India running at the speed of highways : राजमार्गों की रफ्तार से दौड़ता भारत हर्ष मल्होत्रा ने ‘सड़क एवं राजमार्ग शिखर सम्मेलन
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India running at the speed of highways : राजमार्गों की रफ्तार से दौड़ता भारत हर्ष मल्होत्रा ने ‘सड़क एवं राजमार्ग शिखर सम्मेलन

दिनांक : 18.07.2025 | Koto News | KotoTrust |

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में ‘विकसित भारत@2047’ के विजन को साकार करने की दिशा में भारत का सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय तेज़ी से आगे बढ़ रहा है। कॉरपोरेट मामले तथा सड़क, परिवहन एवं राजमार्ग राज्य मंत्री श्री हर्ष मल्होत्रा ने शुक्रवार को राजधानी दिल्ली में आयोजित “सड़क एवं राजमार्ग शिखर सम्मेलन” को संबोधित करते हुए यह बात कही। उन्होंने बीते एक दशक में मंत्रालय द्वारा किए गए उल्लेखनीय कार्यों का ब्योरा प्रस्तुत करते हुए बताया कि कैसे भारत अब वैश्विक सड़क अवसंरचना के क्षेत्र में एक सशक्त और प्रेरणादायक उपस्थिति बना रहा है।

भारत की प्रगति की जीवन रेखाएं हैं आधुनिक राजमार्ग

अपने उद्घाटन संबोधन में मंत्री श्री हर्ष मल्होत्रा ने कहा, “राजमार्ग सिर्फ सड़कें नहीं हैं, यह देश की प्रगति की जीवन रेखाएं हैं जो लोगों, उद्योगों और अवसरों को जोड़ती हैं। ये राजमार्ग आर्थिक गति, सामाजिक समावेशन और सुरक्षित आवागमन के सशक्त माध्यम बन चुके हैं।”

भारत विश्व का दूसरा सबसे बड़ा सड़क नेटवर्क बन गया है। यह वृद्धि न केवल भारत की बुनियादी ढांचे की शक्ति को दर्शाती है, बल्कि सरकार की दूरदर्शिता का भी प्रमाण है।

छह गुना बढ़ा निवेश, अभूतपूर्व विकास की रफ्तार

राजमार्ग मंत्रालय के बजट में वर्ष 2014 से 2023-24 तक 57% की वृद्धि देखी गई है, जो न केवल आर्थिक प्रगति के लिए ज़रूरी है बल्कि नागरिकों के जीवन की गुणवत्ता को सुधारने का मार्ग भी प्रशस्त करता है।

रोजगार सृजन में अवसंरचना परियोजनाओं की भूमिका

श्री मल्होत्रा ने बताया कि सड़क परियोजनाओं ने देश में रोजगार सृजन की दिशा में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया है। उन्होंने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में इन परियोजनाओं ने:

45 करोड़ मानव दिवस प्रत्यक्ष रोजगार,

57 करोड़ मानव दिवस अप्रत्यक्ष रोजगार, और

यह आंकड़े बताते हैं कि सड़क निर्माण परियोजनाएं न केवल आर्थिक विकास को गति देती हैं बल्कि सामाजिक न्याय और ग्रामीण विकास को भी बढ़ावा देती हैं।

पूर्वोत्तर की तरक्की में सड़कों की भूमिका

पूर्वोत्तर क्षेत्र (NER) को विकास की मुख्यधारा में लाने के लिए सरकार द्वारा की गई पहलों की सराहना करते हुए मंत्री ने बताया कि पिछले दशक में यहां 10,000 किलोमीटर से अधिक राष्ट्रीय राजमार्गों का निर्माण किया गया है। यह पूर्वोत्तर भारत की दूरियों को समाप्त कर उसे देश के अन्य भागों से जोड़ने में निर्णायक भूमिका निभा रहा है।

 भीड़भाड़ से राहत का रोडमैप

सम्मेलन के दौरान मंत्री महोदय ने दिल्ली में भीड़भाड़ और प्रदूषण को कम करने के उद्देश्य से तैयार दिल्ली डीकंजेशन प्लान की जानकारी दी। इस योजना में शामिल हैं:

दिल्ली-अमृतसर-कटरा एक्सप्रेसवे (NE-5) का UER-II (NH-344M) तक विस्तार,

ट्रोनिका सिटी के पास दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे तक कनेक्टिविटी,

द्वारका एक्सप्रेसवे से वसंत कुंज तक सुरंग निर्माण।

इस योजना से दिल्ली में यातायात की भीड़ को कम करने, प्रदूषण को घटाने और लोगों को बेहतर यात्रा अनुभव प्रदान करने की उम्मीद है।

सड़क सुरक्षा में आई नई ऊर्जा

श्री मल्होत्रा ने कहा कि सड़क सुरक्षा सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। इस दिशा में:

14,000 ब्लैकस्पॉट्स को सुधारा गया है,

गुड समैरिटन स्कीम तथा कैशलेस गोल्डन ऑवर स्कीम जैसे नवाचार लागू किए गए हैं।

इन पहलों से दुर्घटनाओं में कमी और त्वरित उपचार की संभावना में वृद्धि हुई है।

हरित पहलें और सतत विकास

मंत्री ने हरित राजमार्ग नीति और ‘एक पेड़ मां के नाम’ जैसे नवाचारों का उल्लेख करते हुए बताया कि:

अब तक 4.78 करोड़ से अधिक पेड़ लगाए गए हैं,

उन्होंने यह भी बताया कि यूईआर-II और अहमदाबाद-धोलेरा एक्सप्रेसवे जैसे प्रोजेक्ट्स में अब 80 लाख टन से अधिक प्लास्टिक कचरे का पुनः उपयोग किया गया है। इसके अलावा फ्लाई ऐश का भी उपयोग बढ़ रहा है, जिससे कच्चे माल की खपत और प्रदूषण में कमी आ रही है।

सड़क किनारे आधुनिक सुविधाएं

मंत्री ने बताया कि मंत्रालय वर्ष 2028-29 तक 700 से अधिक वेसाइड सुविधाएं (WSAs) विकसित करेगा। इनमें:

स्वच्छ शौचालय,

गुणवत्तापूर्ण भोजन,

विश्राम स्थल,

ईंधन स्टेशन,

ईवी चार्जिंग प्वाइंट्स जैसी सुविधाएं होंगी।

यह पहलें यात्रा को सुरक्षित, आरामदायक और हरित बनाएंगी।

विकसित भारत@2047 की आधारशिला

अंत में श्री हर्ष मल्होत्रा ने कहा, “सरकार केवल सड़कें नहीं बना रही – यह एक समृद्ध, शांतिपूर्ण और लचीले भारत की नींव रख रही है।” उन्होंने यह भी कहा

राष्ट्रीय राजमार्ग नेटवर्क में ऐतिहासिक विस्तार
साल 2014 में भारत का राष्ट्रीय राजमार्ग नेटवर्क मात्र 91,000 किलोमीटर था। बीते 11 वर्षों में सरकार द्वारा किए गए अभूतपूर्व प्रयासों और दूरदर्शी योजनाओं के फलस्वरूप यह आंकड़ा वर्ष 2025 तक 1.46 लाख किलोमीटर से भी अधिक हो चुका है। इस तीव्र वृद्धि ने भारत को विश्व का दूसरा सबसे बड़ा सड़क नेटवर्क प्रदान किया है, जो संपर्क, संचार और आर्थिक एकीकरण का महत्वपूर्ण आधार बन चुका है।

 सड़क अवसंरचना निवेश में 6.4 गुना वृद्धि
वर्ष 2013-14 से 2024-25 के बीच सरकार द्वारा सड़क अवसंरचना पर किया गया निवेश 6.4 गुना तक बढ़ गया है। यह केवल मात्रा में नहीं बल्कि गुणवत्ता, नवाचार और सतत विकास की दिशा में एक निर्णायक कदम है। इस निवेश से देश में सुपरफास्ट एक्सप्रेसवे, एलिवेटेड कॉरिडोर और ग्रीनफील्ड हाईवे जैसे बुनियादी ढांचे का निर्माण तेज़ी से हुआ है।

 बजट आवंटन में 57% की वृद्धि
वर्ष 2014 से 2023-24 तक सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के बजट आवंटन में 57 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। यह सरकार की इस क्षेत्र को दी गई प्राथमिकता को दर्शाता है, जहां यातायात के सुगम साधनों के माध्यम से न केवल व्यापार को बढ़ावा मिला है, बल्कि आम नागरिकों के जीवन स्तर में भी सुधार आया है।

रोजगार सृजन में बड़ी उपलब्धि: 634 करोड़ मानव दिवस
सड़क निर्माण परियोजनाएं केवल बुनियादी ढांचा नहीं बनातीं, बल्कि यह रोजगार के व्यापक अवसर भी सृजित करती हैं। अब तक मंत्रालय की विभिन्न परियोजनाओं के माध्यम से:

45 करोड़ मानव दिवस प्रत्यक्ष रोजगार,

57 करोड़ मानव दिवस अप्रत्यक्ष रोजगार, तथा

532 करोड़ मानव दिवस प्रेरित रोजगार सृजित किए गए हैं।
इस प्रकार कुल 634 करोड़ मानव दिवस रोजगार का सृजन, देश के सामाजिक-आर्थिक ढांचे में सड़क परियोजनाओं की भूमिका को उजागर करता है।

पूर्वोत्तर में 10,000 किलोमीटर से अधिक निर्माण
पूर्वोत्तर क्षेत्र (NER) में सरकार की प्रतिबद्धता को साकार करते हुए पिछले एक दशक में 10,000 किलोमीटर से अधिक राष्ट्रीय राजमार्गों का निर्माण किया गया है। इससे पूर्वोत्तर भारत की कनेक्टिविटी में सुधार हुआ है, जिससे पर्यटन, व्यापार और स्थानीय विकास को बल मिला है। इन प्रयासों से वहां के लोगों को मुख्यधारा से जोड़ने में मदद मिली है।

14,000 से अधिक ब्लैकस्पॉट्स का सुधार
देशभर में दुर्घटनाओं की आशंका वाले 14,000 से अधिक ब्लैकस्पॉट्स की पहचान कर उनका प्रभावी समाधान किया गया है। ये सुधार सड़क सुरक्षा में एक बड़ा कदम माने जा रहे हैं, जिससे सड़क दुर्घटनाओं में गिरावट और जन हानि को कम करने की दिशा में सफलता मिली है। इससे सरकार की ‘जीरो फेटलिटी’ दृष्टिकोण की झलक मिलती है।

 4.78 करोड़ पेड़ लगाए गए
हरित राजमार्ग नीति के तहत अब तक 4.78 करोड़ से अधिक पेड़ लगाए जा चुके हैं। साथ ही, लगभग 70 हजार पेड़ों का सफल प्रत्यारोपण भी किया गया है। ‘एक पेड़ माँ के नाम’ जैसी पहलों के माध्यम से हर राजमार्ग को प्रकृति के साथ संतुलन में रखा जा रहा है। ये हरियाली न केवल पर्यावरणीय स्थायित्व बढ़ाती है, बल्कि यात्रियों को सुखद अनुभव भी प्रदान करती है।

80 लाख टन से अधिक
मंत्रालय ने सतत निर्माण पद्धतियों को अपनाते हुए, अब तक 80 लाख टन से अधिक प्लास्टिक अपशिष्ट का उपयोग प्रमुख परियोजनाओं जैसे यूईआर-II और अहमदाबाद-धोलेरा एक्सप्रेसवे में किया है।

2028-29 तक 700+ वेसाइड सुविधाओं का विकास प्रस्तावित
राजमार्गों पर यात्रियों की सुविधा के लिए मंत्रालय ने वर्ष 2028-29 तक 700 से अधिक वेसाइड सुविधाएं (WSAs) स्थापित करने का लक्ष्य रखा है। इन सुविधाओं में:

स्वच्छ शौचालय,

गुणवत्तापूर्ण भोजन,

विश्राम क्षेत्र,

ईंधन स्टेशन,

इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिंग स्टेशन शामिल होंगे।
यह पहल यात्रियों के अनुभव को बेहतर बनाएगी और राजमार्गों को अधिक आधुनिक व सुसज्जित बनाएगी।

Source  PIB 

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