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BRICS शिखर सम्मेलन का भव्य शुभारंभ प्रधानमंत्री मोदी ने दिया साझा विकास और वैश्विक सहयोग का संदेश

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज रविवार को 17वें BRICS शिखर सम्मेलन में भाग लेते हुए विश्व मंच पर भारत की वैश्विक दृष्टिकोण और सहयोगात्मक सोच को रेखांकित किया। ब्राजील के प्रतिष्ठित म्यूजियम ऑफ मॉडर्न आर्ट में आयोजित पारंपरिक फैमिली फोटो सेशन में प्रधानमंत्री मोदी BRICS के सभी पुराने और नए सदस्य देशों के नेताओं के साथ खड़े नजर आए। इस सत्र ने वैश्विक एकता, साझा विकास और बहुपक्षीय सहयोग का प्रतीकात्मक संदेश दिया।

इस बार का BRICS शिखर सम्मेलन विशेष रूप से ऐतिहासिक माना जा रहा है क्योंकि यह सम्मेलन संगठन में नए सदस्य देशों को शामिल किए जाने के बाद पहली बार आयोजित किया गया है। ब्रिक्स अब अपने मूल पांच सदस्यों — ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका — के साथ-साथ नए सात देशों — मिस्र, इथियोपिया, ईरान, संयुक्त अरब अमीरात (UAE), इंडोनेशिया, सऊदी अरब और अर्जेंटीना — के साथ विस्तारित हो चुका है।

BRICS शिखर सम्मेलन का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, ब्राजील के राष्ट्रपति लुइज इनासियो लूला दा सिल्वा, दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामाफोसा, और अन्य सात नए सदस्य देशों के राष्ट्राध्यक्षों की उपस्थिति में हुआ। इस अवसर पर सभी नेताओं ने पारंपरिक पारिवारिक फोटो के लिए एक साथ खड़े होकर वैश्विक सहयोग और आपसी विश्वास का प्रदर्शन किया।

प्रधानमंत्री मोदी ने एक्स (पूर्व ट्विटर) पर साझा किए गए संदेश में कहा, “ब्रिक्स नेताओं के साथ रियो-डी-जेनेरियो में हमने साझा विकास और सहयोग की प्रतिबद्धता दोहराई। BRICS में एक समावेशी और न्यायसंगत वैश्विक भविष्य को आकार देने की अपार क्षमता है।” इस वक्तव्य के माध्यम से उन्होंने BRICS को भविष्य की वैश्विक व्यवस्था के निर्माण में एक केंद्रीय भूमिका के रूप में प्रस्तुत किया।

फोटो सेशन से पहले प्रधानमंत्री मोदी ने दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामाफोसा से एक संक्षिप्त लेकिन गर्मजोशी भरी मुलाकात की। उन्होंने कहा, “मेरे मित्र राष्ट्रपति सिरिल रामाफोसा से मिलकर अच्छा लगा।” इसके अलावा, ब्राजील पहुंचने पर उन्होंने मेज़बान राष्ट्रपति लूला दा सिल्वा से आत्मीयता के साथ गले मिलते हुए मुलाकात की। प्रधानमंत्री ने लिखा, “इस वर्ष के ब्रिक्स शिखर सम्मेलन की मेजबानी के लिए राष्ट्रपति लूला के आभारी हैं। BRICS वैश्विक भलाई और आर्थिक सहयोग के लिए एक मजबूत ताकत बना हुआ है।”

इन मुलाकातों के माध्यम से भारत ने यह संकेत दिया कि वह केवल समूह की बैठकों में ही नहीं, बल्कि व्यक्तिगत स्तर पर भी अपने रणनीतिक साझेदारों के साथ घनिष्ठ संबंध बनाए रखना चाहता है।

9 जुलाई तक चलने वाले इस तीन दिवसीय शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री मोदी विभिन्न महत्वपूर्ण वैश्विक मुद्दों पर अपने विचार प्रस्तुत करेंगे। इनमें शांति और सुरक्षा, बहुपक्षीय विश्व व्यवस्था को मजबूत बनाना, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का जिम्मेदार उपयोग, जलवायु परिवर्तन से निपटना, वैश्विक स्वास्थ्य सुधार, तथा आर्थिक व वित्तीय सहयोग जैसे अहम विषय शामिल हैं।

MEA (भारतीय विदेश मंत्रालय) ने एक आधिकारिक बयान में कहा, “सम्मेलन में वैश्विक चुनौतियों का समाधान करने और साझी मूल्यों को बढ़ावा देने की सामूहिक प्रतिबद्धता दोहराई गई है।”

विशेष रूप से आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर हो रही चर्चा में भारत अपनी AI for Good नीति को प्रस्तुत करेगा। यह नीति AI के सतत, समावेशी और मानव-केंद्रित विकास को प्राथमिकता देती है।

BRICS का यह विस्तारित संस्करण अब वैश्विक जीडीपी का लगभग 36% और विश्व की 47% जनसंख्या का प्रतिनिधित्व करता है। भारत की भूमिका इस समूह में एक सेतु के रूप में देखी जा रही है जो वैश्विक दक्षिण और वैश्विक उत्तर के बीच संवाद स्थापित कर सकता है।

प्रधानमंत्री मोदी ने अपने वक्तव्य में कहा, “BRICS अब विश्व के विकासशील देशों की आवाज़ है। यह मंच हमारे साझा हितों और लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए प्रभावी उपकरण बनता जा रहा है।” उन्होंने इस मंच को वैश्विक शासन संस्थाओं में सुधार और विकासशील देशों की भागीदारी सुनिश्चित करने का अवसर भी बताया।

विशेषज्ञों के अनुसार, भारत BRICS के भीतर डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचे (Digital Public Infrastructure), जलवायु वित्त और खाद्य सुरक्षा जैसे क्षेत्रों में नेतृत्व कर सकता है। यह समूह वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी ध्रुव के रूप में उभरने की संभावना रखता है।

ब्राजील के रियो-डी-जेनेरियो शहर में 7 से 9 जुलाई 2025 के बीच आयोजित 17वां BRICS शिखर सम्मेलन कई मायनों में ऐतिहासिक साबित हुआ। यह सम्मेलन न केवल संगठन के विस्तार का प्रतीक बना, बल्कि इसके माध्यम से वैश्विक सहयोग, विकास और बहुपक्षीय व्यवस्था को नया दिशा देने की पहल भी की गई। इस बार BRICS में सात नए देशों को शामिल किया गया, जिससे यह समूह अब 12 सदस्यीय संगठन में परिवर्तित हो चुका है।

भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की इस सम्मेलन में भूमिका काफी अहम रही। उन्होंने विभिन्न सत्रों में मुख्य वक्ता के रूप में भाग लिया और भारत के दृष्टिकोण को प्रभावशाली ढंग से प्रस्तुत किया।

इस लेख में हम सम्मेलन की प्रमुख झलकियों को सरल और विस्तृत रूप में प्रस्तुत कर रहे हैं:

 

इस वर्ष का BRICS सम्मेलन ब्राजील के प्रसिद्ध शहर रियो-डी-जेनेरियो में आयोजित हुआ।
सम्मेलन स्थल के रूप में म्यूजियम ऑफ मॉडर्न आर्ट (Museum of Modern Art) का चयन किया गया, जो अपने सांस्कृतिक महत्व और आधुनिक वास्तुकला के लिए प्रसिद्ध है। इसने सम्मेलन को एक भव्य और प्रतीकात्मक मंच प्रदान किया।

 

यह सम्मेलन 7 जुलाई से 9 जुलाई 2025 तक तीन दिनों तक चला।
इन तीन दिनों में सदस्य देशों के राष्ट्राध्यक्षों और प्रतिनिधियों ने कई द्विपक्षीय और बहुपक्षीय बैठकें कीं, और महत्वपूर्ण वैश्विक मुद्दों पर गहन विमर्श हुआ।

 

BRICS का यह सम्मेलन इसलिए भी ऐतिहासिक था क्योंकि इसमें पहली बार संगठन का औपचारिक विस्तार हुआ। सात नए देशों को सदस्यता दी गई:

मिस्र (Egypt)

इथियोपिया (Ethiopia)

ईरान (Iran)

संयुक्त अरब अमीरात (UAE)

इंडोनेशिया (Indonesia)

सऊदी अरब (Saudi Arabia)

अर्जेंटीना (Argentina)

इन नए सदस्यों के जुड़ने से BRICS अब और अधिक वैश्विक प्रतिनिधित्व वाला मंच बन चुका है, जो विविध भौगोलिक क्षेत्रों और आर्थिक प्रणालियों का समावेश करता है।

 

इस सम्मेलन में निम्नलिखित अहम वैश्विक विषयों पर चर्चा हुई:

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI): इसके जिम्मेदार और नैतिक उपयोग को सुनिश्चित करने की दिशा में नीतिगत रूपरेखा पर बात हुई।

जलवायु परिवर्तन: टिकाऊ विकास और हरित ऊर्जा को बढ़ावा देने के उपायों पर चर्चा की गई।

वैश्विक स्वास्थ्य प्रणाली: महामारी के अनुभवों से सीख लेते हुए एक मजबूत और लचीली स्वास्थ्य व्यवस्था विकसित करने पर जोर दिया गया।

बहुपक्षवाद: संयुक्त राष्ट्र और अन्य वैश्विक संस्थानों में सुधार और समान भागीदारी की मांग उठाई गई।

आर्थिक और वित्तीय सहयोग: विकासशील देशों के लिए वित्तीय सहायता, निवेश और व्यापार बढ़ाने की दिशा में सहमति बनी।

 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सम्मेलन में भारत का पक्ष बड़ी कुशलता और आत्मविश्वास के साथ रखा।

उन्होंने सम्मेलन में मुख्य वक्ता के रूप में भाग लिया।

उन्होंने बहुपक्षीय संवाद, विकासशील देशों की आवाज़, और साझा भविष्य की आवश्यकता पर बल दिया।

प्रधानमंत्री ने “AI for Good”, डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर, और सस्टेनेबल डेवलपमेंट के भारतीय मॉडल को वैश्विक मंच पर प्रस्तुत किया।

इसके अलावा उन्होंने दक्षिण अफ्रीका और ब्राजील के राष्ट्रपतियों के साथ महत्वपूर्ण द्विपक्षीय मुलाकातें भी कीं।

 

BRICS अब एक 12 सदस्यीय संगठन बन चुका है, जिसका वैश्विक महत्व लगातार बढ़ रहा है।

यह समूह अब विश्व की कुल GDP का लगभग 36% और

विश्व की कुल जनसंख्या का 47% प्रतिनिधित्व करता है।

BRICS अब न केवल एक आर्थिक गठबंधन है, बल्कि यह एक वैश्विक वैकल्पिक शक्ति केंद्र के रूप में उभर रहा है, जो विकासशील और नवोन्मेषी देशों की आवाज़ को बल देता है।

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