एक पेड़ मां के नाम’फरीदाबाद-नोएडा एयरपोर्ट कॉरिडोर पर 17,000 वृक्ष एनएचएआई का हरित संकल्प
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एक पेड़ मां के नाम’फरीदाबाद-नोएडा एयरपोर्ट कॉरिडोर पर 17,000 वृक्ष एनएचएआई का हरित संकल्प

Admin Site | 09.07.2025 | Koto News | KotoTrust |

गौतमबुद्ध नगर : भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) ने एक बार फिर हरित भारत की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए ‘एक पेड़ मां के नाम 2.0’ अभियान के तहत फरीदाबाद-नोएडा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा कॉरिडोर पर 17,000 वृक्ष लगाने की योजना का शुभारंभ किया। इस अभियान का उद्देश्य दीर्घकालिक स्तर पर पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देना है और इसके तहत किए गए वृक्षारोपण से वायु गुणवत्ता सुधारने, पारिस्थितिकी संतुलन बनाए रखने और क्षेत्र की हरित जैव विविधता को समृद्ध करने की दिशा में ठोस परिणाम मिलने की उम्मीद है।

इस अवसर पर माननीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री श्री नितिन गडकरी, राज्य मंत्री श्री अजय टम्टा और राज्य मंत्री (कॉरपोरेट मामलों) श्री हर्ष मल्होत्रा की उपस्थिति रही। इनके साथ ही गौतम बुद्ध नगर से सांसद डॉ महेश शर्मा, जेवर विधायक श्री धीरेन्द्र सिंह, एनएचएआई अध्यक्ष श्री संतोष कुमार यादव और मंत्रालय तथा स्थानीय प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।

मंत्रीगणों ने किया वृक्षारोपण

यमुना एक्सप्रेसवे इंटरचेंज, जो फरीदाबाद-नोएडा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा मार्ग का एक प्रमुख हिस्सा है, को इस अभियान के शुभारंभ स्थल के रूप में चुना गया। यहां आयोजित समारोह में गणमान्य अतिथियों ने स्वयं वृक्ष लगाए और लोगों को पर्यावरण के प्रति जागरूक रहने का संदेश दिया। इस दौरान आसपास के विद्यालयों के छात्रों ने भी उत्साहपूर्वक भाग लेते हुए पर्यावरण संरक्षण के लिए सामूहिक संकल्प लिया।

श्री नितिन गडकरी ने इस अवसर पर कहा:

“वाहनों से उत्पन्न होने वाला प्रदूषण देश के समक्ष सबसे बड़ी पर्यावरणीय चुनौतियों में से एक है। इसे कम करने के लिए हमें वैकल्पिक ईंधन जैसे इथेनॉल को बढ़ावा देना होगा और बड़े स्तर पर वृक्षारोपण अभियान चलाने होंगे। पर्यावरण संरक्षण और सतत विकास के लिए यह अभियान एक महत्त्वपूर्ण पहल है। मैं एनएचएआई को राष्ट्रीय राजमार्गों के किनारे 5 करोड़ वृक्ष लगाने के संकल्प पर बधाई देता हूँ।”

पर्यावरण और पारिस्थितिकी को मिलेगा बढ़ावा

फरीदाबाद-नोएडा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा कॉरिडोर से दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र और जेवर स्थित नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के बीच सीधा संपर्क बढ़ेगा। इस संपर्क मार्ग के दोनों ओर किए जा रहे वृक्षारोपण से न केवल वायु प्रदूषण में कमी आएगी, बल्कि जैव विविधता को भी प्रोत्साहन मिलेगा। मिट्टी के कटाव में कमी, जल संरक्षण में सहायता, और क्षेत्र की हरित आभा में इजाफा इस अभियान के कुछ दीर्घकालिक लाभ होंगे।

एनएचएआई का यह कदम हरित विकास के एक नए मानक के रूप में देखा जा रहा है, जिससे यह कॉरिडोर हरित बुनियादी ढांचे का अग्रणी उदाहरण बनेगा।

एनएचएआई का हरित लक्ष्य और उपलब्धियां

एनएचएआई पिछले कई वर्षों से हरित राजमार्ग नेटवर्क के निर्माण की दिशा में कार्य कर रहा है। 2024-25 के लक्ष्य के अनुसार, प्राधिकरण को 60 लाख वृक्ष लगाने थे, परंतु निर्धारित संख्या से अधिक 67 लाख वृक्ष लगाए गए। इस वर्ष ‘एक पेड़ मां के नाम 2.0’ के तहत अब तक 12 लाख से अधिक वृक्ष लगाए जा चुके हैं।

एनएचएआई की हरित नीति, विशेष रूप से 2015 में प्रारंभ की गई हरित राजमार्ग नीति (Green Highways Policy) के तहत अब तक देशभर में 4.78 करोड़ वृक्ष लगाए जा चुके हैं। इसके अतिरिक्त लगभग 70,000 पेड़ों का प्रत्यारोपण किया गया है, जो पर्यावरण के प्रति इसकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

बांस, ऊर्ध्वाधर भूनिर्माण और सामूहिक भागीदारी

एनएचएआई बांस के पौधों, सघन वृक्षारोपण (dense plantation) और ऊर्ध्वाधर भूनिर्माण (vertical landscaping) जैसे नवाचारों पर भी कार्य कर रहा है, ताकि शहरों और राजमार्गों के बीच हरित गलियारे (green corridors) विकसित किए जा सकें। इसके साथ ही, विभिन्न हितधारकों – जैसे ग्राम पंचायत, स्कूल, निजी संस्थान और स्थानीय प्रशासन – को साथ लेकर वृक्षारोपण की सामूहिक संस्कृति विकसित की जा रही है।

उपयोग की पहल

एनएचएआई सड़क निर्माण में कचरे के पुनः उपयोग और वर्षा जल संचयन पर भी कार्य कर रहा है। अब तक लगभग 80 लाख टन निर्माण कचरे का उपयोग सड़कों के निर्माण में किया जा चुका है। वर्षा जल को संग्रहित कर भूजल स्तर को बनाए रखने की दिशा में भी उल्लेखनीय प्रयास किए जा रहे हैं।

लक्ष्य ‘एक पेड़ मां के नाम 2.0’ अभियान के तहत एनएचएआई का उद्देश्य देशभर में राष्ट्रीय राजमार्गों के किनारे 5 करोड़ वृक्षों का रोपण करना है। यह लक्ष्य पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक दीर्घकालिक, स्थायी और सामूहिक प्रयास को दर्शाता है, जिससे जलवायु परिवर्तन से लड़ने में मदद मिलेगी और सड़कों के किनारे हरित पट्टियों का विकास होगा।

अभियान का उद्देश्य  इस अभियान का मूल उद्देश्य पर्यावरण संतुलन बनाए रखना, वायु की गुणवत्ता में सुधार लाना, कार्बन उत्सर्जन को कम करना और जैव विविधता को बढ़ावा देना है। यह पहल जन-सहभागिता से प्रेरित है और ‘मां’ के नाम से जोड़ कर भावनात्मक रूप से भी जुड़ाव उत्पन्न करती है।

अब तक की उपलब्धि एनएचएआई ने वर्ष 2015 में हरित राजमार्ग नीति लागू करने के बाद से अब तक देश भर में कुल 4.78 करोड़ वृक्ष लगाए हैं। इसके साथ ही लगभग 70,000 वृक्षों का प्रत्यारोपण (एक स्थान से दूसरे स्थान पर सुरक्षित रूप से स्थानांतरण) भी किया गया है, जिससे पर्यावरणीय क्षति को न्यूनतम बनाए रखा गया है।

2024-25 में वृक्षारोपण: चालू वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए एनएचएआई ने 60 लाख पेड़ लगाने का लक्ष्य निर्धारित किया था, लेकिन प्राधिकरण ने इस लक्ष्य को पार करते हुए अब तक 67 लाख वृक्ष लगा दिए हैं। यह उपलब्धि संस्था की पर्यावरणीय प्रतिबद्धता और कुशल कार्यान्वयन को दर्शाती है।

2.0 संस्करण के तहत  ‘एक पेड़ मां के नाम 2.0’ अभियान के वर्तमान चरण में, यानी 2025 की पहली छमाही में ही एनएचएआई द्वारा अब तक 12 लाख से अधिक पेड़ लगाए जा चुके हैं। यह अभियान देशभर में तेजी से विस्तार पा रहा है और स्कूलों, पंचायतों, स्वयंसेवी संगठनों तथा आम नागरिकों की भागीदारी भी सुनिश्चित की जा रही है।

मुख्य फोकस इस अभियान में कुछ विशेष नवाचारों को प्राथमिकता दी जा रही है:

बांस के पौधे कम समय में बढ़ने वाले और पारिस्थितिक रूप से उपयोगी बांस के पौधों को राजमार्गों के किनारे लगाया जा रहा है।

ऊर्ध्वाधर भूनिर्माण (Vertical Landscaping)  शहरी क्षेत्रों में जगह की कमी को देखते हुए दीवारों और खंभों पर हरित आवरण विकसित किया जा रहा है।

वर्षा जल संचयन: सड़कों के निर्माण के दौरान जल संरक्षण की संरचनाएं बनाई जा रही हैं, ताकि भूजल स्तर बनाए रखा जा सके।

सामुदायिक भागीदारी  ग्राम पंचायतों, स्कूलों, स्थानीय निकायों और आम नागरिकों को वृक्षारोपण में भाग लेने के लिए प्रेरित किया जा रहा है।

इस अभियान का विशेष फोकस क्षेत्र फरीदाबाद-नोएडा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा कॉरिडोर है, विशेषकर यमुना एक्सप्रेसवे इंटरचेंज। यह क्षेत्र दिल्ली-एनसीआर को जेवर स्थित नोएडा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से जोड़ता है, और इसे हरित कॉरिडोर के रूप में विकसित किया जा रहा है, जो पर्यावरणीय संरक्षण के साथ-साथ सौंदर्यात्मक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

 

Source :PIB

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ) — ‘एक पेड़ मां के नाम 2.0’ अभियान

‘एक पेड़ मां के नाम 2.0’ अभियान क्या है?

उत्तर: यह भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) द्वारा चलाया गया एक वृक्षारोपण अभियान है, जिसका उद्देश्य पर्यावरण संरक्षण और हरित बुनियादी ढांचे के निर्माण के लिए देशभर में राष्ट्रीय राजमार्गों के किनारे वृक्ष लगाना है। यह पहल लोगों को “मां” के नाम पर एक वृक्ष लगाने के लिए प्रेरित करती है।

इस अभियान का मुख्य उद्देश्य क्या है?

उत्तर: अभियान का उद्देश्य दीर्घकालिक पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देना है, जिसमें वायु गुणवत्ता में सुधार, कार्बन उत्सर्जन में कमी, पारिस्थितिकी संतुलन बनाए रखना और जैव विविधता को समृद्ध करना शामिल है।

अब तक इस अभियान के तहत कितने वृक्ष लगाए जा चुके हैं?

उत्तर: वर्ष 2015 से अब तक NHAI द्वारा कुल लगभग 4.78 करोड़ वृक्ष लगाए जा चुके हैं और 70,000 पेड़ों का प्रत्यारोपण किया गया है। 2024-25 में अब तक 67 लाख वृक्ष लगाए जा चुके हैं।

‘2.0 संस्करण’ का क्या महत्व है?

उत्तर: ‘एक पेड़ मां के नाम 2.0’ अभियान का यह दूसरा चरण है, जिसमें 2025 के पहले छह महीनों में ही 12 लाख से अधिक वृक्ष लगाए जा चुके हैं। यह चरण और अधिक जनभागीदारी और तकनीकी नवाचारों के साथ आगे बढ़ रहा है।

इस अभियान में कौन-कौन भाग ले सकता है?

उत्तर: आम नागरिक, स्कूलों के विद्यार्थी, ग्राम पंचायतें, स्वयंसेवी संस्थाएं, निजी संस्थान और स्थानीय प्रशासन – सभी को इस अभियान में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया गया है।

यह वृक्षारोपण किन क्षेत्रों में हो रहा है?

उत्तर: यह अभियान पूरे देश में चल रहा है, लेकिन फरीदाबाद-नोएडा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा कॉरिडोर, विशेषकर यमुना एक्सप्रेसवे इंटरचेंज, इसका विशेष फोकस क्षेत्र है।

अभियान में कौन-कौन से पौधे लगाए जा रहे हैं?

उत्तर: अभियान में विशेष रूप से बांस, स्थानीय प्रजातियों, और पर्यावरण के अनुकूल पौधों को प्राथमिकता दी जा रही है। शहरी क्षेत्रों में ऊर्ध्वाधर भूनिर्माण (Vertical Landscaping) भी किया जा रहा है।

क्या यह पहल केवल वृक्ष लगाने तक सीमित है?

उत्तर: नहीं। यह पहल वृक्षारोपण के साथ-साथ वर्षा जल संचयन, सड़क निर्माण में कचरे के पुनः उपयोग, और हरित गलियारों के निर्माण जैसे कार्यों को भी समाहित करती है।

इस पहल का सामाजिक या भावनात्मक पहलू क्या है?

उत्तर: ‘मां’ के नाम पर पेड़ लगाकर यह अभियान लोगों को भावनात्मक रूप से जोड़ता है और प्रकृति के प्रति सम्मान व उत्तरदायित्व की भावना को प्रोत्साहित करता है।

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