सम्पादक : निषाद कोटो न्यूज़ नेटवर्क (KNN) | भारत के सामाजिक और राजनीतिक क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले अभय समाज पार्टी के संस्थापक एवं राष्ट्रीय अध्यक्ष शत्रुधन सिंह निषाद ने इस वर्ष धनतेरस, दीपावली, छठ पूजा, कार्तिक पूर्णिमा और भईया दूज जैसे पावन पर्वों के अवसर पर समाज के सभी वर्ग के लोगों को हार्दिक शुभकामनाएँ दीं। अपने संदेश में उन्होंने न केवल पर्वों की खुशियों का उल्लेख किया, बल्कि समाज में भाईचारे, सहयोग और जनसेवा के महत्व पर भी विशेष जोर दिया। शत्रुधन सिंह निषाद ने कहा कि पर्व केवल पारिवारिक और व्यक्तिगत खुशियाँ मनाने का अवसर नहीं हैं, बल्कि यह समाज के सभी वर्गों के बीच मेल-जोल और समझदारी बढ़ाने का भी एक महत्वपूर्ण समय हैं। उन्होंने युवाओं से विशेष अपील की कि वे अपने उत्सवों और खुशियों को केवल अपने परिवार तक सीमित न रखें, बल्कि समाज के गरीब, कमजोर और जरूरतमंद वर्गों तक अपनी खुशियाँ पहुँचाएँ। उनके अनुसार, पर्वों के दौरान छोटे-छोटे सामाजिक योगदान, जैसे जरूरतमंद बच्चों को उपहार देना, वृद्धजनों की देखभाल करना, और समाज में स्वच्छता और सुरक्षा अभियानों में भाग लेना, समाज में सहानुभूति और भाईचारे की भावना को मजबूत कर सकते हैं। शत्रुधन सिंह निषाद ने जोर देकर कहा कि समाज में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए इन छोटे प्रयासों का बहुत बड़ा महत्व है। उन्होंने कहा कि जब समाज के प्रत्येक व्यक्ति में सेवा और सहयोग की भावना जागृत होगी, तभी वास्तविक सांस्कृतिक और सामाजिक विकास संभव हो सकेगा।
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि आज के समय में परंपराओं और सांस्कृतिक मूल्यों का संरक्षण अत्यंत आवश्यक है। केवल पर्व मनाना ही पर्याप्त नहीं है; हमें अपनी परंपराओं को समझकर समाज के बीच साझा करना चाहिए। शत्रुधन सिंह निषाद ने कहा कि यदि युवा पीढ़ी यह समझ ले कि खुशियाँ बाँटना और सेवा करना समाज की मजबूती का आधार है, तो इससे आने वाली पीढ़ियों के लिए भी एक सकारात्मक और सशक्त समाज का निर्माण होगा। उन्होंने बताया कि दीपावली और अन्य त्यौहार केवल रोशनी और आनंद का प्रतीक नहीं हैं, बल्कि यह समाज के सभी वर्गों के बीच सहानुभूति, मेल-जोल और सामाजिक सौहार्द बढ़ाने का अवसर हैं। उन्होंने युवाओं को विशेष रूप से प्रेरित किया कि वे डिजिटल और सामाजिक माध्यमों का उपयोग कर अपने संदेश को अधिक से अधिक लोगों तक पहुँचाएँ। उनका कहना था कि आधुनिक युग में युवा ही सबसे प्रभावशाली बदलावकर्ता हैं और उन्हें समाज में सेवा और भाईचारे की भावना फैलाने में सक्रिय भूमिका निभानी चाहिए।
शत्रुधन सिंह निषाद ने यह भी कहा कि नेपाल जैसे विविधतापूर्ण समाज में विभिन्न समुदायों और धर्मों के लोगों के बीच भाईचारा बनाए रखना अत्यंत आवश्यक है। पर्वों के अवसर पर एक-दूसरे की मदद करना और सहयोग करना समाज में स्थायी सौहार्द और शांति की नींव रखता है उन्होंने समाज के वरिष्ठ नागरिकों और युवाओं से अपील की कि वे अपने व्यक्तिगत और सामाजिक जीवन में नैतिकता, परंपरा और सेवा भाव को प्राथमिकता दें। उनका कहना था कि केवल त्योहार मनाने से समाज में स्थायी बदलाव नहीं आता, बल्कि नियमित सेवा और सहयोग से ही समाज में सकारात्मक बदलाव संभव है।
शत्रुधन सिंह निषाद ने उदाहरण देते हुए बताया कि कैसे छोटे-छोटे प्रयास जैसे जरूरतमंद बच्चों को उपहार देना, वृद्ध लोगों की मदद करना या समाज में सफाई अभियान में हिस्सा लेना बड़े सामाजिक बदलाव ला सकते हैं। उन्होंने कहा कि जब हर व्यक्ति समाज में सहयोग और सेवा की भावना को अपनाएगा, तभी वास्तविक सामाजिक और सांस्कृतिक विकास संभव होगा। अंत में, उन्होंने सभी लोगों से आग्रह किया कि वे पर्वों के दौरान खुशियों को केवल अपने घर तक सीमित न रखें, बल्कि जरूरतमंद और गरीब लोगों के बीच भी प्रसन्नता फैलाएँ। उन्होंने कहा, “छोटे प्रयास भी समाज में बड़ा बदलाव ला सकते हैं। हम सभी मिलकर नेपाल को एक सशक्त और सौहार्दपूर्ण समाज बना सकते हैं।
के राजनीतिक और सामाजिक परिदृश्य में सक्रिय भूमिका निभाने वाले अभय समाज पार्टी के संस्थापक एवं राष्ट्रीय अध्यक्ष शत्रुघन सिंह निषाद ने इस वर्ष धनतेरस, दीपावली, छठ पूजा, कार्तिक पूर्णिमा और भईया दूज जैसे पावन पर्वों के अवसर पर समाज के सभी वर्ग के लोगों को हार्दिक शुभकामनाएँ दी हैं। अपने संदेश में उन्होंने न केवल पर्वों की खुशियों का उल्लेख किया बल्कि समाज में भाईचारे, सहयोग और समाज सेवा के महत्व पर भी विशेष जोर दिया।
शत्रुघन सिंह निषाद ने कहा कि पर्व केवल व्यक्तिगत और पारिवारिक खुशियाँ मनाने का अवसर नहीं हैं। यह समाज के सभी वर्गों के बीच मेल-जोल, समझदारी और सहयोग बढ़ाने का भी एक विशेष समय है। उन्होंने स्पष्ट किया कि जब समाज के प्रत्येक व्यक्ति में सेवा और सहयोग की भावना जागृत होगी, तभी वास्तविक सामाजिक और सांस्कृतिक विकास संभव हो पाएगा। उनका यह संदेश इस समय विशेष रूप से महत्वपूर्ण है, जब समाज में आपसी भाईचारे और सहयोग की कमी महसूस की जा रही है।
उन्होंने युवाओं से विशेष अपील की कि वे अपने उत्सवों और खुशियों को केवल अपने परिवार तक सीमित न रखें। शत्रुघन सिंह निषाद ने कहा कि युवाओं की सक्रिय भागीदारी समाज में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए आवश्यक है। यदि युवा अपनी ऊर्जा और संसाधनों को समाज के कमजोर वर्गों और जरूरतमंद लोगों तक पहुँचाएँ, तो यह केवल खुशियाँ बांटने का माध्यम नहीं होगा, बल्कि समाज में सहानुभूति और भाईचारे की भावना भी मजबूत होगी।
उनके अनुसार, पर्वों के दौरान छोटे-छोटे सामाजिक योगदान, जैसे गरीब बच्चों को उपहार देना, वृद्धजनों की देखभाल करना, और समाज में स्वच्छता अभियान में भाग लेना, समाज में स्थायी बदलाव ला सकते हैं। शत्रुघन सिंह निषाद ने जोर देकर कहा कि छोटे प्रयास भी समाज में बड़ा फर्क डाल सकते हैं और यही सच्ची भावना है त्योहारों का। उन्होंने बताया कि जब व्यक्ति अपने व्यक्तिगत सुख को साझा करने के साथ दूसरों की मदद करता है, तो समाज में सहयोग और भाईचारे की संस्कृति अपने आप मजबूत हो जाती है।
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि आज के दौर में परंपराओं और सांस्कृतिक मूल्यों का संरक्षण अत्यंत आवश्यक है। केवल पर्व मनाना ही पर्याप्त नहीं है; हमें अपनी परंपराओं को समझकर समाज के बीच साझा करना चाहिए। शत्रुघन सिंह निषाद ने कहा कि यदि युवा पीढ़ी यह समझ ले कि खुशियाँ बाँटना और सेवा करना समाज की मजबूती का आधार है, तो इससे आने वाली पीढ़ियों के लिए भी एक सकारात्मक और सशक्त समाज का निर्माण होगा।
उन्होंने यह भी कहा कि दीपावली और अन्य त्यौहार केवल रोशनी और आनंद का प्रतीक नहीं हैं। यह समाज के सभी वर्गों के बीच सहानुभूति, मेल-जोल और सामाजिक सौहार्द बढ़ाने का अवसर भी हैं। पर्वों के अवसर पर गरीब और जरूरतमंदों की मदद करना समाज में सहानुभूति और भाईचारे की भावना को मजबूत करता है। शत्रुघन सिंह निषाद ने युवाओं को विशेष रूप से प्रेरित किया कि वे डिजिटल और सामाजिक माध्यमों का उपयोग कर अपने संदेश को अधिक से अधिक लोगों तक पहुँचाएँ। उनका कहना था कि आधुनिक युग में युवा ही सबसे प्रभावशाली बदलावकर्ता हैं और उन्हें समाज में सेवा और भाईचारे की भावना फैलाने में सक्रिय भूमिका निभानी चाहिए।
शत्रुघन सिंह निषाद ने यह भी बताया कि नेपाल जैसे विविधतापूर्ण समाज में विभिन्न समुदायों और धर्मों के लोगों के बीच भाईचारा बनाए रखना अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने कहा कि पर्वों के अवसर पर एक-दूसरे की मदद करना और सहयोग करना समाज में स्थायी सौहार्द और शांति की नींव रखता है। इसके साथ ही उन्होंने समाज के वरिष्ठ नागरिकों और युवाओं से अपील की कि वे अपने व्यक्तिगत और सामाजिक जीवन में नैतिकता, परंपरा और सेवा भाव को प्राथमिकता दें।
अंत में, शत्रुघन सिंह निषाद ने सभी लोगों से आग्रह किया कि वे पर्वों के दौरान खुशियों को केवल अपने घर तक सीमित न रखें, बल्कि जरूरतमंद और गरीब लोगों के बीच भी प्रसन्नता फैलाएँ। उन्होंने कहा, “छोटे प्रयास भी समाज में बड़ा बदलाव ला सकते हैं। हम सभी मिलकर नेपाल को एक सशक्त और सौहार्दपूर्ण समाज बना सकते हैं।”
उनके इस संदेश से यह स्पष्ट होता है कि पर्व केवल मनोरंजन और आनंद का माध्यम नहीं हैं, बल्कि यह सहानुभूति, सेवा और भाईचारे का प्रतीक भी हैं। शत्रुघन सिंह निषाद का यह संदेश समाज के हर वर्ग के लिए प्रेरणादायक है और युवाओं को सामाजिक जिम्मेदारी निभाने के लिए प्रेरित करता है।
रिपोर्ट : कोटो न्यूज़ नेटवर्क (KNN)

