कर्नाटक में आम उत्पादक किसानों को हो रहे आर्थिक नुकसान के मद्देनज़र केंद्र सरकार ने एक महत्वपूर्ण राहत पैकेज की घोषणा की है। केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने शनिवार को घोषणा की कि केंद्र और कर्नाटक राज्य सरकार मिलकर आम के घटे भाव की भरपाई किसानों को करेंगी।
यह निर्णय केंद्रीय कृषि मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान और कर्नाटक के कृषि मंत्री श्री एन. चेलुवरायस्वामी के बीच हुई वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग बैठक में लिया गया। इस बैठक में केंद्रीय कृषि सचिव श्री देवेश चतुर्वेदी भी उपस्थित रहे।
🥭 ढाई लाख मीट्रिक टन आम के लिए किसानों को मिलेगा भावांतर
बैठक के दौरान यह सहमति बनी कि कर्नाटक में उत्पादित 10 लाख मीट्रिक टन आमों में से 2.5 लाख मीट्रिक टन आम की फसल पर किसानों को जो बाजार मूल्य कम मिला है, उसका अंतर (भावांतर) केंद्र और राज्य सरकार मिलकर साझा रूप में किसानों को देंगी।
विशेष रूप से तोतापुरी किस्म के आम के दाम इस वर्ष सामान्य से काफी नीचे चले गए, जिससे किसानों को भारी नुकसान का सामना करना पड़ा। इस योजना के तहत किसानों को मूल्य अंतर की राशि सीधे उनके खातों में ट्रांसफर की जाएगी।
📞 वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में हुआ ऐतिहासिक फैसला
कर्नाटक सरकार ने इस मुद्दे पर पहले भारत सरकार को प्रस्ताव भेजा था जिसमें यह बताया गया था कि राज्य में टमाटर और आम की कीमतों में भारी गिरावट आ रही है। इस पर ध्यान देते हुए केंद्रीय कृषि मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने राज्य के कृषि मंत्री के साथ संवाद कर निर्णय लिया।
बैठक में यह सहमति बनी कि:
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आम के भावांतर का भुगतान 50% केंद्र और 50% राज्य सरकार द्वारा किया जाएगा।
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तोतापुरी किस्म के आम पर विशेष फोकस रहेगा।
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राज्य सरकार द्वारा निर्धारित अधिकतम 2.5 लाख मीट्रिक टन आम की मात्रा के लिए ही यह राहत लागू होगी।
🍅 टमाटर की कीमतें अब स्थिर, तत्काल राहत की आवश्यकता नहीं
बैठक में यह भी स्पष्ट किया गया कि टमाटर की कीमतों को लेकर जो स्थिति प्रस्ताव भेजे जाने के समय थी, वह अब स्थिर हो चुकी है। कर्नाटक के कृषि मंत्री श्री चेलुवरायस्वामी ने जानकारी दी कि वर्तमान में टमाटर की कीमतें सामान्य स्तर पर लौट आई हैं, इसलिए फिलहाल उस दिशा में किसी आर्थिक राहत की आवश्यकता नहीं है।
🙏 राज्य सरकार का धन्यवाद
कर्नाटक के कृषि मंत्री ने केंद्र सरकार के इस सहयोग के लिए आभार व्यक्त करते हुए कहा:
“यह निर्णय राज्य के हजारों आम उत्पादक किसानों के जीवन में राहत लाएगा। हम केंद्र सरकार के साथ मिलकर किसानों के हित में कार्य करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।”
उन्होंने यह भी कहा कि राज्य सरकार इस योजना को तेज़ी से लागू करने के लिए ज़िला स्तर पर प्रशासन को दिशा-निर्देश जारी करेगी, ताकि कोई भी पात्र किसान इस सहायता से वंचित न रह जाए।
📈 भावांतर योजना: किसानों के लिए सुरक्षा कवच
यह योजना भारत सरकार की भावांतर भुगतान योजना (Price Deficiency Payment Scheme) के तहत लागू की जा रही है, जिसका उद्देश्य किसानों को बाजार मूल्य में गिरावट की स्थिति में न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) या औसत मूल्य के आधार पर अंतर की राशि देना है। इससे किसानों को सीधे राहत मिलती है और वे मंडी के उतार-चढ़ाव से बच पाते हैं।
🧑🌾 किसानों की प्रतिक्रिया
इस घोषणा के बाद कर्नाटक के किसान संगठनों और आम उत्पादकों में खुशी की लहर है। बेल्लारी जिले के एक किसान श्री वेंकटेश ने कहा:
“तोतापुरी आम का रेट इस बार लागत से भी कम था। अब सरकार की मदद से हमें कुछ राहत मिलेगी।”
किसानों ने केंद्र और राज्य सरकार दोनों का आभार प्रकट किया है और इस तरह की योजनाओं को समय पर लागू करने की मांग की है।
🔚 निष्कर्ष
कर्नाटक के आम उत्पादक किसानों के लिए यह निर्णय एक बड़ी राहत है। केंद्र और राज्य सरकार का संयुक्त प्रयास न केवल किसानों को तत्काल वित्तीय सुरक्षा प्रदान करेगा, बल्कि कृषि उत्पादों के मूल्य अस्थिरता से जूझ रहे किसानों के लिए एक सकारात्मक उदाहरण भी स्थापित करेगा।
“किसानों के हित में किया गया यह कदम, कृषि क्षेत्र को स्थायित्व और सम्मान दोनों देगा।”