नेपाल की संसद में आज सोमवार को सुबह 11 बजे आयोजित होने जा रही राष्ट्रीय सभा (नेशनल असेंबली) की बैठक में प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली वित्तीय वर्ष 2080/2081 के लिए राष्ट्रीय सूचना आयोग (National Information Commission) की वार्षिक रिपोर्ट संसद के समक्ष प्रस्तुत करेंगे।
यह रिपोर्ट देश में सूचना के अधिकार (RTI) के क्रियान्वयन, नागरिकों द्वारा प्राप्त सूचनाओं की स्थिति, सूचना पारदर्शिता से संबंधित चुनौतियों, सरकारी निकायों की जवाबदेही, तथा सूचना आयोग द्वारा की गई कार्रवाइयों का विश्लेषण प्रस्तुत करेगी।
लोकतंत्र में पारदर्शिता की दिशा में एक और कदम
प्रधानमंत्री ओली द्वारा यह रिपोर्ट प्रस्तुत किया जाना इस बात का संकेत है कि सूचना का अधिकार, सरकार की जवाबदेही और पारदर्शिता को सुनिश्चित करने के लिए शीर्ष प्राथमिकताओं में शामिल है। यह रिपोर्ट जनता और संसद दोनों को यह समझने का अवसर देगी कि सार्वजनिक संस्थानों ने RTI अनुरोधों का किस स्तर तक सम्मान किया, और कहां सुधार की आवश्यकता है।
रिपोर्ट में हो सकती हैं ये मुख्य बातें:
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विभिन्न सरकारी संस्थानों को भेजे गए सूचना अनुरोधों की संख्या
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समय पर उत्तर देने की दर
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अपील और शिकायतों की संख्या
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आयोग द्वारा की गई सिफारिशें
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सूचना के डिजिटल प्रवाह को लेकर उठाए गए कदम
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भविष्य के लिए रणनीतिक योजना और नीतिगत सुझाव
सूत्रों के अनुसार, रिपोर्ट में यह भी उल्लेख होगा कि आयोग ने पारदर्शिता बढ़ाने के लिए जागरूकता कार्यक्रम, सूचना अधिकारी प्रशिक्षण, और डिजिटल सूचना पोर्टल के विस्तार जैसे कदम उठाए हैं।
संसदीय प्रक्रिया के तहत आगे की कार्यवाही
रिपोर्ट प्रस्तुत होने के बाद इसे संसदीय समितियों को समीक्षा के लिए भेजा जा सकता है, जो इसमें उल्लिखित सिफारिशों और निष्कर्षों पर विचार करेंगी। इसके बाद संसद सरकार को आवश्यक निर्देश या सुझाव दे सकती है।
निष्कर्ष
सूचना का अधिकार किसी भी लोकतंत्र की आत्मा होता है। प्रधानमंत्री द्वारा सूचना आयोग की वार्षिक रिपोर्ट संसद में प्रस्तुत किया जाना, सरकारी पारदर्शिता को मजबूती देने और नागरिकों के सूचना अधिकार को प्रभावी बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है।