कोटो न्यूज़ नेटवर्क (KNN) | बैंगलोर में 10 अगस्त 2025 को वीरांगना स्वर्गीय फूलन देवी जी की जयंती समारोह धूमधाम से मनाया जाएगा, जिसमें निषाद युवा वाहिनी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं सुप्रसिद्ध समाजसेवी सुशिल चन्द साहनी एडवोकेट शामिल होंगे। यह आयोजन न केवल वीरांगना के साहस और संघर्ष को श्रद्धांजलि देने के लिए है, बल्कि महिला सशक्तिकरण, सामाजिक न्याय और वंचित वर्गों के अधिकारों पर गंभीर चर्चा का मंच भी बनेगा। साहनी ने कहा कि फूलन देवी का जीवन संघर्ष और आत्मसम्मान का प्रतीक है, जो समाज की हर महिला और वंचित वर्ग के लिए प्रेरणा स्रोत है। कार्यक्रम में देशभर से आए सामाजिक कार्यकर्ता, महिला अधिकार कार्यकर्ता, राजनेता और विभिन्न संगठनों के प्रतिनिधि मौजूद रहेंगे। इस अवसर पर सुशिल साहनी वीरांगना फूलन देवी के जीवन संघर्ष, उनके द्वारा समाज के वंचित वर्गों के लिए किए गए कार्य और उनकी विरासत को आगे बढ़ाने के संकल्प पर अपने विचार रखेंगे। साहनी ने कहा कि “फूलन देवी ने यह साबित किया कि परिस्थितियाँ चाहे कितनी भी कठिन क्यों न हों, आत्मसम्मान और न्याय के लिए संघर्ष कभी व्यर्थ नहीं जाता।
निषाद युवा वाहिनी ने इस कार्यक्रम में महिला शिक्षा, रोजगार, और सुरक्षा के विषय पर विशेष संगोष्ठी का आयोजन किया है। इसमें इस बात पर चर्चा होगी कि वर्तमान समय में महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए किस तरह के कदम उठाए जा सकते हैं। साहनी ने कहा कि वीरांगना के विचार आज भी प्रासंगिक हैं और उनका संदेश है कि समाज में हर महिला को सम्मान, अवसर और सुरक्षा मिलनी चाहिए। संगठन ने इस अवसर पर महिला सुरक्षा,आत्मरक्षा प्रशिक्षण । कार्यक्रम के अंत में वीरांगना फूलन देवी की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की जाएगी और उनके जीवन से जुड़ी तस्वीरों और घटनाओं की प्रदर्शनी लगाई जाएगी। निषाद युवा वाहिनी | इस जयंती को केवल श्रद्धांजलि के रूप में न मनाएं, बल्कि समाज में समानता और न्याय के लिए सक्रिय होकर कार्य करें।
जन्म और प्रारंभिक जीवन
वीरांगना स्वर्गीय फूलन देवी समाज में व्याप्त असमानताओं और अन्याय को बहुत करीब से देखा। छोटी उम्र में ही उन्हें यह एहसास हो गया था कि समाज में महिलाओं और वंचित वर्गों को समान अवसर और सम्मान नहीं मिलता।
संघर्ष का सफर
फूलन देवी का जीवन संघर्ष और साहस का एक अद्वितीय उदाहरण है। सामाजिक अन्याय, शोषण और अत्याचार ने उन्हें झुकने नहीं दिया, बल्कि और मजबूत बना दिया। उन्होंने अपने आत्मसम्मान और न्याय के लिए लड़ाई लड़ी, चाहे इसके लिए उन्हें कितनी भी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा हो।
उनकी कहानी हमें यह सिखाती है कि परिस्थितियाँ चाहे कितनी भी प्रतिकूल क्यों न हों, अगर इंसान के भीतर साहस और दृढ़ निश्चय है, तो वह किसी भी अन्याय के खिलाफ खड़ा हो सकता है।
लोकसभा सांसद के रूप में उपलब्धि
फूलन देवी ने राजनीति में कदम रखा और लोकसभा सांसद के रूप में वंचित वर्गों की आवाज़ बनीं। उन्होंने संसद में गरीबों, महिलाओं और दलित समाज के अधिकारों की रक्षा के लिए आवाज़ उठाई। उनका उद्देश्य केवल अपने समुदाय के लिए ही नहीं, बल्कि हर उस वर्ग के लिए न्याय दिलाना था जिसे समाज ने हाशिये पर डाल दिया था। वीरांगना फूलन देवी भारतीय इतिहास की उन चुनिंदा महिलाओं में से एक हैं, जिन्होंने अपने जीवन में अपार कठिनाइयों का सामना किया, लेकिन कभी झुकी नहीं। वे गरीब, वंचित और महिला अधिकारों के लिए लड़ने वाली एक अदम्य साहसी महिला थीं।
अन्याय के खिलाफ विद्रोह
उन्होंने बीहड़ों का रास्ता चुना और दस्यु जीवन में प्रवेश किया। यह सफर आसान नहीं था, लेकिन यहीं से उनके संघर्ष का असली अध्याय शुरू हुआ।
राजनीति में प्रवेश और जनसेवा
आत्मसमर्पण के बाद फूलन देवी ने राजनीति में कदम रखा।समाजवादी पार्टी से लोकसभा सांसद चुनी गईं। संसद में उन्होंने महिलाओं, गरीबों और दलित समाज के अधिकारों के लिए जोरदार आवाज़ उठाई। उनके कार्यकाल में महिला सुरक्षा, शिक्षा और सामाजिक न्याय उनके प्रमुख मुद्दे रहे। फूलन देवी आज भी नारी सम्मान, सामाजिक न्याय और समान अधिकारों की प्रतीक हैं। उनकी विरासत हमें यह संदेश देती है कि हर महिला, चाहे वह किसी भी पृष्ठभूमि से हो, अपने अधिकारों और सम्मान के लिए खड़ी हो सकती है। उन्होंने नारी सशक्तिकरण को केवल शब्दों में नहीं, बल्कि अपने जीवन में उतारकर दिखाया।
निषाद युवा वाहिनी
निषाद युवा वाहिनी एक सामाजिक संगठन है, जिसका उद्देश्य निषाद, मछुआरा, केवट, बिंद, गोंड, कुम्हार और अन्य वंचित एवं पिछड़े वर्गों के सामाजिक, आर्थिक, शैक्षिक और राजनीतिक सशक्तिकरण के लिए कार्य करना है। संगठन की स्थापना इस सोच के साथ हुई कि समाज के वंचित वर्गों को भी समान अधिकार, सम्मान और अवसर मिलें।
सुशिल चन्द साहनी
सुशिल चन्द साहनी एडवोकेट एक प्रसिद्ध समाजसेवी, अधिवक्ता और निषाद युवा वाहिनी के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं। वे वंचित, पिछड़े और मछुआरा समाज के अधिकारों की लड़ाई के लिए जाने जाते हैं। उनकी सोच है कि समाज में असली बदलाव शिक्षा, संगठन और संघर्ष के संतुलन से आता है। निषाद युवा वाहिनी के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुशिल चन्द साहनी एडवोकेट का मानना है कि वीरांगना फूलन देवी का जीवन केवल इतिहास का हिस्सा नहीं, बल्कि वर्तमान और भविष्य की महिलाओं के लिए एक प्रेरणा है। वे कहते हैं:
हमारा उद्देश्य फूलन देवी के संघर्ष और उनके आदर्शों को जन-जन तक पहुँचाना है। महिला सम्मान और सामाजिक न्याय की लड़ाई में हर व्यक्ति को अपना योगदान देना होगा।
Q1. वीरांगना फूलन देवी की जयंती कब और कहाँ मनाई जाएगी?
10 अगस्त 2025 को बैंगलोर में वीरांगना स्वर्गीय फूलन देवी जी की जयंती धूमधाम से मनाई जाएगी।
Q2. इस कार्यक्रम में प्रमुख रूप से कौन शामिल होंगे?
निषाद युवा वाहिनी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं सुप्रसिद्ध समाजसेवी सुशिल चन्द साहनी एडवोकेट सहित देशभर से सामाजिक कार्यकर्ता, महिला अधिकार कार्यकर्ता, राजनेता और विभिन्न संगठनों के प्रतिनिधि शामिल होंगे।
Q3. कार्यक्रम का उद्देश्य क्या है?
यह आयोजन वीरांगना फूलन देवी के साहस, संघर्ष और विरासत को सम्मान देने के साथ-साथ महिला सशक्तिकरण, सामाजिक न्याय और वंचित वर्गों के अधिकारों पर चर्चा के लिए एक मंच प्रदान करेगा।
Q4. वीरांगना फूलन देवी कौन थीं?
फूलन देवी एक साहसी महिला नेता थीं जिन्होंने सामाजिक अन्याय, शोषण और अत्याचार के खिलाफ संघर्ष किया। वे लोकसभा सांसद बनीं और वंचित वर्गों के अधिकारों की आवाज़ उठाईं।
Q5. निषाद युवा वाहिनी क्या है?
यह एक सामाजिक संगठन है, जो निषाद, मछुआरा, केवट, बिंद, गोंड, कुम्हार और अन्य वंचित वर्गों के सामाजिक, आर्थिक, शैक्षिक और राजनीतिक सशक्तिकरण के लिए काम करता है।
रिपोर्ट : कोटो न्यूज़ नेटवर्क (KNN) |