पूर्वांचल में झमाझम बारिश गोरखपुर में कई क्षेत्रों पर प्रभाव की आशंका
1 min read

पूर्वांचल में झमाझम बारिश गोरखपुर में कई क्षेत्रों पर प्रभाव की आशंका

Admin Site |09.07.2025|Koto News|KotoTrust|

गोरखपुर – मानसून ने पूर्वांचल में पूरी ताकत के साथ दस्तक दी है। बीते घंटों में हुई झमाझम बारिश ने जहां एक ओर गर्मी से राहत दी है, वहीं दूसरी ओर यह वर्षा जनजीवन को प्रभावित करने लगी है। गोरखपुर समेत समूचे पूर्वांचल में भारी बारिश की चेतावनी जारी होने के बाद यह सवाल उठने लगा है कि आगे किन-किन क्षेत्रों पर इसका व्यापक असर पड़ सकता है।

भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने गोरखपुर मंडल सहित आस-पास के जिलों में अगले घंटे तक लगातार भारी से अति भारी वर्षा की आशंका व्यक्त की है। इस स्थिति में गोरखपुर शहर और ग्रामीण अंचलों में सामाजिक, आर्थिक, शैक्षणिक और स्वास्थ्य व्यवस्थाओं पर गंभीर प्रभाव पड़ सकता है।

गोरखपुर और पूर्वांचल के लिए चेतावनी के संकेत

शहरों में जलभराव और यातायात बाधा

गोरखपुर जैसे घनी आबादी वाले शहर में जलनिकासी की पुरानी व्यवस्था बारिश के दबाव में चरमराने लगती है। मुख्य सड़कों पर जलभराव होने से—

ट्रैफिक जाम की स्थिति बन सकती है, विशेषकर गोलघर, बेतियाहाता, कूड़ाघाट और राप्ती नगर जैसे व्यस्त क्षेत्रों में।

सड़क हादसों की संभावना बढ़ती है क्योंकि पानी में छिपे गड्ढे वाहन चालकों के लिए खतरनाक हो सकते हैं।

पैदल चलने वालों के लिए रास्ता मुश्किल हो जाता है, जिससे दफ्तर और स्कूल पहुँचने में विलंब होता है।

शैक्षणिक संस्थानों पर असर

तेज बारिश और रास्तों में पानी भरने से—

प्राथमिक व माध्यमिक स्कूलों की छुट्टी घोषित की जा सकती है।

कई छात्र-छात्राएं स्कूल पहुँच नहीं पाएंगे, जिससे परीक्षा और पढ़ाई प्रभावित होगी।

ग्रामीण अंचलों में तो कई जगह स्कूल भवनों में पानी घुसने की आशंका बनी रहती है।

ग्रामीण इलाकों में फसल और संपर्क मार्ग प्रभावित

गोरखपुर के खजनी, पिपराइच, बांसगांव और सहजनवा जैसे क्षेत्रों में—

खेतों में अधिक जलभराव से धान की फसल को नुकसान पहुँच सकता है।

कच्चे रास्ते और ग्रामीण संपर्क मार्ग कीचड़युक्त और अवरुद्ध हो सकते हैं।

गांवों का शहरों से संपर्क टूट सकता है, खासकर पुल-पुलियों पर पानी चढ़ने की स्थिति में।

बाढ़ का खतरा

गोरखपुर राप्ती, रोहिणी और घाघरा जैसी नदियों के किनारे बसा है। तेज वर्षा के कारण—

इन नदियों में जलस्तर तेजी से बढ़ने की आशंका है।

निचले इलाकों में बाढ़ जैसे हालात बन सकते हैं, विशेषकर करजहां, गोला, और चौरीचौरा क्षेत्रों में।

नदी किनारे के गांवों में पलायन या राहत कार्यों की आवश्यकता पड़ सकती है।

स्वास्थ्य संकट

बारिश के बाद जलभराव और गंदगी से—

डेंगू, मलेरिया, दस्त और वायरल बुखार जैसी बीमारियों के फैलने का खतरा बढ़ जाता है।

सरकारी अस्पतालों और पीएचसी पर भीड़ बढ़ सकती है, जिससे संसाधनों पर दबाव पड़ेगा।

स्वास्थ्य विभाग की सतर्कता और ग्रामीण क्षेत्रों में जागरूकता अभियान की आवश्यकता होगी।

विद्युत आपूर्ति में बाधा

बारिश और आंधी के कारण—

बिजली के खंभे गिरने, ट्रांसफॉर्मर में खराबी या शॉर्ट-सर्किट की घटनाएं हो सकती हैं।

इससे गाँवों और शहर के हिस्सों में बिजली गुल रहने की संभावना है।

लंबे समय तक विद्युत आपूर्ति बाधित होने से मोबाइल नेटवर्क, इंटरनेट और जलापूर्ति पर भी असर पड़ेगा।

गोरखपुर, 09 जुलाई – पूर्वांचल में झमाझम बारिश के चलते हालात बिगड़ने की आशंका को देखते हुए जिला प्रशासन, मौसम विभाग, स्वास्थ्य विभाग और आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने आम नागरिकों के लिए अगले तीन दिनों तक विशेष सतर्कता बरतने की अपील की है। इन विभागों ने अलग-अलग बिंदुओं पर सावधानी बरतने की जो चेतावनियाँ और सलाह जारी की हैं, वे निम्नलिखित हैं:

भारी वर्षा, गरज-चमक और तेज हवाओं की चेतावनी

भारतीय मौसम विभाग (IMD) के गोरखपुर केन्द्र से जारी बुलेटिन के अनुसार, बंगाल की खाड़ी से उठा मानसूनी दबाव क्षेत्र पूर्वांचल के ऊपर सक्रिय है। इसके परिणामस्वरूप गोरखपुर, देवरिया, कुशीनगर और आसपास के जिलों में 90 से 120 मिमी तक की भारी वर्षा, तेज गरज-चमक, और 40-50 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलने वाली हवाएं अगले तीन दिनों तक चल सकती हैं।

मौसम वैज्ञानिक डॉ. अशोक पांडेय के अनुसार, “आकाशीय बिजली की संभावना बनी हुई है। निचले इलाकों और नदी किनारे रह रहे लोगों को विशेष सतर्कता बरतनी चाहिए। जब-जब बादलों की गर्जना हो, तब-तब खुले मैदान, पेड़ों के नीचे और जलभराव वाले क्षेत्रों से दूर रहें।”

निचले इलाकों में अनावश्यक यात्रा टालें

राज्य सड़क परिवहन विभाग ने वर्षा के दौरान दुर्घटना की आशंका को लेकर वाहन चालकों और यात्रियों के लिए यात्रा परामर्श (ट्रैवल एडवाइजरी) जारी की है। विशेष रूप से गोरखपुर शहर के निचले हिस्सों — जैसे बेतियाहाता, अंधियारीबाग, पादरी बाजार, तिवारीपुर और रेलवे अंडरपास क्षेत्रों में जलभराव की स्थिति बनने पर लोगों से आग्रह किया गया है कि वे अनावश्यक यात्रा टालें, और संभव हो तो सार्वजनिक परिवहन का प्रयोग करें।

परिवहन अधिकारी प्रमोद राय ने कहा, “तेज बारिश के दौरान दृश्यता कम हो जाती है। छोटे और दोपहिया वाहन जलभराव में बंद हो सकते हैं। ऐसे में वाहन चालकों को संयम और सतर्कता के साथ गाड़ी चलाने की सलाह दी गई है।”

उबला हुआ पानी पिएं, भीगे भोजन से बचें

भारी बारिश के बाद स्वास्थ्य जोखिम भी तेजी से बढ़ते हैं। जिला स्वास्थ्य विभाग ने जलजनित और मच्छरजनित रोगों की रोकथाम के लिए स्वास्थ्य सुरक्षा सलाह जारी की है। डेंगू, मलेरिया, वायरल बुखार, दस्त जैसे संक्रमणों की संभावना को देखते हुए निम्न सावधानियों को अपनाने पर ज़ोर दिया गया है:

केवल उबला हुआ या फ़िल्टर किया गया पानी ही पिएं।

भीगे हुए या खुले में रखे खाद्य पदार्थों से बचें।

मच्छरों से बचाव के लिए मच्छरदानी या रिपेलेंट का प्रयोग करें।

जहां जलभराव है, वहां गंबूजिया मछली या दवाओं का छिड़काव करवाएं।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. राकेश वर्मा ने कहा, “स्वास्थ्य विभाग की मोबाइल टीमें हाई रिस्क इलाकों में भेजी जा रही हैं। गांवों में आशा कार्यकर्ताओं को सक्रिय कर दिया गया है।”

नाव, टॉर्च, और खाद्यान्न की पर्याप्त व्यवस्था करें

ग्राम पंचायत स्तर पर बाढ़ या आपात स्थिति से निपटने के लिए जिला प्रशासन ने तहसील और ब्लॉक अधिकारियों को विशेष निर्देश दिए हैं। सभी ग्राम प्रधानों, लेखपालों और खंड विकास अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने को कहा गया है कि:

नावों की उपलब्धता सुनिश्चित हो, विशेषकर नदी किनारे और जलभराव संभावित क्षेत्रों में।

टॉर्च, प्राथमिक चिकित्सा किट, टेंट और पेयजल के ड्रम पहले से स्टॉक में रखें जाएं।

राशन सामग्री, विशेषकर सूखा राशन (चिउरा, गुड़, बिस्किट, आलू, मोमबत्ती, माचिस) का भंडारण कर लिया जाए।

बाढ़ चौकियां सक्रिय रहें, और रेन रिकॉर्ड नियमित रूप से भेजा जाए।

जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी आलोक सिंह ने बताया कि राहत शिविरों के लिए जगह चिन्हित कर ली गई है और नाविकों की सूची ब्लॉक स्तर पर अपडेट कर दी गई है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *