आंध्र प्रदेश दवा फैक्ट्री में गैस रिसाव से दो मजदूरों की मौत

राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) ने आंध्र प्रदेश के अनकापल्ली जिले में 11 जून 2025 को हुई एक दवा कंपनी के अपशिष्ट उपचार संयंत्र में गैस रिसाव की घटना पर स्वत: संज्ञान लिया है, जिसमें दो कर्मचारियों की मौत हो गई और एक अन्य गंभीर रूप से घायल हो गया। यह हादसा रात्रि पाली के दौरान हुआ, जब कर्मचारी संयंत्र में कार्यरत थे।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, पीड़ित कर्मचारी जहरीली गैस के संपर्क में आने के बाद बेहोश हो गए। प्रारंभिक जांच में संदेह जताया गया है कि गैस संयंत्र की अपशिष्ट उपचार प्रक्रिया के दौरान छोड़ी गई थी। इस दुर्घटना ने न केवल श्रमिकों की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े किए हैं, बल्कि इसे मानवाधिकार उल्लंघन की गंभीर श्रेणी में भी रखा जा रहा है।


🔹 NHRC ने राज्य सरकार और पुलिस को भेजा नोटिस

राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने मामले को गंभीर मानते हुए आंध्र प्रदेश सरकार के मुख्य सचिव और अनकापल्ली जिले के पुलिस अधीक्षक को नोटिस जारी किया है। आयोग ने दो सप्ताह के भीतर विस्तृत रिपोर्ट सौंपने को कहा है।

NHRC द्वारा मांगी गई रिपोर्ट में निम्नलिखित बिंदुओं को शामिल करने का निर्देश दिया गया है:

  • घायल कर्मचारी की वर्तमान स्वास्थ्य स्थिति,

  • उसे दिए गए इलाज और देखभाल की जानकारी,

  • मृतक कर्मचारियों के परिजनों को प्रदान किया गया कोई मुआवजा,

  • कंपनी द्वारा श्रमिकों के लिए अपनाई गई सुरक्षा व्यवस्थाओं का विवरण,

  • और पुलिस द्वारा की जा रही अब तक की जांच प्रगति


🔹 मानवाधिकारों का गंभीर उल्लंघन: NHRC

आयोग का कहना है कि अगर मीडिया में आई खबरें सही हैं, तो यह मामला कर्मचारियों के जीवन और सुरक्षा से जुड़े बुनियादी मानवाधिकारों के गंभीर उल्लंघन की ओर इशारा करता है। NHRC ने कहा कि कामकाजी परिस्थितियों में सुरक्षा सुनिश्चित करना नियोक्ता और सरकार दोनों की जिम्मेदारी है।

आयोग ने इस ओर भी संकेत किया कि कई बार औद्योगिक प्रतिष्ठानों में सुरक्षा मानकों की अनदेखी की जाती है, जिससे ऐसे हादसे होते हैं, जिनसे बचा जा सकता था।


🔹 फैक्ट्री प्रबंधन पर लापरवाही के आरोप

स्थानीय सूत्रों के अनुसार, हादसे के समय संयंत्र में रात्रि पाली में केवल कुछ ही कर्मचारी तैनात थे, और उचित सुरक्षा उपकरण या गैस अलार्म प्रणाली मौजूद नहीं थी। पीड़ितों की पहचान अभी सार्वजनिक नहीं की गई है, लेकिन सूत्रों के अनुसार वे स्थानीय ग्रामीण पृष्ठभूमि से आने वाले श्रमिक थे।

कंपनी के खिलाफ औद्योगिक सुरक्षा नियमों के उल्लंघन के आरोप भी लग रहे हैं, जिन्हें पुलिस और श्रम विभाग द्वारा जांचा जा रहा है।


🔹 सामाजिक संगठनों की प्रतिक्रिया

इस हादसे पर कई सामाजिक और श्रमिक संगठनों ने चिंता जताई है और दोषी प्रबंधन के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने कहा कि औद्योगिक इकाइयों में श्रमिकों की सुरक्षा को अक्सर नजरअंदाज किया जाता है, और यह घटना एक चेतावनी है कि संबंधित विभागों को सख्त निगरानी रखनी चाहिए।


🔹 निष्कर्ष: जवाबदेही तय करना जरूरी

अनकापल्ली की यह त्रासदी केवल एक औद्योगिक दुर्घटना नहीं, बल्कि प्रशासनिक और संस्थागत लापरवाही की भी कहानी है। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की इस त्वरित पहल से आशा है कि दोषियों की पहचान होगी और पीड़ित परिवारों को न्याय मिलेगा।

अब यह देखना बाकी है कि आंध्र प्रदेश सरकार और पुलिस प्रशासन NHRC के निर्देशों पर कितनी तेजी से कार्रवाई करते हैं और प्रभावित परिवारों को क्या राहत दी जाती है।

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