संवादाताः कोटो न्यूज़ नेटवर्क (KNN) | गोरखपुर जनपद के नहर मार्ग स्थित संत नागेश्वर पब्लिक इंटरमीडिएट कॉलेज, अशरपुर गुलरिया बाजार में शुक्रवार को अभय समाज पार्टी का दसवां स्थापना दिवस बड़े ही उत्साह और जोश के साथ मनाया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष माननीय शत्रुघन सिंह निषाद ने की, जबकि संचालन का दायित्व राष्ट्रीय सचिव फौजदार सिंह निषाद ने निभाया।
इस अवसर पर राष्ट्रीय अध्यक्ष ने अपने संबोधन में कहा कि “अभय समाज पार्टी की स्थापना का मुख्य उद्देश्य समाज के अंतिम पंक्ति के व्यक्ति तक न्याय, अधिकार और आर्थिक मजबूती पहुँचाना है।” राष्ट्रीय अध्यक्ष ने आगे कहा कि जब एक सांसद या विधायक को आजीवन पेंशन मिल सकती है, तो फिर उस वोटर को क्यों नहीं, जिसने अपने मत से लोकतंत्र की बुनियाद को खड़ा किया। उन्होंने प्रत्येक वोटर को 15000 रुपये मासिक पेंशन देने की पुरजोर मांग उठाई। उन्होंने कहा कि इस पहल से न केवल गरीब और वंचित तबके को सहारा मिलेगा, बल्कि शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार जैसे क्षेत्रों में भी आमजन को मजबूती मिलेगी। आज के दिन शिक्षक दिवस होने का विशेष उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि शिक्षा की ज्योति तभी जलती रहेगी जब समाज आर्थिक रूप से मज़बूत होगा।
इस कार्यक्रम में हजारों की संख्या में वोटरों ने अपनी भागीदारी सुनिश्चित की और पार्टी की इस वोटर पेंशन योजना के समर्थन में मांग पत्र भरकर सरकार तक आवाज़ पहुँचाने का संकल्प लिया। राष्ट्रीय अध्यक्ष ने सभी समर्थकों से अपील की कि वे इस मुहिम को घर-घर तक पहुँचाएँ, ताकि एक मज़बूत आंदोलन तैयार हो और वोटर के अधिकार को संवैधानिक मान्यता दिलाई जा सके। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि अब समय आ गया है कि लोकतंत्र के वास्तविक निर्माता यानी वोटर को भी उसी सम्मान और सुविधाओं से नवाज़ा जाए, जो चुनकर गए जनप्रतिनिधियों को मिलती हैं। कार्यक्रम में अभय समाज पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष घनश्याम निषाद, बी.डी. सहानी, राम सुमेर निषाद, ओमप्रकाश निषाद, रमाशंकर निषाद( प्रधान ), कुबेर निषाद, मिश्रीलाल निषाद, अजय सहानी, अमित निषाद, संतोष गुप्ता, रमेश निषाद, सुग्रीव सहानी समेत सैकड़ों पदाधिकारी और कार्यकर्ता उपस्थित रहे। सभी ने एक स्वर से कहा कि “वोटर पेंशन योजना ही सामाजिक न्याय और समानता का मार्ग प्रशस्त करेगी।” सभा के दौरान नारेबाजी, गीत-संगीत और जोशीले भाषणों से वातावरण गूंज उठा। मंच पर पार्टी का झंडा, बैनर और महापुरुषों के चित्र सजाए गए थे।
वोटर पेंशन योजना : लोकतंत्र की असली मजबूती
अभय समाज पार्टी ने अपने दसवें स्थापना दिवस पर जिस मुद्दे को सबसे पहले और सबसे प्रमुखता से रखा, वह है वोटर पेंशन योजना। पार्टी का मानना है कि जिस लोकतांत्रिक व्यवस्था को जिंदा रखने का श्रेय मतदाताओं को जाता है, उन्हें अब तक सिर्फ़ “वोट डालने का अधिकार” भर दिया गया है, लेकिन जीवन की बुनियादी ज़रूरतों को पूरा करने के लिए ठोस व्यवस्था नहीं की गई।
सांसदों और विधायकों को आजीवन पेंशन का अधिकार प्राप्त है। वे चाहे एक बार भी चुनाव जीतें, लेकिन उन्हें पेंशन आजीवन मिलती रहती है। सवाल यह उठता है कि जब लोकतंत्र के प्रतिनिधियों को यह विशेषाधिकार दिया गया है तो लोकतंत्र के वास्तविक निर्माता यानी वोटर को इससे क्यों वंचित रखा गया है? अभय समाज पार्टी का तर्क है कि जब तक वोटर को सम्मानजनक जीवन और आर्थिक सहारा नहीं मिलेगा, तब तक लोकतंत्र अधूरा रहेगा।
प्रत्येक वोटर को पेंशन का अधिकार
पार्टी ने स्पष्ट रूप से घोषणा की कि हर पंजीकृत वोटर को सांसद और विधायक की तरह पेंशन मिलनी चाहिए। लोकतंत्र में वोटर ही वह ताक़त है, जिसकी बदौलत सरकारें बनती और गिरती हैं। यदि वोटर मतदान न करे तो लोकतंत्र का अस्तित्व ही समाप्त हो जाएगा। ऐसे में वोटर को सिर्फ़ मतदान दिवस पर याद करना और बाद में उपेक्षित छोड़ देना लोकतंत्र के साथ अन्याय है।
₹15,000 मासिक पेंशन का प्रस्ताव
अभय समाज पार्टी ने इस अवसर पर एक ठोस प्रस्ताव भी रखा – हर वोटर को कम से कम ₹15,000 मासिक पेंशन दी जाए। यह राशि किसी उपहार या दान की तरह नहीं, बल्कि एक संवैधानिक अधिकार के रूप में दी जानी चाहिए।
इस पेंशन से लोगों को रोज़मर्रा की ज़रूरतें पूरी करने में सहूलियत मिलेगी। महंगाई, बेरोजगारी और असमानता की मार झेल रहे लाखों परिवारों को इस कदम से बड़ी राहत मिल सकती है।
गरीब और वंचित परिवारों के लिए वरदान
पार्टी ने कहा कि वोटर पेंशन योजना उन परिवारों के लिए किसी वरदान से कम नहीं होगी, जो आज भी गरीबी, अशिक्षा और बेरोजगारी की दलदल में फंसे हुए हैं। ग्रामीण क्षेत्रों के लाखों परिवार ऐसे हैं, जिनकी आजीविका खेती या दिहाड़ी मजदूरी पर निर्भर है।
यदि उन्हें पेंशन का नियमित सहारा मिलेगा, तो उनके बच्चे शिक्षा प्राप्त कर पाएँगे, स्वास्थ्य सेवाओं तक आसानी से पहुँच पाएँगे और परिवार सामाजिक रूप से मज़बूत होगा।
लोकतंत्र की जड़ों को मज़बूत करने का संकल्प
अभय समाज पार्टी का कहना है कि लोकतंत्र केवल नारे और भाषणों से नहीं चलता, बल्कि वह तभी मज़बूत होता है जब उसका वोटर मज़बूत हो। वोटर को सम्मान और सुरक्षा देने के लिए पेंशन जैसी योजनाएँ आवश्यक हैं।
जब वोटर को यह महसूस होगा कि लोकतंत्र सिर्फ़ नेताओं या पार्टियों के लिए नहीं, बल्कि उसके अपने लिए भी है, तभी लोकतंत्र की नींव मजबूत होगी।
स्थापना दिवस पर खास संदेश
अभय समाज पार्टी का दसवां स्थापना दिवस केवल एक औपचारिक कार्यक्रम नहीं था। यह एक ऐसा अवसर बना, जहाँ से समाज और राजनीति को नया संदेश दिया गया।
शिक्षा और आर्थिक मजबूती का गहरा संबंध
राष्ट्रीय अध्यक्ष शत्रुघ्न सिंह निषाद ने अपने भाषण में कहा कि शिक्षा ही किसी समाज की असली ताक़त होती है। लेकिन शिक्षा तभी संभव है जब हर परिवार आर्थिक रूप से मज़बूत हो।
गरीब परिवारों के बच्चे अक्सर आर्थिक तंगी की वजह से स्कूल छोड़ने को मजबूर हो जाते हैं। यदि वोटर पेंशन योजना लागू हो जाती है, तो घर की आर्थिक स्थिति सुधरेगी और बच्चे शिक्षा प्राप्त कर सकेंगे।
शिक्षक दिवस पर शिक्षा का महत्व
स्थापना दिवस का आयोजन संयोग से 5 सितम्बर यानी शिक्षक दिवस पर हुआ। इस मौके पर पार्टी नेताओं ने कहा कि शिक्षा की ज्योति जलाए रखना सिर्फ़ शिक्षकों का कर्तव्य नहीं, बल्कि पूरे समाज का दायित्व है।
शिक्षा के क्षेत्र को मज़बूत करने के लिए सबसे पहले परिवारों की आर्थिक स्थिति सुधारनी होगी। वोटर पेंशन इसी दिशा में सबसे सशक्त कदम हो सकता है।
वोटर पेंशन के लिए मांग पत्र
हजारों समर्थकों और कार्यकर्ताओं ने इस अवसर पर वोटर पेंशन योजना के समर्थन में मांग पत्र भरा। यह सिर्फ़ प्रतीकात्मक कदम नहीं, बल्कि एक आंदोलन की शुरुआत है। पार्टी ने कहा कि यह मांग पत्र सरकार तक पहुँचाकर संसद और विधानसभाओं में इस मुद्दे को उठाया जाएगा।
वोटर है लोकतंत्र का राजा
सभा में एक नारा बार-बार गूंजा – “वोटर है लोकतंत्र का राजा, उसे मिले समान अधिकार।”
इस नारे ने सभा को जोश और ऊर्जा से भर दिया। यह नारा केवल एक वाक्य नहीं, बल्कि एक विचारधारा का प्रतीक है।
इससे यह स्पष्ट हो गया कि पार्टी अपने आंदोलन को जन-आंदोलन के रूप में बदलने का इरादा रखती है, जिसमें वोटर अपने हक़ और सम्मान के लिए खड़ा होगा।
रिपोर्ट : कोटो न्यूज़ नेटवर्क (KNN)

