दिनांक : 13.07.2025 | Koto News | KotoTrust |
भारत सरकार के उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) के सचिव श्री अमरदीप सिंह भाटिया ने 12 जुलाई को महाराष्ट्र के छत्रपति संभाजीनगर (पूर्व में औरंगाबाद) स्थित औरंगाबाद औद्योगिक शहर (एयूआरआईसी) का दौरा किया। इस दौरे का उद्देश्य औद्योगिक बुनियादी ढांचे, स्टार्टअप्स, कौशल विकास, और वैश्विक निवेश की संभावनाओं का मूल्यांकन करते हुए स्थानीय और राष्ट्रीय औद्योगिक नीति को सुदृढ़ बनाना रहा।
एयूआरआईसी में कौशल विकास केंद्र की स्थापना
श्री भाटिया के दौरे के दौरान यह घोषणा की गई कि भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के साथ साझेदारी में एयूआरआईसी में 20,000 वर्ग फुट क्षेत्र में एक आधुनिक कौशल विकास केंद्र स्थापित किया जाएगा। इस उद्देश्य से अगले सप्ताह एक समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर होने की संभावना है। यह केंद्र उद्योगों की आवश्यकताओं के अनुरूप कुशल मानव संसाधन तैयार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल होगा।
औद्योगिक नवाचार और आर एंड डी केंद्रों की आवश्यकता
सचिव ने एयूआरआईसी में अनुसंधान और विकास (R&D) केंद्रों के विकास पर बल दिया। उन्होंने कहा कि वैश्विक क्षमता केंद्र (GCC) निवेश को आकर्षित करने के लिए नवाचार-प्रधान औद्योगिक पारिस्थितिकी तंत्र की आवश्यकता है। आर एंड डी केंद्रों की स्थापना क्षेत्र में तकनीकी उन्नयन, स्वदेशी नवाचार और प्रतिस्पर्धा को प्रोत्साहित करेगी।
आवासीय टाउनशिप और पीएमएवाई 2.0 का अभिसरण
हितधारकों ने औद्योगिक विकास के साथ-साथ समावेशी आवास के लिए एक व्यापक पैकेज की वकालत की। इसमें प्रधानमंत्री आवास योजना (PMAY) 2.0 की सब्सिडी को राज्य सरकार की आवास नीति के साथ जोड़ने की सिफारिश की गई, ताकि एयूआरआईसी के अंतर्गत एक सुव्यवस्थित औद्योगिक टाउनशिप विकसित हो सके।
उद्योग संपर्क सत्र में व्यापक भागीदारी
इस दौरे के दौरान एयूआरआईसी हॉल में एक उद्योग संपर्क सत्र आयोजित किया गया, जिसकी अध्यक्षता स्वयं सचिव श्री भाटिया ने की। इस सत्र में MASIA, CII, FICCI, ASSOCHAM, CMIA जैसे प्रमुख उद्योग संगठनों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। सत्र में निम्नलिखित बिंदुओं पर प्रमुखता से चर्चा हुई:
औरंगाबाद-हैदराबाद-चेन्नई के बीच बेहतर कनेक्टिविटी
बिडकिन में वंदे भारत टर्मिनल की स्थापना
MRO सुविधा और बेहतर लॉजिस्टिक कनेक्टिविटी
MSME के लिए भूमि आरक्षण को 10% से बढ़ाकर 40% करने का सुझाव
स्टार्टअप्स के लिए 10% भूमि आरक्षित करने की सिफारिश
सॉफ्ट इन्फ्रास्ट्रक्चर और कौशल विकास को मज़बूत करने पर जोर
महाराष्ट्र सरकार का रणनीतिक दृष्टिकोण
समन्वय कर राज्य को वैश्विक औद्योगिक गंतव्य बनाने की दिशा में कार्यरत है।
मैजिक (MAGIC) में स्टार्टअप संवाद
दौरे की शुरुआत मराठवाड़ा एक्सेलरेटर फॉर ग्रोथ एंड इनक्यूबेशन काउंसिल (MAGIC) में संवाद सत्र से हुई। सचिव श्री भाटिया ने क्षेत्र के नवोदित उद्यमियों, स्टार्टअप संस्थापकों और इनक्यूबेटर्स के साथ बातचीत की। उन्होंने भारत सरकार की पहल—स्टार्टअप इंडिया, फंड ऑफ फंड्स, सीड फंडिंग योजना—के बारे में बताया और टियर-2 व टियर-3 शहरों में स्टार्टअप्स को समर्थन देने की प्रतिबद्धता व्यक्त की।
औद्योगिक क्षेत्रों का दौरा और निरीक्षण
सचिव ने बिडकिन औद्योगिक क्षेत्र का दौरा कर JSW Green-Tech Ltd., Toyota Kirloskar Plant और जल उपचार संयंत्र का निरीक्षण किया। इसके बाद उन्होंने शेंद्रा क्षेत्र का दौरा किया जहाँ NLMK India, Hyosung T&D Pvt. Ltd. और Kotal Films Pvt. Ltd. जैसी प्रमुख औद्योगिक इकाइयों का अवलोकन किया।
उन्होंने इन इकाइयों की उच्च मूल्य विनिर्माण और रोजगार सृजन में भूमिका की सराहना की, और कहा कि ये इकाइयाँ Developed India@2047 के विजन में महत्वपूर्ण योगदान दे रही हैं।
बुनियादी ढांचे का तकनीकी मूल्यांकन
श्री भाटिया ने एयूआरआईसी के प्रमुख बुनियादी ढांचों जैसे जल उपचार संयंत्र, एकीकृत कमान और नियंत्रण केंद्र (ICCC), अत्याधुनिक एयूआरआईसी हॉल और शेंद्रा का 3डी मॉडल का अवलोकन किया। उन्होंने विशेष रूप से भूगर्भीय वितरण प्रणाली, हाई-स्पीड इंटरनेट, सीवेज सिस्टम, और SCADA आधारित निगरानी व्यवस्था की सराहना की।
(AURIC) और उसका मॉडल
एयूआरआईसी स्मार्ट सिटी को दो चरणों—शेंद्रा (2,000 एकड़) और बिडकिन (2,500 एकड़) में विकसित किया जा रहा है। कुल 4,000 हेक्टेयर (10,000 एकड़) क्षेत्र में फैली यह परियोजना एक आधुनिक, आत्मनिर्भर और संतुलित औद्योगिक शहर के रूप में उभर रही है। कुछ प्रमुख विशेषताएं:
60% भूमि औद्योगिक उपयोग के लिए, 40% अन्य नागरिक सुविधाओं के लिए
भूमिगत बिजली, जल, सीवेज नेटवर्क
42% पानी की मांग उपचारित अपशिष्ट जल से
स्मार्ट सिटी सेवाएं: CCTV निगरानी, वायु गुणवत्ता सेंसर, ट्रैफिक कंट्रोल
सचिव का समापन वक्तव्य
डीपीआईआईटी सचिव श्री भाटिया ने दौरे के अंत में कहा:
“महाराष्ट्र को विनिर्माण और नवाचार के वैश्विक केंद्र के रूप में स्थापित करने के लिए सरकार और उद्योग जगत के बीच सक्रिय सहयोग अत्यंत आवश्यक है। एयूआरआईसी एक उदाहरण है कि कैसे आधुनिक तकनीक और नीति समन्वय से एक टिकाऊ औद्योगिक पारिस्थितिकी तंत्र विकसित किया जा सकता है।”
महाराष्ट्र के औद्योगिक भविष्य की झलक
20,000 वर्ग फुट में कौशल विकास केंद्र: उद्योग की ज़रूरतों से मेल खाता प्रशिक्षण ढांचा
औरंगाबाद औद्योगिक शहर (AURIC) में प्रस्तावित 20,000 वर्ग फुट में फैला कौशल विकास केंद्र महाराष्ट्र के औद्योगिक भविष्य का एक प्रमुख स्तंभ बनने जा रहा है। यह केंद्र भारतीय उद्योग परिसंघ (CII) की भागीदारी से स्थापित किया जाएगा, जिससे उद्योगों और नीति निर्माताओं के बीच व्यावहारिक तालमेल विकसित होगा।
इस केंद्र की विशिष्टताएँ होंगी:
इंडस्ट्री-ड्रिवन कोर्स: मशीन टूल्स, इलेक्ट्रॉनिक्स, ऑटोमोबाइल, ग्रीन टेक्नोलॉजी, AI और मेटावर्स आधारित कौशल प्रशिक्षण
इंटरनशिप और ऑन-द-जॉब ट्रेनिंग: स्थानीय उद्योगों में छात्रों को व्यावहारिक अनुभव मिलेगा
टियर-2 और टियर-3 युवाओं पर फोकस: ग्रामीण और अर्ध-शहरी युवाओं को उद्योग-योग्य बनाने की दिशा में बड़ा कदम
लर्निंग-टू-इर्निंग मॉडल: प्रशिक्षण के तुरंत बाद रोजगार पाने की संभावना
यह केंद्र भारत सरकार की “Skill India” और “Make in India” जैसी योजनाओं के साथ तालमेल में कार्य करेगा और AURIC जैसे औद्योगिक शहरों की दक्ष मानव संसाधन मांग को पूरा करेगा।
स्टार्टअप्स के लिए 10% भूमि आरक्षित प्रस्ताव: नवाचार को मिली ज़मीन
AURIC में स्टार्टअप कंपनियों को 10% भूमि आरक्षित करने का प्रस्ताव महाराष्ट्र को एक “इनोवेशन हब” बनाने की दिशा में एक साहसी पहल है। इससे नवोदित उद्यमियों को अपनी परियोजनाएँ शुरू करने के लिए न्यूनतम लागत पर स्थान उपलब्ध हो सकेगा।
मुख्य लाभ:
लागत में कमी: स्टार्टअप्स को बाज़ार दर से कम कीमत पर भूमि मिल सकेगी
संवर्धन योग्य पारिस्थितिकी तंत्र: सहायक अवसंरचना, नेटवर्किंग स्पेस और मेंटरशिप सुविधाओं की स्थापना
अनुकूल नीतियाँ: राज्य सरकार की स्टार्टअप नीति और फंडिंग योजनाओं से तालमेल
टेक्नोलॉजी क्लस्टर: हेल्थटेक, फिनटेक, एग्रीटेक और ग्रीनटेक जैसे उभरते क्षेत्रों के लिए समर्पित स्थान
इस प्रस्ताव का उद्देश्य है स्टार्टअप्स को सिर्फ डिजिटल स्पेस ही नहीं, भौतिक आधार भी प्रदान करना, जिससे वे अपना उत्पाद विकास, प्रोटोटाइपिंग और संचालन बड़े स्तर पर कर सकें।
GCC और R&D केंद्रों को प्रोत्साहन: वैश्विक नवाचार को स्थानीय मंच
वैश्विक क्षमता केंद्र (Global Capability Centers – GCCs) और अनुसंधान एवं विकास (R&D) केंद्रों को AURIC में प्रोत्साहित किया जा रहा है ताकि राज्य को “Research to Revenue” मॉडल की ओर ले जाया जा सके।
विशेष पहल:
टेक्नोलॉजी ट्रांसफर के लिए वैश्विक कंपनियों को आकर्षित करना
R&D पार्क के तहत उच्च शिक्षा संस्थानों के साथ सहयोग
मल्टी-डोमेन नवाचार – AI, ड्रोन टेक्नोलॉजी, स्मार्ट मैन्युफैक्चरिंग, ग्रीन एनर्जी
बौद्धिक संपदा सृजन (IPR) में वृद्धि
इन केंद्रों से न केवल उच्च तकनीक पर आधारित रोजगार के अवसर बढ़ेंगे, बल्कि महाराष्ट्र “उद्योग 4.0” और “अवसरमूलक विनिर्माण” के क्षेत्र में अग्रणी बनेगा।
स्मार्ट लॉजिस्टिक्स और टर्मिनल हब विकसित करने की योजना: कुशल आपूर्ति श्रृंखला की रीढ़
औद्योगिक विकास को टिकाऊ और समयबद्ध बनाने के लिए AURIC क्षेत्र में स्मार्ट लॉजिस्टिक्स और मल्टी-मॉडल टर्मिनल हब की योजना तैयार की जा रही है। यह पहल बिडकिन, जालना, शेंद्रा, और आसपास के क्षेत्रों को जोड़कर एक गतिशील लॉजिस्टिक गलियारा तैयार करेगी।
प्रमुख विशेषताएँ:
वंदे भारत टर्मिनल प्रस्तावित – तेज़ यात्री व माल परिवहन के लिए
MRO (Maintenance, Repair & Overhaul) सुविधा – एविएशन सेक्टर की सेवा के लिए
मल्टी-मॉडल लॉजिस्टिक पार्क (MMLP) – रेल, सड़क और जलमार्ग से जुड़ा स्मार्ट नेटवर्क
इंटेलिजेंट ट्रैफिक सिस्टम और SCADA आधारित नियंत्रण केंद्र – रीयल-टाइम ट्रैकिंग और आपूर्ति नियंत्रण
इस लॉजिस्टिक्स मॉडल से AURIC को “ईज ऑफ डूइंग बिज़नेस” में बढ़त मिलेगी और भारत के मिड-कॉरिडोर में एक लॉजिस्टिक सुपरहब के रूप में इसकी पहचान स्थापित होगी।
Source : PIB