मुलायम सिंह यादव की पुण्यतिथि पर ग्राम महाराजी में श्रद्धांजलि सभा
सम्पादक : निषाद कोटो न्यूज़ नेटवर्क (KNN) | गोरखपुर जनपद के पिपराईच थाना क्षेत्र के ग्राम महराजी, पोस्ट कुसम्ही बाजार में शुक्रवार को समाजवादी पार्टी के संस्थापक, पूर्व रक्षा मंत्री एवं उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय मुलायम सिंह यादव की पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम ग्राम के समाजसेवी एवं पार्टी कार्यकर्ता मुंसरिम अंसारी उर्फ भोला के नेतृत्व में संपन्न हुआ। सभा में बड़ी संख्या में ग्रामीणों, महिलाओं और पार्टी कार्यकर्ताओं ने भाग लेकर ‘नेता जी’ को श्रद्धासुमन अर्पित किए और उनके जीवन से प्रेरणा लेने का संकल्प दोहराया।
श्रद्धांजलि सभा में उमड़ा जनसैलाब
कार्यक्रम की शुरुआत स्वर्गीय मुलायम सिंह यादव के चित्र पर माल्यार्पण और दीप प्रज्वलन से हुई। मंच पर उपस्थित प्रमुख अतिथि समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ पदाधिकारी बाबूराम फौजी, तथा स्थानीय कार्यकर्ता मोहम्मद राजा, जमील, मोनू, मोलई अंसारी, बब्लू अंसारी सहित कई महिलाओं ने श्रद्धांजलि दी। गाँव के युवाओं ने कार्यक्रम में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया और “नेता जी अमर रहें”, “समाजवाद जिंदाबाद” के नारों से वातावरण गूंज उठा। कार्यक्रम में वक्ताओं ने कहा कि मुलायम सिंह यादव केवल एक राजनीतिक व्यक्तित्व नहीं थे, बल्कि किसानों, पिछड़ों, मजदूरों और नौजवानों की आवाज थे, जिन्होंने संघर्षों के बल पर राजनीति में एक नई दिशा दी।
समाजवाद के विचारों पर चला संवाद
कार्यक्रम में वक्ताओं ने कहा कि स्वर्गीय मुलायम सिंह यादव ने हमेशा समाज में समानता, न्याय और भाईचारे की बात की। उन्होंने गरीब, किसान, मजदूर और दलित वर्ग के हितों की रक्षा के लिए जो लड़ाई लड़ी, वह आज भी समाजवादी विचारधारा की आधारशिला है।
बाबूराम फौजी ने अपने संबोधन में कहा
मुलायम सिंह यादव ने राजनीति को जनसेवा का माध्यम बनाया। आज जरूरत है कि हम सब उनके बताए रास्ते पर चलें और समाज में भाईचारे को मजबूत करें। मुंसरिम अंसारी उर्फ भोला ने कहा कि नेता जी का जीवन संघर्षों और सिद्धांतों का प्रतीक था। उन्होंने दिखाया कि ईमानदारी, सादगी और जनता के प्रति समर्पण ही सच्ची राजनीति है। उन्होंने सभी युवाओं से अपील की कि वे नेता जी के विचारों को घर-घर तक पहुंचाएं।
ग्रामीणों और महिलाओं की सक्रिय भागीदारी
कार्यक्रम की विशेषता यह रही कि ग्रामीणों के साथ-साथ महिलाओं की भी बड़ी उपस्थिति रही।
महिला कार्यकर्ताओं ने पुष्प अर्पित करते हुए कहा कि मुलायम सिंह यादव ने महिलाओं की शिक्षा और सम्मान के लिए कई योजनाएं चलाईं, जिससे उन्हें समाज में बराबरी का दर्जा मिला। ग्राम की बुजुर्ग महिला रामकली देवी ने कहा कि नेता जी ने गरीबों को सम्मान से जीने का हक दिया। युवाओं ने समाजवादी गीतों के माध्यम से नेता जी के योगदान को याद किया और उनकी जीवनी से प्रेरणा लेते हुए भविष्य में समाजहित के कार्यों में योगदान देने का संकल्प लिया।
आदर्शों पर चलने का लिया संकल्प
कार्यक्रम के समापन पर उपस्थित सभी लोगों ने स्व. मुलायम सिंह यादव के आदर्शों पर चलने और समाज में समानता, भाईचारा तथा न्याय की भावना बनाए रखने का संकल्प लिया। मुंसरिम अंसारी ने कहा कि समाजवादी विचारधारा ही भारत के लोकतंत्र की असली ताकत है और आज जरूरत है कि हम इन विचारों को फिर से जीवित करें। अंत में दो मिनट का मौन रखकर नेता जी की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की गई।
कार्यक्रम के बाद उपस्थित जनों में चाय और प्रसाद वितरण भी किया गया।
नेता जी के विचार आज भी प्रासंगिक स्वर्गीय मुलायम सिंह यादव भारतीय राजनीति के उन महान नेताओं में से एक रहे, जिन्होंने अपने जीवन का हर क्षण देश के गरीब, किसान, मजदूर और नौजवानों के अधिकारों की रक्षा में समर्पित किया। वे केवल एक नेता नहीं, बल्कि एक विचारधारा थे — एक ऐसी विचारधारा जो समानता, न्याय और समाजवाद पर आधारित थी। उन्होंने यह साबित किया कि राजनीति केवल सत्ता प्राप्त करने का साधन नहीं, बल्कि समाज की बेहतरी और जनता की सेवा का माध्यम हो सकती है।
नेता जी का राजनीतिक जीवन संघर्षों से भरा हुआ था। साधारण शिक्षक से लेकर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री और देश के रक्षा मंत्री तक का सफर उन्होंने जनता के विश्वास और मेहनत के बल पर तय किया। वे हमेशा कहते थे राजनीति सेवा का माध्यम है, सत्ता का नहीं। यह वाक्य केवल एक कथन नहीं, बल्कि उनकी पूरी राजनीतिक यात्रा का दर्शन था। मुलायम सिंह यादव ने अपने जीवन में हर वर्ग की आवाज़ को मजबूती दी। चाहे किसानों के हक की लड़ाई हो, नौजवानों के रोजगार का सवाल हो या पिछड़े समाज के अधिकारों की बात — उन्होंने हमेशा जनभावनाओं को सर्वोच्च प्राथमिकता दी। उन्होंने राजनीति को जनता के बीच ले जाकर यह दिखाया कि असली शक्ति गांवों, खेतों और गलियों में बसने वाले आम आदमी के पास होती है।
आज के दौर में, जब राजनीति में व्यक्तिवाद, स्वार्थ और अवसरवाद बढ़ रहा है, ऐसे समय में मुलायम सिंह यादव के विचार और अधिक प्रासंगिक हो उठते हैं। उनका मानना था कि लोकतंत्र तभी मजबूत हो सकता है जब समाज के अंतिम व्यक्ति तक न्याय और अवसर पहुंचे।
वे कहते थे जो सबसे कमजोर है, उसी के साथ न्याय होगा तो समाज मजबूत होगा।
उनकी राजनीति में दिखावे या चमक-दमक की जगह सादगी और जनसेवा की भावना थी।
वे गांव-गांव जाकर लोगों की समस्याएँ सुनते थे, किसानों के बीच बैठते थे, मजदूरों के साथ खाना खाते थे और युवाओं को शिक्षा और संघर्ष का रास्ता दिखाते थे। उनका जीवन हमें यह सिखाता है कि राजनीति में सफलता का असली मापदंड जनसेवा और जनसमर्पण है, न कि कुर्सी या पद।
समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने उनकी पुण्यतिथि पर यह संकल्प लिया कि वे नेता जी के दिखाए मार्ग पर चलेंगे और समाज में शिक्षा, रोजगार, समानता और सामाजिक न्याय की लड़ाई को आगे बढ़ाएंगे। उनके सिद्धांत आज भी हर कार्यकर्ता के लिए प्रेरणा हैं — कि सच्चे समाजवादी वही हैं जो समाज के कमजोर वर्गों के साथ खड़े हों, और उनके अधिकारों की रक्षा के लिए आवाज़ उठाएं।
नेता जी का जीवन बताता है कि जब राजनीति अपने मूल उद्देश्य — जनसेवा — से जुड़ी रहती है, तभी वह समाज में परिवर्तन ला सकती है।
उन्होंने देश की राजनीति को एक नई दिशा दी, जिसमें सत्ता नहीं, सेवा प्रमुख थी। उनका यह संदेश आज भी उतना ही सार्थक है जितना उस दौर में था जब उन्होंने समाजवादी पार्टी की नींव रखी थी।
आज जब समाज कई स्तरों पर विभाजन, भेदभाव और अविश्वास से जूझ रहा है, तब मुलायम सिंह यादव के विचार सामाजिक एकता और भाईचारे की एक नई रोशनी प्रदान करते हैं। उनकी नीति थी किसी से बैर नहीं, सबके साथ न्याय।
और यही नीति समाज के हर वर्ग को जोड़ने की ताकत रखती है।
भविष्य की राजनीति को यदि सार्थक और जनहितैषी बनाना है, तो मुलायम सिंह यादव के विचारों को समझना और अपनाना आवश्यक है।
उनकी दृष्टि केवल उत्तर प्रदेश तक सीमित नहीं थी, बल्कि वह समूचे भारत के किसानों, मजदूरों और युवाओं के भविष्य की चिंता करती थी।
उनका सपना था ऐसा समाज, जहाँ कोई भूखा न सोए, कोई बेरोजगार न रहे, और हर व्यक्ति को शिक्षा, सम्मान व न्याय मिले। आज जब उनकी याद में लोग उन्हें नमन करते हैं, तो यह केवल एक औपचारिक श्रद्धांजलि नहीं, बल्कि उनके विचारों को फिर से जीवित करने का अवसर है। नेता जी ने कहा था —
जब तक अन्याय रहेगा, समाजवाद की लड़ाई जारी रहेगी।इसलिए समाजवादी पार्टी और उससे जुड़े कार्यकर्ताओं का यह दायित्व है कि वे उनके आदर्शों को अपने कर्मों से आगे बढ़ाएँ —गरीब की मदद करें, किसान का सम्मान करें, शिक्षा को प्राथमिकता दें और समाज में भाईचारा बनाकर रखें। मुलायम सिंह यादव का नाम आज भी देश के हर उस व्यक्ति के दिल में जीवित है, जिसने कभी अन्याय का सामना किया या समानता की उम्मीद की। उनकी विचारधारा केवल राजनीति नहीं, बल्कि जन-आस्था का प्रतीक बन चुकी है।
रिपोर्ट : कोटो न्यूज़ नेटवर्क (KNN)