संवादाताः कोटो न्यूज़ नेटवर्क (KNN) | गोरखपुर अभय समाज पार्टी अपने राजनीतिक सफर का एक अहम पड़ाव पार करने जा रही है। पार्टी का दसवां स्थापना दिवस 5 .09. 2025, शुक्रवार को गोरखपुर में बड़े धूमधाम से मनाया जाएगा। इस अवसर पर प्रदेश भर से कार्यकर्ताओं और नेताओं के जुटने की उम्मीद है। शत्रुघन सिंह निषाद ने कहा कि अभय समाज पार्टी की स्थापना वर्ष 2015 में सामाजिक न्याय, पिछड़े वर्गों, दलितों और वंचितों की आवाज़ को बुलंद करने के उद्देश्य से की गई थी। पिछले दस वर्षों में पार्टी ने कई उतार-चढ़ाव देखे, लेकिन जनता के बीच इसकी पकड़ लगातार मजबूत हुई है। उन्होंने बताया कि स्थापना दिवस समारोह सिर्फ औपचारिक आयोजन नहीं होगा, बल्कि इसमें पार्टी की आगामी रणनीति, नीतियों और जनहित के मुद्दों पर व्यापक चर्चा की जाएगी।
कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए पार्टी कार्यकर्ताओं ने गोरखपुर के विभिन्न इलाकों में जनसंपर्क अभियान शुरू कर दिया है। पोस्टर, बैनर और सोशल मीडिया कैंपेन के माध्यम से आमजन को कार्यक्रम में शामिल होने का निमंत्रण दिया जा रहा है। पार्टी का दावा है कि इस आयोजन में 20,000 से अधिक कार्यकर्ता और समर्थक जुटेंगे। इसमें प्रदेश और राष्ट्रीय स्तर के नेता भी शामिल होंगे। कार्यक्रम स्थल पर सुरक्षा व्यवस्था और यातायात नियंत्रण की जिम्मेदारी प्रशासन को सौंपी जाएगी, ताकि शहर की सामान्य गतिविधियों पर असर न पड़े। कार्यकर्ताओं के उत्साह में कोई कमी नहीं आने देगा।” उन्होंने आगे बताया कि इस समारोह में शिक्षा, स्वास्थ्य, बेरोज़गारी और पिछड़े वर्गों के राजनीतिक सशक्तिकरण जैसे मुद्दों पर विशेष सत्र भी आयोजित किए जाएंगे।
पृष्ठभूमि और पार्टी का सफर
अभय समाज पार्टी की नींव वर्ष 2015 में रखी गई थी। उस समय उत्तर प्रदेश की राजनीति जातीय समीकरणों और बड़ी पार्टियों की खींचतान के बीच उलझी हुई थी। ऐसे माहौल में शत्रुघन सिंह निषाद ने सामाजिक न्याय और समान अवसर के संदेश के साथ पार्टी बनाई। निषाद समुदाय और अन्य पिछड़े वर्गों को राजनीतिक मुख्यधारा में लाने की सोच इस पार्टी की रीढ़ रही है।
पिछले दस वर्षों में पार्टी ने पंचायत से लेकर विधानसभा चुनाव तक कई बार अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। हालांकि पार्टी को अभी तक बड़े स्तर पर सत्ता में भागीदारी नहीं मिली है, लेकिन स्थानीय स्तर पर इसका प्रभाव लगातार बढ़ता रहा है। खासकर गोरखपुर, महाराजगंज, देवरिया और कुशीनगर जैसे जिलों में यह पार्टी मजबूत आधार बना चुकी है।
आगामी समारोह का महत्व
दसवां स्थापना दिवस पार्टी के लिए सिर्फ औपचारिक जश्न नहीं बल्कि एक राजनीतिक मंथन का अवसर भी है। इसमें यह आकलन किया जाएगा कि अब तक की यात्रा में कौन-सी सफलताएं मिलीं और आगे किन चुनौतियों का सामना करना है। पार्टी सूत्रों के अनुसार इस मौके पर नया घोषणापत्र भी पेश किया जा सकता है, जिसमें युवाओं के रोजगार, किसानों की आय दोगुनी करने और पिछड़े वर्गों के लिए आरक्षण की मजबूती जैसे वादे शामिल होंगे।
तैयारी का खाका
समारोह की तैयारियां जोर-शोर से चल रही हैं। गोरखपुर के विभिन्न इलाकों में पार्टी कार्यकर्ताओं ने नुक्कड़ सभाएं आयोजित करनी शुरू कर दी हैं। युवा कार्यकर्ताओं ने इंस्टाग्राम रील्स और फेसबुक लाइव के जरिए जनता को जोड़ने की पहल की है।
पार्टी ने बताया कि आयोजन स्थल पर पंडाल, मंच, जनसुविधाएं और चिकित्सा शिविर भी लगाए जाएंगे। कार्यकर्ताओं की सुविधा के लिए व्यवस्था की जाएगी ताकि दूरदराज के जिलों से भी लोग आसानी से आ सकें।
प्रशासनिक सहयोग क्यों ज़रूरी
ज्ञापन में पार्टी ने यह स्पष्ट किया है कि इतनी बड़ी भीड़ जुटने की संभावना को देखते हुए ट्रैफिक नियंत्रण, सुरक्षा, बिजली और पानी की सुविधा प्रशासन द्वारा सुनिश्चित की जानी चाहिए। पार्टी ने भरोसा जताया है कि जिला प्रशासन इसे लोकतांत्रिक अधिकारों के दायरे में रहकर हर संभव मदद करेगा।
शत्रुघन सिंह निषाद का बयान
“पिछले दस वर्षों की हमारी यात्रा संघर्षपूर्ण रही है। जनता के मुद्दों को आवाज़ देते आए हैं। यह स्थापना दिवस हमारे लिए ऊर्जा का स्रोत होगा। हमारी पार्टी गरीब, मजदूर, किसान और नौजवानों की उम्मीद की किरण बनेगी। गोरखपुर इस ऐतिहासिक क्षण का साक्षी बनेगा,” – शत्रुघन सिंह निषाद।
भविष्य की रणनीति
पार्टी का फोकस आगामी विधानसभा और लोकसभा चुनावों पर रहेगा। स्थापना दिवस के मौके पर यह रणनीति भी तय की जाएगी कि किन सीटों पर पार्टी जोर-शोर से चुनाव लड़ेगी और किन मुद्दों को केंद्र में रखा जाएगा। खासकर बेरोजगारी, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं की बदहाली को लेकर पार्टी मुखर होगी।
जनता की प्रतिक्रिया
स्थानीय लोगों का कहना है कि अभय समाज पार्टी भले ही अभी मुख्यधारा की बड़ी ताकत न बनी हो, लेकिन उसने गरीब और पिछड़े वर्गों की आवाज़ को राजनीति में जगह दिलाई है। गोरखपुर के निवासी नित्यानंद निषाद ने कहा, “हम उम्मीद करते हैं कि यह पार्टी हमारी वास्तविक समस्याओं को उठाएगी और सिर्फ भाषणों तक सीमित नहीं रहेगी।”
1. स्थापना वर्ष: 2015
अभय समाज पार्टी की स्थापना वर्ष 2015 में हुई थी। उस समय प्रदेश की राजनीति में बड़ी पार्टियों का दबदबा था और छोटे-छोटे दलों को अक्सर हाशिये पर कर दिया जाता था। ऐसे दौर में शत्रुघन सिंह निषाद ने यह सोचकर पार्टी की नींव रखी कि समाज के वंचित तबके, विशेषकर निषाद समुदाय, पिछड़े वर्ग, दलित और गरीब किसानों को उनकी वास्तविक आवाज़ मिल सके। दस वर्षों की यात्रा में पार्टी ने अनेक उतार-चढ़ाव देखे, लेकिन इसने हार नहीं मानी और निरंतर जमीनी स्तर पर संघर्ष करती रही।
2. संस्थापक: शत्रुघन सिंह निषाद
अभय समाज पार्टी के संस्थापक शत्रुघन सिंह निषाद एक सामाजिक कार्यकर्ता और राजनीतिक दूरदर्शी माने जाते हैं। वे वर्षों से समाज के वंचित वर्गों के बीच काम करते आए हैं और उनकी तकलीफ़ों को करीब से देखा है। उनका मानना है कि केवल सत्ता प्राप्त करना ही राजनीति का लक्ष्य नहीं है, बल्कि समाज के उन हिस्सों तक न्याय पहुँचाना ज़रूरी है जो अब तक उपेक्षित रहे हैं। उनकी नेतृत्व क्षमता और संघर्षशील छवि ने पार्टी को मजबूत आधार दिया है। निषाद समुदाय में उनकी विशेष पकड़ है और वे युवाओं को राजनीति में सक्रिय भागीदारी के लिए लगातार प्रेरित करते हैं।
3. स्थान: गोरखपुर, उत्तर प्रदेश
गोरखपुर सिर्फ एक भौगोलिक स्थान नहीं, बल्कि अभय समाज पार्टी के लिए एक राजनीतिक केंद्र है। पार्टी की अधिकतर गतिविधियाँ यहीं से संचालित होती रही हैं। गोरखपुर को चुनने के पीछे यह कारण है कि यहाँ पार्टी का संगठनात्मक ढांचा मज़बूत है और कार्यकर्ताओं का नेटवर्क सबसे अधिक सक्रिय है। इसके अलावा गोरखपुर पूर्वांचल का ऐसा इलाका है जहाँ पिछड़े वर्गों और दलितों की बड़ी आबादी रहती है। पार्टी का मानना है कि यदि सामाजिक परिवर्तन की शुरुआत करनी है, तो उसका पहला कदम गोरखपुर से ही होना चाहिए। यही वजह है कि दसवें स्थापना दिवस का आयोजन भी यहीं रखा गया है।
4. तिथि: 5 सितंबर 2025, शुक्रवार, सुबह 11 बजे से
5 सितंबर 2025 को सुबह 11 बजे से होने वाला यह कार्यक्रम पार्टी के लिए एक ऐतिहासिक क्षण साबित होगा। दिलचस्प बात यह है कि 5 सितंबर को शिक्षक दिवस भी मनाया जाता है, और पार्टी इसे एक प्रतीकात्मक अवसर मानती है। पार्टी नेताओं का कहना है कि शिक्षक जिस तरह समाज को दिशा देते हैं, उसी तरह राजनीतिक दलों को भी समाज को नई दिशा देनी चाहिए। इस तिथि को चुनना पार्टी के विचारों को शिक्षा और समाज सुधार से जोड़ने की कोशिश है।
5. उद्देश्य: वंचितों, पिछड़ों, दलितों और समाज के कमजोर वर्गों की आवाज़ को सशक्त करना
अभय समाज पार्टी की स्थापना का सबसे बड़ा उद्देश्य यही रहा है कि समाज के वंचित, पिछड़े, दलित और गरीब वर्ग राजनीति में अपनी ताकत और पहचान बना सकें। इन वर्गों को अक्सर चुनावी राजनीति में केवल वोट बैंक की तरह इस्तेमाल किया जाता है, लेकिन उनकी समस्याओं का ठोस समाधान नहीं निकलता। पार्टी का लक्ष्य है कि इन तबकों को सिर्फ प्रतिनिधित्व ही न मिले, बल्कि उनकी भागीदारी से नीतियाँ भी बनें। शिक्षा, स्वास्थ्य, रोज़गार और सामाजिक न्याय के क्षेत्रों में इन्हें बराबरी का हक़ दिलाना ही पार्टी की प्राथमिकता है।
6. अनुमानित भीड़: 20,000 0से अधिक कार्यकर्ता और समर्थक
पार्टी ने दावा किया है कि इस बार स्थापना दिवस में 20,000 से अधिक कार्यकर्ता और समर्थक शामिल होंगे। यह संख्या सिर्फ एक आंकड़ा नहीं, बल्कि पार्टी की बढ़ती लोकप्रियता और जनाधार का संकेत भी है। आयोजन स्थल पर दूर-दराज़ के गाँवों और जिलों से लोग आएँगे। इसके लिए बसों, निजी वाहनों और रेलमार्ग से यात्रा की व्यवस्था की जा रही है। महिलाओं और युवाओं की भागीदारी विशेष रूप से बढ़ने की संभावना है, जो पार्टी की नई ऊर्जा और भविष्य की दिशा को दर्शाएगी।
7. मुख्य मुद्दे: शिक्षा, स्वास्थ्य, बेरोजगारी, सामाजिक न्याय और राजनीतिक सशक्तिकरण
स्थापना दिवस पर होने वाले विमर्श और भाषणों का केंद्रबिंदु जनता के बुनियादी मुद्दे होंगे।
शिक्षा: पार्टी का मानना है कि जब तक गरीब और पिछड़े वर्गों के बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा नहीं मिलेगी, तब तक वे मुख्यधारा से जुड़ नहीं पाएंगे।
स्वास्थ्य: ग्रामीण और पिछड़े इलाकों में अस्पताल और स्वास्थ्य सेवाओं की बदहाली पार्टी के एजेंडे में सबसे ऊपर है।
बेरोजगारी: युवा वर्ग को रोजगार देने के लिए कौशल विकास और उद्योगों की स्थापना की मांग की जाएगी।
सामाजिक न्याय: जातीय और आर्थिक असमानता को मिटाने की दिशा में ठोस पहल की जाएगी।
राजनीतिक सशक्तिकरण: दलितों, पिछड़ों और वंचितों को राजनीतिक निर्णयों में सक्रिय भागीदारी दिलाना पार्टी का मूल मंत्र है।
रिपोर्ट : कोटो न्यूज़ नेटवर्क (KNN)

