भारत में मानसून का आगमन जहां एक ओर कृषि और जल संचयन के लिए वरदान है, वहीं दूसरी ओर यह शहरी क्षेत्रों में साफ-सफाई की जटिल समस्याएं भी उत्पन्न करता है। जल जमाव, बंद नालियां, कूड़े के ढेर और दूषित जल के कारण हर वर्ष डेंगू, मलेरिया, चिकनगुनिया, टाइफाइड, हेपेटाइटिस आदि जैसी जल व जीवाणु जनित बीमारियों का प्रकोप बढ़ता है। इन चुनौतियों से निपटने हेतु आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय द्वारा 1 से 31 जुलाई, 2025 तक ‘सफाई अपनाओ, बीमारी भगाओ’ (SABB) अभियान चलाया जा रहा है। यह पहल स्वच्छ भारत मिशन-शहरी (SBM-U) के अंतर्गत है, जिसका उद्देश्य नागरिकों और नगर निकायों को स्वास्थ्य-केंद्रित शहरी स्वच्छता अपनाने के लिए प्रेरित करना है।
अभियान की थीम: स्वच्छता के संस्कार से स्वस्थ समाज की ओर
इस वर्ष की थीम ‘स्वभाव स्वच्छता, संस्कार स्वच्छता’ के अनुरूप, SABB अभियान का फोकस नालियों की सफाई, कचरा प्रबंधन, जल जमाव से मुक्ति और नागरिकों को स्वच्छता व्यवहार अपनाने के लिए प्रेरित करना है। दोहरी रणनीति के तहत, नागरिकों और शहरी स्थानीय निकायों (ULBs) को सक्रिय भागीदारी हेतु प्रोत्साहित किया जा रहा है। इसका उद्देश्य न केवल तत्काल स्वास्थ्य जोखिमों को कम करना है, बल्कि शहरी वातावरण में सतत स्वच्छता संस्कृति को बढ़ावा देना भी है।
अभियान के प्रमुख उद्देश्य
इस अभियान का मूल उद्देश्य मानसून के दौरान उत्पन्न होने वाली बीमारियों को रोकने हेतु पूर्व-सतर्कता और व्यापक सफाई व्यवस्था सुनिश्चित करना है। इसके प्रमुख उद्देश्य निम्नलिखित हैं:
- बंद नालियों, जल जमाव और कचरे के ढेर की सफाई: मानसून के पहले और दौरान नालियों की समय से सफाई कर जलभराव रोकना, ताकि बीमारियों के स्रोत को खत्म किया जा सके।
- स्वच्छ और सुरक्षित पेयजल की पहुंच सुनिश्चित करना: बारिश के मौसम में जल स्रोतों के दूषित होने की संभावना अधिक रहती है। ऐसे में सुरक्षित पेयजल तक पहुंच सुनिश्चित कर जलजनित बीमारियों की रोकथाम की जाएगी।
- मलिन बस्तियों, स्कूलों और अधिक भीड़भाड़ वाले क्षेत्रों में विशेष निगरानी: इन क्षेत्रों में संक्रमण तेजी से फैल सकता है, इसलिए विशेष ध्यान और निगरानी का निर्देश दिया गया है।
- हाथ धोने और व्यक्तिगत स्वच्छता को जीवनशैली में शामिल करना: स्वच्छता के अच्छे व्यवहारों को आदत में बदलना अभियान का एक दीर्घकालिक लक्ष्य है।
- नागरिक भागीदारी को बढ़ावा देना और समुदाय स्तर पर जागरूकता फैलाना: स्वच्छता केवल सरकारी दायित्व नहीं, यह जनांदोलन बने, इसके लिए नागरिकों की सक्रिय भागीदारी अत्यंत आवश्यक है।
SABB के छह मंत्र:
अभियान में नागरिकों से आग्रह किया गया है कि वे निम्नलिखित छह स्वच्छता मंत्र को अपनाकर अपने स्वास्थ्य और अपने समुदाय की भलाई सुनिश्चित करें:
- स्वच्छ हाथ – साबुन या सैनिटाइज़र से नियमित रूप से हाथ धोना, विशेषकर भोजन से पहले और शौच के बाद।
- स्वच्छ घर – घर में साफ-सफाई बनाए रखना, नियमित झाड़ू-पोंछा करना, और कूड़े का सूखा-गीला पृथक्करण।
- स्वच्छ पड़ोस – मोहल्ले, गलियों, और सामुदायिक स्थानों में गंदगी न फैलाना, साफ-सफाई में भाग लेना।
- स्वच्छ शौचालय – घर या सार्वजनिक शौचालयों का नियमित उपयोग और सफाई सुनिश्चित करना।
- स्वच्छ नालियां और जलाशय – घरों के आसपास की नालियों और जलाशयों की नियमित सफाई, ताकि मच्छरों का प्रजनन न हो।
- स्वच्छ सार्वजनिक स्थान – सड़क, बाजार, बस अड्डे, रेलवे स्टेशन जैसे स्थानों को गंदा न करना और वहां सफाई के नियमों का पालन करना।
नागरिकों की भूमिका और सहभागिता:
सरकारी प्रयासों की सफलता तभी संभव है जब नागरिक उसमें भाग लें। SABB अभियान में नागरिकों से निम्नलिखित अपेक्षाएं की गई हैं:
- अपने घर और आस-पास के क्षेत्र की सफाई सुनिश्चित करें।
- पानी जमा न होने दें, जल के बर्तनों को ढंककर रखें और मच्छर जनन स्थलों को नष्ट करें।
- सूखे और गीले कचरे को अलग-अलग डस्टबिन में डालें और स्वच्छता ऐप के माध्यम से समस्याओं की रिपोर्ट करें।
- अपने बच्चों, बुजुर्गों और पड़ोसियों को स्वच्छता की जानकारी दें।
- शौचालयों का उचित उपयोग करें और खुले में शौच से बचें।
शहरी स्थानीय निकायों (ULBs) की जिम्मेदारी:
ULBs को अभियान के तहत निम्नलिखित कार्य करने का निर्देश दिया गया है:
- संवेदनशील और उच्च जोखिम वाले क्षेत्रों की पहचान करें, और वहां प्राथमिकता के आधार पर सफाई अभियान चलाएं।
- दैनिक कचरा संग्रहण, खासकर कचरा हॉटस्पॉट वाले इलाकों में सुनिश्चित करें।
- सार्वजनिक शौचालयों की नियमित सफाई और मरम्मत सुनिश्चित करें।
- विद्यालयों में जागरूकता अभियान चलाएं, जिससे बच्चों को हाथ धोने और स्वच्छता की आदतें सिखाई जा सकें।
- जलाशयों और नालियों की समय से निवारक सफाई करें ताकि जलभराव न हो।
- RWA, NGOs और अन्य सामुदायिक संस्थाओं से सहयोग करें, ताकि अधिक से अधिक लोगों तक अभियान का प्रभाव पहुंचे।
- ‘स्वच्छताम’ पोर्टल पर सभी गतिविधियों की रिपोर्टिंग करें, जिससे राष्ट्रीय स्तर पर निगरानी संभव हो सके।
डिजिटल निगरानी और स्मार्ट सिटी समन्वय:
देश के 100 स्मार्ट शहरों में विशेष प्रयोजन वाहन (SPV) और एकीकृत कमांड एवं नियंत्रण केंद्रों के माध्यम से निगरानी, आकलन और प्रतिक्रिया की व्यवस्था सुनिश्चित की गई है। इन केंद्रों से:
- सार्वजनिक स्थानों जैसे खाद्य गली, बाजार, पर्यटक स्थल की साफ-सफाई सुनिश्चित होगी।
- IoT और सेंसर आधारित निगरानी से कचरा फैलाव पर रोक लगेगी।
- बायोमेडिकल और ठोस अपशिष्ट का प्रबंधन बेहतर तरीके से होगा।
बहु-मंत्रालयी सहयोग और प्रभावी कार्यान्वयन:
SABB अभियान को बहु-मंत्रालयी सहयोग के साथ संचालित किया जा रहा है, जिसमें शामिल हैं:
- स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय
- पेयजल एवं स्वच्छता विभाग
- ग्रामीण विकास मंत्रालय
- महिला एवं बाल विकास मंत्रालय
- स्कूल शिक्षा एवं साक्षरता विभाग
इन मंत्रालयों के समन्वय से:
- बच्चों के स्वास्थ्य और स्वच्छता पर विशेष ध्यान।
- मातृ एवं शिशु देखभाल केंद्रों की स्वच्छता सुनिश्चित की जाएगी।
- जल परीक्षण और गुणवत्तापूर्ण जल आपूर्ति सुनिश्चित की जाएगी।
सफाई मित्रों के लिए विशेष सुविधाएं:
अभियान के तहत सफाई मित्रों (स्वच्छता कर्मियों) के लिए:
- पीने के लिए स्वच्छ जल की व्यवस्था।
- उनके लिए सुरक्षात्मक उपकरण, दस्ताने, मास्क, वर्दी आदि उपलब्ध कराना।
- चिकित्सा जांच और बीमा कवर की सुविधा।
जनसंपर्क, मीडिया और जागरूकता:
- जनसंपर्क अभियान: प्रचार-प्रसार हेतु पोस्टर, पंपलेट, सोशल मीडिया पोस्ट, एलईडी वैन का प्रयोग।
- विद्यालयों में कार्यक्रम: बच्चों के माध्यम से घर-घर तक संदेश पहुँचाना।
- जन भागीदारी बढ़ाने हेतु पुरस्कार योजना: साफ-सुथरे मोहल्लों, स्कूलों, बाजारों को सम्मानित करना।
- सामुदायिक संकल्प: RWA, व्यापारी संगठनों, स्वयंसेवी समूहों के साथ सामूहिक स्वच्छता संकल्प।
निष्कर्ष: स्वच्छता से स्वास्थ्य, स्वास्थ्य से समृद्धि
‘SABB अभियान 2025’ स्वच्छ भारत मिशन-शहरी के उस विजन को मूर्त रूप देता है जिसमें नागरिकों, शहरी निकायों और सरकारी विभागों के सहयोग से हर शहर, हर गली, हर घर स्वच्छ और रोगमुक्त हो।