उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज प्रातः गोरखपुर स्थित गोरखनाथ मंदिर परिसर में आयोजित ‘जनता दर्शन’ कार्यक्रम में भाग लिया। इस दौरान मुख्यमंत्री ने बड़ी संख्या में उपस्थित लोगों की व्यक्तिगत एवं सामाजिक समस्याओं को ध्यानपूर्वक सुना और तत्काल कार्रवाई के निर्देश दिए।
जनता दर्शन में प्रदेश के विभिन्न जिलों से आए नागरिकों ने अपनी समस्याएं, शिकायतें और आवेदन मुख्यमंत्री के समक्ष प्रस्तुत किए। इनमें ज़मीन विवाद, पुलिस प्रशासन से संबंधित मामले, चिकित्सा सहायता, आर्थिक संकट, रोजगार एवं आवास की समस्याएं प्रमुख रूप से सामने आईं।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रत्येक व्यक्ति की बात धैर्यपूर्वक सुनी और सम्बंधित अधिकारियों को प्राथमिकता के आधार पर समाधान सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा:
“प्रदेश का प्रत्येक नागरिक मेरे लिए परिवार का सदस्य है। जनता की सेवा ही मेरा धर्म है। समस्याओं का समयबद्ध और पारदर्शी समाधान सुनिश्चित किया जाए।”
मुख्यमंत्री ने विशेष रूप से अस्पतालों में इलाज हेतु आए पीड़ितों को मुख्यमंत्री राहत कोष से सहायता देने की भी बात कही और अधिकारियों से कहा कि जरूरतमंदों को किसी भी हालत में निराश न लौटाया जाए।
इस अवसर पर जिलाधिकारी, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक सहित प्रशासन और पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद रहे। सभी अधिकारियों को मुख्यमंत्री ने यह निर्देश दिया कि कोई भी जनसमस्या लंबित न रहे, और कार्यवाही की रिपोर्ट भी समयबद्ध ढंग से प्रस्तुत की जाए।
जनता दर्शन बना जनविश्वास का केंद्र
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में जनता दर्शन कार्यक्रम न केवल लोगों की समस्याओं के समाधान का माध्यम बना है, बल्कि यह जनविश्वास का एक सशक्त प्रतीक भी बन चुका है। नियमित रूप से आयोजित हो रहे इन कार्यक्रमों में हजारों नागरिक सीधे मुख्यमंत्री से संवाद कर अपनी बात रखते हैं।
मुख्यमंत्री ने जनता दर्शन के समापन पर गोरखनाथ मंदिर में पूजा-अर्चना भी की और प्रदेशवासियों की शांति, समृद्धि एवं कल्याण की कामना की।
यह कार्यक्रम एक बार फिर दर्शाता है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जनसेवा को केवल प्रशासनिक दायित्व नहीं, बल्कि धार्मिक-नैतिक कर्तव्य मानते हैं। जनता की सेवा और सुरक्षा ही उनकी शीर्ष प्राथमिकता है।