकारी नियामक प्राधिकरण के अध्यक्ष पद के लिए छह नाम शॉर्टलिस्ट

सहकारी नियामक प्राधिकरण के अध्यक्ष पद के लिए छह नाम शॉर्टलिस्ट

नेपाल में बचत और ऋण सहकारी समितियों की निगरानी करने वाले प्रमुख निकाय राष्ट्रीय सहकारी नियामक प्राधिकरण (National Cooperative Regulatory Authority) के अध्यक्ष पद के लिए पहले चरण में छह उम्मीदवारों का चयन किया गया है। ये सभी उम्मीदवार अब अगली प्रक्रिया में व्यावसायिक योजना प्रस्तुति और साक्षात्कार के लिए आमंत्रित किए गए हैं।

🧾 पहले चरण में चयनित अध्यक्ष पद के उम्मीदवारों के नाम:

  1. अनिल राज पौडेल

  2. अर्जुन प्रसाद पोखरेल

  3. खगराज शर्मा

  4. नारायण प्रसाद पौडेल उपाध्याय

  5. परितोष पौडेल

  6. हरि कुमार नेपाल

इन सभी को बुधवार को साक्षात्कार और व्यवसाय योजना प्रस्तुति के लिए बुलाया गया है। इसके बाद, सिफारिश समिति तीन नामों का चयन करेगी, जिन्हें मंत्रिपरिषद (Council of Ministers) के पास भेजा जाएगा। मंत्रिपरिषद इनमें से किसी एक को अध्यक्ष नियुक्त करेगी।

📋 सदस्य पद के लिए चार उम्मीदवारों का चयन

साथ ही, सदस्य पद के लिए प्राप्त पांच आवेदनों में से चार उम्मीदवारों को पहले चरण में चुना गया है। इनके नाम इस प्रकार हैं:

  1. खगराज शर्मा

  2. नारायण प्रसाद पौडेल उपाध्याय

  3. रमेश प्रसाद चौलागाईं

  4. सहदेव बस्नेत

इन्हें 12 जून को व्यवसाय योजना प्रस्तुति और साक्षात्कार के लिए आमंत्रित किया गया है। इसके बाद तीन नामों की सिफारिश की जाएगी, जिनमें से एक को सरकार सदस्य के रूप में नियुक्त करेगी।

📜 सहकारी अधिनियम के तहत प्राधिकरण का गठन

सहकारी अधिनियम के अनुसार, राष्ट्रीय सहकारी प्राधिकरण का गठन बचत और ऋण सहकारी संस्थाओं को नियमित करने के लिए किया गया है। इस प्राधिकरण में निम्नलिखित प्रमुख पद होते हैं:

  • कार्यकारी अध्यक्ष

  • विशेषज्ञ सदस्य (Expert Members)

  • चार्टर्ड अकाउंटेंट (इनकी भूमिका अंशकालिक होती है)

इसके अतिरिक्त, राष्ट्र बैंक के कार्यकारी निदेशक और भूमि व्यवस्था, सहकारी तथा गरीबी निवारण मंत्रालय के सहसचिव पदेन (Ex-officio) सदस्य के रूप में प्राधिकरण में शामिल होते हैं।


🔎 क्या है अगली प्रक्रिया?

  • चयनित उम्मीदवारों की व्यवसाय योजना और उनके दृष्टिकोण की गहन समीक्षा की जाएगी।

  • उनके साक्षात्कार के आधार पर उपयुक्तता का मूल्यांकन किया जाएगा।

  • सिफारिश समिति तीन नामों को अंतिम रूप देगी और मंत्रिपरिषद को भेजेगी।

  • अंततः सरकार एक अध्यक्ष और एक सदस्य की औपचारिक नियुक्ति करेगी।


🔚 निष्कर्ष

यह प्रक्रिया देश में सहकारी व्यवस्था को पारदर्शी और उत्तरदायी बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। राष्ट्रीय सहकारी नियामक प्राधिकरण की नियुक्तियां भविष्य में सहकारी संस्थाओं की निगरानी, संचालन और वित्तीय पारदर्शिता को सुदृढ़ करने में निर्णायक भूमिका निभाएंगी।

“मजबूत सहकारी व्यवस्था से ही होगा सशक्त स्थानीय विकास।”

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