प्रधानमंत्री मोदी की ऐतिहासिक अर्जेंटीना यात्रा लिथियम सहयोग को नई दिशा
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प्रधानमंत्री मोदी की ऐतिहासिक अर्जेंटीना यात्रा लिथियम सहयोग को नई दिशा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पांच देशों की व्यापक विदेश यात्रा के तीसरे चरण में आज सुबह वे अर्जेंटीना की राजधानी ब्यूनस आयर्स पहुंचे। त्रिनिदाद और टोबैगो की सफल यात्रा के बाद अर्जेंटीना आगमन, भारत की वैश्विक दक्षिण के साथ भागीदारी को मजबूत करने की दिशा में एक और ठोस कदम के रूप में देखा जा रहा है। प्रधानमंत्री मोदी का यह दौरा विशेष रूप से ऐतिहासिक है क्योंकि यह 57 वर्षों में किसी भारतीय प्रधानमंत्री की पहली द्विपक्षीय अर्जेंटीना यात्रा है।

शाम को प्रधानमंत्री मोदी की यात्रा की शुरुआत अर्जेंटीना के राष्ट्रनायक और स्वतंत्रता सेनानी जनरल जोस डे सैन मार्टिन की प्रतिमा पर श्रद्धा अर्पित कर हुई। इसके बाद उन्हें राष्ट्रपति जेवियर मिलेई की ओर से औपचारिक स्वागत समारोह में सम्मानित किया गया। दोनों नेताओं के बीच प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता हुई और फिर राष्ट्रपति मिलेई द्वारा प्रधानमंत्री मोदी के सम्मान में भोज का आयोजन किया गया।


यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ब्यूनस आयर्स स्थित ऐतिहासिक बोका जूनियर्स फुटबॉल क्लब के स्टेडियम का भी दौरा करेंगे। यह सांस्कृतिक जुड़ाव अर्जेंटीना और भारत के बीच आपसी समझ और मित्रता को और सशक्त करेगा।इस दौरे से भारत-अर्जेंटीना के बीच रणनीतिक साझेदारी को नई गति मिलने की उम्मीद है। व्यापार, निवेश, स्वास्थ्य, फार्मास्यूटिकल्स, रक्षा, डिजिटल नवाचार, खनिज संसाधन, कृषि, ग्रीन एनर्जी, आपदा प्रबंधन, विज्ञान और प्रौद्योगिकी, शिक्षा और जनसंपर्क जैसे क्षेत्रों में सहयोग को विस्तार देने पर विशेष बल दिया जा रहा है |

विकास

वर्ष 2019 में भारत और अर्जेंटीना के बीच रिश्तों को “रणनीतिक साझेदारी” का दर्जा मिला। इस साझेदारी ने दोनों देशों को एक दूसरे के साथ बहुस्तरीय सहयोग के लिए संस्थागत ढांचा दिया। 2024 में भारत और अर्जेंटीना ने अपने राजनयिक संबंधों की 75वीं वर्षगांठ मनाई, जिससे यह स्पष्ट हुआ कि यह संबंध केवल कूटनीति तक सीमित नहीं हैं, बल्कि बहु-आयामी और भावनात्मक भी हैं।

रणनीतिक साझेदारी में जिन क्षेत्रों को प्राथमिकता दी गई है, उनमें रक्षा, अंतरिक्ष, विज्ञान एवं तकनीक, खनिज संसाधन, ऊर्जा सुरक्षा, कृषि, स्वास्थ्य, शिक्षा और डिजिटल नवाचार शामिल हैं।

प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति जेवियर मिलेई के बीच हुई प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता में इन सभी क्षेत्रों की समीक्षा की गई और आगे की दिशा तय की गई।

लिथियम त्रिकोण

आज की वैश्विक अर्थव्यवस्था में “ऊर्जा” और “खनिज संसाधन” दो ऐसे शब्द हैं, जो किसी भी देश की रणनीतिक प्राथमिकताओं को परिभाषित करते हैं। अर्जेंटीना इस संदर्भ में भारत के लिए विशेष महत्व रखता है।

दक्षिण अमेरिका में अर्जेंटीना, बोलीविया और चिली को मिलाकर एक क्षेत्र है जिसे ‘लिथियम त्रिकोण’ कहा जाता है। यह क्षेत्र विश्व के लिथियम भंडारों का सबसे बड़ा स्रोत है। लिथियम वह धातु है जो इलेक्ट्रिक वाहनों, स्मार्टफोन, लैपटॉप और रिन्यूएबल एनर्जी स्टोरेज के लिए अनिवार्य बैटरियों में उपयोग होती है।

भारत की दो प्रमुख सार्वजनिक कंपनियां — खानिज विदेश इंडिया लिमिटेड (KABIL) और कोल इंडिया लिमिटेड (CIL) — अर्जेंटीना के कैटामार्का प्रांत में लिथियम खनन के लिए विशेष अधिकार प्राप्त कर चुकी हैं। यह निर्णय भारत की “नेट ज़ीरो” और “हरित ऊर्जा” लक्ष्यों को प्राप्त करने की दिशा में एक निर्णायक कदम माना जा रहा है।

भारत की दृष्टि से अर्जेंटीना 

प्रधानमंत्री मोदी ने यात्रा से पूर्व दिए गए अपने बयान में अर्जेंटीना को “लैटिन अमेरिका में भारत का प्रमुख आर्थिक साझेदार और G20 में निकट सहयोगी” करार दिया था। अर्जेंटीना की भू-आर्थिक स्थिति, ऊर्जा भंडार, कृषि उत्पादकता और खनिज संपदा भारत के लिए अनेक अवसर प्रस्तुत करती है।

ऊर्जा क्षेत्र में अर्जेंटीना के पास विश्व का दूसरा सबसे बड़ा शेल गैस भंडार और चौथा सबसे बड़ा शेल ऑयल भंडार है।

खनिज संसाधनों में लिथियम, तांबा और अन्य दुर्लभ तत्व भारत की इलेक्ट्रिक मोबिलिटी और सेमीकंडक्टर विकास योजनाओं में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।

कृषि में अर्जेंटीना के पास तकनीक-संपन्न और बड़े पैमाने पर अनाज उत्पादन की क्षमता है, जिससे भारत जैव-प्रौद्योगिकी और खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्रों में सीख सकता है।

भू-राजनीतिक 

भारत और अर्जेंटीना G20, BRICS और संयुक्त राष्ट्र जैसे वैश्विक मंचों पर एक जैसे दृष्टिकोण साझा करते हैं। दोनों देश बहुपक्षीय विश्व व्यवस्था में विकासशील देशों की अधिक भागीदारी के पक्षधर हैं।

ब्राजील में आगामी BRICS सम्मेलन में प्रधानमंत्री मोदी की भागीदारी के दौरान अर्जेंटीना की भूमिका पर भी चर्चा हो सकती है, विशेषकर यदि समूह का विस्तार होता है और लैटिन अमेरिका की भागीदारी और बढ़े।

आर्थिक संभावना

अर्जेंटीना वर्तमान में व्यापक आर्थिक सुधारों से गुजर रहा है — जैसे भारत ने 1991 और फिर 2014 के बाद देखे। ऐसे में भारत अर्जेंटीना के लिए एक उदाहरण भी है और संभावित निवेशक भी।

भारतीय कंपनियां अर्जेंटीना में स्वास्थ्य, शिक्षा, डिजिटल सेवाओं, स्टार्टअप, फार्मास्यूटिकल्स और बुनियादी ढांचे में निवेश के अवसर तलाश रही हैं। अर्जेंटीना का व्यवसायिक माहौल भारत की वैश्विक व्यापार रणनीति के साथ जुड़ता नजर आ रहा है।

संस्कृति और लोगों के बीच संबंध

भारत और अर्जेंटीना के बीच केवल कूटनीति और व्यापार ही नहीं, बल्कि सांस्कृतिक समझ और जनसंपर्क भी लगातार मजबूत हो रहे हैं। योग, आयुर्वेद और भारतीय दर्शन अर्जेंटीना में लोकप्रिय हैं। ब्यूनस आयर्स और कॉर्डोबा जैसे शहरों में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस का आयोजन इसका प्रमाण है।

प्रधानमंत्री मोदी की बोका जूनियर्स स्टेडियम की यात्रा भी इसी सांस्कृतिक जुड़ाव को और गहरा करती है। फुटबॉल अर्जेंटीना की आत्मा है और जब कोई विदेशी नेता इस क्षेत्र में रुचि दिखाता है, तो यह संबंधों को मानवीय स्तर पर भी प्रगाढ़ बनाता है।

तिहासिक दौरा

अर्जेंटीना यात्रा, प्रधानमंत्री मोदी के लिए व्यक्तिगत और राजनयिक दोनों स्तरों पर अत्यंत महत्वपूर्ण मानी जा रही है। राष्ट्रपति जेवियर मिलेई के आमंत्रण पर हो रही इस यात्रा के दौरान दोनों नेता पिछली नवंबर 2024 में रियो डी जनेरियो में हुए G20 सम्मेलन की मुलाकात को आगे बढ़ाते हुए द्विपक्षीय सहयोग को नया आयाम देने की दिशा में अग्रसर हैं।

दोनों देशों के बीच वर्ष 2019 में रणनीतिक साझेदारी की घोषणा हुई थी, जिसे अब विभिन्न क्षेत्रों में व्यावहारिक परिणामों तक पहुंचाने का प्रयास किया जा रहा है। विशेष रूप से जब अर्जेंटीना आर्थिक सुधारों के एक निर्णायक दौर से गुजर रहा है, तब भारत की भूमिका उसके लिए एक भरोसेमंद साझेदार की बन सकती है।

भारत 

अर्जेंटीना दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा शेल गैस और चौथा सबसे बड़ा शेल ऑयल भंडार रखता है। इसके अतिरिक्त देश में पारंपरिक तेल-गैस भंडार भी पर्याप्त मात्रा में मौजूद हैं, जो भारत के ऊर्जा सुरक्षा उद्देश्यों के लिए लाभकारी हो सकते हैं।

अर्जेंटीना की लिथियम, तांबा और दुर्लभ पृथ्वी खनिजों में समृद्धता भारत की ऊर्जा परिवर्तन और उद्योग विकास योजनाओं के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। यह साझेदारी इलेक्ट्रिक वाहनों, सौर ऊर्जा और डिजिटल उपकरणों में इस्तेमाल होने वाली तकनीकों में आत्मनिर्भर भारत को गति दे सकती है।

स्वास्थ्य और तकनीकी 

भारत की डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर (DPI), टेलीमेडिसिन, डिजिटल हेल्थ, और आयुष्मान भारत जैसी योजनाओं से अर्जेंटीना प्रेरणा ले रहा है। भारत अर्जेंटीना के साथ अपने अनुभव साझा करने को तत्पर है। इससे अर्जेंटीना की दूरदराज की आबादी को गुणवत्तापूर्ण, सुलभ और किफायती स्वास्थ्य सेवाएं मिल सकेंगी।

दोनों देशों के बीच विज्ञान और प्रौद्योगिकी, अंतरिक्ष अनुसंधान, साइबर सुरक्षा और रक्षा तकनीकों में संयुक्त अनुसंधान की भी संभावनाएं हैं।

 सांस्कृतिक समन्वय

भारत और अर्जेंटीना के संबंधों को गहराई प्रदान करने वाला एक महत्वपूर्ण पक्ष दोनों देशों की जनता के बीच सशक्त संबंध हैं। अर्जेंटीना में योग, आयुर्वेद और भारतीय दर्शन की लोकप्रियता ने सांस्कृतिक सामंजस्य को मजबूत किया है। ब्यूनस आयर्स और अन्य प्रमुख शहरों में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के भव्य आयोजन इसकी मिसाल हैं।

प्रधानमंत्री का बोका जूनियर्स स्टेडियम का दौरा एक प्रतीकात्मक लेकिन भावनात्मक कड़ी के रूप में देखा जा रहा है, जिससे अर्जेंटीना की जनता के साथ सीधा जुड़ाव संभव होगा।

G20, BRICS भारत-अर्जेंटीना 

G20 और BRICS जैसे मंचों पर भारत और अर्जेंटीना समान दृष्टिकोण साझा करते हैं – विशेष रूप से विकासशील देशों की समस्याओं और उनके समाधान को लेकर। दोनों देश बहुपक्षीय व्यवस्था में वैश्विक दक्षिण की आवाज को मजबूती से उठाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

प्रधानमंत्री मोदी के इस दौरे को वैश्विक दक्षिण के देशों के बीच साझेदारी को पुनः परिभाषित करने की दिशा में एक निर्णायक पहल माना जा रहा है। यह यात्रा केवल द्विपक्षीय संबंधों तक सीमित न रहकर वैश्विक मंचों पर संयुक्त रणनीतियों को आकार देने का अवसर प्रदान कर सकती है।

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