
गुवाहाटी कैट का नया आधुनिक परिसर पूर्वोत्तर में न्याय की नई पहचान
संवाददाता: कोटो न्यूज़ |03 अगस्त 2025 गुवाहाटी के न्यायिक परिदृश्य में ऐतिहासिक बन गया, जब केंद्रीय प्रशासनिक अधिकरण (कैट) के नए न्यायालय-सह-कार्यालय परिसर का भव्य उद्घाटन केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, पृथ्वी विज्ञान राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) तथा प्रधानमंत्री कार्यालय, परमाणु ऊर्जा विभाग, अंतरिक्ष विभाग, कार्मिक, लोक शिकायत एवं पेंशन राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने किया। कार्यक्रम में असम के कैबिनेट मंत्री रंजीत कुमार दास, कैट के अध्यक्ष न्यायमूर्ति आर.के. मोरे, वरिष्ठ न्यायिक अधिकारी और वकील समुदाय के सदस्य भी उपस्थित थे। डॉ. सिंह ने अपने संबोधन में कहा कि गुवाहाटी पीठ की स्थापना के लगभग 40 साल बाद अब जाकर उसे अपना समर्पित बुनियादी ढांचा मिला है। उन्होंने बताया कि पहले तक यह पीठ किराए के भवन से संचालित होती थी, जिससे न केवल प्रशासनिक कठिनाइयाँ आती थीं, बल्कि न्यायिक प्रक्रिया की गति पर भी असर पड़ता था। कैट की स्थापना 1985 में सरकारी कर्मचारियों को समयबद्ध और सुलभ न्याय देने के उद्देश्य से हुई थी, लेकिन दशकों तक यह संस्था लंबित मामलों और संचालन संबंधी बाधाओं से जूझती रही। डॉ. सिंह ने आंकड़े पेश करते हुए कहा कि 1985 से अब तक कैट ने कुल 8.88 लाख मामलों का निपटारा किया है, जिसमें से 2.54 लाख से अधिक मामले सिर्फ पिछले दस वर्षों में निपटाए गए — यानी कुल निपटान का लगभग एक-तिहाई। उन्होंने कहा कि यह आंकड़ा बताता है कि 2014 के बाद से सरकार के फोकस और सुधारों का कितना बड़ा असर पड़ा है।
नवनिर्मित गुवाहाटी परिसर को आधुनिक सुविधाओं से लैस किया गया है। यह भवन भूकंपरोधी है, जिसमें सीसीटीवी निगरानी, दिव्यांगों के लिए विशेष सुविधाएं, और डिजिटल न्यायिक प्रक्रियाओं के लिए अत्याधुनिक तकनीकी ढांचा मौजूद है। डॉ. सिंह ने असम सरकार की सराहना करते हुए कहा कि भूमि उपलब्ध कराने और भवन का निर्माण महज तीन वर्षों में पूरा करने की त्वरित कार्रवाई निजी क्षेत्र की परियोजनाओं में भी दुर्लभ है। मंत्री महोदय ने कोविड-19 महामारी के दौरान अपनाए गए तकनीकी नवाचारों को भी रेखांकित किया। उन्होंने बताया कि ई-फाइलिंग, वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग, डिजिटल न्यायिक रिकॉर्ड और ऑनलाइन भुगतान प्रणाली ने कठिन परिस्थितियों में भी न्यायिक कामकाज को निरंतर बनाए रखा।
डॉ. सिंह ने कहा कि शुरुआती दौर में इस बदलाव पर कुछ चिंताएं थीं, लेकिन समय के साथ यह साबित हो गया कि अनुभवी प्रशासक सेवा नियमों को समझने और उन्हें लागू करने में पूरी तरह सक्षम हैं। इस कदम से लंबित मामलों में तेजी से कमी आई है और बेंच की कार्यप्रणाली में सुधार हुआ है। अपने संबोधन में उन्होंने बार-बार होने वाले मुक़दमों पर चिंता जताई। उन्होंने कहा अगर हर निर्णय वापस उच्च न्यायालय में ही जाता है, तो यह कैट के मूल उद्देश्य को विफल करता है।” उन्होंने कानूनी समुदाय से आग्रह किया कि वे आत्मनिरीक्षण करें और संस्था की पवित्रता बनाए रखने में सहयोग करें।
कार्यक्रम के अंत में डॉ. सिंह ने केंद्र सरकार की ओर से कैट के मिशन — सरकारी कर्मचारियों को त्वरित और सुलभ न्याय — को समर्थन देने की प्रतिबद्धता दोहराई। उन्होंने कहा हम इस अनूठी संस्था की अखंडता बनाए रखने के लिए सभी हितधारकों के साथ मिलकर काम करने को तैयार हैं। केंद्रीय प्रशासनिक अधिकरण (CAT) की स्थापना वर्ष 1985 में प्रशासनिक न्यायाधिकरण अधिनियम, 1985 के तहत हुई थी। इसका उद्देश्य केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों और संबंधित सेवाओं से जुड़े विवादों का त्वरित, सस्ता और सुलभ समाधान प्रदान करना था। इससे पहले ऐसे मामलों के लिए कर्मचारियों को सीधे उच्च न्यायालय का रुख करना पड़ता था, जिससे समय और संसाधनों की बर्बादी होती थी।
लगभग 40 वर्ष पूर्व
गुवाहाटी पीठ देश की सबसे पुरानी पीठों में से एक है। पूर्वोत्तर के सरकारी कर्मचारियों के मामलों की सुनवाई के लिए यह पीठ स्थापित की गई थी, ताकि उन्हें दिल्ली या अन्य दूरस्थ पीठों में जाने की आवश्यकता न हो। शुरुआती दिनों में यह पीठ किराए के भवन से संचालित होती थी, जिससे न्यायिक कार्यवाही में कई तरह की व्यावहारिक कठिनाइयाँ आती थीं।
भूकंपरोधी निर्माण, सीसीटीवी, दिव्यांग-अनुकूल सुविधाएं
नवनिर्मित गुवाहाटी कैट परिसर को आधुनिक मानकों के अनुरूप डिजाइन किया गया है। यह भवन भूकंपरोधी संरचना से बना है, जो पूर्वोत्तर क्षेत्र की भूकंपीय संवेदनशीलता को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है। इसमें 24×7 सीसीटीवी निगरानी प्रणाली लगी है, जो सुरक्षा को सुनिश्चित करती है। इसके अलावा, दिव्यांगजनों के लिए रैंप, विशेष शौचालय और आसान पहुंच के लिए लिफ्ट जैसी सुविधाएं भी दी गई हैं।
3 वर्ष (असम सरकार की त्वरित कार्रवाई)
इस भवन के लिए असम सरकार ने आवश्यक भूमि मुहैया कराई और निर्माण कार्य को मात्र तीन वर्षों में पूरा कर दिया। यह गति सरकारी परियोजनाओं में दुर्लभ मानी जाती है, और कई बार निजी क्षेत्र में भी इस तरह की समयबद्धता देखना मुश्किल होता है।
8.88 लाख मामलों में से 2.54 लाख पिछले 10 वर्षों में
स्थापना से अब तक CAT ने 8.88 लाख से अधिक मामलों का निपटान किया है। इसमें से लगभग 2.54 लाख मामले केवल पिछले दशक में निपटाए गए हैं, जो कुल निपटान का लगभग एक-तिहाई हिस्सा है। यह आंकड़ा बताता है कि 2014 के बाद से कार्यप्रणाली में गति और दक्षता आई है।
ई-फाइलिंग, वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग, डिजिटल रिकॉर्ड
नए परिसर में तकनीकी रूप से उन्नत सुविधाएं मौजूद हैं। वकील और याचिकाकर्ता ई-फाइलिंग के माध्यम से मामलों की पंजीकरण प्रक्रिया पूरी कर सकते हैं। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए दूरदराज के पक्षकार भी सुनवाई में शामिल हो सकते हैं। इसके साथ ही सभी न्यायिक रिकॉर्ड डिजिटल रूप में संग्रहित किए जाते हैं, जिससे पारदर्शिता और त्वरित संदर्भ संभव हो पाता है।
प्रशासनिक सदस्यों को भी बेंच अध्यक्षता का अधिकार
हाल ही में एक अहम संशोधन के तहत अब प्रशासनिक सदस्य भी CAT की बेंच की अध्यक्षता कर सकते हैं। पहले यह जिम्मेदारी केवल न्यायिक सदस्यों तक सीमित थी। अनुभव ने दिखाया है कि अनुभवी प्रशासनिक अधिकारी सेवा नियमों की जटिलताओं को समझने और लागू करने में सक्षम होते हैं। इस बदलाव से लंबित मामलों में कमी आई है और न्यायिक प्रक्रिया की रफ्तार बढ़ी है।
1 केंद्रीय प्रशासनिक अधिकरण (CAT) क्या है?
CAT एक विशेष न्यायिक संस्था है, जिसकी स्थापना 1985 में प्रशासनिक न्यायाधिकरण अधिनियम, 1985 के तहत हुई थी। इसका उद्देश्य केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों और उनसे संबंधित सेवाओं के विवादों का त्वरित, सस्ता और सुलभ समाधान प्रदान करना है।
2 गुवाहाटी कैट पीठ की स्थापना कब हुई?
गुवाहाटी पीठ लगभग 40 वर्ष पूर्व स्थापित हुई थी और यह देश की सबसे पुरानी पीठों में से एक है। इसका गठन पूर्वोत्तर के सरकारी कर्मचारियों को न्याय उनके ही क्षेत्र में दिलाने के लिए किया गया था।
3 नया गुवाहाटी कैट भवन कब और किसने उद्घाटित किया?
03 अगस्त 2025 को केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने नवनिर्मित न्यायालय-सह-कार्यालय परिसर का उद्घाटन किया।
4 नए भवन की विशेषताएं क्या हैं?
भूकंपरोधी संरचना (पूर्वोत्तर की भूकंपीय संवेदनशीलता के अनुसार)
24×7 सीसीटीवी निगरानी
दिव्यांग-अनुकूल सुविधाएं (रैंप, विशेष शौचालय, लिफ्ट)
डिजिटल न्यायिक प्रक्रियाओं के लिए अत्याधुनिक तकनीकी ढांचा
5 इस भवन के निर्माण में कितना समय लगा?
असम सरकार ने भूमि उपलब्ध कराई और केवल 3 वर्षों में भवन का निर्माण कार्य पूरा कर दिया।
Source : PIB