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किसानों की औसत आय और सरकारी योजनाएं 2025

किसानों की औसत

किसानों की औसत

कोटो न्यूज़ नेटवर्क (KNN) | देश में किसानों की आर्थिक स्थिति और उनकी आय को लेकर सरकार ने एक बार फिर ताज़ा आंकड़े और योजनाओं की जानकारी सार्वजनिक की है। राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) के नवीनतम सर्वेक्षण के अनुसार, भारत में कृषि परिवारों की औसत मासिक आय ₹10,218 है। यह आंकड़ा कृषि वर्ष जुलाई 2018 से जून 2019 के दौरान किए गए 77वें दौर के “कृषि परिवारों की स्थिति मूल्यांकन सर्वेक्षण (SAS)” पर आधारित है। यह सर्वेक्षण देश के ग्रामीण क्षेत्रों में खेती-किसानी करने वाले परिवारों के विभिन्न आय स्रोतों, उत्पादन लागत, बिक्री मूल्य और जीवनस्तर का व्यापक अध्ययन प्रस्तुत करता है | कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री श्री रामनाथ ठाकुर ने राज्यसभा में एक लिखित उत्तर में यह जानकारी दी और साथ ही यह भी बताया कि सरकार ने किसानों की आय में वृद्धि के लिए एकीकृत रणनीति लागू की है, जिसमें उत्पादन बढ़ाने से लेकर लागत घटाने और विपणन व्यवस्था को मजबूत बनाने तक के व्यापक उपाय शामिल हैं। सर्वेक्षण के अनुसार, कृषि परिवार वे हैं जो पिछले एक वर्ष में कम से कम 0.002 हेक्टेयर भूमि पर खेती करते हैं और कृषि से संबंधित आर्थिक गतिविधियों में संलग्न होते हैं।

सरकार ने किसानों की आय बढ़ाने के लिए जो एकीकृत रणनीति अपनाई है, उसमें प्रमुख बिंदु हैं

फसल उत्पादन एवं उत्पादकता में वृद्धि — उन्नत बीज, आधुनिक तकनीक और वैज्ञानिक कृषि पद्धतियों को बढ़ावा।

उत्पादन लागत में कमी — उर्वरक, बीज, सिंचाई और ऊर्जा पर सब्सिडी के माध्यम से लागत नियंत्रण।

बेहतर मूल्य सुनिश्चित करना — फसल के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) तय करना और समय पर खरीद की व्यवस्था।

कृषि विविधीकरण — फल, सब्जी, फूल, औषधीय पौधे और जैविक खेती को प्रोत्साहन।

मूल्य संवर्धन और प्रसंस्करण — कटाई के बाद फसल के भंडारण, पैकेजिंग और मार्केटिंग की सुविधाओं का विकास।

जलवायु परिवर्तन के अनुकूलन — मौसम-प्रतिरोधी फसल किस्में और जोखिम प्रबंधन।

सरकार द्वारा लागू प्रमुख योजनाओं में शामिल हैं

प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (PM-Kisan) — प्रत्येक योग्य किसान परिवार को सालाना ₹6,000 की नकद सहायता।

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) — प्राकृतिक आपदा, कीट और रोग से होने वाले नुकसान पर बीमा कवर।

प्रधानमंत्री किसान मान-धन योजना (PM-KMY) — वृद्धावस्था में किसानों को पेंशन सुविधा।

कृषि अवसंरचना कोष (AIF) — भंडारण, प्रसंस्करण और विपणन के लिए वित्तीय सहायता।

10,000 किसान उत्पादक संगठन (FPO) — छोटे किसानों को संगठित कर सामूहिक विपणन और खरीद की सुविधा।

राष्ट्रीय मधुमक्खी पालन और हनी मिशन (NBHM) — शहद उत्पादन से किसानों की आय में वृद्धि।

राष्ट्रीय कृषि बाजार (e-NAM) — कृषि उपज की ऑनलाइन खरीद-बिक्री।

केंद्र सरकार ने 2018-19 से सभी अनिवार्य खरीफ, रबी और वाणिज्यिक फसलों के MSP में उत्पादन लागत पर न्यूनतम 50% लाभ सुनिश्चित किया है। साथ ही, कृषि एवं किसान कल्याण विभाग का बजट भी 2013-14 के ₹21,933.50 करोड़ से बढ़ाकर 2025-26 में ₹1,27,290.16 करोड़ कर दिया गया है।

1. औसत मासिक आय: ₹10,218 (2018-19)

राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (NSO) के कृषि परिवारों की स्थिति मूल्यांकन सर्वेक्षण (SAS) के अनुसार, जनवरी 2019 से दिसंबर 2019 के बीच भारत के ग्रामीण क्षेत्रों में एक औसत कृषि परिवार की मासिक आय लगभग ₹10,218 आंकी गई थी।
इस आय में खेती से होने वाली आमदनी, पशुपालन से होने वाली आय, गैर-कृषि श्रम कार्य, और अन्य सहायक स्रोतों से प्राप्त धन शामिल है। हालांकि, विशेषज्ञों का मानना है कि महंगाई, इनपुट लागत और बाजार जोखिम को देखते हुए यह आय किसानों के लिए स्थायी रूप से पर्याप्त नहीं है, खासकर छोटे और सीमांत किसानों के लिए।

2. PM-Kisan: सालाना ₹6,000 नकद सहायता

प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (PM-Kisan) योजना के तहत सरकार छोटे और सीमांत किसानों को प्रति वर्ष ₹6,000 की प्रत्यक्ष नकद सहायता प्रदान करती है। यह राशि तीन समान किस्तों में सीधे किसानों के बैंक खातों में DBT (Direct Benefit Transfer) के माध्यम से भेजी जाती है।
इस योजना का उद्देश्य कृषि लागत का आंशिक भार कम करना और किसानों को समय पर बीज, उर्वरक और अन्य कृषि इनपुट खरीदने में सहायता करना है। अब तक इस योजना के तहत करोड़ों किसानों को लाभ मिल चुका है, जिससे उनकी नकदी प्रवाह में सुधार हुआ है।

3. MSP: उत्पादन लागत + 50% लाभ

2018-19 से केंद्र सरकार ने यह नीति लागू की है कि सभी अनिवार्य खरीफ, रबी और वाणिज्यिक फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP), कृषि उत्पादन लागत पर कम से कम 50% का लाभ जोड़कर तय किया जाएगा।
उदाहरण के लिए, यदि किसी फसल की उत्पादन लागत ₹1,000 प्रति क्विंटल है, तो उसका MSP कम से कम ₹1,500 प्रति क्विंटल रखा जाएगा।
इस नीति का उद्देश्य किसानों को बाजार में मूल्य गिरावट से बचाना, उनकी आय को स्थिर बनाना और उन्हें न्यायसंगत लाभ सुनिश्चित करना है।

कृषि एवं किसान कल्याण विभाग (DA&FW) के बजट में पिछले एक दशक में भारी वृद्धि हुई है।

2013-14 में यह बजट अनुमान ₹21,933.50 करोड़ था।

यह लगभग 6 गुना वृद्धि दर्शाता है, जो कृषि क्षेत्र में निवेश, बुनियादी ढांचा विकास, सिंचाई सुविधाओं, फसल बीमा, विपणन सुधार और तकनीकी हस्तांतरण के लिए किया जा रहा है।

5. लक्ष्य: छोटे और सीमांत किसानों की आय में स्थायी वृद्धि

सरकार की सभी योजनाओं और नीतिगत सुधारों का प्रमुख लक्ष्य है देश के लगभग 86% किसानों, जो छोटे और सीमांत किसान श्रेणी में आते हैं, की आर्थिक स्थिति में स्थायी सुधार करना।
इसके लिए बहुआयामी रणनीति अपनाई गई है, जिसमें शामिल हैं:

फसल उत्पादकता में वृद्धि

कृषि विविधीकरण (horticulture, floriculture, medicinal plants आदि)

फसलोत्तर प्रसंस्करण और मूल्य संवर्धन

ई-नाम (e-NAM) जैसे डिजिटल कृषि विपणन प्लेटफॉर्म का विस्तार

जलवायु परिवर्तन अनुकूल कृषि पद्धतियों को अपनाना

 

1. भारत में एक औसत कृषि परिवार की मासिक आय कितनी है?
राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (NSO) के 77वें दौर के कृषि परिवारों की स्थिति मूल्यांकन सर्वेक्षण (SAS) के अनुसार, जुलाई 2018 से जून 2019 के बीच भारत में एक औसत कृषि परिवार की मासिक आय ₹10,218 थी। इसमें खेती, पशुपालन, गैर-कृषि श्रम और अन्य स्रोत शामिल हैं।

2. “कृषि परिवार” किसे कहा जाता है?
ऐसे परिवार जो कम से कम 0.002 हेक्टेयर भूमि पर खेती करते हैं और कृषि से संबंधित आर्थिक गतिविधियों में संलग्न होते हैं, उन्हें कृषि परिवार की श्रेणी में रखा जाता है।

3. सरकार किसानों की आय बढ़ाने के लिए क्या कर रही है?
सरकार ने एकीकृत रणनीति अपनाई है, जिसमें शामिल हैं—

उन्नत बीज और आधुनिक तकनीक से फसल उत्पादकता बढ़ाना

उत्पादन लागत में कमी लाने के लिए सब्सिडी

न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) द्वारा बेहतर दाम सुनिश्चित करना

कृषि विविधीकरण को प्रोत्साहन

फसलोत्तर भंडारण, पैकेजिंग और मार्केटिंग सुविधाओं का विकास

जलवायु परिवर्तन के अनुकूल कृषि पद्धतियों को बढ़ावा

4. प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (PM-Kisan) क्या है?
यह योजना योग्य किसानों को सालाना ₹6,000 की प्रत्यक्ष नकद सहायता देती है, जो तीन किस्तों में सीधे बैंक खाते में भेजी जाती है, ताकि वे बीज, उर्वरक और अन्य कृषि इनपुट खरीद सकें।

5. MSP में 50% लाभ का मतलब क्या है?
2018-19 से सरकार ने सभी अनिवार्य खरीफ, रबी और वाणिज्यिक फसलों का MSP, उत्पादन लागत पर न्यूनतम 50% लाभ जोड़कर तय करने का नियम लागू किया है। उदाहरण: अगर लागत ₹1,000 है, तो MSP कम से कम ₹1,500 होगा।

Source : PIB | रिपोर्ट : कोटो न्यूज़ नेटवर्क (KNN) |

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