गोरखपुर में बारिश का कहर: जीवन-यापन अस्त-व्यस्त, प्रशासन अलर्ट

गोरखपुर में बारिश का कहर: जीवन-यापन अस्त-व्यस्त, प्रशासन अलर्ट

गोरखपुर, 23 जून 2025 — गोरखपुर में पिछले कुछ दिनों से हो रही भारी बारिश ने जनजीवन को बुरी तरह प्रभावित कर दिया है। मध्यरात्रि से चल रही फुहारों और झमाझम बारिश ने शहर की प्रमुख सड़कों, घरों और सार्वजनिक स्थानों को पानी से भर दिया है। आइए जानते हैं कि कैसे बारिश ने पूरे शहर के हालात बदल दिए और प्रशासन तथा नागरिक क्या कर रहे हैं।


🌧️ लगातार गिर रहे पानी के मिज़ान

भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) की रिपोर्ट के अनुसार, 23 जून को घने बादलों और कई बार गर्जन के साथ बारिश हुई। AccuWeather और TimeandDate के आंकड़ों से यह स्पष्ट है कि 23 जून को गोरखपुर में सुबह से लगातार बारिश दर्ज हुई है—इसे सुबह का मौसम “बारिश के साथ” बताया गया है । दिन भर में तापमान 31°C से लेकर 37°C तक बना रहा, और रात में भी बारिश की उम्मीद जताई गई है


🚧 सड़कें और जल जमाव

  • शहर की मुੱਖ्य सड़कों पर पानी जमा होने से वाहनों की आवाजाही बाधित हुई है। कई स्थानों पर ड्रेनेज सिस्टम धंस गया और गंदे पानी ने सड़कों को जलमग्न कर दिया है।

  • प्रसिद्ध Gordhiya नाला के पास एक निजी आवासीय भवन में दरार आ गई थी, जिसे बारिश और जलभराव की वजह से सुरक्षित कारणों से ध्वस्त कर दिया गया—इसके लिए ज़मींदार को ₹36 लाख की धनराशि दी गई

  • नाले के किनारे काम चल रहा था, लेकिन अचानक आई जलधारा ने आसपास के 200 से अधिक घरों में पानी घुसने का रास्ता बना दिया। ये घटनाएं प्रशासन की तैयारियों पर सवाल खड़ा करती हैं


🌩️ प्रकृति का प्रकोप : ओले, विज़ली और तापमान की उथल-पुथल

  • हाल ही के दिनों में गोरखपुर-बस्ती मंडल में तेज बरसात, ओलावृष्टि और आकाशीय बिजली ने सामान्य जनजीवन को ठप कर दिया है May 2 को हुई इसी तरह की घटनाओं में चार लोगों की मौत भी हुई थी

  • तापमान में 3–8°C तक की गिरावट देखने को मिली—IMD के मुताबिक झमाझम बारिश के कारण स्थानीय थर्मामीटर ने 30°C के नीचे गिरावट दिखाई


🏥 प्रभावित इलाकों में हालत

  • अस्पतालों जैसे डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल की ओपीडी भी जलमग्न हो गई, जहां मरीजों को भीगकर इलाज करवाना पड़ा

  • व्यापारिक क्षेत्रों, जैसे जूबली क्रॉसिंग, गीता प्रेस रोड और अज़ाद चौक, में दुकानें और सड़कें भी पानी में डूब गयीं

  • शहर के विभिन्न बस्तियों में बिजली-पानी-नकली ढलानों से जलभराव की समस्या विकराल रूप ले चुकी है।


🏛️ प्रशासन की एडवाइजरी और राहत कार्य

  • IMD ने 30–50 जिलों में “येलो अलर्ट” जारी किया है, जिसमें गोरखपुर भी शामिल है

  • चीफ मिनिस्टर योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों को पूर्वाभास के उपाय और ड्रेनेज की मॉनिटरिंग की सख्त हिदायत दी है—उन्होंने नाली-नालियों पर विशेष ध्यान देने को कहा है ताकि जलभराव रोका जा सके

  • ड्रेनेज परियोजनाओं की तरह, Gordhiya नाले के नवीनीकरण, नालों के सफ़ाई अभियान और निर्माण कार्यों में इमरजेंसी उपायों पर जोर दिया जा रहा है।


👥 नागरिक संघर्ष और प्रतिक्रिया

  • स्थानीय लोग प्रशासन की लापरवाही को जिम्मेदार मानते हैं—चाहे नालों की सफाई हो या इन्फ्रास्ट्रक्चर, करीब दो सौ घरों में पानी भरने की वजह लेकर परेशान हैं

  • Building prone to collapse near Gordhiya nullah indicates systemic gaps in planning and early warning systems

  • अस्पताल और बुनियादी सुविधाएँ प्रभावित होने से लोगों में तनाव, आपातकालीन मदद की मांग, और प्रशासन से त्वरित राहत की उम्मीद बढ़ गयी है।


🔍 मौसम वैज्ञानिकों का विश्लेषण

  • IMD एवं मौसम विज्ञानी मो. दानिश (Lucknow) के अनुसार, अरब सागर और बंगाल की खाड़ी से आर्द्रता और पश्चिमी विक्षोभ की स्थिति ने भारी बारिश और ओलावृष्टि को प्रेरित किया है |

  • पिछले कुछ दिनों में विकसित मानसून मेहराब ने गोरखपुर—जिस पर सामान्यतः monsoon 18–19 जून आते हैं—उसे प्रभावित करते हुए अप्रत्याशित तरीके से मौसम उलट-पुलट कर दिया


📅 संभावित भविष्य की तैयारियाँ

  • IMD का अनुमान है कि अगले 2–3 दिन बहुत भारी बारिश जारी रह सकती है—सरकार ने यलो अलर्ट के साथ साथ जोखिम ज़ोन ≥30 जिलों के लिए चेतावनी जारी की है

  • प्रशासन ने सफ़ाई, ड्रेनेज व्यवस्था व निर्माण स्थलों की निगरानी तेज करने के निर्देश दिए हैं—विशेषकर उन इलाकों में जहाँ पूर्व में दरारें और पानी जमा होने की घटनाएँ हो चुकी हैं।


🏁 निष्कर्ष

गोरखपुर में इस मानसून की शुरुआत विगत कई दशकों की तुलना में सबसे ज्यादा अगर नहीं तो बेहद चुनौतीपूर्ण जरूर रही। आकस्मिक और अत्यधिक बारिश, ओलावृष्टि, जलभराव और नागरिक असुविधा ने प्रशासन की तैयारियों पर सवाल खड़े किये हैं। हालांकि सरकार और अधिकारियों ने अलर्ट जारी करके, नालों की परियोजनाओं को सक्रिय रूप से आगे बढ़ाकर राहत कार्य शुरू कर दिए हैं।

आने वाले दिन बारिश का सिलसिला जारी रह सकता है। इसलिए नागरिकों को सतर्क रहने, ज्यादा जरूरी ना हो तो घर से बाहर कम निकलने की सलाह दी जा रही है। प्रशासन से अधिक सक्रियता, बेहतर पूर्वानुमान और सुधार योजना की उम्मीद है, ताकि गोरखपुर — जो planning में पिछड़ चुका है — इस वर्ष एक सुरक्षित मानसून का अनुभव कर सके।

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