राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने दीक्षांत समारोह में जलवायु संकट पर जताई गहरी चिंता, स्थिरता को बताया समय की आवश्यकता

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने दीक्षांत समारोह में जलवायु संकट पर जताई गहरी चिंता, स्थिरता को बताया समय की आवश्यकता

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने आज राजधानी नई दिल्ली में भारतीय लागत लेखाकार संस्थान (The Institute of Cost Accountants of India) के नेशनल स्टूडेंट्स दीक्षांत समारोह–2025 को संबोधित किया। इस अवसर पर उन्होंने देश के नव-दीक्षित युवाओं को संबोधित करते हुए जलवायु परिवर्तन, सतत विकास और जिम्मेदार पेशेवर जीवन की आवश्यकता पर जोर दिया।

राष्ट्रपति मुर्मु ने अपने संबोधन में कहा, “आज पूरा विश्व जलवायु परिवर्तन के संकट का सामना कर रहा है। ऐसे में स्थिरता (Sustainability) कोई नारा मात्र नहीं, बल्कि एक अनिवार्य आवश्यकता बन चुकी है।” उन्होंने युवाओं का आह्वान किया कि वे अपने-अपने क्षेत्रों में कार्य करते समय सामाजिक, आर्थिक और पर्यावरणीय संतुलन को बनाए रखें।

उन्होंने कहा कि लागत लेखाकारों की भूमिका केवल लेखांकन तक सीमित नहीं है, बल्कि वे उद्योग, शासन और नीति निर्माण में पारदर्शिता और दक्षता के वाहक भी हैं। राष्ट्रपति ने यह भी रेखांकित किया कि सतत विकास लक्ष्यों (SDGs) की प्राप्ति में पेशेवरों का सक्रिय सहयोग आवश्यक है।

राष्ट्रपति ने नव-दीक्षित छात्रों को भविष्य के लिए शुभकामनाएं दीं और उनसे आग्रह किया कि वे अपनी विशेषज्ञता का उपयोग देश और समाज के समग्र विकास में करें। उन्होंने इस बात पर संतोष व्यक्त किया कि भारतीय लागत लेखाकार संस्थान लगातार नवाचार, नैतिकता और उत्कृष्टता के मूल्यों को बढ़ावा दे रहा है।

समारोह में केंद्रीय वित्त मंत्रालय और शिक्षा मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी, संस्थान के अध्यक्ष, गणमान्य अतिथि, शिक्षाविद और बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं मौजूद रहे।

निष्कर्षतः, राष्ट्रपति मुर्मु का यह संबोधन न केवल युवाओं के लिए प्रेरणादायी रहा, बल्कि उन्होंने वैश्विक और राष्ट्रीय चुनौतियों की ओर भी ध्यान आकर्षित करते हुए यह स्पष्ट किया कि भारत को आगे ले जाने के लिए आज के युवाओं को स्थिरता, नैतिकता और जिम्मेदारी के मार्ग पर चलना होगा।

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