राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु को आज राष्ट्रपति भवन में आयोजित एक गरिमामय समारोह में उनके कार्यकाल के दूसरे वर्ष के चुनिंदा भाषणों पर आधारित दो महत्वपूर्ण पुस्तकों – ‘विंग्स टू अवर होप्स’ (अंग्रेज़ी) और ‘आशाओं की उड़ान’ (हिन्दी) – के दूसरे खंड की प्रथम प्रतियां भेंट की गईं। इन पुस्तकों का प्रकाशन सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के अधीन प्रकाशन विभाग निदेशालय द्वारा किया गया है।
इस अवसर पर देश के रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने सूचना एवं प्रसारण मंत्री श्री अश्विनी वैष्णव और राज्य मंत्री डॉ. एल. मुरुगन के साथ राष्ट्रपति को दोनों पुस्तकों की प्रतियां औपचारिक रूप से भेंट कीं। राष्ट्रपति भवन के सांस्कृतिक केंद्र में आयोजित इस समारोह में सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी और अन्य गणमान्य व्यक्ति भी उपस्थित थे।
रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने अपने संबोधन में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु की विचारशीलता, संवेदनशीलता और राष्ट्र के प्रति उनकी सेवा भावना को रेखांकित करते हुए कहा कि ये पुस्तकें न केवल दस्तावेजी महत्व रखती हैं, बल्कि भावी पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत भी हैं। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति के विचारों में भारत की आत्मा की झलक मिलती है — एक समावेशी, संवेदनशील और सशक्त भारत की कल्पना।
51 भाषणों का समावेश, 11 वर्गों में संयोजन
इन पुस्तकों में राष्ट्रपति के 51 चुनिंदा भाषणों को शामिल किया गया है, जिन्हें 11 विषयगत वर्गों में व्यवस्थित किया गया है। ये वर्ग हैं:
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राष्ट्र के नाम संबोधन
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शिक्षा के माध्यम से समग्र विकास को बढ़ावा
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कर्मयोगियों को निस्वार्थ सेवा के लिए प्रेरणा
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सशस्त्र बल – हमारा राष्ट्रीय गौरव
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नागरिक सशक्तीकरण में शासन की भूमिका
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उत्कृष्ट उपलब्धियों को मान्यता
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वैश्विक संबंधों का निर्माण और सुदृढ़ीकरण
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हमारी सांस्कृतिक विरासत का जश्न
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कृषि में नवाचार: भारत के विकास को गति
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स्वयं और प्रकृति का एकीकरण
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महिला सशक्तीकरण: बाधाओं से मुक्ति
इन वर्गों के माध्यम से राष्ट्रपति मुर्मु की व्यापक दृष्टि और भारत के बहुआयामी विकास के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को उजागर किया गया है।
प्रकाशन विभाग की सराहना
सूचना एवं प्रसारण मंत्री श्री अश्विनी वैष्णव ने प्रकाशन विभाग के इस कार्य की प्रशंसा करते हुए कहा कि यह संग्रह आम नागरिकों को राष्ट्रपति के विचारों से जोड़ने का एक महत्वपूर्ण प्रयास है। डॉ. एल. मुरुगन ने कहा कि इन भाषणों में भारत के सामाजिक, सांस्कृतिक, वैज्ञानिक और नैतिक मूल्यों की स्पष्ट झलक मिलती है।
राष्ट्रपति के विचारों की संवाहक पुस्तकें
इन पुस्तकों का उद्देश्य न केवल राष्ट्रपति द्वारा विभिन्न मंचों पर व्यक्त किए गए विचारों का दस्तावेजीकरण करना है, बल्कि एक ऐसे विचार-पट को प्रस्तुत करना भी है जो समावेशी विकास, सामाजिक न्याय, महिला सशक्तीकरण और प्रकृति के साथ सामंजस्य पर आधारित हो।
समारोह का समापन सभी उपस्थित जनों द्वारा राष्ट्रपति के नेतृत्व और दृष्टिकोण की सराहना के साथ हुआ। यह विमोचन समारोह भारत के लोकतांत्रिक संस्थानों की गरिमा, विचारशील नेतृत्व और अभिव्यक्ति की शक्ति का प्रतीक बन गया।