कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्रालय के राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री जयन्त चौधरी ने आज वाराणसी स्थित स्किल इंडिया इंटरनेशनल सेंटर (एसआईआईसी) का दौरा किया। इस दौरान उन्होंने केंद्र में संचालित विश्वस्तरीय प्रशिक्षण कार्यक्रमों, अत्याधुनिक सुविधाओं और अंतरराष्ट्रीय रोजगार की दिशा में चल रहे अभियानों का निरीक्षण किया। उन्होंने इसे “युवाओं के लिए वैश्विक अवसरों का प्रवेशद्वार” करार दिया।
एसआईआईसी, वाराणसी भारत सरकार की भारत को ग्लोबल स्किल हब बनाने की परिकल्पना का प्रमुख प्रतीक है। यह सेंटर राजकीय आईटीआई, करौंदी परिसर में दो एकड़ क्षेत्रफल में स्थित है, जिसका 3050 वर्गमीटर क्षेत्र दो मंज़िलों में फैला है। इसकी रणनीतिक स्थिति – आईआईटी (बीएचयू) के निकट – इसे तकनीकी सहयोग और अकादमिक समन्वय के लिहाज़ से अत्यंत उपयुक्त बनाती है।
11,000 से अधिक युवा प्रशिक्षित, वैश्विक मंच पर भारत का प्रतिनिधित्व
अब तक इस सेंटर से 11,000 से अधिक युवक-युवतियां प्रशिक्षित हो चुके हैं, जिन्हें यूएई, जापान, जर्मनी आदि देशों में ₹1 लाख तक के मासिक वेतन, मुफ्त आवास, यात्रा सुविधा और स्वास्थ्य बीमा जैसी सुविधाओं के साथ रोजगार प्राप्त हुआ है। सेंटर के माध्यम से इलेक्ट्रीशियन, फिटर, एसी टेक्नीशियन, सिक्योरिटी गार्ड, कुक, वेटर, ड्राइवर आदि क्षेत्रों में बड़ी संख्या में भारतीय युवाओं की मांग अंतरराष्ट्रीय नियोक्ताओं द्वारा की जा रही है।
इन अवसरों के लिए न्यूनतम योग्यता 10वीं पास, आईटीआई या डिप्लोमा धारक, 21-35 वर्ष आयु सीमा, और पासपोर्ट धारक होने पर प्राथमिकता दी जाती है।
“मैं स्किल्ड इंडिया का हिस्सा हूं” – मंत्री का युवाओं से आह्वान
अपने संबोधन में श्री जयन्त चौधरी ने कहा,
“यह सेंटर केवल प्रशिक्षण का स्थान नहीं है, बल्कि भारत के युवाओं को वैश्विक मंच पर प्रतिनिधित्व का अवसर देने वाला एक सशक्त माध्यम है। हम चाहते हैं कि हर युवा आत्मविश्वास से कहे — मैं स्किल्ड इंडिया का हिस्सा हूं।”
उन्होंने आईटीआई अपग्रेडेशन योजना का उल्लेख करते हुए बताया कि सरकार आधुनिक उपकरण, स्मार्ट क्लासरूम और इंडस्ट्री-लिंक्ड ट्रेनिंग के माध्यम से आईटीआई संस्थानों को नए युग के लिए तैयार कर रही है। उन्होंने भाषा प्रशिक्षण की भूमिका को भी रेखांकित किया, जो युवाओं के वैश्विक समावेशन में सहायक सिद्ध हो रही है।
श्री चौधरी ने कहा कि वाराणसी केवल धार्मिक और सांस्कृतिक विरासत का केंद्र नहीं, बल्कि युवा शक्ति की भूमि भी है। सही दिशा और अवसर मिलने पर ये युवा भारत को “स्किल कैपिटल ऑफ द वर्ल्ड” बना सकते हैं।
सेन्टर की प्रमुख सेवाएं और संस्थागत विशेषताएं
एसआईआईसी में निम्न सेवाएं उपलब्ध हैं:
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करियर काउंसलिंग
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डोमेन स्किल्स मूल्यांकन एवं प्रशिक्षण
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सॉफ्ट स्किल्स एवं भाषा प्रशिक्षण
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सांस्कृतिक जागरूकता व प्री-डिपार्चर ओरिएंटेशन
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प्रशासनिक सहयोग और नियुक्ति के बाद सहायता
इस केंद्र की स्थापना 16 अगस्त 2022 को हुई थी और तब से यह भारत सरकार के नैतिक, कुशल और सुरक्षित अंतरराष्ट्रीय रोजगार अवसरों के विज़न को मजबूती से आगे बढ़ा रहा है।
इस अवसर पर कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्रालय की अपर सचिव श्रीमती सोनल मिश्रा भी उपस्थित रहीं।
सोनभद्र में दो नई पहलों की घोषणा करेंगे मंत्री
श्री जयन्त चौधरी कल सोनभद्र में दो नई पहलों की घोषणा करेंगे — एक महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के सहयोग से और दूसरी जनजातीय कार्य मंत्रालय के साथ मिलकर जनजातीय समुदायों के सशक्तिकरण हेतु। ये पहलें कौशल विकास को और अधिक समावेशी, जमीनी और परिणामोन्मुखी बनाने की दिशा में मील का पत्थर सिद्ध होंगी।