नेपाल निषाद परिषद के लुम्बिनी प्रदेश अध्यक्ष जिवन सहनी निषाद
सम्पादक : निषाद कोटो न्यूज़ नेटवर्क (KNN) | नेपाल निषाद परिषद के लुम्बिनी प्रदेश अध्यक्ष जिवन सहनी निषाद ने इस वर्ष धनतेरस, दीपावली, छठ पूजा, कार्तिक पूर्णिमा और भईया दूज जैसे पावन पर्वों के अवसर पर समाज के सभी वर्ग के लोगों को हार्दिक शुभकामनाएँ दी हैं। अपने संदेश में उन्होंने न केवल पर्वों की खुशियों का जिक्र किया बल्कि समाज में भाईचारे, सहयोग और जनसेवा के महत्व पर भी विशेष जोर दिया। जिवन सहनी निषाद ने कहा कि पर्व केवल पारिवारिक खुशियाँ मनाने का अवसर नहीं हैं, बल्कि यह समाज के सभी लोगों के बीच मेल-जोल, समझदारी और आपसी सहयोग बढ़ाने का भी उत्तम समय हैं। उन्होंने युवाओं से विशेष अपील की कि वे अपने उत्सवों और खुशियों को केवल अपने परिवार तक सीमित न रखें, बल्कि जरूरतमंद, गरीब और समाज के कमजोर वर्गों तक भी अपनी खुशियाँ पहुँचाएँ।
उनके अनुसार, पर्वों के दौरान छोटे-छोटे सामाजिक योगदान जैसे गरीब बच्चों को उपहार देना, वृद्धजनों की देखभाल करना, और समाज में स्वच्छता और सुरक्षा जैसे प्रयास शामिल करना न केवल मानवता के प्रति हमारी जिम्मेदारी को दर्शाता है, बल्कि यह समाज में भाईचारे और सहानुभूति की भावना को भी मजबूत करता है। उन्होंने जोर देकर कहा कि समाज के विकास और सौहार्द के लिए इन छोटे-छोटे प्रयासों का बहुत बड़ा महत्व है। जिवन सहनी निषाद ने यह भी स्पष्ट किया कि आज के दौर में परंपराओं और सांस्कृतिक मूल्यों का संरक्षण अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने कहा कि केवल पर्व मनाना ही पर्याप्त नहीं है, बल्कि हमें अपनी परंपराओं को समझकर उन्हें समाज के बीच साझा करना चाहिए। यदि युवा पीढ़ी यह समझ ले कि खुशियाँ बांटना और सेवा करना समाज की मजबूती का आधार है, तो इससे आने वाली पीढ़ियों के लिए भी एक सकारात्मक और सशक्त समाज का निर्माण होगा।
उन्होंने बताया कि दीपावली और अन्य त्यौहार केवल रोशनी और खुशियों का प्रतीक नहीं हैं, बल्कि यह समाज के सभी वर्गों के बीच सहानुभूति, मेल-जोल और सामाजिक सौहार्द बढ़ाने का अवसर हैं। पर्वों के अवसर पर गरीब और जरूरतमंदों की मदद करना समाज में सहानुभूति और भाईचारे की भावना को मजबूत करता है। जिवन सहनी निषाद ने युवाओं को विशेष रूप से प्रेरित किया कि वे डिजिटल और सामाजिक माध्यमों का उपयोग कर अपने संदेश को अधिक से अधिक लोगों तक पहुँचाएँ। उन्होंने कहा कि आधुनिक युग में युवा ही सबसे प्रभावशाली बदलावकर्ता हैं और उन्हें समाज में सेवा और भाईचारे की भावना फैलाने में सक्रिय भूमिका निभानी चाहिए।
उन्होंने कहा कि नेपाल जैसे विविधतापूर्ण समाज में विभिन्न समुदायों और धर्मों के लोगों के बीच भाईचारा बनाए रखना अत्यंत आवश्यक है। पर्वों के अवसर पर एक दूसरे की मदद करना और सहयोग करना समाज में स्थायी सौहार्द और शांति की नींव रखता है। जिवन सहनी निषाद ने समाज के वरिष्ठ नागरिकों और युवाओं से अपील की कि वे अपने व्यक्तिगत और सामाजिक जीवन में नैतिकता, परंपरा और सेवा भाव को प्राथमिकता दें। उनका कहना था कि केवल त्योहार मनाने से समाज में स्थायी बदलाव नहीं आता, बल्कि नियमित सेवा और सहयोग से ही समाज में सकारात्मक बदलाव संभव है। उन्होंने उदाहरण देते हुए बताया कि कैसे छोटे-छोटे प्रयास जैसे जरूरतमंद बच्चों को उपहार देना, वृद्ध लोगों की मदद करना या समाज में सफाई अभियान में हिस्सा लेना बड़े सामाजिक बदलाव ला सकते हैं। उनका कहना था कि जब समाज के प्रत्येक व्यक्ति में सेवा और सहयोग की भावना जागृत होगी, तभी वास्तविक सामाजिक और सांस्कृतिक विकास संभव हो सकेगा।
अंत में, जिवन सहनी निषाद ने सभी लोगों से आग्रह किया कि वे पर्वों के दौरान खुशियों को केवल अपने घर तक सीमित न रखें, बल्कि समाज में जरूरतमंद और गरीब लोगों के बीच भी प्रसन्नता फैलाएँ। उन्होंने कहा, “छोटे प्रयास भी समाज में बड़ा बदलाव ला सकते हैं। हम सभी मिलकर लुम्बिनी और नेपाल को एक सशक्त और सौहार्दपूर्ण समाज बना सकते हैं।नेपाल निषाद परिषद के लुम्बिनी प्रदेश अध्यक्ष जिवन सहनी निषाद ने इस वर्ष धनतेरस, दीपावली, छठ पूजा, कार्तिक पूर्णिमा और भईया दूज जैसे पावन पर्वों के अवसर पर समाज के सभी वर्ग के लोगों को हार्दिक शुभकामनाएँ दी हैं। अपने संदेश में उन्होंने न केवल पर्वों की खुशियों का जिक्र किया बल्कि समाज में भाईचारे, सहयोग और जनसेवा के महत्व पर भी विशेष जोर दिया।
जिवन सहनी निषाद ने कहा कि पर्व केवल व्यक्तिगत और पारिवारिक खुशियाँ मनाने का अवसर नहीं हैं, बल्कि यह समाज के सभी लोगों के बीच मेल-जोल, समझदारी और सहयोग बढ़ाने का भी उत्तम समय हैं। उन्होंने बताया कि जब समाज के प्रत्येक व्यक्ति में सेवा और सहयोग की भावना जागृत होती है, तभी वास्तविक सांस्कृतिक और सामाजिक विकास संभव हो पाता है। उनका यह संदेश इस समय विशेष रूप से महत्वपूर्ण है, जब समाज में कई लोग आपसी भाईचारे और सहयोग की कमी महसूस कर रहे हैं।
उन्होंने युवाओं से विशेष अपील की कि वे अपने उत्सवों और खुशियों को केवल अपने परिवार तक सीमित न रखें। जिवन सहनी निषाद ने कहा कि युवाओं की सक्रिय भागीदारी समाज में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए आवश्यक है। यदि युवा अपनी ऊर्जा और संसाधनों को समाज के कमजोर वर्गों और जरूरतमंद लोगों तक पहुँचाएँ, तो यह केवल खुशियाँ बांटने का माध्यम नहीं होगा बल्कि समाज में सहानुभूति और भाईचारे की भावना भी मजबूत होगी।
उनके अनुसार, पर्वों के दौरान छोटे-छोटे सामाजिक योगदान, जैसे गरीब बच्चों को उपहार देना, वृद्धजनों की देखभाल करना, और समाज में स्वच्छता अभियान में हिस्सा लेना, समाज में स्थायी बदलाव ला सकते हैं। जिवन सहनी निषाद ने जोर देकर कहा कि छोटे प्रयास भी समाज में बड़ा फर्क डाल सकते हैं और यही सच्ची भावना है त्योहारों का। उन्होंने बताया कि जब व्यक्ति अपने व्यक्तिगत सुख को साझा करने के साथ दूसरों की मदद करता है, तो समाज में सहयोग और भाईचारे की संस्कृति अपने आप मजबूत हो जाती है।
लुम्बिनी प्रदेश अध्यक्ष ने यह भी कहा कि आज के समय में परंपराओं और सांस्कृतिक मूल्यों का संरक्षण अत्यंत आवश्यक है। केवल पर्व मनाना ही पर्याप्त नहीं है, बल्कि इसे समाज के बीच साझा करके हम अपनी संस्कृति को जीवित रख सकते हैं। उन्होंने युवाओं को प्रेरित करते हुए कहा कि उन्हें अपने पर्वों की खुशियों को केवल घर तक सीमित न रखते हुए, डिजिटल और सामाजिक माध्यमों का उपयोग कर अपने संदेश को अधिक से अधिक लोगों तक पहुँचाना चाहिए। यह आधुनिक युग में समाज में सहयोग और भाईचारे का संदेश फैलाने का एक सशक्त माध्यम बन सकता है।
जिवन सहनी निषाद ने यह भी बताया कि नेपाल जैसे विविधतापूर्ण समाज में विभिन्न समुदायों और धर्मों के लोगों के बीच भाईचारा बनाए रखना अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने कहा कि पर्वों के अवसर पर एक-दूसरे की मदद करना और सहयोग करना समाज में स्थायी सौहार्द और शांति की नींव रखता है। इसके साथ ही उन्होंने समाज के वरिष्ठ नागरिकों और युवाओं से भी अपील की कि वे अपने व्यक्तिगत और सामाजिक जीवन में नैतिकता, परंपरा और सेवा भाव को प्राथमिकता दें।
अंत में, जिवन सहनी निषाद ने सभी लोगों से आग्रह किया कि वे पर्वों के दौरान खुशियों को केवल अपने घर तक सीमित न रखें, बल्कि जरूरतमंद और गरीब लोगों के बीच भी प्रसन्नता फैलाएँ। उन्होंने कहा, “छोटे प्रयास भी समाज में बड़ा बदलाव ला सकते हैं। हम सभी मिलकर लुम्बिनी और नेपाल को एक सशक्त और सौहार्दपूर्ण समाज बना सकते हैं।”
उनके इस संदेश से यह स्पष्ट होता है कि पर्व केवल मनोरंजन और आनंद का माध्यम नहीं हैं, बल्कि यह सहानुभूति, सेवा और भाईचारे का प्रतीक भी हैं। जिवन सहनी निषाद का यह संदेश समाज के हर वर्ग के लिए प्रेरणादायक है और युवाओं को सामाजिक जिम्मेदारी निभाने के लिए प्रेरित करता है।
रिपोर्ट : कोटो न्यूज़ नेटवर्क (KNN)