
खाद्य सुरक्षा प्रशिक्षण शिविर138 व्यापारियों को मिला FSSAI मानकों का ज्ञान बोदरवार में कुशीनगर
बोदरवार, कुशीनगर | 5 जुलाई 2025 |Kushinagar News| Kushinagar news live| Kushinagar News Today|Kushinagar Murder News| Kushinagar News Update| Latest Kushinagar News| Kushinagar Live News| Breaking News| Kushinagar News Updates| Kushinagar News in Hindi|Kushinagar Crime News|UPNews|FSSAI|
कुशीनगर बोदरवार कस्बे के लिए 4 जुलाई 2025 का दिन एक ऐतिहासिक मोड़ लेकर आया, जब भारत सरकार की पहल पर आयोजित एक दिवसीय खाद्य सुरक्षा एवं प्रसंस्करण प्रशिक्षण शिविर ने स्थानीय व्यापार जगत में नई चेतना का संचार किया। पटवा मैरिज हॉल में आयोजित इस शिविर में क्षेत्र के 138 से अधिक खाद्य व्यवसायियों ने भाग लिया, जो न केवल संख्या में उल्लेखनीय था, बल्कि इसकी गुणवत्ता और उद्देश्यपूर्ण दृष्टिकोण ने भी सबका ध्यान खींचा।
इस शिविर का आयोजन पी-टैक एजुकेशनल ट्रस्ट के सहयोग से किया गया, जिसका उद्देश्य व्यापारियों को खाद्य सुरक्षा अधिनियम (FSSAI) से जुड़ी कानूनी आवश्यकताओं, नवीनतम मानकों और व्यावहारिक प्रक्रियाओं की जानकारी देना था। प्रशिक्षण का प्रमुख फोकस एक स्वस्थ, सुरक्षित और उपभोक्ता हितैषी व्यापार मॉडल को प्रोत्साहित करना था, ताकि खाद्य उत्पादों की गुणवत्ता को सुनिश्चित किया जा सके और उपभोक्ता विश्वास को सुदृढ़ किया जा सके।
कार्यक्रम की शुरुआत पंजीकरण प्रक्रिया से हुई, जिसके बाद विशेषज्ञों ने विभिन्न सत्रों के माध्यम से व्यापारियों को प्रशिक्षण प्रदान किया। खाद्य सुरक्षा अधिकारियों और विषय विशेषज्ञों ने खाद्य उत्पादन, भंडारण, प्रसंस्करण और वितरण की विभिन्न प्रक्रियाओं में अपनाई जाने वाली स्वच्छता एवं गुणवत्ता नियंत्रण तकनीकों को विस्तार से समझाया। विशेष रूप से लेबलिंग प्रक्रिया, एक्सपायरी डेट, फूड ग्रेड पैकेजिंग और फूड सेफ्टी मैनेजमेंट सिस्टम (FSMS) पर गहन चर्चा हुई।
शिविर के दौरान व्यापारियों को इंटरएक्टिव गतिविधियों के माध्यम से प्रशिक्षण दिया गया, जिससे वे न केवल सैद्धांतिक ज्ञान बल्कि व्यावहारिक अनुभव भी प्राप्त कर सकें। उपस्थित प्रतिभागियों को बताया गया कि कैसे वे फूड सेफ्टी स्टैंडर्ड्स का पालन करते हुए अपने व्यवसाय को अधिक जिम्मेदार और ग्राहकों के अनुकूल बना सकते हैं।
विशेषज्ञों ने यह भी बताया कि भारत सरकार द्वारा चलाए जा रहे ईट राइट इंडिया, फूड लाइसेंसिंग ऑनलाइन पोर्टल, और फूड टेस्टिंग लैब्स जैसी योजनाओं का किस प्रकार से स्थानीय व्यापारी लाभ उठा सकते हैं। शिविर का एक अन्य उद्देश्य यह भी था कि छोटे दुकानदार और स्ट्रीट वेंडर भी फूड सेफ्टी की मूल बातों को समझें और उन्हें लागू करें।
कार्यक्रम के अंत में सभी 138 प्रतिभागियों को प्रशिक्षण प्रमाणपत्र प्रदान किए गए। कई व्यापारियों ने इस शिविर को “आंखें खोलने वाला” अनुभव बताया और भविष्य में भी ऐसे आयोजनों की आवश्यकता पर बल दिया।
डॉ. राकेश सिंह द्वारा प्रशिक्षण की मुख्य बातें
कार्यक्रम के मुख्य प्रशिक्षक डॉ. राकेश कुमार सिंह, जो एक प्रसिद्ध खाद्य सुरक्षा विशेषज्ञ हैं, ने अपने वक्तव्य में कहा,
“खाद्य सुरक्षा केवल एक कानूनी प्रक्रिया नहीं, बल्कि सामाजिक जिम्मेदारी है। जब तक खाद्य व्यवसाय से जुड़े लोग इन मानकों की जानकारी नहीं रखते, तब तक उपभोक्ताओं की सुरक्षा अधूरी रह जाती है।”
उन्होंने प्रतिभागियों को बताया कि कैसे FSSAI (भारतीय खाद्य संरक्षा एवं मानक प्राधिकरण) द्वारा निर्धारित मानकों का पालन करते हुए व्यवसाय करना न केवल कानूनी सुरक्षा प्रदान करता है, बल्कि ग्राहकों के विश्वास को भी मजबूत करता है।
डॉ. सिंह ने खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2006, लाइसेंसिंग और रजिस्ट्रेशन प्रक्रियाओं, स्वच्छता और सैनिटेशन मापदंड, और खाद्य उत्पादों के भंडारण, वितरण तथा लेबलिंग से जुड़ी व्यवहारिक जानकारियां साझा कीं। उन्होंने कहा,
“जब व्यापारियों को पूरी जानकारी होती है, तो वे ग्राहकों को सुरक्षित और गुणवत्तापूर्ण सेवा दे सकते हैं। अधूरी जानकारी अक्सर व्यापार के लिए नुकसानदायक साबित होती है।”
उन्होंने खाद्य पदार्थों की पैकेजिंग, लेबलिंग, तापमान नियंत्रण, रसोई की सफाई, उपकरणों की स्वच्छता, और कर्मचारियों के प्रशिक्षण जैसे बिंदुओं पर गहराई से चर्चा की।
जिला समन्वयक की अपील और सरकारी दृष्टिकोण
जिला समन्वयक श्री संतोष कुमार चौधरी ने मंच से व्यापारियों को संबोधित करते हुए कहा कि भारत सरकार का लक्ष्य है कि देश का हर खाद्य विक्रेता खाद्य सुरक्षा अधिनियम के प्रति जागरूक हो और उसके अनुसार कार्य करे। उन्होंने कहा,
“खाद्य सुरक्षा केवल सरकार की जिम्मेदारी नहीं, यह हर व्यापारी की व्यक्तिगत जिम्मेदारी है। जो लोग इस जानकारी से लैस हैं, वे अपने ग्राहकों की सेहत के संरक्षक बनते हैं।”
चौधरी ने यह भी बताया कि सरकार द्वारा अब गांव और कस्बों में भी इस प्रकार के प्रशिक्षण शिविरों की श्रृंखला चलाई जा रही है, जिससे ग्रामीण व्यापारियों को भी बड़े शहरों के समान जानकारी और प्रशिक्षण मिल सके। उन्होंने उपस्थित व्यापारियों से आह्वान किया कि वे इस कार्यक्रम से प्राप्त ज्ञान को अपने आस-पास के अन्य व्यापारियों तक भी साझा करें, ताकि एक सामूहिक जागरूकता का वातावरण निर्मित हो सके।
उन्होंने घोषणा की कि अगला खाद्य सुरक्षा प्रशिक्षण शिविर बहुत जल्द आयोजित किया जाएगा और इसके लिए पूर्व पंजीकरण की व्यवस्था की जाएगी ताकि अधिक से अधिक लोग इसका लाभ ले सकें।
व्यापारियों की सक्रिय भागीदारी
इस प्रशिक्षण शिविर में बोदरवार के साथ-साथ आसपास के गांवों और कस्बों से कई प्रमुख खाद्य व्यापारी, होटल संचालक, डेयरी व्यवसायी, मिठाई विक्रेता और किराना व्यापारियों ने भाग लिया। कुछ प्रमुख नामों में शैलेश साहनी, राजेश कुमार गुप्त, जगदंबा सिंह, शिव पररसन, महाराजा मद्धेशिया, सुरेंद्र गुप्ता, ओमप्रकाश बरनवाल, वीरेंद्र मद्धेशिया, दिलीप कुमार, संदीप गुप्त, उमाशंकर पांडेय, बेगलाल मोदनवाल, हरदेव गुप्ता, आदित्य और राहुल प्रमुख रहे।
इन व्यापारियों ने प्रशिक्षण को अत्यंत उपयोगी बताते हुए कहा कि उन्हें पहली बार खाद्य सुरक्षा अधिनियम, उपभोक्ता अधिकारों, लेबलिंग नियमों और गुणवत्ता नियंत्रण के बारे में इतने विस्तार से जानकारी मिली है।
एक स्थानीय मिठाई व्यापारी ने कहा,
“अब तक हम केवल अनुमान के आधार पर व्यापार कर रहे थे, लेकिन अब हमें पता चला कि किन बातों को ध्यान में रखकर हम अपने ग्राहकों को सुरक्षित खाद्य उत्पाद दे सकते हैं।”
दूसरे व्यापारी ने जोड़ा,
“ऐसे कार्यक्रम यदि साल में दो बार नियमित रूप से हों तो हम समय-समय पर अपडेट रह सकते हैं और हमारे व्यवसाय को भी नया दृष्टिकोण मिलेगा।”
लेबलिंग में पारदर्शिता की सीख
शिविर का मुख्य आकर्षण था लेबलिंग प्रक्रिया की गहन जानकारी।
प्रशिक्षक डॉ. सिंह ने बताया कि किसी भी खाद्य उत्पाद की पैकेजिंग, निर्माण तिथि, एक्सपायरी, बैच नंबर, अवयवों की सूची, और पोषण जानकारी को सही व पारदर्शी तरीके से दर्शाना अनिवार्य है।
उन्होंने जोर दिया कि,
स्वच्छता और सुरक्षित भंडारण का महत्व
शिविर में प्रतिभागियों को यह भी बताया गया कि खाद्य वस्तुओं को स्वच्छ, धूल-मुक्त, और तापमान नियंत्रित स्थानों पर ही संग्रहित किया जाना चाहिए।
खुले में रखे खाद्य पदार्थ जहां उपभोक्ताओं के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हैं, वहीं यह एफएसएसएआई के मानकों का सीधा उल्लंघन भी है।
प्रशिक्षण से जागरूकता की पहल: जिला समन्वयक
जिला समन्वयक श्री चौधरी ने सभी प्रतिभागियों से आग्रह किया कि वे इस प्रशिक्षण को केवल व्यक्तिगत जानकारी तक सीमित न रखें।
उन्होंने कहा:
“यह प्रशिक्षण सिर्फ व्यापार की गुणवत्ता सुधारने का माध्यम नहीं है, बल्कि यह सामाजिक जागरूकता फैलाने की जिम्मेदारी भी है। हर व्यापारी अपने ग्राहक के स्वास्थ्य का रक्षक है।”
व्यापारियों की सकारात्मक प्रतिक्रिया
शिविर में उपस्थित अधिकांश व्यापारियों ने इस प्रयास की सराहना की और इसे अपने दैनिक व्यापार संचालन में क्रांतिकारी बदलाव लाने वाला बताया।
कुशीनगर निवासी खाद्य व्यवसायी श्री अनिल वर्मा ने कहा:
“हमें अक्सर एफएसएसएआई मानकों की जटिलता समझ नहीं आती थी, पर इस शिविर ने हर बात स्पष्ट कर दी। ऐसे शिविर समय-समय पर होने चाहिए।”