कुंज बिहारी निषाद हत्या कांड 10 दिन से चला धरना जिलाधिकारी के आश्वासन पर स्थगित
सम्पादक : निषाद कोटो न्यूज़ नेटवर्क (KNN) | गोरखपुर जिले के गोरखनाथ थाना क्षेत्र के अंतर्गत रामपुर नया गाँव में कुंज बिहारी निषाद हत्या कांड को लेकर परिजन और मोहल्ले के लोगों द्वारा चल रहा दस दिवसीय धरना और भूख हड़ताल बुधवार को स्थगित कर दी गई। जिलाधिकारी गोरखपुर के आश्वासन के बाद परिजनों ने न्याय की उम्मीद के साथ आंदोलन को विराम दिया।
गोरखपुर के प्रशासनिक इतिहास में यह आंदोलन अपनी दृढ़ता, शांति और सामूहिक एकता के लिए उल्लेखनीय रहा। लगातार दस दिनों तक परिजन, ग्रामीण, सामाजिक कार्यकर्ता और कई राजनीतिक संगठनों के प्रतिनिधि न्याय और सम्मानजनक मुआवजे की मांग को लेकर डटे रहे।
जिलाधिकारी से हुई वार्ता में मिला भरोसा आज जिलाधिकारी कार्यालय में हुई बैठक में कुंज बिहारी निषाद के परिजन, मोहल्ला वासी, भाकपा (माले) के राज्य स्थायी समिति सदस्य राजेश साहनी, समाजवादी पार्टी की वरिष्ठ नेता जफर अमीन डक्कू, महानगर अध्यक्ष शब्बीर कुरैशी, भाकपा-माले के जिला सचिव राकेश सिंह, तथा मृतक कुंज बिहारी के बड़े भाई मनोज निषाद शामिल रहे। बैठक में जिलाधिकारी गोरखपुर ने एडीएम सिटी और एसडीएम सदर की उपस्थिति में परिजनों को यह आश्वासन दिया कि दीपावली के बाद एसएसपी गोरखपुर के साथ बैठक कर मोहल्ले के निर्दोष लोगों पर दर्ज मुकदमों की वापसी की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
जिलाधिकारी ने यह भी बताया कि मुख्यमंत्री को आर्थिक सहायता के लिए संस्तुति भेज दी गई है, और कृषि बीमा के तहत 5 लाख रुपये की सहायता राशि एक सप्ताह के भीतर परिजनों को प्रदान कर दी जाएगी। इस घोषणा के साथ परिजनों और आंदोलनकारियों में राहत और संतोष की भावना देखने को मिली। धरना स्थल पर अनशन समाप्त, प्रशासन ने दिलाया भरोसा वार्ता समाप्त होने के बाद प्रशासनिक अधिकारियों ने धरना स्थल पर पहुंचकर अनशनकारियों को जूस पिलाकर अनशन तुड़वाया। एसडीएम सदर (गोरखनाथ क्षेत्र) ने स्वयं जूस पिलाकर यह प्रतीकात्मक संदेश दिया कि संवाद और विश्वास के माध्यम से समस्याओं का समाधान संभव है। धरना स्थल पर उपस्थित लोगों ने तालियों की गड़गड़ाहट के बीच अनशनकारियों का सम्मान किया और कहा कि यह संघर्ष अन्याय के खिलाफ लोगों की एकता और जागरूकता का प्रतीक बन गया है।
महिलाओं और संगठनों की सक्रिय भूमिका धरना स्थल पर आज ऐपवा की गीता पांडे, अनीता निषाद, कलावती, एडवोकेट सुभाष पाल, सुनील साहनी, गोविंद चौहान, मिथिलेश भारती सहित सैकड़ों लोगों की उपस्थिति रही।इनमें विशेष रूप से महिलाओं की भागीदारी ने इस आंदोलन को संवेदनशील और जनमानस से जुड़ा बनाया। कुंज बिहारी निषाद के पिता रामचंद्र निषाद, पत्नी रिंकी निषाद, शहरी गरीब मोर्चा के बजरंगी लाल निषाद, सुदामा भारती एवं अश्वनी भारती लगातार दस दिनों से भूख हड़ताल पर बैठे थे। धरना स्थल पर वातावरण भावनात्मक और एकजुटता से भरा रहा। हर दिन आम नागरिक, सामाजिक कार्यकर्ता और विभिन्न दलों के प्रतिनिधि पीड़ित परिवार के समर्थन में आते रहे।
आंदोलन का समापन, लेकिन न्याय की लड़ाई जारी भूख हड़ताल स्थगित होने के बाद मृतक के बड़े भाई मनोज निषाद ने सभी उपस्थित लोगों का आभार प्रकट किया और कहा हमारे परिवार और मोहल्ले के साथ खड़े सभी साथियों का धन्यवाद। हमें प्रशासन से भरोसा मिला है कि दीपावली के बाद न्याय की प्रक्रिया आगे बढ़ेगी। हम गांव और समाज के साथ किसी भी अन्याय को बर्दाश्त नहीं करेंगे। इस अवसर पर आंदोलन स्थल पर “न्याय और सम्मान की जीत हो”, “कुंज बिहारी अमर रहें” जैसे नारे गूंजते रहे। सामाजिक संगठनों ने इस आंदोलन को गोरखपुर की न्याय चेतना का प्रतीक बताया और कहा कि प्रशासन को दिए गए आश्वासनों को जल्द ही जमीन पर लागू करना चाहिए ताकि पीड़ित परिवार को वास्तविक राहत मिल सके।
कुंज बिहारी निषाद हत्या कांड को लेकर बीते दस दिनों से जिला मुख्यालय पर चल रहा धरना बुधवार को प्रशासन के हस्तक्षेप के बाद स्थगित कर दिया गया। इस दौरान पीड़ित परिवार और समर्थक लगातार न्याय, मुआवजे और आरोपियों पर ठोस कार्रवाई की मांग को लेकर डटे हुए थे। धरने में विभिन्न सामाजिक संगठनों, राजनीतिक कार्यकर्ताओं और स्थानीय नेताओं की सक्रिय भागीदारी रही, जिन्होंने एकजुट होकर प्रशासन से न्याय की गुहार लगाई।
धरना स्थल पर पहुंचे जिलाधिकारी ने प्रदर्शनकारियों से विस्तृत वार्ता की और उन्हें कई महत्वपूर्ण आश्वासन दिए। उन्होंने कहा कि दीपावली के बाद कुंज बिहारी निषाद हत्या प्रकरण से जुड़े मुकदमे की वापसी की प्रक्रिया शुरू की जाएगी, ताकि पीड़ित परिवार को न्याय और सम्मान दोनों मिल सके। जिलाधिकारी ने स्पष्ट किया कि प्रशासन संवेदनशील है और इस मामले में पीड़ित परिवार के साथ न्याय सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है।
इसके साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि आर्थिक सहायता के लिए प्रस्ताव मुख्यमंत्री को भेजा जा चुका है। मुख्यमंत्री को भेजी गई संस्तुति के अनुसार पीड़ित परिवार को विशेष राहत प्रदान की जाएगी। जिलाधिकारी ने भरोसा दिलाया कि इस पर शीघ्र ही सकारात्मक निर्णय लिया जाएगा। वहीं, उन्होंने जानकारी दी कि कृषि बीमा योजना के तहत ₹5 लाख की सहायता राशि एक सप्ताह के भीतर पीड़ित परिवार को उपलब्ध करा दी जाएगी, ताकि आर्थिक संकट से जूझ रहे परिवार को तत्काल राहत मिल सके।
धरना स्थल पर पहुंचे एसडीएम सदर ने भी प्रदर्शनकारियों से संवाद किया। उन्होंने धरना स्थल का निरीक्षण किया और प्रदर्शनकारियों से शांतिपूर्ण तरीके से आंदोलन समाप्त करने की अपील की। वार्ता के सकारात्मक परिणाम के बाद एसडीएम सदर ने स्वयं प्रदर्शनकारियों को जूस पिलाकर भूख हड़ताल समाप्त कराई। इस पहल से धरना स्थल पर मौजूद समर्थकों में संतोष और राहत का माहौल दिखाई दिया।
धरने के दौरान राजेश साहनी, जफर अमीन डक्कू, शब्बीर कुरैशी, राकेश सिंह और मनोज निषाद जैसे कई प्रमुख सामाजिक कार्यकर्ता और स्थानीय नेता लगातार सक्रिय रहे। इन सभी ने न केवल प्रशासनिक अधिकारियों से संवाद किया बल्कि आंदोलन की एकजुटता बनाए रखने में भी अहम भूमिका निभाई। वक्ताओं ने कहा कि यह आंदोलन सिर्फ कुंज बिहारी निषाद के लिए नहीं, बल्कि समाज के हर उस व्यक्ति के लिए है जिसे न्याय से वंचित किया गया है।
आंदोलन के स्थगन के बाद यह निर्णय लिया गया कि दीपावली के बाद एक समीक्षा बैठक आयोजित की जाएगी, जिसमें प्रशासन द्वारा किए गए वादों की प्रगति पर चर्चा की जाएगी। आंदोलनकारियों ने चेतावनी दी है कि यदि प्रशासन द्वारा दिए गए आश्वासन पर समयबद्ध कार्रवाई नहीं की गई, तो वे पुनः आंदोलन शुरू करने के लिए बाध्य होंगे।
धरना स्थगित होने के बाद भी आंदोलनकारियों का कहना है कि उनकी लड़ाई खत्म नहीं हुई है — यह केवल एक विराम है। उनका विश्वास है कि सरकार और प्रशासन अपने वादों को निभाएंगे और कुंज बिहारी निषाद हत्या कांड में न्याय सुनिश्चित करेंगे।
कुल मिलाकर, दस दिनों तक चले इस धरने ने जिले में व्यापक जनसमर्थन हासिल किया और प्रशासन को मामले की गंभीरता समझने पर मजबूर किया। अब सबकी निगाहें दीपावली के बाद होने वाली प्रशासनिक कार्रवाई पर टिकी हैं, जिससे यह तय होगा कि पीड़ित परिवार को न्याय की दिशा में वास्तविक प्रगति हुई या नहीं।
रिपोर्ट : कोटो न्यूज़ नेटवर्क (KNN)