
MBM University Convocation : एमबीएम विश्वविद्यालय दीक्षांत समारोह तकनीकी शिक्षा नवाचार और राष्ट्रनिर्माण की प्रेरणा
दिनांक : 23.07.2025 | Koto News | KotoTrust |
जयपुर, 23 जुलाई। राज्यपाल एवं विश्वविद्यालय के कुलाधिपति श्री हरिभाऊ बागडे ने इस समारोह की अध्यक्षता करते हुए विद्यार्थियों को औपचारिक शिक्षा को सामाजिक चेतना और राष्ट्रीय उत्तरदायित्व से जोड़ने का संदेश दिया।
उन्होंने कहा कि शिक्षा का उद्देश्य केवल डिग्रियाँ अर्जित करना नहीं होना चाहिए, बल्कि इसे समाज और देश के प्रति संवेदनशीलता एवं उत्तरदायित्व की भावना से जोड़ना चाहिए। श्री बागडे ने विद्यार्थियों से कहा कि वे अपने तकनीकी ज्ञान को केवल रोजगार का माध्यम न मानें, बल्कि नवाचार, उद्यमशीलता और जनकल्याण के क्षेत्र में भी उसका उपयोग करें।
उपाधियों और स्वर्ण पदकों के साथ राष्ट्र निर्माण का आह्वान
समारोह के दौरान विश्वविद्यालय के 717 स्नातक छात्रों को उपाधियाँ प्रदान की गईं, जिनमें 32 बी. आर्किटेक्चर तथा 30 एमसीए छात्र शामिल रहे। इसके अतिरिक्त, 117 स्नातकोत्तर, 07 पीएचडी उपाधियाँ और 16 मेधावी छात्रों को स्वर्ण पदक प्रदान किए गए।
राज्यपाल ने इस अवसर पर कहा कि तकनीकी शिक्षा का दायरा अब केवल पुस्तक ज्ञान तक सीमित नहीं रहा है। यह एक जीवन दर्शन है, जो सामाजिक परिवर्तन का साधन बन सकता है। उन्होंने विद्यार्थियों से अपेक्षा की कि वे “राष्ट्र पहले” की भावना के साथ आगे बढ़ें और तकनीकी नवाचारों को समाज की बेहतरी के लिए इस्तेमाल करें।
युवा शक्ति और नवाचार पर बल
उपमुख्यमंत्री डॉ. प्रेमचंद बैरवा ने विद्यार्थियों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि तकनीकी शिक्षा केवल करियर का साधन नहीं, बल्कि सामाजिक उन्नति का उपकरण है। उन्होंने कहा कि “युवा शक्ति नवाचार की जननी होती है” और वर्तमान पीढ़ी के युवा भारत को आत्मनिर्भर और तकनीकी रूप से समृद्ध बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।
डॉ. बैरवा ने युवाओं से आह्वान किया कि वे स्वरोजगार की दिशा में अग्रसर हों और तकनीकी नवाचारों के माध्यम से न केवल अपना भविष्य उज्ज्वल बनाएं, बल्कि अन्य युवाओं को भी प्रेरित करें। उन्होंने स्टार्टअप संस्कृति को बढ़ावा देने की आवश्यकता पर बल देते हुए विश्वविद्यालय को इस दिशा में समर्थन देने का भरोसा दिलाया।
तकनीकी उत्कृष्टता की दिशा में एमबीएम विश्वविद्यालय की प्रगति
राज्यपाल ने अपने संबोधन में एमबीएम विश्वविद्यालय की उपलब्धियों की सराहना करते हुए कहा कि यह नवगठित विश्वविद्यालय अल्प समय में ही तकनीकी शिक्षा के क्षेत्र में कई उल्लेखनीय कार्य कर चुका है। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री उच्चतर शिक्षा अभियान (पीएम-उषा) के अंतर्गत विश्वविद्यालय को 20 करोड़ रुपये की राशि स्वीकृत की गई है, जो इसके बुनियादी ढांचे और शैक्षणिक गुणवत्ता को और सुदृढ़ बनाएगी।
इसके अलावा विश्वविद्यालय में पेट्रोलियम इंजीनियरिंग विभाग की स्थापना, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एवं डेटा साइंस जैसे अत्याधुनिक पाठ्यक्रमों की शुरुआत, 5जी स्पेक्ट्रम लैब और सेंटर ऑफ एक्सीलेंस की स्थापना, यह दर्शाते हैं कि यह संस्थान शिक्षा को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाने की दिशा में अग्रसर है।
शिक्षा के सर्वसुलभिकरण की दिशा में पहल
राज्यपाल श्री बागडे ने विश्वविद्यालय में प्रचलित ‘विद्यादान’ परंपरा की विशेष सराहना की। उन्होंने कहा कि यह परंपरा शिक्षा को केवल साधन संपन्न वर्ग तक सीमित नहीं रखती, बल्कि सभी वर्गों को उच्च शिक्षा से जोड़ने की दिशा में एक अनुकरणीय पहल है।
उन्होंने इस पहल को शिक्षा के लोकतंत्रीकरण की दिशा में एक सशक्त कदम बताया और आशा जताई कि अन्य शिक्षण संस्थान भी इस प्रेरणा से इस तरह की पहलों को अपनाएंगे।
महिला सशक्तिकरण में छात्राओं की अग्रणी भागीदारी
राज्यपाल ने दीक्षांत समारोह में छात्राओं की उल्लेखनीय उपस्थिति और उपलब्धियों को महिला सशक्तिकरण की दिशा में सकारात्मक संकेत बताते हुए कहा कि तकनीकी शिक्षा में महिलाओं की भागीदारी न केवल परिवार, बल्कि पूरे समाज की चेतना को नई दिशा देती है।
शिक्षा और अनुसंधान को एकीकृत करने की दिशा में प्रयास
समारोह की अध्यक्षता कर रहे कुलगुरु प्रो. डॉ. अजय कुमार शर्मा ने कहा कि एमबीएम विश्वविद्यालय का लक्ष्य केवल शिक्षण तक सीमित नहीं है, बल्कि यह अनुसंधान, नवाचार और समाजसेवा को साथ लेकर चलने वाला संस्थान है।
गरिमा से भरपूर रहा आयोजन
इस अवसर को और भी प्रेरणादायक बना दिया। रंग-बिरंगे परिधानों में सजे विद्यार्थियों के चेहरों पर उत्साह और गर्व स्पष्ट झलक रहा था।
कार्यक्रम में राष्ट्रगान, दीक्षांत शपथ, संकल्प-पाठ, कुलगीत एवं शैक्षणिक झांकियों ने माहौल को आध्यात्मिक एवं प्रेरणादायक बना दिया।
तकनीकी उत्कृष्टता की उपलब्धि
एमबीएम विश्वविद्यालय के द्वितीय दीक्षांत समारोह में कुल 841 विद्यार्थियों को उपाधियाँ प्रदान की गईं। इनमें 717 स्नातक (अर्थात् B.Tech, B.Arch, MCA आदि पाठ्यक्रमों के विद्यार्थी), 117 स्नातकोत्तर (M.Tech, M.Plan, आदि) और 07 पीएचडी धारकों को सम्मिलित किया गया। यह दर्शाता है कि विश्वविद्यालय ने उच्च शिक्षा के हर स्तर पर अपनी उपस्थिति को सशक्त बनाया है। विशेष रूप से पीएचडी उपाधियों का वितरण विश्वविद्यालय के शोध उन्मुख दृष्टिकोण और नवाचार की दिशा में बढ़ते कदम का प्रतीक है।
मेधा का सम्मान
इस समारोह में 16 मेधावी विद्यार्थियों को स्वर्ण पदक प्रदान किए गए, जो उनकी अकादमिक उत्कृष्टता और समर्पण को दर्शाते हैं। ये पदक न केवल छात्र-छात्राओं की मेहनत का सम्मान हैं, बल्कि उनके भविष्य के लिए एक प्रेरणा स्रोत भी हैं। स्वर्ण पदक से सम्मानित छात्र राज्य और देश के तकनीकी क्षेत्र में नवाचार, अनुसंधान और नेतृत्व के लिए अग्रणी भूमिका निभाने के योग्य बनते हैं।
महिला सशक्तिकरण की दिशा में कदम
इस दीक्षांत समारोह में महिला विद्यार्थियों की सक्रिय और उल्लेखनीय भागीदारी रही। राज्यपाल श्री हरिभाऊ बागडे ने भी छात्राओं की उपस्थिति को महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक सकारात्मक संकेत बताया।
तकनीकी क्षेत्र में छात्राओं की यह बढ़ती भागीदारी समाज में लैंगिक समानता को सशक्त करने वाली है और यह सुनिश्चित करती है कि महिलाएं भी विज्ञान, तकनीकी और नवाचार जैसे क्षेत्रों में नेतृत्वकारी भूमिका निभा रही हैं।
शिक्षा को भविष्य की ओर अग्रसर करना
विश्वविद्यालय ने अपने पाठ्यक्रमों में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI), डेटा साइंस, और पेट्रोलियम इंजीनियरिंग जैसे उन्नत और भविष्योन्मुखी विषयों को शामिल किया है। यह एक दूरदर्शी पहल है |
ये पाठ्यक्रम आज की डिजिटल अर्थव्यवस्था की जरूरतों को पूरा करते हैं और विद्यार्थियों को उन क्षेत्रों में करियर बनाने का अवसर देते हैं जहां उच्च मांग है और नवाचार की संभावनाएं अपार हैं।
शोध, प्रयोग और तकनीकी उत्कृष्टता के नए केंद्र
एमबीएम विश्वविद्यालय ने तकनीकी नवाचार को संस्थागत रूप देने की दिशा में 5जी स्पेक्ट्रम लैब, सेंटर ऑफ एक्सीलेंस, और प्रधानमंत्री उच्चतर शिक्षा अभियान (PM-USHA) के अंतर्गत 20 करोड़ रुपये की अनुदान राशि का उपयोग करते हुए अनेक अत्याधुनिक संसाधनों की स्थापना की है।
5G लैब विद्यार्थियों को नवीनतम टेलीकॉम तकनीक पर शोध और प्रशिक्षण का अवसर देती है, जबकि सेंटर ऑफ एक्सीलेंस विभिन्न अंतरविषयी अनुसंधानों के लिए मंच प्रदान करता है। ये पहल विश्वविद्यालय को देश के अग्रणी तकनीकी शिक्षण संस्थानों की श्रेणी में स्थापित करती हैं।
राष्ट्र पहले – डिग्री से आगे सोचने का आवाहन
राज्यपाल और उपमुख्यमंत्री दोनों ने विद्यार्थियों को यह प्रेरणा दी कि वे अपनी तकनीकी शिक्षा को केवल डिग्री या निजी करियर तक सीमित न रखें। उन्होंने कहा कि “राष्ट्र पहले” की भावना के साथ नवाचार, स्टार्टअप, और जनकल्याणकारी तकनीकी समाधानों में योगदान देना चाहिए।
युवाओं से स्वरोजगार को अपनाने और अन्य युवाओं को भी प्रेरित करने का आह्वान किया गया। इस प्रेरणा के पीछे उद्देश्य है — तकनीकी शिक्षा को राष्ट्र निर्माण के महान कार्य से जोड़ना।
विद्यादान परंपरा से शिक्षा का लोकतंत्रीकरण
एमबीएम विश्वविद्यालय द्वारा शुरू की गई ‘विद्यादान’ परंपरा को राज्यपाल ने शिक्षा के सर्वसुलभिकरण की दिशा में एक अनुकरणीय पहल बताया। यह परंपरा ऐसे छात्रों को लाभ पहुंचाने की दिशा में केंद्रित है, जो आर्थिक रूप से पिछड़े हैं लेकिन प्रतिभा में अग्रणी हैं।
‘विद्यादान’ का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि कोई भी प्रतिभाशाली छात्र केवल संसाधनों के अभाव में उच्च शिक्षा से वंचित न रहे। यह पहल न केवल समावेशी शिक्षा की ओर एक ठोस कदम है, बल्कि उच्चतर शिक्षा को जनभागीदारी के साथ जोड़ने का प्रयास भी है।
Source : PIB