एक राष्ट्र, एक समय”: समय की संप्रभुता की ओर भारत का ऐतिहासिक ऐतिहासिक गोलमेज सम्मेलन

एक राष्ट्र, एक समय”: समय की संप्रभुता की ओर भारत का ऐतिहासिक ऐतिहासिक गोलमेज सम्मेलन

भारत सरकार के उपभोक्ता मामले विभाग ने आज विज्ञान भवन, नई दिल्ली में “एक राष्ट्र, एक समय” विषय पर एक ऐतिहासिक गोलमेज सम्मेलन का आयोजन किया। इस अवसर पर केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण तथा नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री श्री प्रल्हाद जोशी ने ‘समय प्रसार परियोजना’ की रणनीतिक महत्ता पर प्रकाश डाला।

इस परियोजना का उद्देश्य पूरे देश में भारतीय मानक समय (IST) का सटीक, सुरक्षित और कानूनी रूप से अनिवार्य प्रसार सुनिश्चित करना है, जिससे भारत की डिजिटल, वित्तीय और प्रशासनिक प्रणाली को वैश्विक मानकों के अनुरूप मजबूती मिल सके।


प्रमुख घोषणाएं एवं पहलू:

  • विधिक माप विज्ञान (भारतीय मानक समय) नियम, 2025 के तहत अब सभी कानूनी, प्रशासनिक और वाणिज्यिक कार्यों में IST का अनिवार्य अनुपालन होगा।

  • IST के सटीक प्रसार के लिए देशभर में 5 क्षेत्रीय संदर्भ मानक प्रयोगशालाएं (RRSL) स्थापित की जा रही हैं — अहमदाबाद, बेंगलुरु, भुवनेश्वर, फरीदाबाद और गुवाहाटी में।

  • इन प्रयोगशालाओं को परमाणु घड़ियों और एनटीपी/पीटीपी जैसे सुरक्षित समय समन्वय प्रोटोकॉल से लैस किया जा रहा है, जिससे मिलीसेकंड से लेकर माइक्रोसेकंड तक की समय-सटीकता संभव हो सकेगी।


राष्ट्रीय संप्रभुता और डिजिटल सुरक्षा का मजबूत स्तंभ

श्री प्रल्हाद जोशी ने कहा, “सटीक और पता लगाने योग्य भारतीय मानक समय के माध्यम से हम राष्ट्रीय बुनियादी ढांचे को अधिक सुरक्षित बना रहे हैं। यह सिर्फ एक तकनीकी पहल नहीं, बल्कि समय की संप्रभुता और डिजिटल स्वतंत्रता की दिशा में बड़ा कदम है।”

उपभोक्ता मामलों की सचिव श्रीमती निधि खरे ने अपने प्रस्तुतिकरण में बताया कि यह पहल न केवल साइबर सुरक्षा को मज़बूत करेगी बल्कि देश को विदेशी समय स्रोतों जैसे GPS पर निर्भरता से भी मुक्ति दिलाएगी। उन्होंने स्पूफिंग और जैमिंग जैसे खतरों पर चिंता जताई और बताया कि ये नए नियम भारत की डिजिटल संप्रभुता और वैश्विक प्रतिस्पर्धा में अहम भूमिका निभाएंगे।


सम्मेलन में व्यापक सहभागिता

सम्मेलन में 100 से अधिक हितधारकों ने हिस्सा लिया। इसमें सरकारी विभागों के साथ-साथ निजी कंपनियां, दूरसंचार सेवा प्रदाता, सार्वजनिक उपक्रम, उद्योग संघ, बैंकिंग, ऊर्जा, शेयर बाजार, और साइबर सुरक्षा संस्थाएं भी शामिल रहीं। प्रमुख प्रतिनिधियों में सेबी, एनएससीएस, ISRO, CSIR-NPL, रेल मंत्रालय, डिपार्टमेंट ऑफ टेलीकॉम, रिलायंस जियो, एयरटेल, NSE, BSE, , और अन्य संगठनों के वरिष्ठ अधिकारी शामिल थे।

इस मंच से सामूहिक रूप से IST अपनाने का राष्ट्रीय समर्थन व्यक्त किया गया, जिससे ‘एक राष्ट्र, एक समय’ का सपना साकार करने की दिशा में महत्त्वपूर्ण राजनीतिक, तकनीकी और औद्योगिक सहमति प्राप्त हुई।


‘एक राष्ट्र, एक समय’ — भविष्य की दिशा

यह सम्मेलन न केवल डिजिटल इंडिया के विज़न को सशक्त बनाता है, बल्कि साइबर अपराध की रोकथाम, बिलिंग प्रणाली की पारदर्शिता, तथा परिवहन एवं संचार सेवाओं में समय समन्वय को नई ऊंचाइयों पर ले जाने वाला ऐतिहासिक कदम है।

यह पहल भारत की तकनीकी संप्रभुता, विश्वसनीयता, और वैश्विक नेतृत्व के दावों को सशक्त रूप से प्रस्तुत करती है।

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