मुख्यमंत्री के हरित स्वप्न को साकार करता गृह रक्षा विभाग

मुख्यमंत्री के हरित स्वप्न को साकार करता गृह रक्षा विभाग

राजस्थान—जिसे आमतौर पर रेत, धूप और रेगिस्तान की भूमि के रूप में जाना जाता है—अब एक नई पहचान की ओर बढ़ रहा है: हरियाली की पहचान। यह बदलाव किसी एक दिन में नहीं आया। यह एक सोच, एक दृष्टिकोण और एक मजबूत राजनीतिक इच्छाशक्ति का परिणाम है। मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा द्वारा शुरू किया गया “हरियालो राजस्थान” अभियान इस सोच का मूर्त रूप है।

इस अभियान की मुख्य भावना यही है कि विकास केवल इमारतों और सड़कों तक सीमित न रहे, बल्कि वह प्रकृति के साथ सामंजस्य बनाकर आगे बढ़े। राजस्थान जैसे राज्य में, जहां जलवायु कठिन है, यह और भी आवश्यक हो जाता है कि हम अपने पर्यावरण को बचाएं और उसे फिर से जीवंत करें।

इस विचार को साकार करने में गृह रक्षा विभाग ने एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। दिनांक 27 जून को गृह रक्षा प्रशिक्षण केन्द्र, जयपुर में आयोजित वृक्षारोपण कार्यक्रम इसी दिशा में एक प्रेरणादायक पहल रहा।


गृह रक्षा विभाग की पहल: वृक्षारोपण महाअभियान

जयपुर स्थित गृह रक्षा प्रशिक्षण केन्द्र में हुए इस वृक्षारोपण कार्यक्रम में गृह रक्षा विभाग के महानिदेशक एवं महासमादेष्टा, श्रीमती मालिनी अग्रवाल, अधिकारियों, कर्मचारियों और सैकड़ों गृह रक्षा स्वयंसेवकों ने मिलकर लगभग 200 पौधे लगाए। इस आयोजन ने पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूकता, भागीदारी और समर्पण का उदाहरण प्रस्तुत किया।

श्रीमती मालिनी अग्रवाल ने अपने संबोधन में कहा:

“वृक्ष लगाना एक कर्म नहीं, यह एक संस्कार है। यह धरती के प्रति हमारी जिम्मेदारी है और हम सभी को मिलकर इस दिशा में कार्य करना होगा।”


वृक्षारोपण: वैज्ञानिक और सामाजिक आवश्यकता

वृक्षारोपण केवल पर्यावरणीय क्रिया नहीं है, यह एक समग्र सामाजिक, आर्थिक और जैविक परिवर्तन का आधार बन सकता है। वैज्ञानिक दृष्टिकोण से देखें तो वृक्ष:

  • कार्बन डाइऑक्साइड को अवशोषित कर वायुमंडल को स्वच्छ बनाते हैं।

  • जमीन को कटाव से बचाते हैं।

  • वर्षा के चक्र को नियमित करते हैं।

  • जैव विविधता को संरक्षण प्रदान करते हैं।

राजस्थान जैसे शुष्क प्रदेश में, वृक्षारोपण की आवश्यकता और भी अधिक बढ़ जाती है। यहाँ जल की कमी, भूमि का बंजर होना और बढ़ता तापमान बड़ी समस्याएं हैं। वृक्ष इस दिशा में एक प्राकृतिक समाधान हैं।


अभियान की गहराई: केवल पौधे नहीं, जीवनशैली में बदलाव

इस कार्यक्रम में केवल पौधे नहीं लगाए गए, बल्कि एक संस्कृति को पुनर्जीवित करने का प्रयास किया गया। श्रीमती अग्रवाल ने सभी को ऑर्गेनिक जीवनशैली अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने कहा कि हम जितना प्रकृति के करीब रहेंगे, उतना ही हमारा जीवन संतुलित और समृद्ध होगा।

गृह रक्षा विभाग ने इस अवसर पर एक ग्रीन वॉलंटियर्स टीम का भी गठन किया जो लगाए गए पौधों की नियमित देखभाल करेगी। इस टीम को पानी देना, सुरक्षा करना और पौधों की ग्रोथ पर नजर रखना जैसे दायित्व सौंपे गए हैं।


जनसहभागिता: हरियाली का सामाजिक अभियान

गृह रक्षा विभाग ने यह सुनिश्चित किया है कि यह अभियान सिर्फ सरकारी आयोजन तक सीमित न रहकर आम जनता तक पहुंचे। इसके लिए विभाग ने स्कूलों, कॉलेजों, स्थानीय निकायों, स्वयंसेवी संस्थाओं और युवा मंडलों को इस अभियान से जोड़ा है।

राज्यभर में लगभग 300 से अधिक स्थानों पर वृक्षारोपण की योजना तैयार की गई है। विभाग का लक्ष्य है कि इस मानसून सीजन में 10,000 से अधिक पौधे रोपे जाएं।


पौधों का चयन: केवल सजावटी नहीं, पारिस्थितिक रूप से उपयोगी

कार्यक्रम में लगाए गए पौधों का चयन विशेष रूप से स्थानीय जलवायु और पारिस्थितिकी तंत्र को ध्यान में रखकर किया गया। प्रमुख पौधे थे:

  • नीम – औषधीय गुणों से भरपूर

  • पीपल – उच्च ऑक्सीजन उत्सर्जन करने वाला

  • अमलतास – सजावटी व छाया देने वाला

  • गुलमोहर – सौंदर्यवर्धक

  • करंज – नाइट्रोजन फिक्सिंग

  • कचनार – सुंदर फूलों वाला और मधुमक्खियों के लिए लाभकारी


साक्षात्कार: अभियान के नायक स्वयंसेवकों की आवाज़

रविंद्र सिंह, गृह रक्षा स्वयंसेवक:

“आज जब हमने पौधे लगाए तो ऐसा लगा जैसे कोई नया जीवन दे रहे हैं। हर पौधा हमारे दायित्व का प्रतीक है।”

सरिता मीणा, महिला गृह रक्षक:

“मुझे गर्व है कि मैं पर्यावरण के लिए योगदान दे पा रही हूं। यह सिर्फ सेवा नहीं, बल्कि संतोष का अनुभव है।”


हरियालो राजस्थान: अभियान की उत्पत्ति और विकास

यह अभियान मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा की पहल पर शुरू किया गया। उनका उद्देश्य है कि राजस्थान केवल सांस्कृतिक और पर्यटन राज्य ही न बने, बल्कि पर्यावरणीय संतुलन में भी अग्रणी राज्य बने।

“हरियालो राजस्थान” का उद्देश्य:

  1. पर्यावरण संरक्षण को जनांदोलन बनाना

  2. शहरीकरण के साथ हरियाली संतुलन बनाए रखना

  3. जलवायु परिवर्तन से लड़ने के लिए हरित आच्छादन बढ़ाना

  4. युवाओं को पर्यावरण के प्रति संवेदनशील बनाना

राज्य सरकार ने इस अभियान के लिए अलग बजट आवंटित किया है और विभागीय स्तर पर वार्षिक वृक्षारोपण लक्ष्य निर्धारित किए गए हैं।


गृह रक्षा विभाग की अन्य पर्यावरणीय पहलकदमी

गृह रक्षा विभाग न केवल वृक्षारोपण कर रहा है, बल्कि उसने जल संरक्षण, स्वच्छता अभियान और प्लास्टिक मुक्त परिसर जैसे कार्यक्रम भी चलाए हैं। इनमें शामिल हैं:

  • वाटर हार्वेस्टिंग यूनिट की स्थापना

  • प्लास्टिक उपयोग बंद करने का संकल्प

  • सौर ऊर्जा का उपयोग

  • हर कार्यालय में ग्रीन कोना


स्थानीय जनता की प्रतिक्रिया

वृक्षारोपण कार्यक्रम की जानकारी जब स्थानीय नागरिकों को हुई, तो उन्होंने स्वेच्छा से भाग लिया। आसपास के स्कूलों के बच्चों को भी आमंत्रित किया गया।

नवीन शर्मा, पास के स्कूल के शिक्षक:

“बच्चों ने आज पेड़ लगाए, कल वे इन्हें पानी देंगे और इनके बड़े होने की कहानी को अपनी आंखों से देखेंगे।”


भविष्य की योजनाएं: लक्ष्य 2030

राज्य सरकार और गृह रक्षा विभाग ने आने वाले वर्षों के लिए निम्न लक्ष्य निर्धारित किए हैं:

  • हर वर्ष कम से कम 2 लाख पौधे राज्यभर में लगाना

  • हर जिले में ‘ग्रीन सेल’ बनाना

  • स्कूल स्तर पर ‘गृह रक्षा पर्यावरण क्लब’ की स्थापना

  • CSR और निजी कंपनियों को वृक्षारोपण में जोड़ना

  • ‘एक स्वयंसेवक – एक पौधा’ नीति लागू करना


जलवायु परिवर्तन के विरुद्ध राजस्थान की भूमिका

राजस्थान तेजी से जलवायु परिवर्तन के प्रभाव का सामना कर रहा है। बढ़ते तापमान, घटती वर्षा, और सूखे की स्थिति आम होती जा रही है। “हरियालो राजस्थान” जैसे अभियान इस खतरे के विरुद्ध एक मजबूत स्थानीय प्रतिक्रिया हैं।

संयुक्त राष्ट्र के पर्यावरण कार्यक्रम (UNEP) के अनुसार, यदि हम वैश्विक स्तर पर तापमान वृद्धि को 1.5 डिग्री सेल्सियस तक सीमित रखना चाहते हैं, तो प्रत्येक व्यक्ति को साल में कम से कम 10 पौधे लगाने चाहिए।


समापन: हरियाली की ओर बढ़ता राजस्थान

“हरियालो राजस्थान” कोई एक दिन का प्रयास नहीं है। यह एक दीर्घकालिक मिशन है जो केवल सरकार की नहीं, बल्कि हर नागरिक की भागीदारी से सफल होगा। गृह रक्षा विभाग ने जो कदम उठाया है, वह निश्चित रूप से एक प्रेरक उदाहरण है।

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