भारत और मॉरीशस के बीच ऐतिहासिक एवं गहरे मित्रतापूर्ण संबंधों को और सुदृढ़ करते हुए, प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने आज मॉरीशस गणराज्य के प्रधानमंत्री महामहिम डॉ. नवीनचंद्र रामगुलाम के साथ टेलीफोन पर बातचीत की। इस संवाद के माध्यम से दोनों नेताओं ने रणनीतिक साझेदारी को नई ऊँचाइयों तक ले जाने की साझा प्रतिबद्धता को दोहराया।
प्रधानमंत्री मोदी ने इस अवसर पर भारत और मॉरीशस के बीच के “विशेष और अद्वितीय” संबंधों को रेखांकित किया, जो साझा सांस्कृतिक विरासत, लोकतांत्रिक मूल्यों और गहरे ऐतिहासिक संबंधों पर आधारित हैं। उन्होंने कहा कि भारत की “पड़ोसी प्रथम नीति” और “विजन सागर (SAGAR – Security and Growth for All in the Region)” के अंतर्गत मॉरीशस को विशेष प्राथमिकता प्राप्त है।
विकास सहयोग से लेकर डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर तक हुई चर्चा
दोनों प्रधानमंत्रियों के बीच टेलीफोन वार्ता के दौरान विकास सहयोग, क्षमता निर्माण, रक्षा एवं समुद्री सुरक्षा, डिजिटल बुनियादी ढांचे और जन-जन के बीच संबंधों पर विशेष चर्चा हुई। प्रधानमंत्री मोदी ने भारत द्वारा मॉरीशस की विकास प्राथमिकताओं में दी जा रही सहायता पर संतोष व्यक्त किया और आगे भी इस सहयोग को मजबूत करने का आश्वासन दिया।
प्रधानमंत्री डॉ. रामगुलाम ने भारत द्वारा समय-समय पर प्रदान की गई सहायता—चाहे वह कोविड-19 टीकों की आपूर्ति हो, या बुनियादी ढांचे में सहयोग—के लिए आभार व्यक्त किया और द्विपक्षीय साझेदारी को “भरोसे पर आधारित” करार दिया।
अंतरराष्ट्रीय योग दिवस में भागीदारी की सराहना
प्रधानमंत्री मोदी ने 11वें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस में प्रधानमंत्री डॉ. रामगुलाम की सक्रिय और पूरे दिल से भागीदारी की सराहना की। उन्होंने कहा कि मॉरीशस में योग दिवस का उत्सव न केवल भारत-मॉरीशस सांस्कृतिक साझेदारी को मजबूत करता है, बल्कि योग को वैश्विक स्वास्थ्य और शांति का माध्यम बनाने की दिशा में एक प्रेरणादायक उदाहरण भी प्रस्तुत करता है।
भारत आने का निमंत्रण
वार्ता के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने प्रधानमंत्री रामगुलाम को भारत की यात्रा के लिए आमंत्रित किया। उन्होंने कहा कि यह दौरा दोनों देशों के बीच सहयोग के नए आयाम खोलेगा। प्रधानमंत्री रामगुलाम ने इस निमंत्रण को सादर स्वीकार करते हुए शीघ्र ही यात्रा की संभावना जताई।
मजबूत होते द्विपक्षीय संबंध
भारत और मॉरीशस के संबंध केवल कूटनीतिक या आर्थिक दायरे तक सीमित नहीं हैं, बल्कि वे सांस्कृतिक, सामाजिक और मानवीय संबंधों की गहराई में भी समाए हुए हैं। भारत मॉरीशस को विश्वसनीय साझेदार मानता है और दोनों देशों ने संयुक्त रूप से विभिन्न बहुपक्षीय मंचों पर भी सहयोग किया है।
मॉरीशस, हिंद महासागर क्षेत्र में भारत का एक प्रमुख रणनीतिक सहयोगी है और समुद्री सुरक्षा से लेकर डिजिटल कनेक्टिविटी तक कई क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग निरंतर गहराता जा रहा है।
संपर्क में बने रहने की सहमति
वार्ता का समापन इस सहमति के साथ हुआ कि दोनों नेता नियमित संपर्क में बने रहेंगे और भारत-मॉरीशस संबंधों को और अधिक सुदृढ़ करने के लिए मिलकर काम करते रहेंगे।
निष्कर्ष
प्रधानमंत्री मोदी और प्रधानमंत्री रामगुलाम के बीच हुई यह टेलीफोन वार्ता न केवल आपसी विश्वास और दोस्ती की पुष्टि है, बल्कि यह भारत की “विकास सहयोग आधारित कूटनीति” का भी एक प्रभावशाली उदाहरण है। आने वाले समय में यह संवाद निश्चित रूप से भारत और मॉरीशस के बीच द्विपक्षीय संबंधों को और अधिक व्यापक और बहुआयामी बनाएगा।