भारत निर्वाचन आयोग (ईसीआई) ने आज नई दिल्ली स्थित इंडिया इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ डेमोक्रेसी एंड इलेक्शन मैनेजमेंट (IIIDEM) में बूथ लेवल ऑफिसर (बीएलओ) पर्यवेक्षकों के 13वें बैच के दो दिवसीय क्षमता निर्माण प्रशिक्षण कार्यक्रम की शुरुआत की। इस कार्यक्रम का उद्घाटन भारत के मुख्य निर्वाचन आयुक्त (सीईसी) श्री ज्ञानेश कुमार ने किया।
प्रशिक्षण कार्यक्रम में देश के विभिन्न हिस्सों से कुल 379 प्रतिभागी शामिल हुए हैं — जिनमें उत्तर प्रदेश से 111, मध्य प्रदेश से 128, नागालैंड से 67, मेघालय से 66 और चंडीगढ़ से 7 बीएलओ पर्यवेक्षक उपस्थित हैं।
चुनाव की निष्पक्षता का आधार: दक्ष बीएलओ
अपने उद्घाटन भाषण में मुख्य निर्वाचन आयुक्त श्री ज्ञानेश कुमार ने कहा, “मतदाता सूची की शुद्धता और चुनाव की पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए जमीनी स्तर पर कार्यरत बीएलओ और उनके पर्यवेक्षकों की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है। यही कारण है कि ऐसे प्रशिक्षण कार्यक्रमों की नियमित आवश्यकता होती है।”
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि यह प्रशिक्षण कार्यक्रम जनप्रतिनिधित्व अधिनियम 1950 और 1951, निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण नियम 1960 और निर्वाचन संचालन नियम 1961 के अनुपालन को सशक्त बनाने के लिए आवश्यक है। सीईसी ने कहा, “किसी भी लोकतंत्र में कानून से ऊपर कोई नहीं होता और भारत में चुनाव पूरी तरह कानून के अनुसार होते हैं। पारदर्शिता और उत्तरदायित्व ही चुनाव आयोग की पहचान हैं।”
प्रशिक्षण का उद्देश्य और विस्तार
प्रशिक्षण का मुख्य उद्देश्य बीएलओ पर्यवेक्षकों की व्यावहारिक समझ को बढ़ाना है, ताकि वे मतदाता पंजीकरण, फॉर्म प्रबंधन, और चुनावी प्रक्रियाओं के संचालन में दक्ष हो सकें। उन्हें आईटी उपकरणों का उपयोग, ईवीएम और वीवीपैट की कार्यप्रणाली, मॉक पोल जैसी तकनीकी गतिविधियों का भी प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
इसके अलावा, उन्हें यह भी बताया जा रहा है कि किस प्रकार वे मतदाताओं को जनप्रतिनिधित्व अधिनियम 1950 की धारा 24(ए) और 24(बी) के तहत अपील की प्रक्रियाओं से अवगत करा सकते हैं। यह प्रक्रिया डीएम/जिला कलेक्टर या राज्य/केंद्र शासित प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों के समक्ष की जाती है।
एसएसआर 2025 के परिणाम उत्साहजनक
सीईसी ने यह भी बताया कि 6 से 10 जनवरी 2025 तक आयोजित विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण (एसएसआर) के उपरांत जिन राज्यों से प्रतिभागी आए हैं — मेघालय, नागालैंड, मध्य प्रदेश, चंडीगढ़ और उत्तर प्रदेश — वहां एक भी अपील दर्ज नहीं की गई, जो दर्शाता है कि बीएलओ और पर्यवेक्षकों ने ईमानदारी और दक्षता के साथ कार्य किया।
पिछले तीन महीनों में 5,000 से अधिक प्रशिक्षणार्थी
भारत निर्वाचन आयोग द्वारा बीते तीन महीनों में 5,000 से अधिक बीएलओ और उनके पर्यवेक्षकों को दिल्ली में प्रशिक्षण दिया गया है, जो आयोग की निरंतर प्रयासशीलता और चुनाव प्रक्रिया को मजबूत करने की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
लोकतंत्र की जड़ों को मजबूत करता यह प्रयास
यह दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम न केवल प्रतिभागियों को तकनीकी और प्रशासनिक दृष्टि से सशक्त बनाएगा, बल्कि उन्हें मतदाताओं के अधिकारों और प्रक्रिया की पारदर्शिता के लिए अधिक जागरूक और प्रतिबद्ध भी बनाएगा।