राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने ओडिशा के गंजम जिले स्थित गोपालपुर समुद्री तट पर एक महिला कॉलेज छात्रा के साथ कथित रूप से हुए सामूहिक बलात्कार के मामले का स्वत: संज्ञान लिया है। इस संवेदनशील मामले में आयोग ने कड़ा नोटिस जारी करते हुए दो सप्ताह के भीतर विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है।
एनएचआरसी ने ओडिशा के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक (DGP) को संबोधित नोटिस में कहा है कि रिपोर्ट में निम्नलिखित पहलुओं को विशेष रूप से शामिल किया जाना चाहिए:
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मामले की जांच की वर्तमान स्थिति
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पीड़िता का स्वास्थ्य व मनोवैज्ञानिक स्थिति
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उसे प्रदान की गई चिकित्सा सहायता, परामर्श व मुआवजा
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पीड़िता की सुरक्षा के लिए उठाए गए कदम
आयोग ने कहा है कि यदि इस घटना में प्रशासन की लापरवाही या पीड़िता की गरिमा और अधिकारों का हनन हुआ है, तो यह मानवाधिकारों का गंभीर उल्लंघन माना जाएगा।
घटना की प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, गोपालपुर समुद्री तट पर कॉलेज की एक छात्रा को बहला-फुसलाकर ले जाया गया और फिर कथित तौर पर उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म किया गया। पुलिस ने इस मामले में कुछ संदिग्धों को हिरासत में लिया है, लेकिन अभी तक किसी की आधिकारिक गिरफ्तारी या आरोप तय नहीं किए गए हैं।
पीड़िता के परिजनों और स्थानीय संगठनों ने दोषियों को जल्द गिरफ्तार करने और पीड़िता को न्याय दिलाने की मांग की है। वहीं, राज्य सरकार ने आश्वासन दिया है कि दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा और मामले की तेज गति से जांच की जा रही है।
एनएचआरसी की सक्रियता को लेकर मानवाधिकार कार्यकर्ताओं ने संतोष जताया है और उम्मीद जताई है कि यह हस्तक्षेप पीड़ितों को न्याय दिलाने में सहायक सिद्ध होगा।
निष्कर्षतः, यह मामला न केवल कानून व्यवस्था पर सवाल उठाता है, बल्कि महिलाओं की सुरक्षा को लेकर भी गंभीर चिंता पैदा करता है। अब सबकी निगाहें ओडिशा सरकार द्वारा दी जाने वाली रिपोर्ट और उस पर आयोग की आगे की कार्रवाई पर टिकी हैं।