एयर इंडिया विमान दुर्घटना के बाद तीन वरिष्ठ अधिकारियों को हटाया गया, DGCA ने की सख्त कार्रवाई

एयर इंडिया विमान दुर्घटना के बाद तीन वरिष्ठ अधिकारियों को हटाया गया, DGCA ने की सख्त कार्रवाई

भारत के नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) ने 2 जून को अहमदाबाद में हुई भयावह विमान दुर्घटना के बाद एयर इंडिया के तीन वरिष्ठ अधिकारियों को तत्काल प्रभाव से हटाने का आदेश जारी किया है

भारतीय मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, DGCA ने डिविजनल वाइस प्रेसिडेंट चूड़ा सिंह, क्रू शेड्यूलिंग की चीफ मैनेजर पिंकी मित्तल, और क्रू शेड्यूलिंग में शामिल पायल अरोड़ा को नागरिक उड्डयन सुरक्षा प्रोटोकॉल के गंभीर उल्लंघन के चलते पद से हटाने का निर्देश दिया है।

DGCA की सख्ती: 10 दिनों में रिपोर्ट मांगी गई

DGCA ने एयर इंडिया को इन तीनों अधिकारियों के खिलाफ आंतरिक अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू करने का भी निर्देश दिया है और कहा है कि 10 दिनों के भीतर कार्रवाई की विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत की जाए

विभाग ने यह भी चेतावनी दी है कि भविष्य में क्रू शेड्यूलिंग, लाइसेंसिंग या उड़ान घंटों से संबंधित किसी भी नियम का उल्लंघन पाया गया, तो संबंधित ऑपरेटर पर जुर्माना, लाइसेंस निलंबन या परमिट रद्द करने जैसी कड़ी कार्रवाई की जाएगी।


दुर्घटना की पृष्ठभूमि: 2 जून का काला दिन

यह कार्रवाई 2 जून को हुई उस भयावह दुर्घटना के बाद की गई है, जिसमें एयर इंडिया की फ्लाइट AI-171, एक बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर, अहमदाबाद एयरपोर्ट से उड़ान भरने के तुरंत बाद BJ मेडिकल कॉलेज और सिविल हॉस्पिटल के हॉस्टल भवन से टकरा गई थी

इस हादसे में कुल 275 लोगों की मौत हुई, जिसमें 241 लोग विमान में सवार थे और 34 लोग हॉस्टल भवन में मौजूद थे

अस्पताल प्रशासन के अनुसार, कई शव बुरी तरह क्षत-विक्षत हो गए हैं, और सभी मृतकों की डीएनए जांच के बाद ही अंतिम पुष्टि हो सकेगी


प्रारंभिक जांच में उजागर हुई खामियां

DGCA की प्रारंभिक जांच में क्रू शेड्यूलिंग में गंभीर गड़बड़ियां, अनुभवहीन क्रू की तैनाती, और निर्धारित उड़ान घंटों के उल्लंघन जैसे कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं।

यह पाया गया कि कुछ क्रू सदस्यों को लगातार उड़ानों पर तैनात किया गया, जिससे उनकी थकावट और निर्णय लेने की क्षमता पर प्रभाव पड़ा, जो इस दुर्घटना का एक संभावित कारण हो सकता है।

विमान के ब्लैक बॉक्स और अन्य तकनीकी डेटा की जांच अभी जारी है, लेकिन मानव त्रुटि और शेड्यूलिंग में लापरवाही को प्राथमिक कारक माना जा रहा है।


मृतकों के परिजनों में रोष, मुआवजे की मांग

दुर्घटना में मारे गए लोगों के परिजनों ने सरकार और एयर इंडिया से न्याय और मुआवजे की मांग की है। पीड़ित परिवारों ने सवाल उठाया है कि क्या केवल तीन अधिकारियों को हटाना ही पर्याप्त कार्रवाई है, या फिर उच्च स्तर पर जवाबदेही तय की जाएगी

कुछ सामाजिक संगठनों और विपक्षी दलों ने विमानन सुरक्षा प्रणाली की व्यापक समीक्षा की मांग की है, ताकि ऐसी घटनाएं भविष्य में न हों।


एयर इंडिया की प्रतिक्रिया

एयर इंडिया ने DGCA के निर्देशों के अनुपालन की पुष्टि करते हुए कहा है कि कंपनी पूरी तरह से जांच में सहयोग कर रही है और सुरक्षा मानकों को सर्वोच्च प्राथमिकता दे रही है। एक प्रवक्ता ने कहा:
“यह हमारे संगठन और देश के लिए एक गहरा आघात है। हम पीड़ित परिवारों के प्रति अपनी संवेदना प्रकट करते हैं और सुनिश्चित करेंगे कि भविष्य में ऐसी चूक न हो।”


DGCA की अगली कार्रवाई

DGCA अब एयर इंडिया के शेड्यूलिंग, पायलट प्रशिक्षण और मेंटेनेंस प्रोटोकॉल की गहन समीक्षा कर रहा है। विभाग ने सभी घरेलू और अंतरराष्ट्रीय विमानन कंपनियों को भी क्रू संबंधित नियमों का सख्ती से पालन करने का आदेश दिया है।

DGCA ने साफ कहा है कि भारत में विमानन सुरक्षा के साथ कोई समझौता नहीं किया जाएगा, और भविष्य में कोई भी उल्लंघन सामने आने पर कड़ी दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी।


निष्कर्ष

अहमदाबाद की यह विमान दुर्घटना भारत के विमानन इतिहास की सबसे गंभीर घटनाओं में से एक बन गई है। DGCA द्वारा तीन वरिष्ठ अधिकारियों को हटाने और सख्त कार्रवाई की शुरुआत यह दर्शाती है कि अब जवाबदेही तय करने की प्रक्रिया प्रारंभ हो चुकी है

हालांकि, विशेषज्ञ मानते हैं कि व्यापक प्रणालीगत सुधार और प्रभावी निगरानी तंत्र के बिना इस प्रकार की घटनाओं की पुनरावृत्ति को रोक पाना कठिन होगा।

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