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सखुवा प्रसौनी के समाजसेवी चन्दन सहनी निषाद ने दी दिवाली की हार्दिक शुभकामनाएँ

चन्दन सहनी निषाद

चन्दन सहनी निषाद

सम्पादक : निषाद कोटो न्यूज़ नेटवर्क (KNN) ,सखुवा प्रसौनी, पर्सा, नेपाल | सखुवा प्रसौनी गाउँपालिका, पर्सा। नेपाली समाज और विशेषकर निषाद समाज के प्रमुख समाजसेवी चन्दन सहनी निषाद ने इस वर्ष के दिवाली पर्व के अवसर पर सभी प्रदेशवासियों और समाज के लोगों को हार्दिक शुभकामनाएँ दी हैं। उन्होंने कहा कि दीपावली केवल रोशनी का त्योहार नहीं है, बल्कि यह ज्ञान, प्रेम और भाईचारे का प्रतीक भी है। चन्दन सहनी निषाद ने अपने सन्देश में समाज के सभी वर्ग के लोगों को आपसी मेलजोल, सहयोग और समाजसेवा का संदेश भी दिया। चन्दन सहनी निषाद ने अपने संदेश में यह भी कहा कि दिवाली का त्यौहार न केवल व्यक्तिगत खुशियों का प्रतीक है, बल्कि यह सामाजिक समरसता और एकता का भी प्रतीक है। उन्होंने गाँव के युवा वर्ग को प्रेरित किया कि वे अपने जीवन में सामाजिक उत्तरदायित्व को समझें और समाज के विकास में अपनी भूमिका निभाएँ। उनके अनुसार, पर्वों का मूल उद्देश्य केवल अपने घर में खुशियाँ मनाना नहीं है, बल्कि समाज में प्रेम और सद्भाव फैलाना भी है।

चन्दन सहनी निषाद ने विशेष रूप से उल्लेख किया कि इस दिवाली सभी परिवारों को अपने घर और गाँव में साफ-सफाई, पर्यावरण सुरक्षा और सामाजिक सहयोग का ध्यान रखना चाहिए। उन्होंने कहा कि दीपावली में अगर हम केवल रोशनी जलाएँ और दूसरों की मदद न करें, तो त्योहार का वास्तविक महत्व नहीं समझा जा सकता। इसके साथ ही उन्होंने आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लोगों की मदद करने की भी अपील की। समाज के वरिष्ठ सदस्य और युवा दोनों ही चन्दन सहनी के संदेश से काफी प्रभावित हुए। उन्होंने कहा कि ऐसे समाजसेवी ही समाज में सच्ची एकता और भाईचारे का संदेश फैला सकते हैं। दिवाली के अवसर पर चन्दन सहनी ने गाँव के बच्चों, बुजुर्गों और महिला वर्ग के लिए विशेष कार्यक्रमों और सांस्कृतिक आयोजनों की भी योजना बनाई है, जिससे सभी को त्योहार की खुशियाँ समान रूप से मिल सकें।

समाजसेवी चन्दन सहनी निषाद ने दिवाली पर साझा किया समाज के लिए संदेश

सखुवा प्रसौनी गाउँपालिका, पर्सा। इस वर्ष के दिवाली पर्व के अवसर पर समाजसेवी चन्दन सहनी निषाद ने सभी प्रदेशवासियों और गाँववासियों को हार्दिक शुभकामनाएँ दी। चन्दन सहनी ने अपने संदेश में कहा कि दिवाली केवल रोशनी का त्योहार नहीं है, बल्कि यह समाज में समानता, भाईचारा और सहयोग का प्रतीक भी है। उन्होंने अपने सन्देश में सभी वर्ग के लोगों से आग्रह किया कि इस अवसर पर वे केवल अपने परिवार की खुशियों तक सीमित न रहें, बल्कि समाज के गरीब, जरूरतमंद और वृद्ध लोगों तक अपनी मदद पहुँचाएँ।

चन्दन सहनी निषाद ने विशेष रूप से युवाओं को सामाजिक जिम्मेदारी निभाने की अपील की। उन्होंने कहा कि गाँव के युवा ही समाज के भविष्य के निर्माता हैं और उनके कार्यों से ही समाज में सकारात्मक बदलाव संभव है। उन्होंने युवा वर्ग से कहा कि वे केवल व्यक्तिगत सफलता में ही न उलझें, बल्कि समाज के विकास और सहयोग में भी अपनी भूमिका निभाएँ। उनके अनुसार, युवा ही वे लोग हैं जो गाँव की समस्याओं को समझकर उन्हें हल कर सकते हैं, और गाँव के हर व्यक्ति तक खुशियों और आशा की किरण पहुँचा सकते हैं।

इसके अलावा, चन्दन सहनी निषाद ने दिवाली के अवसर पर साफ-सफाई और पर्यावरण सुरक्षा पर भी विशेष जोर दिया। उन्होंने कहा कि दीपावली का असली महत्व तब ही है जब हम अपने वातावरण को स्वच्छ और सुरक्षित बनाएँ। उन्होंने गाँववासियों से अपील की कि वे त्योहार में केवल अपने घर को सजाएँ बल्कि आसपास के क्षेत्र, गली-मोहल्ले और सार्वजनिक स्थानों की भी सफाई करें। इसके साथ ही उन्होंने पटाखों के प्रयोग को कम करने और पर्यावरण को बचाने के उपायों को अपनाने की सलाह दी। उनके अनुसार, यह कदम न केवल स्वास्थ्य के लिए लाभकारी है बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए सुरक्षित वातावरण सुनिश्चित करता है।

चन्दन सहनी निषाद ने सांस्कृतिक कार्यक्रमों और सामुदायिक सहयोग के माध्यम से दिवाली की खुशियाँ साझा करने की योजना भी बनाई है। उन्होंने बताया कि गाँव के सभी वर्ग के लोग, चाहे बच्चे हों, बुजुर्ग हों या महिलाएँ, सभी मिलकर त्योहार की रौनक और उत्सव को महसूस कर सकेंगे। इसके लिए उन्होंने विशेष कार्यक्रमों का आयोजन करने की बात कही है, जिसमें दीपक जलाने की परंपरा, सामूहिक भजन-कीर्तन, नृत्य और खेल प्रतियोगिताएँ शामिल हैं। उनका उद्देश्य सिर्फ त्योहार मनाना नहीं, बल्कि गाँव में सामाजिक मेलजोल, सहयोग और भाईचारे की भावना को मजबूत करना भी है।

समाज के लोग चन्दन सहनी के इस संदेश से प्रेरित हुए हैं। उन्होंने माना कि ऐसे समाजसेवी ही गाँव में सकारात्मक परिवर्तन लाने और सभी वर्ग के लोगों तक खुशियाँ पहुँचाने में सक्षम होते हैं। दिवाली का त्योहार केवल रोशनी और मिठाइयों का पर्व नहीं है, बल्कि यह सामाजिक चेतना, सहयोग और आपसी सद्भाव का भी प्रतीक है। चन्दन सहनी के प्रयास से इस बार गाँव में दिवाली केवल व्यक्तिगत खुशी का उत्सव नहीं, बल्कि सामुदायिक समरसता और सामाजिक चेतना का पर्व भी बन रहा है।

Q1. चन्दन सहनी निषाद ने दिवाली पर किसे शुभकामनाएँ दी?
A1. चन्दन सहनी ने इस वर्ष के दिवाली पर्व के अवसर पर सखुवा प्रसौनी गाउँपालिका के सभी प्रदेशवासियों, गाँववासियों और समाज के लोगों को हार्दिक शुभकामनाएँ दीं।

Q2. उन्होंने दिवाली के महत्व के बारे में क्या कहा?
A2. चन्दन सहनी ने कहा कि दिवाली केवल रोशनी का त्यौहार नहीं है, बल्कि यह ज्ञान, प्रेम, भाईचारे, सामाजिक समरसता और एकता का प्रतीक भी है।

Q3. युवाओं के लिए उनका संदेश क्या था?
A3. उन्होंने युवाओं को सामाजिक जिम्मेदारी निभाने और अपने जीवन में समाज के विकास में सक्रिय भूमिका निभाने के लिए प्रेरित किया। उनके अनुसार, युवा ही वे लोग हैं जो गाँव की समस्याओं को समझकर उन्हें हल कर सकते हैं और समाज में सकारात्मक बदलाव ला सकते हैं।

Q4. दिवाली पर पर्यावरण और सफाई के बारे में क्या सलाह दी गई?
A4. चन्दन सहनी ने कहा कि दिवाली पर साफ-सफाई और पर्यावरण सुरक्षा पर ध्यान देना आवश्यक है। उन्होंने गाँववासियों से अपील की कि वे केवल अपने घर को सजाएँ नहीं, बल्कि गली-मोहल्ले और सार्वजनिक स्थानों की भी सफाई करें और पटाखों के कम प्रयोग से पर्यावरण को सुरक्षित रखें।

Q5. उन्होंने गाँव में त्योहार को और कैसे खास बनाने की योजना बनाई?
A5. उन्होंने सांस्कृतिक कार्यक्रम और सामुदायिक सहयोग के माध्यम से त्योहार की खुशियाँ साझा करने की योजना बनाई। इसके तहत दीपक जलाना, सामूहिक भजन-कीर्तन, नृत्य और खेल प्रतियोगिताएँ आयोजित की जाएँगी, ताकि सभी वर्ग के लोग—बच्चे, बुजुर्ग और महिलाएँ—एक साथ त्योहार का आनंद ले सकें।

रिपोर्ट : निषाद कोटो न्यूज़ नेटवर्क (KNN) |

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