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मिशन सक्षम आंगनवाड़ी पारदर्शी लाभ वितरण की दिशा में बड़ा कदम

मिशन सक्षम आंगनवाड़ी

मिशन सक्षम आंगनवाड़ी

संवादाताः कोटो न्यूज़ नेटवर्क (KNN) | महिला एवं बाल विकास मंत्रालय की संसदीय सलाहकार समिति की बैठक आज नई दिल्ली में केंद्रीय मंत्री श्रीमती अन्नपूर्णा देवी की अध्यक्षता में आयोजित हुई। बैठक का मुख्य एजेंडा था — मिशन सक्षम आंगनवाड़ी और पोषण 2.0 में चेहरे से पहचान की पद्धति (Face Recognition System – FRS) को लागू करना। बैठक में लोकसभा और राज्यसभा, दोनों सदनों के प्रतिनिधि सांसदों ने भाग लिया। इनमें श्रीमती सुधा मूर्ति, श्रीमती मंजू शर्मा, श्रीमती जोबा माझी, श्रीमती धर्मशीला गुप्ता, श्रीमती इंदु बी. गोस्वामी और श्रीमती किरण चौधरी जैसी वरिष्ठ सदस्य शामिल थीं। केंद्रीय मंत्री ने अपने उद्घाटन संबोधन में एफआरएस को सेवाओं की आपूर्ति में पारदर्शिता, जवाबदेही और दक्षता बढ़ाने का एक अत्यंत प्रभावी माध्यम बताया। उन्होंने कहा, तकनीक की सहायता से हम यह सुनिश्चित करेंगे कि लाभ केवल वास्तविक लाभार्थियों तक पहुंचे और किसी प्रकार की त्रुटियों और दोहराव को समाप्त किया जा सके।

बैठक के दौरान महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के सचिव श्री अनिल मलिक ने एफआरएस के तकनीकी और परिचालन पहलुओं पर विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि पोषण ट्रैकर के माध्यम से टेक-होम राशन (THR) के वितरण की वास्तविक समय में निगरानी में यह तकनीक अहम भूमिका निभाएगी। मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव श्री ज्ञानेश भारती ने कार्यान्वयन रणनीति, लाभ और योजना के संभावित प्रभाव पर एक विस्तृत प्रस्तुति दी। सांसदों ने अपने विचार साझा करते हुए इस पहल को और मजबूत बनाने के लिए रचनात्मक सुझाव दिए। उन्होंने एफआरएस को लाभार्थियों के लिए कुशल और जवाबदेह सेवा का आधार बताते हुए इसे एक महत्वपूर्ण सुधार माना।

एफआरएस की कार्यप्रणाली दो चरणों में संचालित होती है — ऑन-बोर्डिंग (e-KYC, लाइव फोटो कैप्चर और प्रमाणीकरण): आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को लाभार्थी का चेहरा एक बार कैप्चर करना होता है और आधार-पंजीकृत मोबाइल नंबर पर OTP द्वारा e-KYC पूरी करनी होती है।मासिक चेहरा मिलान (Face Matching): एक बार सफल ऑन-बोर्डिंग के बाद, हर महीने नई फोटो लेकर सिस्टम में सुरक्षित पुरानी फोटो से तुलना की जाती है, जिससे लाभार्थी की उपस्थिति और पात्रता की पुष्टि होती है। मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि एफआरएस 1 जुलाई 2025 से THR वितरण के लिए अनिवार्य कर दिया गया है। इसके तहत 0-6 वर्ष के बच्चों, गर्भवती महिलाओं, स्तनपान कराने वाली माताओं और 14-18 वर्ष की किशोरियों तक सभी पात्र लाभार्थियों का पंजीकरण अनिवार्य है। बच्चों के मामले में माता-पिता/अभिभावक के माध्यम से e-KYC किया जाता है।

केंद्रीय मंत्री ने सांसदों के सुझावों के लिए आभार व्यक्त किया और संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए कि जमीनी स्तर पर आने वाली समस्याओं का त्वरित समाधान किया जाए। उन्होंने कहा कि मंत्रालय सांसदों के साथ निरंतर सहयोग बनाए रखेगा ताकि एफआरएस का प्रभावी क्रियान्वयन हो और प्रत्येक लाभार्थी को उसका हक समय पर मिले। बैठक में यह भी उल्लेख किया गया कि एफआरएस पायलट परियोजना अगस्त 2024 में शुरू हुई थी और दिसंबर 2024 तक इसे पूरे देश में लागू किया गया। हालांकि शुरुआती चरण में इसे अनिवार्य नहीं बनाया गया था, लेकिन 1 अगस्त 2025 से सभी लाभार्थियों के लिए पंजीकरण और मासिक चेहरा मिलान अनिवार्य हो गया है।

नई दिल्ली
भारत सरकार ने मिशन सक्षम आंगनवाड़ी और पोषण 2.0 के अंतर्गत एक क्रांतिकारी पहल शुरू की है— Face Recognition System (FRS)। इस अत्याधुनिक तकनीक का उद्देश्य है सेवा वितरण प्रक्रिया को न केवल तेज़ और सरल बनाना, बल्कि इसे पूरी तरह पारदर्शी, जवाबदेह और सटीक करना। यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि लाभ केवल सही और पात्र व्यक्तियों तक ही पहुँचे, जिससे गड़बड़ी, त्रुटि और फर्जीवाड़ा पूरी तरह समाप्त हो सके।

शुरुआत और विस्तार की यात्रा

इस महत्वाकांक्षी योजना की शुरुआत अगस्त 2024 में एक पायलट परियोजना के रूप में कुछ चयनित जिलों में की गई। पायलट चरण में इसकी उपयोगिता, तकनीकी मजबूती और व्यावहारिक चुनौतियों की गहन समीक्षा की गई। दिसंबर 2024 से इसे राष्ट्रीय स्तर पर लागू कर दिया गया, जिससे देश के सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में इसकी पहुँच सुनिश्चित हुई। 1 अगस्त 2025: सभी नए और पुराने लाभार्थियों का पंजीकरण FRS के माध्यम से अनिवार्य।

यह समय-सीमा सुनिश्चित करती है कि पूरे देश में एक मानकीकृत और एकीकृत लाभ वितरण प्रणाली स्थापित हो।

कैसे काम करता है FRS?

FRS की कार्यप्रणाली पूरी तरह डिजिटल और सुरक्षित है:

e-KYC + लाइव फोटो कैप्चर डेटा मिलान और सत्यापन: सिस्टम, नई फोटो को पहले से दर्ज लाभार्थी की फोटो से मिलाता है। मासिक फोटो वेरिफिकेशन: हर महीने लाभ वितरण के समय फोटो ली जाती है और डेटा से तुलना की जाती है। अंतिम पुष्टिकरण: केवल सफल सत्यापन होने पर ही लाभ दिया जाता है।

मुख्य लाभ और प्रभाव

फर्जीवाड़ा और डुप्लीकेट खत्म: एक व्यक्ति के नाम पर दो बार लाभ लेने की संभावना समाप्त। सेवा गुणवत्ता में सुधार: स्वास्थ्य और पोषण संबंधी योजनाओं के सही लाभार्थियों तक पहुंचने से सुधार होगा। डेटा-आधारित योजना निर्माण: पोषण ट्रैकर से प्राप्त आंकड़ों के आधार पर भविष्य की योजनाएं अधिक प्रभावी बनेंगी। गर्भवती महिलाएं, स्तनपान कराने वाली माताएं ,0–6 वर्ष के बच्चे ,14–18 वर्ष की किशोरियां,इन श्रेणियों के लाभार्थियों के लिए FRS एक सुनिश्चित और पारदर्शी लाभ वितरण की गारंटी है।

कार्यान्वयन रणनीति

FRS की सफलता के लिए सरकार ने एक सुव्यवस्थित कार्ययोजना तैयार की है: राज्यों के साथ नियमित परामर्श और पायलट रन। आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को डिजिटल डिवाइस और तकनीकी प्रशिक्षण। फीडबैक के आधार पर सॉफ्टवेयर मॉड्यूल का लगातार अपग्रेड। राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के साथ मासिक समीक्षा बैठकें।

1. FRS क्या है?
FRS (Face Recognition System) एक डिजिटल प्रणाली है जो लाभार्थियों की पहचान उनकी चेहरे की फोटो और e-KYC के माध्यम से सत्यापित करती है, ताकि केवल वास्तविक पात्र लोगों को ही सरकारी लाभ मिले।

2. इसे क्यों लागू किया गया है?
ताकि फर्जीवाड़ा, दोहराव (डुप्लीकेट) और गलत पंजीकरण रोका जा सके, और लाभ वितरण पारदर्शी व सटीक हो।

3. FRS कब से लागू है?

अगस्त 2024: पायलट प्रोजेक्ट शुरू

दिसंबर 2024: पूरे देश में विस्तार

1 जुलाई 2025: THR वितरण के लिए अनिवार्य

1 अगस्त 2025: सभी लाभार्थियों के लिए मासिक चेहरा मिलान अनिवार्य

4. किन लाभार्थियों पर लागू है?

0–6 वर्ष के बच्चे (माता/अभिभावक के माध्यम से)

गर्भवती महिलाएं

स्तनपान कराने वाली माताएं

14–18 वर्ष की किशोरियां

5. ऑन-बोर्डिंग प्रक्रिया क्या है?

e-KYC (आधार-पंजीकृत मोबाइल नंबर + OTP)

लाइव फोटो कैप्चर

फोटो का सिस्टम में सुरक्षित पंजीकरण

6. मासिक वेरिफिकेशन कैसे होता है?

लाभ वितरण के समय नई फोटो ली जाती है

पुरानी फोटो से तुलना (Face Matching)

मिलान होने पर ही लाभ स्वीकृत

7. FRS से क्या फायदे होंगे?

फर्जीवाड़ा और डुप्लीकेट पंजीकरण खत्म

सेवा वितरण में पारदर्शिता

समय पर और सही लाभार्थी को सेवा

डेटा के आधार पर बेहतर योजना निर्माण

8. आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं की भूमिका क्या है?

लाभार्थियों का पंजीकरण करना

फोटो और e-KYC पूरी करना

हर महीने चेहरा मिलान करवाना

तकनीकी डिवाइस और ऐप का उपयोग करना

9. बच्चों के पंजीकरण में क्या होगा?
0–6 वर्ष के बच्चों का पंजीकरण उनके माता/अभिभावक के e-KYC के माध्यम से होगा।

10. तकनीकी समस्या होने पर क्या होगा?
मंत्रालय ने राज्यों और जिलों को निर्देश दिया है कि ऑन-ग्राउंड समस्याओं का तुरंत समाधान किया जाए, और बैकअप विकल्प उपलब्ध हों।

Source : PIB | रिपोर्ट : कोटो न्यूज़ नेटवर्क (KNN) | 

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