भारत की वैश्विक भूमिका, परिणाम-आधारित वित्तपोषण बना अंतरराष्ट्रीय मॉडल
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भारत की वैश्विक भूमिका, परिणाम-आधारित वित्तपोषण बना अंतरराष्ट्रीय मॉडल

भारत – स्पेन के सेविले शहर में संयुक्त राष्ट्र द्वारा आयोजित विकास के लिए वित्तपोषण पर चौथे अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन (एफएफडी4) में भारत ने परिणाम-आधारित वित्तपोषण (Outcome-Based Financing – OBF) के क्षेत्र में अपने अग्रणी मॉडल को विश्व समुदाय के समक्ष प्रस्तुत किया। भारत सरकार की ओर से कौशल विकास, उद्यमिता और शिक्षा मामलों के राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री जयंत चौधरी ने प्रतिनिधित्व करते हुए भारत की उपलब्धियों और भविष्य की योजनाओं को रेखांकित किया।

एफएफडी4 सम्मेलन, जिसे संयुक्त राष्ट्र, ओईसीडी और प्रभाव निवेश नेटवर्क जैसे संगठनों द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित किया गया, का उद्देश्य सतत विकास लक्ष्यों (SDGs) की प्राप्ति हेतु नवाचारी वित्तीय उपायों पर वैश्विक सहयोग को बढ़ावा देना है। श्री चौधरी ने उच्च-स्तरीय पैनल “परिणाम-आधारित वित्तपोषण के माध्यम से एसडीजी प्रभाव में तेजी” में भारत की ओर से हिस्सा लिया।

भारत का अनुभव 

अपने भाषण में श्री जयंत चौधरी ने कहा,

भारत केवल परिणाम-आधारित वित्तपोषण के साथ प्रयोग नहीं कर रहा है – हम इसे संस्थागत बना रहे हैं। हमारा लक्ष्य है एक ऐसा कौशल इको-सिस्टम खड़ा करना, जो समावेशी, सशक्त और परिणाममूलक हो।

उन्होंने स्किल इम्पैक्ट बॉन्ड और प्रोजेक्ट एम्बर जैसे पहलुओं को रेखांकित किया, जो सार्वजनिक धन, परोपकारी पूंजी और निजी निवेश को एकजुट कर सामाजिक प्रभाव की दिशा में मापनीय परिणाम दे रहे हैं।

इन मॉडलों ने भारत में कौशल विकास को अधिक प्रभावी, पारदर्शी और उत्तरदायी बनाया है – विशेष रूप से महिलाओं, युवाओं और पिछड़े वर्गों के लिए रोजगार के नए अवसर पैदा किए हैं।

 वैश्विक नेताओं के साथ संवाद

श्री जयंत चौधरी ने एफएफडी4 सम्मेलन के दौरान कई महत्वपूर्ण वैश्विक नेताओं और संगठनों के साथ द्विपक्षीय बैठकें कीं:

ओईसीडी की उप महासचिव सुश्री मैरी-बेथ गुडमैन के साथ बैठक में भारत की डेटा प्रणाली और प्रभाव मापन ढांचे को और सशक्त बनाने पर चर्चा हुई। ओईसीडी की विशेषज्ञता से भारत को व्यापक लाभ की संभावना है।

सीआईएफएफ की सीईओ सुश्री केट हैम्पटन के साथ संवाद में 14.4 मिलियन डॉलर के स्किल इम्पैक्ट बॉन्ड जैसे प्रोजेक्ट्स को आगे बढ़ाने की रणनीति पर ध्यान केंद्रित किया गया, जिसमें नियोक्ता साझेदारी और डेटा एकीकरण जैसे पहलुओं को बल दिया गया।

ब्रिटिश एशियन ट्रस्ट और यूबीएस ऑप्टिमस फाउंडेशन के प्रमुखों श्री रिचर्ड हॉक्स और श्री टॉम हॉल के साथ बातचीत में भारत में निजी पूंजी को सामाजिक क्षेत्रों में लाने पर रणनीति बनी।

स्विस एजेंसी फॉर डेवलपमेंट एंड कोऑपरेशन की प्रमुख स्टेट सेक्रेटरी पेट्रीसिया डेंजी के साथ महिला-पुरुष केंद्रित OBF मॉडल पर सहयोग की संभावनाएं टटोली गईं, विशेष रूप से नैनो उद्यमिता और भारत-स्विट्जरलैंड टीईपीए समझौते के अंतर्गत।

सतत विकास लक्ष्यों में भारत की भूमिका

भारत के दृष्टिकोण में परिणाम-आधारित वित्तपोषण न केवल वित्तीय दक्षता सुनिश्चित करता है, बल्कि यह जवाबदेही, पारदर्शिता और प्रभावशीलता को भी सुदृढ़ करता है। इस सिद्धांत के अंतर्गत भारत यह सुनिश्चित कर रहा है कि प्रत्येक निवेश समाज के सबसे वंचित वर्गों तक पहुंचे और ठोस, मापनीय परिणाम उत्पन्न करे।

श्री चौधरी ने विशेष रूप से महिला सशक्तिकरण, युवाओं को कुशल बनाने और ग्रामीण क्षेत्रों में उद्यमिता को बढ़ावा देने जैसे विषयों पर भारत की प्रतिबद्धता को दोहराया। उन्होंने कहा कि भारत, वैश्विक हितधारकों के साथ साझेदारी करके इन मॉडलों को और अधिक व्यापक स्तर पर लागू करने के लिए तैयार है।

एफएफडी4 सम्मेलन में भारत की भागीदारी को यह भी दिखाता है कि वह SDG लक्ष्यों को लेकर गंभीर, रणनीतिक और नवाचारी रुख अपना रहा है

वैश्विक सहयोग के लिए भारत का आह्वान

सम्मेलन में केंद्रीय वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण के नेतृत्व में भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने सतत वित्तपोषण के वैश्विक मॉडल पर गहन चर्चा की। श्री चौधरी ने अपने संबोधन में वित्त मंत्री द्वारा पूर्व में दिए गए वक्तव्यों का हवाला देते हुए कहा:

परिणाम-आधारित वित्त पोषण टिकाऊ और प्रभावशाली विकास के लिए एक आवश्यक तत्व है, और भारत इस दिशा में वैश्विक साझेदारों के साथ मिलकर काम करने के लिए प्रतिबद्ध है।

भारत ने OBF के जरिए सामाजिक क्षेत्र में निजी और परोपकारी निवेश को आकर्षित करने में उल्लेखनीय सफलता प्राप्त की है। यह मॉडल अब न केवल भारत के लिए बल्कि अन्य विकासशील देशों के लिए भी एक प्रेरणादायक उदाहरण बन चुका है।

भारत मॉडल

Skill Impact Bond
$14.4 मिलियन डॉलर के निवेश के साथ लॉन्च किया गया यह मॉडल भारत का पहला विकास प्रभाव बॉन्ड है। इसका उद्देश्य 50,000 से अधिक युवाओं को उद्योग-उन्मुख प्रशिक्षण देकर उन्हें रोजगारोन्मुख बनाना है। यह मॉडल सार्वजनिक, निजी और परोपकारी निवेशकों की साझेदारी से संचालित होता है, और केवल प्रशिक्षण नहीं बल्कि रोजगार की प्राप्ति तक परिणामों को मापा जाता है।

Project AMBER
यह पहल महिलाओं पर केंद्रित है, जिसका उद्देश्य उन्हें टिकाऊ आजीविका और कौशल प्रदान करना है। प्रोजेक्ट एम्बर ने विशेष रूप से ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में महिलाओं को डिजिटल कौशल, उद्यमिता और रोजगार के नए रास्ते प्रदान किए हैं। इसका दृष्टिकोण महिलाओं को आत्मनिर्भर और आर्थिक रूप से सशक्त बनाना है।

Outcome-Linked Bonds
इन वित्तीय उपकरणों में निवेशकों को उनकी पूंजी पर तभी रिटर्न प्राप्त होता है जब पूर्व निर्धारित सामाजिक या विकासात्मक परिणाम हासिल किए जाते हैं। यह मॉडल सरकार, निजी कंपनियों और एनजीओ के सहयोग से संचालित होता है, जिससे प्रभावशीलता और उत्तरदायित्व दोनों सुनिश्चित होते हैं।

एफएफडी4 सम्मेलन वैश्विक भागीदारी और भारत का नेतृत्व

50 से अधिक देशों की भागीदारी
100+ नीति और वित्त विशेषज्ञों की उपस्थिति
25 से अधिक उच्च स्तरीय सत्रों का आयोजन
भारत, कोलंबिया, केन्या, यूनाइटेड किंगडम, दक्षिण अफ्रीका आदि के मंत्रियों की भागीदारी

इन सत्रों में सरकारों, बहुपक्षीय एजेंसियों, परोपकारी संस्थानों और निजी निवेशकों के प्रतिनिधियों ने सतत और समावेशी वित्तपोषण के भविष्य पर विचार साझा किए।

भारत की ओर से कौशल विकास और शिक्षा मामलों के राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री जयंत चौधरी ने भाग लिया और भारत के Skill Impact Bond, Project AMBER, और अन्य OBF पहलों की सफलता का परिचय दिया। इन मॉडलों ने महिला सशक्तिकरण, युवाओं के कौशल विकास, और निजी निवेश की सक्रिय भागीदारी जैसे विषयों को व्यावहारिक परिणामों से जोड़ा है।

भारत की प्रशंसा

सम्मेलन में भारत द्वारा प्रस्तुत OBF मॉडल्स को विशेष रूप से विश्व बैंक, यूएनएफपीए (UNFPA), ओईसीडी (OECD) और UBS Optimus Foundation जैसे संगठनों ने सराहा। इन संगठनों के वरिष्ठ प्रतिनिधियों ने भारत के प्रयासों को “अनुपालन योग्य उदाहरण” (replicable best practices) करार दिया और उन्हें अन्य विकासशील देशों के लिए उपयोगी बताया।

विभिन्न सत्रों में भारत के प्रयासों को एक ऐसे मॉडल के रूप में देखा गया जिसने सार्वजनिक, निजी और परोपकारी वित्त को एक साथ लाकर प्रभावशाली सामाजिक परिवर्तन किया है। इस मॉडल ने दिखाया है कि कैसे वित्तीय संसाधनों का उपयोग “केवल व्यय” से “परिणाम” की दिशा में स्थानांतरित किया जा सकता है।

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