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नेपाल निषाद परिषद के अध्यक्ष जीवन सहानी निषाद का भारत दौरा निषाद राज धाम चार पानी में विशेष पूजा-अर्चना

नेपाल निषाद परिषद के अध्यक्ष जीवन सहानी निषाद निषाद राज धाम, चार पानी (गोरखपुर) में आचार्य प्रभात महाराज और मंदिर प्रबंधन के साथ विशेष पूजा-अर्चना करते हुए।

नेपाल–भारत निषाद समाज के सांस्कृतिक और सामाजिक संबंधों को नई दिशा देने वाला महत्वपूर्ण दौरा

गोरखपुर, उत्तर प्रदेश | 11 सितंबर 2025 को नेपाल निषाद परिषद, लुम्बिनी प्रदेश के प्रदेश अध्यक्ष श्री जीवन सहानी निषाद अपने प्रतिनिधि मंडल के साथ एक ऐतिहासिक और भावनात्मक यात्रा पर भारत के उत्तर प्रदेश स्थित प्रसिद्ध निषाद राज धाम, चार पानी, बसगांव (गोरखपुर-वाराणसी राजमार्ग) पहुँचे। यह यात्रा केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण नहीं थी, बल्कि यह दो देशों—नेपाल और भारत—के निषाद समाज के बीच सांस्कृतिक, आध्यात्मिक और सामाजिक एकता को मजबूत करने का प्रतीक भी थी। मंदिर परिसर में उनका स्वागत निषाद राज धाम मंदिर के सम्मानित आचार्य प्रभात महाराज निषाद ने बड़े आदर के साथ किया। जीवन सहानी ने मंदिर में प्रवेश करते ही निषाद राज के दिव्य स्वरूप के दर्शन कर अपना माथा नवाया और समाज की उन्नति, सुख-समृद्धि और एकता की कामना की। मंदिर के पवित्र प्रांगण में खड़े होकर उन्होंने कहा कि निषाद राज न केवल निषाद समुदाय के प्रतीक हैं, बल्कि वे श्रम, साहस, संघर्ष और मानवता के ऐसे आदर्श हैं जिनसे पूरी दुनिया को प्रेरणा मिलती है। इस तरह उनके आगमन ने पूरे क्षेत्र में उत्साह, गर्व और आध्यात्मिक माहौल का संचार कर दिया।

मंदिर परिसर का निरीक्षण और धार्मिक भावना

दर्शन के दौरान जीवन सहानी निषाद जी ने मंदिर परिसर का गहन निरीक्षण किया। निषाद राज धाम, चार पानी, बसगांव गोरखपुर-वाराणसी मार्ग पर स्थित एक प्राचीन आस्था स्थल है, जहां प्रतिदिन सैकड़ों श्रद्धालु दर्शन कर अपनी मनोकामनाएं पूर्ण करने की प्रार्थना करते हैं। मंदिर के आचार्य, आचार्य प्रभात महाराज निषाद, जीवन सहानी का परिचय मंदिर की परंपराओं, इतिहास और इसकी सामाजिक उपयोगिता से कराते रहे। प्रतिनिधि मंडल ने विशेष रूप से मंदिर की वास्तुकला, प्रांगण की पवित्रता, धार्मिक अनुष्ठानों की शैली और भगवान निषाद राज के विग्रह की दिव्यता को नजदीक से देखा। जीवन सहानी जी ने कहा कि इस मंदिर को और भी विकसित कर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर निषाद समुदाय की पहचान का केंद्र बनाया जा सकता है। उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि नेपाल और भारत के निषाद समाज के बीच धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देकर एक नई सांस्कृतिक कड़ी स्थापित की जा सकती है। मंदिर में धूप-दीप की सुगंध और मंत्रोच्चारण की ध्वनि ने पूरी वायुमंडल को आध्यात्मिक शांति से परिपूर्ण कर दिया। जीवन सहानी ने मंदिर में विशेष पूजा-अर्चना भी की और समाज के कल्याण के लिए आशीर्वाद प्राप्त किया।

मंदिर प्रबंधन से वार्ता और समाजिक मुद्दों पर चर्चा

दिव्य दर्शन के बाद जीवन सहानी निषाद जी की बैठक मंदिर प्रबंधन के प्रमुख कर्ताधर्ता श्री दिनेश निषाद और अन्य स्थानीय पदाधिकारियों के साथ सम्पन्न हुई। इस वार्ता में नेपाल और भारत के निषाद समाज के बीच सांस्कृतिक आदान-प्रदान, धार्मिक जागरण, शिक्षा, रोजगार और सामाजिक सशक्तिकरण जैसे प्रमुख मुद्दों पर चर्चा की गई। जीवन सहानी ने कहा कि निषाद समाज को जोड़ने के लिए दोनों देशों के संगठनों को मिलकर बड़े पैमाने पर कार्यक्रम करने चाहिए। उन्होंने बताया कि लुम्बिनी प्रदेश में निषाद समाज की स्थिति दिनों-दिन मजबूत हो रही है और सामाजिक जागरूकता बढ़ रही है। भारत आगमन का उद्देश्य भी यही था कि दोनों देशों के निषाद नेता एक-दूसरे से प्रेरणा लें और अपने समुदाय के विकास के लिए मिलकर कार्य करें।

दिनेश निषाद जी ने अपने विचार रखते हुए कहा कि निषाद राज धाम केवल मंदिर नहीं, बल्कि समाज के चिंतन, संगठन और उत्थान का केंद्र है। उन्होंने जीवन सहानी निषाद को आश्वस्त किया कि भविष्य में नेपाल के प्रतिनिधियों के लिए और भी बड़े धार्मिक-सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे ताकि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर निषाद समुदाय की पहचान और अधिक सशक्त हो। आचार्य प्रभात महाराज ने भी समाज की एकता, धार्मिक मूल्यों और युवा वर्ग की सहभागिता पर विशेष बल दिया। उन्होंने कहा कि निषाद समाज को इतिहास से गर्व और वर्तमान से प्रेरणा लेकर भविष्य के सशक्त निर्माण की ओर बढ़ना चाहिए।

यात्रा का महत्व, समाज पर प्रभाव और भविष्य की योजनाएँ

जीवन सहानी निषाद की यह यात्रा केवल एक औपचारिक धार्मिक कार्यक्रम नहीं थी, बल्कि यह निषाद समाज के लिए एक नई दिशा खोलने वाली यात्रा बन गई। इस दौरे ने यह संदेश दिया कि चाहे सीमाएं अलग हों, भाषा और संस्कृति विविध हों, परंतु निषाद समाज का इतिहास, संघर्ष और स्वाभिमान दोनों देशों में समान रूप से पूजनीय और प्रेरणादायक है। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में लुम्बिनी प्रदेश से और भी बड़े प्रतिनिधि मंडलों को भारत लाया जाएगा, जहां वे निषाद राज धाम, गोरखपुर के ऐतिहासिक स्थलों और सामाजिक आंदोलन से जुड़ी जगहों को देखेंगे। साथ ही, भारत के प्रतिनिधियों को भी नेपाल ले जाकर वहां निषाद समाज की स्थिति और प्रगति से अवगत कराया जाएगा।

जीवन सहानी ने युवाओं से आग्रह किया कि वे शिक्षा, खेल, राजनीति और सामाजिक चेतना में अग्रणी भूमिका निभाएं। उन्होंने कहा कि निषाद समाज केवल मत्स्य व्यवसाय या परंपरागत कार्यों तक सीमित नहीं, बल्कि आधुनिक भारत और नेपाल के विकास में महत्वपूर्ण योगदान देने वाला समुदाय है। अंत में उन्होंने कहा कि “निषाद समाज का भविष्य उज्ज्वल है, यदि हम सब मिलकर एकता, ज्ञान और संगठन को अपना हथि/यार बनाएं।

नेपाल निषाद परिषद, लुम्बिनी प्रदेश के अध्यक्ष श्री जीवन सहानी निषाद 11 सितंबर 2025 को एक प्रतिनिधि मंडल के साथ भारत आगमन पर पहुंचे। यात्रा का उद्देश्य दोनों देशों—नेपाल और भारत—के निषाद समाज के बीच सांस्कृतिक, धार्मिक और सामाजिक संबंधों को और अधिक सुदृढ़ करना था।

भारत आगमन के उपरांत प्रतिनिधि मंडल ने गोरखपुर–वाराणसी राजमार्ग पर स्थित प्रख्यात निषाद राज धाम, चार पानी मंदिर में विशेष दर्शन-पूजन किया। यह मंदिर निषाद समाज की आस्था, गौरव और ऐतिहासिक परंपराओं का प्रमुख केंद्र माना जाता है। मंदिर पहुंचने पर वहां के प्रमुख संत आचार्य प्रभात महाराज निषाद ने प्रतिनिधि मंडल का आत्मीय स्वागत किया तथा उनकी उपस्थिति में वैदिक विधि-विधान के साथ विशेष पूजा-अर्चना संपन्न हुई।

पूजा के बाद मंदिर परिसर में एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई, जिसमें मंदिर प्रबंधन के मुख्य जिम्मेदार आचार्य प्रभात महाराज निषाद ने श्री जीवन सहानी निषाद एवं प्रतिनिधि मंडल के साथ विस्तृत चर्चा की। इस संवाद में दोनों पक्षों ने नेपाल और भारत के निषाद समाज की वर्तमान स्थिति, युवाओं में बढ़ती ऊर्जा, सांस्कृतिक पहचान, तथा समाज के सर्वांगीण विकास से जुड़े अनेक मुद्दों पर विचार-विमर्श किया।

बैठक में विशेष रूप से धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने, शिक्षा के अवसरों को मजबूत करने, सामाजिक जागरूकता अभियानों को गति देने तथा युवा नेतृत्व को आगे लाने पर जोर दिया गया। यह भी सहमति बनी कि दोनों देशों का निषाद समाज मिलकर साझा सांस्कृतिक कार्यक्रम, कौशल विकास शिविर, धार्मिक यात्राएं और सामाजिक उत्थान के अन्य कार्यक्रम आयोजित करेगा।

इस यात्रा के दौरान हुई सकारात्मक चर्चाओं ने न केवल प्रतिनिधियों को नई दिशा प्रदान की, बल्कि दोनों देशों के निषाद समुदायों के बीच विश्वास, एकता और सहयोग की नई लहर उत्पन्न की। श्री जीवन सहानी निषाद की यह भारत यात्रा भविष्य में नेपाल–भारत निषाद समाज के सांस्कृतिक और सामाजिक रिश्तों को और गहराई देगी, ऐसा विश्वास व्यक्त किया गया।

 

रिपोर्ट : निषाद कोटो न्यूज़ नेटवर्क (KNN) |

 

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