काठमांडू / लुंबिनी प्रदेश, नेपाल दिनांक: 29 नवम्बर 2025 | नेपाल की राजनीति में एक महत्वपूर्ण मोड़ तब देखने को मिला जब नेपाल निषाद परिषद लुंबिनी प्रदेश के प्रदेश अध्यक्ष श्री जीवन मलाह निषाद ने औपचारिक रूप से जनमत पार्टी की सदस्यता ग्रहण कर ली। यह ऐतिहासिक क्षण 28 नवम्बर 2025 को काठमांडू स्थित जनमत पार्टी मुख्यालय में दर्ज किया गया। पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. सीके राउत ने स्वयं उन्हें माला पहनाकर गर्मजोशी से स्वागत किया और उनके उज्ज्वल राजनीतिक भविष्य की कामना की। इस घटना को निषाद समुदाय के लिए एक “सम्मान और अधिकारों की नयी सुबह” के रूप में देखा जा रहा है।
समाज व मुद्दों पर फोकस
जीवन मलाह निषाद लंबे समय से नेपाल में निषाद उपजातियों — केवट, मल्लाह, बिन, चाई, मुखिया, महतो, चौधरी, कपर, कापरी, साहनी, खरबिंद, माझी भाइयों-बहनों की पहचान, प्रतिनिधित्व और अधिकारों के लिए संघर्षरत रहे हैं। उनका कहना है कि यह समाज 200 वर्षों से अपनी मौलिक पहचान, राजनीतिक भागीदारी और सामाजिक सम्मान के लिए लड़ रहा है, लेकिन अब समय है कि इसे राज्य व्यवस्था में सम्मानित दर्जा और हिस्सा मिले।
वे लगातार यह मुद्दा उठाते आए हैं कि नेपाल में करोड़ों की आबादी वाला यह समुदाय जल, नदी और जल-आधारित व्यवसाय पर निर्भर रहा है, परंतु उन्हें सरकारी नीतियों में हमेशा नजरअंदाज किया गया। रोजगार, शिक्षा, आवास, स्वास्थ्य और राजनीतिक प्रतिनिधित्व में समान अवसरों की मांग वे वर्षों से करते आ रहे हैं।
राजनीतिक महत्व और भविष्य
जनमत पार्टी में शामिल होते ही जीवन मलाह निषाद ने स्पष्ट कहा कि उनकी इस नई राजनीतिक यात्रा का लक्ष्य निषाद समाज की आवाज़ को राष्ट्रीय स्तर पर बुलंद करना है। उन्होंने घोषणा की कि जल-जीवन और जल-जीविका के ऐतिहासिक अधिकारों को वापस दिलाने के लिए वे हर मोर्चे पर संघर्ष करेंगे।
उनका मानना है कि जनमत पार्टी “जनता का हक जनता को” के सिद्धांत पर काम करती है और इसी कारण उन्होंने इसे अपना दूसरा राजनीतिक यूनियन चुना। उन्होंने कहा कि संविधान और लोकतंत्र के असली मायने तब ही स्थापित होंगे जब शिक्षा, स्वास्थ्य, सुरक्षा और संसाधनों पर समान अधिकार सुनिश्चित होंगे।
स्वागत संबोधन
डॉ. सीके राउत ने जीवन मलाह निषाद को पार्टी में शामिल करते हुए कहा कि निषाद समुदाय नेपाल की संस्कृति, इतिहास और श्रम शक्ति की रीढ़ रहा है। अब समय आ गया है कि इस समुदाय को वास्तविक अधिकार और राजनीतिक प्रतिनिधित्व मिले। उन्होंने आशा व्यक्त की कि जीवन मलाह निषाद पार्टी को जमीनी स्तर पर और सशक्त बनाएँगे तथा समाज के बीच समानता और सम्मान की नई पहल शुरू करेंगे।
निषाद पहचान की आधिकारिक मान्यता
निषाद समुदाय, जिसमें केवट, मल्लाह, बिंद, साहनी, माझी, कपर, चौधरी, मुखिया सहित कई उपजातियाँ शामिल हैं, नेपाल में सदियों से मौजूद हैं और जल आधारित जीवन-व्यवस्था के संरक्षक रहे हैं। इसके बावजूद इस समुदाय की सांस्कृतिक पहचान, सामाजिक योगदान और ऐतिहासिक अस्तित्व को आज तक संविधान में उचित मान्यता नहीं मिली है।
हमारी मांग है कि:
निषाद समुदाय को आधिकारिक जातीय पहचान दी जाए
सरकारी दस्तावेज़ों, सर्वेक्षणों, जनगणना और नीतियों में अलग पहचान दर्ज हो
इतिहास और शिक्षा सामग्री में निषादों के योगदान को उचित स्थान मिले
❝जिस समाज ने नदी और जल-जीवन को बचाया, उसकी पहचान को अब संरक्षण मिलना आवश्यक है।❞
नदी और जल-आधारित व्यवसायों पर पारंपरिक अधिकार
नदियाँ, ताल-तलैया, झीलें और जल ही निषाद समुदाय की जीवनरेखा हैं। हमने पीढ़ियों से:
नाविकता
मछली पालन
जल परिवहन
जल संसाधन संरक्षण
जैसे कार्यों से देश की अर्थव्यवस्था में योगदान दिया है। इसके बावजूद आज बाहरी शक्तियाँ इन व्यवसायों पर कब्जा कर रही हैं और निषादों के मूल अधिकार छीने जा रहे हैं।
मांगें:
सभी जल संसाधनों पर स्थानीय निषाद समुदाय को प्रथम अधिकार मिले
लाइसेंस, परमिट, पट्टा और मछली पालन योजनाओं में प्राथमिकता दी जाए
जल आधारित पर्यटन में निषादों को विशेष भागीदारी मिले
नदी परियोजनाओं में रोजगार की गारंटी दी जाए
शिक्षा और नौकरी में आरक्षण
निषाद समुदाय आज भी गरीबी, अशिक्षा और अवसरों की कमी से जूझ रहा है।
इसलिए:
शिक्षा संस्थानों में आरक्षण व्यवस्था
पुलिस, सेना, सरकारी सेवाओं और प्रतिनिधित्व में निषाद युवाओं को प्राथमिकता
छात्रवृत्ति, हॉस्टल, प्रशिक्षण जैसी सुविधाएँ
तकनीकी और उच्च शिक्षा में विशेष सीटें
शिक्षा ही वह साधन है जो इस समुदाय को हाशिये से मुख्यधारा में लाने में सक्षम है।
संसद व स्थानीय सरकारों में राजनीतिक प्रतिनिधित्व
जब तक अधिकारों को कानून में दर्ज करने वाले संस्थानों में निषादों की सीधी भागीदारी नहीं होगी, तब तक परिवर्तन अधूरा रहेगा।
मांगें:
संसद, राष्ट्रीय परिषद और प्रांतीय विधानसभाओं में आरक्षित सीटें
स्थानीय सरकार — पालिका, वार्ड, जिला परिषदों में उचित प्रतिनिधित्व
राजनीतिक दलों की संगठनात्मक संरचना में निषाद नेताओं को स्थान
यह सिर्फ प्रतिनिधित्व नहीं, बल्कि नियंत्रण और नेतृत्व का अधिकार है।
नदी तटीय गांवों का विकास और आर्थिक सहायता
नदी के किनारे बसे निषाद ग्राम आमतौर पर:
संसाधनों से वंचित
प्राकृतिक आपदाओं से प्रभावित
सुविधाओं के अभाव वाले
रहे हैं।
इसलिए:
नदी तटों पर आवास, सड़क, बिजली, पेयजल, स्वास्थ्य सुविधाओं का विस्तार
आपदा प्रबंधन और पुनर्वास की विशेष योजनाएँ
मछली पालन, नाव निर्माण, जाल निर्माण आदि में वित्तीय सहयोग
महिला व युवाओं के लिए सूक्ष्म उद्यम योजनाएँ
यह विकास सिर्फ आर्थिक नहीं, सम्मानजनक जीवन का अधिकार है।
युवाओं के लिए कौशल व शिक्षा कार्यक्रम
युवाओं में प्रतिभा की कोई कमी नहीं, पर अवसर सीमित हैं।
इसलिए:
कौशल विकास केंद्रों की स्थापना
IT, पर्यटन, मछली प्रसंस्करण, नौवहन, खेल और रक्षा क्षेत्रों में प्रशिक्षण
प्रतियोगी परीक्षाओं हेतु कोचिंग और मार्गदर्शन
खेल प्रतिभाओं को राष्ट्रीय स्तर पर प्रोत्साहन
1. जीवन मलाह निषाद जनमत पार्टी में क्यों शामिल हुए?
वे निषाद समुदाय की आवाज़ को राष्ट्रीय स्तर तक मजबूत और प्रभावी बनाने के उद्देश्य से जनमत पार्टी में शामिल हुए हैं, ताकि समाज के सम्मान, अधिकारों और अवसरों की लड़ाई को राजनीतिक मंच मिल सके।
2. निषाद समुदाय क्या है और इसकी पहचान क्यों ज़रूरी है?
निषाद समुदाय नेपाल की जल-जीवन सभ्यता का प्रमुख संवाहक है — जिसमें केवट, मल्लाह, बिंद, साहनी, माझी जैसी उपजातियाँ शामिल हैं। इनकी सामाजिक-आर्थिक भूमिका महत्वपूर्ण है, इसलिए इनके ऐतिहासिक अस्तित्व को संवैधानिक मान्यता मिलना जरूरी है।
3. निषाद समुदाय की मुख्य मांगें क्या हैं?
आधिकारिक जातीय पहचान
जल और नदी-आधारित व्यवसायों पर पारंपरिक अधिकार
शिक्षा-नौकरी में आरक्षण
संसद/स्थानीय सरकार में राजनीतिक प्रतिनिधित्व
नदी किनारे गाँवों का विकास
युवाओं के लिए कौशल और शिक्षा कार्यक्रम
4. पारंपरिक अधिकार से क्या तात्पर्य है?
सदियों से निषाद समुदाय नदियों, झीलों और जल संसाधनों से जुड़ा कार्य करता आया है, इसलिए उन्हें जल संपदाओं का प्रथम अधिकार मिलना चाहिए — जैसे मछली पालन, नाविकता, पर्यटन और नौवहन।
5. क्या सरकार ने इस विषय पर अब तक कोई कदम उठाया है?
अभी तक समुदाय को अपेक्षित मान्यता और अधिकार नहीं मिले हैं।
यही कारण है कि राजनीतिक स्तर पर नई पहल व संघर्ष शुरू किया गया है।
6. निषाद युवाओं के लिए विशेष योजना क्यों आवश्यक है?
अधिकतर निषाद युवा आर्थिक व शैक्षिक बाधाओं के कारण पीछे रह जाते हैं।
उन्हें कौशल प्रशिक्षण, छात्रवृत्ति और रोजगार अवसर मिलें तो वे समाज का चेहरा बदल सकते हैं।
7. जीवन मलाह निषाद की भूमिका आगे कैसी होगी?
वे पूरे नेपाल में निषाद समुदाय को संगठित करेंगे,
सरकारी नीतियों में बदलाव लाने के लिए कार्य करेंगे
और जनमत पार्टी में मजबूत नेतृत्व का निर्वहन करेंगे।
8. इस आंदोलन से आम नागरिक को क्या लाभ होगा?
जल-जीवन आधारित विकास होने से —
नदी गाँवों का उत्थान होगा
पर्यटन, मत्स्य पालन व परिवहन विकसित होंगे
रोजगार बढ़ेगा
देश की अर्थव्यवस्था मजबूत होगी
9. लोग इस अभियान से कैसे जुड़ सकते हैं?
निषाद परिषद और जनमत पार्टी के प्रदेश व जिला कार्यालय से संपर्क करके,
सदस्यता लेकर या जन-जागरूकता कार्यक्रमों में शामिल होकर।
10. यह आंदोलन सिर्फ निषादों का है या राष्ट्रीय हित का?
यह आंदोलन समानता, अधिकार और विकास का आंदोलन है —
जो नेपाल के संपूर्ण लोकतंत्र, समृद्धि और न्याय को मजबूत करता है।
रिपोर्ट : निषाद कोटो न्यूज़ नेटवर्क (KNN) |

