लखनऊ / 26 नवम्बर 2025 | भारत का संविधान — जो देश को लोकतंत्र, समानता और मौलिक अधिकारों की बुनियाद देता है — उसकी 75वीं वर्षगांठ (संविधान दिवस) के अवसर पर इंडिया डेमोक्रेटिक एलाइंस (IDA) द्वारा राजधानी लखनऊ के चारबाग स्थित एम.के. अपार्टमेंट प्रथम तल पर एक गरिमामय कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता अभय समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष माननीय शत्रुधन सिंह निषाद ने की। इस अवसर पर गरीब समाज स्वराज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मा० चंद्रसेन भारती, स्वतंत्र जनता राज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मा० घनश्याम कोरी, समदर्शी समाज पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक एवं संस्थापक मा० चंद्रभान सिंह पाटिल, अखंड समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मा० अखिलेश सैनी, तथा विभिन्न घटक दलों के पदाधिकारी एवं कार्यकर्ता बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।
सभा की शुरुआत संविधान निर्माता डॉ. भीमराव आंबेडकर के चित्र पर पुष्पांजलि व दीप प्रज्वलन से हुई। इस दौरान नेताओं ने भारत के संविधान की ऐतिहासिक यात्रा का स्मरण करते हुए कहा कि यह केवल संविधान दिवस ही नहीं, बल्कि लोकतंत्र के मूल्यों, मानव अधिकारों और समान अवसरों की पुनर्पुष्टि का दिन है। वक्ताओं ने स्पष्ट कहा कि संविधान की रक्षा करना हर भारतीय का कर्तव्य है, क्योंकि यही वह दस्तावेज़ है जिसने भारत को दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र बनने की शक्ति प्रदान की।
माननीय शत्रुधन सिंह निषाद ने कहा कि संविधान ने हाशिए पर पड़े समाजों को आवाज़ दी है। आज भी देश में कई वर्ग ऐसे हैं जिन्हें न्याय और सामाजिक सुरक्षा के लिए संघर्ष करना पड़ता है। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि IDA गठबंधन सामाजिक न्याय, आर्थिक समानता और शिक्षा-रोज़गार के अधिकार को आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने यह भी कहा कि हमें संविधान में निहित अधिकारों के साथ-साथ कर्तव्यों की भी पूरी निष्ठा से पालन करना होगा।
कार्यक्रम में युवा जागरूकता, राजनीतिक भागीदारी एवं सामाजिक उत्थान को लेकर विस्तृत चर्चा हुई। वक्ताओं ने संविधान की प्रस्तावना सामूहिक रूप से पढ़ते हुए यह संकल्प लिया कि —
“हम भारत के नागरिक, अपने संविधान की मूल भावना — समानता, न्याय एवं स्वतंत्रता — की रक्षा के लिए सदैव संघर्षरत रहेंगे।”
कार्यक्रम के अंत में संविधान पर आधारित सांस्कृतिक प्रस्तुति एवं राष्ट्रगान हुआ। सभी उपस्थित पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं ने एकजुट होकर आगामी समय में लोकतांत्रिक अधिकारों और संवैधानिक मर्यादाओं की रक्षा के लिए जनता के बीच जन-जागरण अभियान चलाने का निर्णय लिया।
भारत में हर वर्ष 26 नवंबर को संविधान दिवस मनाया जाता है। इस दिन को चुनने के पीछे एक ऐतिहासिक और अत्यंत महत्वपूर्ण कारण है। 26 नवंबर 1949 को भारतीय संविधान सभा द्वारा भारत के संविधान को अंगीकृत (Adopted) किया गया था। इसी ऐतिहासिक क्षण ने आधुनिक भारत के लोकतांत्रिक ढांचे की नींव रखी। हालांकि संविधान 26 जनवरी 1950 को पूर्ण रूप से लागू हुआ, जब भारत सम्पूर्ण प्रभुत्व सम्पन्न लोकतांत्रिक गणराज्य बना, लेकिन अंगीकरण का दिन संविधान के जन्मदिवस के रूप में हमेशा यादगार है।

संविधान दिवस को मनाने का उद्देश्य केवल इतिहास को याद करना नहीं, बल्कि संविधान के मूल्यों को हर नागरिक के जीवन में उतारना है। यह दिवस भारत के प्रत्येक नागरिक को यह याद दिलाता है कि हमें जो भी अधिकार मिले हैं, वे कई महान नेताओं के संघर्ष, त्याग और दूरदर्शिता का परिणाम हैं। यह दिन बाबा साहेब डॉ. भीमराव आंबेडकर और संविधान निर्माण में योगदान देने वाले सभी संविधान निर्माताओं को सम्मान देने का दिन है।
संविधान दिवस
1️⃣ संवैधानिक मूल्यों की जागरूकता बढ़ाना
संविधान में दर्शाए गए मूल्य — न्याय, स्वतंत्रता, समानता और बंधुत्व — केवल शब्द नहीं, बल्कि भारत की सामाजिक व्यवस्था का आधार हैं। संविधान दिवस नागरिकों को इन मूल्यों को समझने और जीवन में अपनाने का संदेश देता है।
2️⃣ लोकतांत्रिक अधिकारों और कर्तव्यों की शिक्षा देना
संविधान हमें बोलने, शिक्षा पाने, समान अवसरों, न्याय एवं अन्य कई मौलिक अधिकार देता है।
साथ ही हमें
राष्ट्र का सम्मान
कानून का पालन
भाईचारा बनाए रखना
राष्ट्रीय एकता की रक्षा
जैसे मौलिक कर्तव्य भी निभाने होते हैं।
यह दिन नागरिकों को याद दिलाता है कि अधिकारों के साथ कर्तव्यों का पालन भी आवश्यक है।
3️⃣ समाज में समानता और न्याय की भावना को मजबूत करना
भारत विविधताओं से भरा देश है — धर्म, भाषा, जाति, संस्कृति में भिन्नता, परंतु एकता हमारी पहचान है।
संविधान दिवस इस विचार को मजबूत करता है कि —
हर नागरिक बराबर है
किसी के साथ भेदभाव नहीं होना चाहिए
न्याय हर व्यक्ति तक पहुँचना चाहिए
4️⃣ नागरिकों में राष्ट्रप्रेम और लोकतांत्रिक सहभागिता को बढ़ावा देना
यह दिन नागरिकों को याद दिलाता है कि लोकतंत्र तभी मजबूत होता है जब जनता जागरूक और सक्रिय होती है।
मतदान, प्रशासनिक प्रणाली में भागीदारी, सामाजिक सुधारों में योगदान — ये सब लोकतंत्र को मजबूत बनाते हैं।
5️⃣ संविधान को “जीवित दस्तावेज़” के रूप में समझना
भारत का संविधान केवल कानूनों की किताब नहीं, बल्कि देश के निरंतर विकास के साथ बदलने और आगे बढ़ने वाली मार्गदर्शक शक्ति है।
संविधान दिवस नागरिकों को यह संदेश देता है कि —
संविधान तभी जीवित है, जब इसे पढ़ा जाए, जाना जाए और लागू किया जाए।
Q1. संविधान दिवस कब और क्यों मनाया जाता है?
A. संविधान दिवस हर वर्ष 26 नवंबर को मनाया जाता है क्योंकि 26 नवंबर 1949 को भारतीय संविधान को अंगीकार किया गया था। यह दिन भारत के लोकतांत्रिक इतिहास की सबसे महत्वपूर्ण उपलब्धियों में से एक है।
Q2. भारतीय संविधान पूर्ण रूप से कब लागू हुआ?
A. भारतीय संविधान 26 जनवरी 1950 को पूर्ण रूप से लागू हुआ और इसी दिन भारत एक सम्पूर्ण प्रभुत्व सम्पन्न लोकतांत्रिक गणराज्य बना।
Q3. संविधान दिवस मनाने का उद्देश्य क्या है?
A.
नागरिकों को संवैधानिक मूल्यों का महत्व समझाना
मौलिक अधिकारों व कर्तव्यों की जानकारी देना
समाज में समानता, न्याय और बंधुत्व की भावना मजबूत करना
लोकतांत्रिक भागीदारी को बढ़ावा देना
Q4. भारतीय संविधान का मुख्य आधार क्या है?
A. न्याय — सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक
स्वतंत्रता — विचार, अभिव्यक्ति, विश्वास, धर्म
समानता — अवसर और अधिकारों में
बंधुत्व — व्यक्ति की गरिमा सुनिश्चित करना
(संविधान की प्रस्तावना में इसका स्पष्ट उल्लेख है)
Q5. संविधान दिवस से जुड़े प्रमुख नेता कौन हैं?
A. संविधान के मुख्य शिल्पकार डॉ. भीमराव आंबेडकर हैं। इसके निर्माण में जवाहरलाल नेहरू, डॉ. राजेंद्र प्रसाद, सरदार पटेल, डॉ. राजगोपालाचारी तथा 389 सदस्य शामिल थे।
Q6. संविधान को “जीवित दस्तावेज़” क्यों कहा जाता है?
A. क्योंकि समय के साथ समाज और राष्ट्र की आवश्यकताओं के आधार पर इसे संशोधित (Amend) किया जा सकता है।
अब तक 100+ संशोधन किए जा चुके हैं।
Q7. भारत के नागरिकों को संविधान के तहत कौन-कौन से मौलिक अधिकार प्राप्त हैं?
A.
समानता का अधिकार
स्वतंत्रता का अधिकार
शोषण के विरुद्ध अधिकार
धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार
सांस्कृतिक और शैक्षिक अधिकार
संवैधानिक उपचार का अधिकार
Q8. भारतीय नागरिकों के मौलिक कर्तव्य क्या हैं?
A.
संविधान, राष्ट्रीय ध्वज और राष्ट्रगान का सम्मान करना
देश की एकता, अखंडता को बनाए रखना
भाईचारा एवं साम्प्रदायिक सद्भाव बनाए रखना
सार्वजनिक संपत्ति की रक्षा
वैज्ञानिक दृष्टिकोण अपनाना
पर्यावरण संरक्षण आदि
Q9. संविधान दिवस को महत्वपूर्ण क्यों माना जाता है?
A. क्योंकि यह हमें यह याद दिलाता है कि—
हमारी स्वतंत्रता, अधिकार व अवसर संविधान की देन हैं
लोकतंत्र तभी मजबूत है जब नागरिक जागरूक हों
Q10. संविधान दिवस किस प्रकार मनाया जाता है?
A.
प्रस्तावना का सामूहिक पाठ
जागरूकता कार्यक्रम व वाद-विवाद
संविधान विषयक कार्यशाला व संगोष्ठियां
सांस्कृतिक कार्यक्रम
विद्यालयों व विश्वविद्यालयों में विशेष आयोजन
रिपोर्ट : निषाद कोटो न्यूज़ नेटवर्क (KNN) |